भागलपुर के तातारपुर स्थित एक निजी नर्सिंग होम में गुरुवार को एलियन जैसे बच्चे का जन्म हुआ। बच्चे की आंख, हाथ व पैर की अंगुली और सेक्स आर्गन का विकास नहीं हुआ है। बच्चे की त्वचा सूखी हुई है और पूरे शरीर पर कहीं एक बाल तक नहीं है। डॉक्टर इस एलियन जैसे बच्चे को गंभीर आनुवांशिक विकार हर्लेक्विन इचिथोसिस का शिकार बता रहे हैं। डॉक्टर का दावा है कि हर्लेक्विन इचिथोसिस का शिकार बच्चा बिहार में पहली बार पैदा हुआ है।

बच्चे का प्रसव करने वाली डॉ. वर्षा सिन्हा ने बताया कि जन्मजात रोग के कारण बांका जिले के मो. मसरूर की 30 साल की पत्नी बीबी सरवरी का पहला बच्चा सर्वाइव नहीं कर सका था। इस बार भी महिला ने गर्भधारण के दौरान प्रसव पूर्व होने वाला चेकअप नहीं कराया था। दूसरा प्रसव होने व बच्चा गर्भ में उल्टा होने के कारण उसका सिजेरियन किया गया। जन्म हुआ तो पता चला कि बच्चा हर्लेक्विन इचिथोसिस का शिकार है। बच्चे का वजन ढाई किलो है और उसका आईसीयू में रखकर इलाज किया जा रहा है। हार्लेक्विन इचिथोसिस एक आनुवंशिक स्थिति है, जो ऑटोसोमल रिसेसिव जीन के जरिए बच्चे तक पहुंचती है। आप इस बीमारी के बिना भी इसके वाहक हो सकते हैं।

त्वचा को प्रभावित करता है हर्लेक्विन इचिथोसिस

हार्लेक्विन इचिथोसिस एक गंभीर आनुवंशिक विकार है, जो त्वचा को प्रभावित करता है। इस स्थिति के साथ जन्मे बच्चे समय से पहले पैदा होते हैं और उनके शरीर का अधिकांश भाग बहुत सख्त, मोटी त्वचा से ढंका होता है। ऐसे शिशुओं को दूध पिलाने में भी समस्या होती है।