हर 15 साल बाद आयोग को चुनाव के लिए नए ईवीएम की आवश्यकता होगी।वहीं आयोग के अनुमान के मुताबिक, इस साल यानि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए देशभर में कुल 11.80 लाख मतदान केंद्र बनाने की जरूरत होगी।

यदि भारत में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होते हैं, तो चुनाव आयोग को नई इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम) खरीदने के लिए हर 15 साल में अनुमानित ₹10,000 करोड़ की आवश्यकता होगी. चुनाव आयोग द्वारा भारत सरकार को भेजे गए एक संदेश में इसका जिक्र किया गया है. आयोग के मुताबिक, ईवीएम का शेल्फ जीवन केवल 15 साल का होता है, यानि अगर लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाते हैं, तो ईवीएम बस तीन बार ही इस्तेमाल में लाया जा सकेगा।

इसका मतलब है कि, हर 15 साल बाद आयोग को चुनाव के लिए नए ईवीएम की आवश्यकता होगी. वहीं आयोग के अनुमान के मुताबिक, इस साल यानि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए देशभर में कुल 11.80 लाख मतदान केंद्र बनाने की जरूरत होगी. साथ ही One Nation One Election के तहत प्रति मतदान केंद्र पर ईवीएम के दो सेट, यानि एक लोकसभा सीट के लिए और दूसरा विधानसभा क्षेत्र की आवश्यकता होगी।

न सिर्फ इतना, बल्कि आयोग का अनुभव है कि, कुछ संख्या में Control Units (CUs), Ballot Units (BUs) और Voter-Verifiable Paper Audit Trail (VVPAT) को भी रिजर्व रखने की जरूरत होगी, ताकि दोषपूर्ण इकाइयों को समय रहते बदला जा सके।

गौरतलब है कि, चुनाव आयोग द्वारा पिछले साल फरवरी में कानून मंत्रालय को लिखे एक पत्र में बताया गया था कि, One Nation One Election के तहत अयोग को Control Units 33,63,300, Ballot Units 46,75,100 और 36,62,600 की जरूरत होगी, जिसकी कीमत क्रमशः ₹ 9,800, ₹ 7,900 और ₹ 16,000 प्रति यूनिट होगी।


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