BPSC :- वैशाली जिले के हाजीपुर प्रखंड के मनुआ गांव के रहने वाले शिव शक्ति की बीपीएससी में 205वीं रैंक आई है. जिस लड़के को कभी यह भी पता नहीं था कि मैट्रिक पास करने के बाद इंटर किया जाता है. वह अब प्रशासनिक पदाधिकारी के रूप में बिहार सरकार में अपनी सेवा देगा. शिवशक्ति का चयन नगर कार्यपालक अधिकारी के पद पर हुआ है. शिव शक्ति की इस सफलता से उसके परिजन फूले नहीं समा रहे हैं.

दरअसल, शिव शक्ति जब मात्र तीन साल के थे, उसी समय उनके पिता रामाशंकर राय की महज 32 वर्ष की उम्र में मौत हो गई. शिव शक्ति पांच भाई-बहन हैं. इनसे बड़ी तीन बहन और एक छोटा भाई है. मां कालिंदी देवी भैंस पालने के साथ-साथ खेतों में भी खुद से काम करती थी. बावजूद इसके कालिंदी देवी शिक्षा की ताकत को जानती थी. इसलिए वह खेत में काम करके भी बच्चों को बेहतर शिक्षा देना चाहती थी. शिव शक्ति की पढ़ाई स्थानीय सरकारी स्कूल से ही पूरी हुई. मैट्रिक पास करने के बाद आर्थिक अभाव के कारण शिव शक्ति अपने चचेरे भाई के कहने पर दिल्ली चले गए.

शिव शक्ति बताते हैं कि दिल्ली की एकफैक्ट्री में उन्होंने महज 3300 रुपए महीने पर काम शुरू किया.कुछ दिनों बाद जब घर आए, तो लोगों ने कहा कि इंटर कर लो. इसके बाद उन्होंने इंटर कर लिया. इसके बाद दिल्ली से ही उन्होंने इग्नू से ग्रेजुएशन किया और इसके बाद यूपीएससी की तैयारी में जुट गए.

प्राइवेट नौकरी के साथ-साथ शिव शक्ति की यूपीएससी की तैयारी भी चलती रही. इस दौरान उन्होंने कई बार एग्जाम भी दिया. एक बार वह इंटरव्यू तक पहुंचे थे, लेकिन इस बार उन्होंने अपने सपने को साकार कर लिया. ऐसे में कहा जा सकता है कि जो लोग अभाव का रोना रोते हैं, उनके लिए शिव शक्ति अब एक मिसाल के रूप में सामने आए हैं.


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