पटना हाईकोर्ट ने भागलपुर विश्वविद्यालय में 29 व्याख्याताओं की बहाली की जांच का आदेश दिया है। बहाली में हुई गड़बड़ी का पूरा दस्तावेज निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को सौंपने का निर्देश दिया।

कोर्ट ने कहा कि जांच अधिकारी चाहे तो आगे की जांच कर पूरक आरोप पत्र दायर कर सकते हैं। न्यायमूर्ति बिबेक चौधरी की एकलपीठ ने मधु शर्मा की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। आवेदिका के वकील जगन्नाथ सिंह ने कोर्ट को बताया कि वर्ष 1997 में 29 व्याख्याताओं की बहाली करने की घोषणा की गई थी। आवेदिका ने लिखित परीक्षा दी और साक्षात्कार में भाग लिया, लेकिन उनकी बहाली नहीं की गई, जबकि विवि सेवा आयोग की चयन समिति ने 1100 उम्मीदवारों की सूची बनाई।

इसी सूची में से समय-समय पर बहाली होती रही। चयन में आशंका को लेकर 1998 में केस कर दिया गया था। जबकि 2003 में पूरे राज्य में इस विज्ञापन के आधार पर बहाली हुई थी। सूत्रों ने बताया कि भागलपुर और मुंगेर विवि में संयुक्त रूप से करीब 100 से अधिक शिक्षकों की बाहली हुई थी।


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