मालदीव के नेताओं ने पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करके अपने ही देश में घिर गए हैं।मालदीव के पूर्व नेताओं ने अपने नेताओं के बयान की कड़ी आलोचना की है।

मालदीव के मंत्री का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. भारत-मालदीव के बीच संबंधों में दरार बढ़ती जा रही है. साथ ही कई देश भारत के पक्ष में खुलकर समर्थन में आ गए हैं. इस बीच इस बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने पीएम नरेंद्र मोदी का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि वो (नरेंद्र मोदी) हमारे देश के प्रधानमंत्री हैं. किसी दूसरे देश का कोई भी शख्स प्रधानमंत्री के खिलाफ ऐसी टिप्पणी करता है तो हम उसे स्वीकार नहीं करेंगे. मंगलवार (9 जनवरी) को शरद पवार ने कहा कि हमें प्रधानमंत्री पद की गरिमा का सम्मान करना चाहिए. हम प्रधानमंत्री के खिलाफ अपने देश के बाहर की किसी बात को भी स्वीकार नहीं करेंगे।

मालदीव के पूर्व नेताओं ने अपने नेताओं के बयान की निंदा की

बता दें कि पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में इजरायल और बांग्लादेश ने भारत का खुलकर समर्थन किया है. वहीं, मालदीव ने भी तीनों मंत्रियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. मालदीव के पूर्व नेताओं ने अपने देश के नेताओं पर अनर्गल बयानबाजी की कड़ी आलोचना की है. दरअसल, मालदीव की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर आधारित है. भारत से बड़ी संख्या में लोग मालदीव में समुद्र किनारे लुत्फ उठाने जाते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपमानजनक टिप्पणी करने के बाद विवाद गहरा गया है।

मालदीव सरकार ने तीन मंत्रियों को सस्पेंड किया

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लक्ष्यद्वीप दौरे पर गए थे. इसी दौरान उन्होंने भारतीय लोगों से पर्यटन की सूची में लक्ष्यद्वीप को भी शामिल करने की अपील की थी. प्रधानमंत्री की इस अपील पर मालदीव के मंत्रियों ने आपत्तिजनक बयान दे दिया. इससे सोशल मीडिया पर हैशटैगमालदीवबॉयकॉट चलने लगा. आनन फानन में मालदीव सरकार ने अपने तीनों मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया और भारत के पक्ष में बयान जारी किया ।


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