Category Archives: Alert

आज से बदल जाएगा SIM खरीदने का नियम, अब पहले से ज्यादा वेरिफिकेशन

Advertisements

SIM Card को लेकर आज यानी 1 दिसंबर 2023 से नियमों में बदलाव हो रहे हैं. वैसे तो ये सभी बदलाव दो महीने पहले ही लागू होने थे, लेकिन सरकार ने 30 नवंबर तक इन्हें लागू करने की समयसीमा को बढ़ा दिया था. 1 दिसंबर 2023 से SIM खरीदने के लिए आपको नए नियमों का पालन करना होगा.

नए नियमों के लागू होने के बाद उम्मीद की जा रही है कि देश में साइबर फ्रॉड्स के मामलों में कमी आएगी. सरकार ने इन नियमों को आम लोगों की सुरक्षा के लिए जारी किया है. इसका असर बल्क सिम कार्ड खरीदने और नए सिम कार्ड लेने पर भी पड़ेगा. आइए जानते हैं क्या नया बदलाव हो रहा है. नया सिम कार्ड खरीदने के लिए कंज्यूमर्स को अब पहले के मुकाबले ज्यादा डिटेल्स देनी होंगी. इसकी मदद से अथॉरिटीज किसी सिम कार्ड से जुड़े शख्स को आसानी से ट्रैक कर सकेंगी. इसका फायदा साइबर फ्रॉड के मामलों में होगा.

चूंकि, साइबर फ्रॉड्स के ज्यादातर मामलों में फर्जी नाम पर खरीदे गए सिम कार्ड का इस्तेमाल होता है. ऐसे में नए नियम लागू होने के बाद किसी दूसरे के नाम पर सिम खरीदना मुश्किल होगा. अगर आप अपने मौजूदा नंबर के लिए सिम कार्ड खरीद रहे हैं, तो आपको अपना आधार कार्ड और डेमोग्राफिक डेटा दोनों देना होगा. इतना ही नहीं जिस शख्स से आप सिम खरीदेंगे, उसे भी वेरिफिकेशन प्रॉसेस से गुजरना होगा.

देश मे नहीं थम रहा HIV AIDS का संक्रमण; जांच में 2000 से ज्यादा मरीज संक्रमित

Advertisements

ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस (HIV) संक्रमितों में मंकीपॉक्स का भी खतरा है। दुनियाभर में मंकीपॉक्स पर हुई 53 रिसर्च की मेटा एनालिसिस में सामने आया कि करीब 41 प्रतिशत मरीज पहले एचआईवी संक्रमित हुए। इसके बाद मंकीपॉक्स की चपेट में आए। यह रिसर्च इंटरनेशनल जर्नल पबमेड के अक्तूबर अंक में प्रकाशित हुई है।

यह मेटा एनालिसिस रिसर्च भारत, पेरू और नेपाल के नौ विशेषज्ञों की टीम ने की है। इस रिसर्च में एम्स गोरखपुर भी शामिल रहा। रिसर्च को कोआर्डिनेट करने वाले एम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के शिक्षक डॉ. अरूप मोहंती ने बताया कि विश्व में मंकीपाक्स और HIV दोनों बीमारियों बढ़ रही है। इन दोनों के बीच अंतर संबंध जानने के लिए यह रिसर्च की गई।

डॉ. मोहंती ने बताया कि यह मेटा एनालिसिस मंकीपॉक्स से जूझ रहे 6345 मरीजों पर 32 देशों में हुई रिसर्च के आधार पर की गई। इसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। मंकीपाक्स से जूझ रहे 2558 मरीज एचआईवी से संक्रमित रहे। माना जा रहा है कि उन्हें पहले एचआईवी संक्रमण हुआ। इनमें से 53 फीसद पुरुष और 47 फीसद महिलाएं हैं। एचआईवी संक्रमित पुरुषों में कुछ समलैंगिक भी रहे। हालांकि इनमें अपने देश का कोई मरीज शामिल नहीं है।

डॉ. मोहंती बताते हैं कि भारत समेत कई देशों में मंकीपॉक्स दस्तक दे चुका है। वर्ष 2022 में केरल व दिल्ली में मंकीपाक्स के मामले सामने आए थे। यह संक्रामक रोग है। संक्रमित व्यक्ति या जानवर के संपर्क में आने से यह बीमारी होती है। मंकीपॉक्स का संबंध ऑर्थोपॉक्स वायरस परिवार से है। जो चेचक की तरह दिखाई देती है। इसमें वैरियोला वायरस भी शामिल है। इस वायरस के चलते स्मॉल पॉक्स यानी छोटी चेचक होती है।

यह संक्रमित जानवर या व्यक्ति के शरीर से निकले लार, पसीना, त्वचा, उपयोग किए गये वस्तुओं के संपर्क में आने से मंकीपॉक्स फैलता है। चूहों, गिलहरियों और बंदरों द्वारा यह अधिक फैलता है। यह मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाने से भी होता है।

साइबर अपराधियों के हौसले बुलंद; पुलिस कमिश्नर के नाम से WhatsApp प्रोफाइल बनाकर की पैसे की मांग

Advertisements

साइबर अपराधियों के हौसले इतने बुलंद होते जा रहे हैं कि अब उन्होंने पुलिसवालों को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है. ऐसा ही एक मामला हरियाणा के गुरुग्राम में सामने आया है. यहां पुलिस ने एक ऐसे ठग के खिलाफ केस दर्ज किया है, जो खुद को पुलिस कमिश्नर बताकर पुलिस अफसरों को ही ठगने की कोशिश कर रहा था. पुलिसवालों को ही ठगने की कोशिश करने के मामले में केस दर्ज करने के बाद अब पुलिस छानबीन में जुट गई है.

पुलिस के मुताबिक मंगलवार को गुरुग्राम पुलिस के कई अधिकारियों के मोबाइल में एक मैसेज आया. मैसेज भेजने वाले ने खुद को गुरुग्राम का पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा बताया. उसकी वाट्सऐप प्रोफाइल पर भी पुलिस कमिश्नर विकास अरोड़ा की ही तस्वीर लगी हुई थी. ठग ने कई डिप्टी कमिश्नर और सहायक पुलिस कमिश्नरों को मैसेज भेजकर उनसे 50 हजार रुपए का गिफ्ट कूपन खरीदने और इसके बाद कूपन का कोड शेयर करने के लिए कहा.

ठग ने जब पुलिस अधिकारियों से कूपन खरीदने के लिए कहा तो पुलिस अधिकारियों को उस पर शक हो गया. दरअसल, अधिकारियों के पास पहले से ही पुलिस कमिश्नकर का नंबर मोबाइल में सेव था. इसलिए नए नंबर से मैसेज आने के बाद अफसरों को शक गहरा गया. संदेह होने पर सभी ने एक दूसरे को सतर्क कर दिया. जानकारी के मुताबिक सभी पुलिस अफसरों को मैसेज 23 और 24 नवंबर की शाम भेजे गए थे. इस घटना के बाद पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. इस मामले की जांच के लिए साइबर क्राइम डिपार्टमेंट को भी कहा गया है.

हाल ही में झारखंड के गिरिडीह में पुलिस ने 9 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया था. इस दौरान सबूत मिटाने के लिए एक आरोपी ने अपने मोबाइल का सिम कार्ड निगल लिया था. इसके बाद पुलिस तुरंत उसे लेकर अस्पताल गई, जहां डॉक्टरों ने ऑपरेशन करके आरोपी के पेट से सिम कार्ड बरामद कर लिया था.

अगर लगाते है स्मार्टफोन को रात भर चार्ज पर तो बन सकता है नुकसान का कारण?

Advertisements

आधुनिक जीवन में, हम स्मार्टफोन को लेकर कई सवालों के सामना करते हैं, और इनमें सबसे आम सवाल है – क्या हम रातभर फोन को चार्ज पर लगा सकते हैं? क्या इससे बैटरी को कोई नुकसान हो सकता है? यहां हम इन सवालों के जवाब देने के लिए उपयुक्त जानकारी प्रदान करते हैं…

तकनीकी दृष्टि से, आजकल के स्मार्टफोन्स में विशेष प्रोटेक्टिव चिप्स होती हैं जो ओवरचार्जिंग को रोकती हैं। जब बैटरी 100% चार्ज हो जाती है, ये चिप्स चार्जिंग को रोक देती हैं, लेकिन यह तब होता है जब आप फोन को उनप्लग करते हैं। इसलिए, रातभर चार्जिंग के लिए फोन को लगाकर छोड़ने से उसे बार-बार 100% तक पहुंचना और फिर चार्ज होना शुरू होना संभावनाओं में है, जिससे बैटरी की लाइफ कम हो सकती है।

यदि आप अपने फोन की बैटरी को लंबे समय तक टिकाएं रखना चाहते हैं, तो आपको इसे रातभर चार्जिंग पर नहीं छोड़ना चाहिए। बल्कि, आप इसे 80% से 90% तक चार्ज करें और फिर उसे अनप्लग कर दें। इससे आपकी बैटरी की क्षमता बढ़ेगी और फोन का जीवनकाल भी बढ़ेगा।

फोन को बार-बार चार्ज करने से यह हीट हो सकता है और इससे डिवाइस को नुकसान हो सकता है। इसलिए ध्यान रहे कि चार्जिंग के समय केस को हटा दें और फोन को भारी चीजों से बचाएं। एक्सपर्ट्स की सुझावना है कि फोन को चार्ज करते समय उसे कुर्सी या तकिये के नीचे रखने से इसमें होने वाली हीट कम होती है और फोन की बैटरी की लाइफ बढ़ती है।

हाइवे पर दूसरे वाहन को ओवरटेक करते समय इन बातों का ध्यान, नहीं होंगे कभी हादसे का शिकार!

Advertisements

कार चलाते हुए वैसे तो हर समय सावधानी बरतनी चाहिए। लेकिन हाइवे पर कार चलाते हुए ज्यादा सावधान रहने की जरुरत होती है। हाइवे पर अगर आप किसी दूसरे वाहन को ओवरटेक करते हैं, तो किन बातों का ध्यान रखकर सुरक्षित सफर किया जा सकता है। हम इसकी जानकारी आपको इस खबर में दे रहे हैं।

गियर ना बदलें

हाइवे पर जब भी आप अपनी कार से दूसरे वाहने को ओवरटेक करने की प्रक्रिया को शुरू करें तो उस समय ध्यान रखें कि गाड़ी को हमेशा सही गियर में रखें। सही गियर में कार होने पर आपको ओवरटेक करने के लिए सही और जरूरी स्पीड हासिल होगी। जिससे आप आसानी से दूसरे वाहन को ओवरटेक कर पाएंगे।

दूसरे वाहन की स्पीड का रखें ध्यान

हाइवे पर अगर आपके सामने कोई ऐसा वाहन जा रहा है, जिसकी स्पीड आपकी गाड़ी की स्पीड से ज्यादा हो तो ऐसे वाहन को ओवरटेक तब करें जब सामने की ओर से सड़क पूरी तरह से खाली हो। अगर सामने की ओर से कोई और वाहन आ रहा हो तो बिल्कुल भी अपने आगे के वाहन को ओवरटेक करने की कोशिश न करें। क्योंकि यहां पर ओवरटेक करने का मतलब है कि अब आपको ज्यादा स्पीड से अपना वाहन चलाना पड़ेगा और ऐसे में हादसा होने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए ऐसी स्थिति में आराम से ड्राइव करें।

पहाड़ों पर बरतें ये सावधानियां

पहाड़ी रास्ते पर ओवरटेकिंग करना सबसे ज्यादा मुश्किल होता है। क्योंकि यहां पर आपको चढ़ाई करते हुए ओवरटेक करना होता है। पहाड़ों पर ओवरटेक करने का सबसे सही तरीका यह होता है कि वहां पर हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि जब सामने का रास्ता पूरी तरह से दिखाई दे तभी ओवरटेकिंग के लिए आगे बढ़ें।

कभी भी कॉर्नर पर ओवरटेकिंग करने की कोशिश न करें क्योंकि ऐसी स्थिति में आपको इस बात की जानकारी नहीं होती कि सामने की ओर से कोई वाहन आ रहा है या नहीं और ऐसी स्थिति में ओवरटेक करने की कोशिश करना आपके साथ ही अन्य वाहनों के लिए भी खतरनाक हो सकता है। ओवरटेकिंग के दौरान हमेशा ध्यान रहे कि आप सामने चल रही गाड़ी को अपने दाएं ओर से ही ओवरटेक करेंगे।

सावधान…आ रहा है चक्रवात मिधिली, आईएमडी ने इन राज्यों के लिए जारी किया भारी बारिश का अलर्ट

Advertisements

बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र भयंकर चक्रवात का रूप ले रहा है। इस चक्रवात का नाम ‘मिधिली’ रखा गया है। शुक्रवार तक यह चक्रवात बांग्लादेश तट से गुजर सकता है। मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा त्रिपुरा और मिजोरम में भी शुक्रवार को तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक 40 से 70 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं।

मौसम विभाग का कहना है कि नगालैंड, मणिपुर, असम और मेघालय में भी शनिवार तक बारिश होगी। अगले 24 घंटे में चक्रवात मिधिली भयंकर रूप ले सकता है। यह चक्रवात मोंगला और खेपुपाड़ा के बीच से होकर गुजरेगा। मौसम बुलेटिन के मुताबिक, यह कम दबाव का क्षेत्र उत्तर से उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ेगा और तूफान का रूप ले लेगा। शनिवार की सुबह यह बांग्लादेश के तट पर पहुंच सकता है। यहां हवाओं की रफ्तार 75 किलोमीटर प्रतिघंटा तक हो सकती है।

मौसम विभाग का कहना है कि शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में भारी बारिश हो कीत है। इमें दक्षिण 24 परगना, पूर्वी नमेदिनीपुर, कोलकाता, हावड़ा. नादिया और पूर्वी बर्दमान जिले शामिल हैं। पूरे राज्य में 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्ता से हवाएं चलेंगी। हालांकि कई जिलों में हल्की ही बारिश की संभावना जताई गई है।

मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवाती दबाव का क्षेत्र अभी बंगाल की खाड़ी में उत्तर और उत्तरपूर्व में है। यह दीघा से 460 किलोमीटर दूर दक्षिण पश्चिम में है। चक्रवात का रूप लेने के बाद यह बांग्लादेश तट की ओर तेजी से बढ़ेगा। मछुआरों को सावधान किया गया है और 16 से 18 नववंबर के बीच समंदर में उतरने से रोका गया है। कोलकाता में भी हल्की बारिश शुक्रवार को ही शुरू हो सकती है। इसके अलावा शहर में 18 नवंबर तक भारी बारिश की संभावना है।

बता दें कि इस चक्रवात का नाम मालदीव ने दिया है। मौसम विभाग के मुताबिक ओडिशा के तटीय इलाकों में भी तूफान की वजह से जन-जीवन प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा तमिलनाडु में भी 20 नवंबर तक हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। तमिलनाडु और केरल के कुछ इलाकों में भारी बारिश की भी संभावना है।

पटना सहित राज्य के 24 शहरों में पछुआ के प्रभाव से गिरा शहरों का पारा; न्यूनतम तापमान में आयी गिरावट

Advertisements

पटना सहित राज्य के 24 शहरों में पछुआ का प्रभाव बनने से न्यूनतम तापमान में कमी आई है। मौसम विभाग ने दो दिन पहले ही तापमान में गिरावट का पूर्वानुमान जारी किया था। सोमवार को पटना सहित राज्य के कई जिलों में बादलों के छंटने से धुंध में भी कमी आई।

पछुआ की कनकनी से सबसे ज्यादा तापमान में गिरावट किशनगंज में 4.5 डिग्री दर्ज की गई। पिछले तीन-चार दिनों में पश्चिमी विक्षोभ और उत्तर प्रदेश के आसपास चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव से पटना सहित राज्य के अधिकतर जिलों में तापमान में बढ़ोतरी की प्रवृत्ति देखी गई थी। अब इसमें क्रमिक कमी आएगी।

रविवार से ही पछुआ का प्रसार बढ़ा है। शुष्क पछुआ और उत्तर पछुआ का प्रभाव अभी और बढ़ने वाला है। इसका सीधा असर न्यूनतम तापमान पर दिखेगा। अगले दो-तीन दिनों में एक दो जगहों पर पारा इस सीजन के सबसे न्यूनतम स्तर पर आ सकता है।

सुबह शाम ठंड की अनुभूति बढ़ेगी।

यहां न्यूनतम तापमान में आई कमी

किशनगंज में 4.5 डिग्री, कैमूर में 2.2 डिग्री, डेहरी में 3.2 डिग्री, औरंगाबाद 2.4 डिग्री, गया में 1.7 डिग्री, पटना में 1.8 डिग्री, वैशाली में 1.4 डिग्री, पूसा में 1.9 डिग्री, मोतिहारी में 1.3 डिग्री, भोजपुर में 0.8 डिग्री, पूर्णिया में 2.3 डिग्री, भागलपुर में 1.2 डिग्री, बांका में 1.7 डिग्री, जमुई में 2.9 डिग्री, बेगूसराय में 1.9 डिग्री न्यूनतम तापमान नीचे आया।

बेगूसराय की हवा राज्य में सबसे खराब; पटना का AQI 300 के पार, पूर्णिया में AQI 339 पहुंचा

Advertisements

पिछले साल दिवाली की तुलना में इस वर्ष पटना शहर में वायु प्रदूषण अधिक रहा। पिछले साल दीपावली में पटना में वायु प्रदूषण का सूचकांक 178 था जो इस बार बढ़कर 369 पहुंच गया। दीपावली की शाम और रात को वायु गुणवत्ता सूचकांक सुबह के मुकाबले कम रह। वहीं सोमवार की सुबह इसमें फिर वृद्धि हुई। पटना के अलावा राज्य के दूसरे शहरों की हवा भी लगातार खराब होती जा रही है। बिहार के दर्जन भर शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक सोमवार को 300 के पार चला गया है। पिछले साल दीवाली के मुकाबले इस वर्ष पटना की आबोहवा ज्यादा प्रदूषित रही।

दीपावाली के अगले दिन पछुआ के प्रवाह से वायु प्रदूषण में कुछ कमी जरूर आई है। सोमवार को पटना, बेगूसराय, छपरा, भागलपुर, सीवान समेत 12 जिलों का वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब श्रेणी में रहा।

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार दीपावली के दिन सुबह नौ बजे पटना शहर का वायु गुणवता सूचकांक 369 था जो शाम छह बजे घटकर 328 पर पहुंच गया। वहीं दीवाली की रात आठ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 310 पर आया जबकि रात 12 बजे यह बढकर 323 हो गया। इसके अगले दिन यानी सोमवार की सुबह नौ बजे पटना का वायु गुणवत्ता सूचकांक 342 और शाम 6 बजे 332 रहा।

राजधानी के गांधी मैदान में 372, दानापुर में 365, समनपुरा में 362, राजवंशीनगर का 359, पटना सिटी का 279 और तारामंडल के पास यह सूचकांक 205 रहा। पटना शहर में पिछले कई दिनों से सबसे अधिक प्रदूषित क्षेत्र गांधी मैदान बना हुआ है।

किशनगंज की स्थिति सबसे ठीक

बेगूसराय — 399

छपरा 324 360

सिवान 158 355

भागलपुर 316 344

पूर्णिया 322 339

कटिहार 330 320

राजगीर 356 319

अररिया 157 315

आरा 395 311

सहरसा 272 311

समस्तीपुर 205 302

गया 354 278

अररिया 207 223

हाजीपुर 207 216

बिहारशरीफ 255 214

किशनगंज 169 205

प्रदेश के अन्य शहरों में सबसे अधिक प्रदूषित बेगूसराय रहा। सोमवार को पर्षद द्वारा जारी वायु गुणवता सूचकांक के अनुसार बेगूसराय में 399, छपरा में 360, सिवान शहर का 355, भागलपुर का 344 वायु गुणवता सूचकांक रहा। सोमवार को जारी सूची के अनुसार प्रदेश में सबसे कम वायु प्रदूषित वाला शहर किशनगंज रहा। यहां का वायु गुणवता सूचकांक 205 है।

दिल्ली में प्रदुषण कम करने के लिए पहली बार केजरीवाल सरकार कराएगी कृत्रिम बारिश, जानें सब कुछ

Advertisements

दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कृत्रिम बारिश कराने का प्रयास किया जाएगा. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट को सौंपा जाएगा. 20 नवंबर के आस पास कृत्रिम बारिश कराई जा सकती है. दरअसल, बुधवार (8 नवंबर) को दिल्ली सरकार और आईआईटी कानुपर  के एक्सपर्ट्स के साथ बैठक हुई. आईआईटी कानपुर के एक्सपर्ट्स ने पूरा प्लान दिल्ली सरकार को सौंप दिया. अब दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट से कृत्रिम बारिश कराने में केंद्र सरकार का सहयोग दिलाने की गुजारिश करेगी.

आईआईटी कानुपर ने दिया प्रजेंटेशन

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि अभी मौसम में ठहराव की स्थिति देखी जा रही है. तापमान लगातार गिर रहा है. हवा की गति काफी कम है. ऐसे में पिछले कुछ दिनों से प्रदूषम के स्तर में ठहराव दिख रहा है. इसके देखते हुए क्या-क्या संभावनाएं हो सकती हैं, इस पर सरकार विचार कर रही है. इसी सिलसिले में 12 सितंबर को दिल्ली सचिवालय में बहुत सारे एक्सपर्ट्स के साथ हमने मीटिंग की थी. उस मीटिंग में आईआईटी कानुपर ने भी अपना प्रजेंटेशन दिया था कि प्रदूषम को कम करने के लिए कृत्रिम बारिश करा सकते हैं.

बारिश के लिए कम से कम 40 फीसदी बादल चाहिए- गोपाल राय

गोपाल राय ने कहा कि हमने उनका प्रजेंटेशन देखा था. उन्होंने कुछ पायलट प्रोजेक्ट किए हैं लेकिन वो बारिश के मौसम जून, जुलाई और अगस्त का है. उसको देखते हुए हमने उनसे निवेदन किया था कि अगर सर्दियों में दिल्ली में बारिश करानी हो तो उसके लिए एक डीटेल तैयार करें. अभी जो मौसम में जैसी स्थिति बनी हुई है, उसके बीच हमने उनके साथ बुधवार को दूसरी बार बैठक की. उनसे ये समझा गया कि क्या कर सकते हैं. एक्सपर्ट्स ने कहा कि कम से कम 40 फीसदी बादल चाहिए. बिना 40 फीसदी बादल के बारिश नहीं करा सकते.

20-21 नवंबर को बादल बनने की संभावनाएं

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने कहा कि 20-21 नवंबर को दिल्ली में बादल बनने की संभावनाएं दिख रही हैं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सामने हम अपना प्रस्ताव रखेंगे.