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सरकार बेचेगी सस्ता सोना, जारी किया 1 ग्राम का भाव, जानें खरीदने का तरीका

देश की राजधानी दिल्ली में सोने का भाव (Gold Price Today) इस समय 6,330 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब है। लेकिन सरकार आपको कम रेट में सोना खरीदने का मौका दे रही है। सरकार ने सोमवार से लॉन्च हो रही सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड किस्त के लिए कीमत 6,263 रुपये प्रति ग्राम तय की है। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि सरकारी गोल्ड बॉन्ड (SGB) सोमवार से पांच दिनों के लिए खुलेगा। सरकारी गोल्ड बॉन्ड योजना 2023-24 सीरीज चार इस महीने की 12 तारीख से 16 तारीख तक खुली रहेगी। केंद्रीय बैंक ने कहा, ”बॉन्ड का मूल्य 6,263 रुपये प्रति ग्राम सोना है।”

ऑनलाइन अप्लाई करने पर डिस्काउंट

भारत सरकार ने ऑनलाइन आवेदन करने वाले और डिजिटल माध्यम से भुगतान करने वाले निवेशकों को इश्यू प्राइस पर 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट देने का फैसला किया है। आरबीआई ने कहा कि ऐसे निवेशकों के लिए गोल्ड बॉन्ड का इश्यू प्राइस 6,213 रुपये होगा।

यहां से खरीद सकते हैं गोल्ड बॉन्ड

एसजीबी को शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंकों (स्मॉल फाइनेंस बैंक्स, पेमेंट बैंक्स और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), भारतीय निपटान निगम लिमिटेड (CCIL), नामित डाकघरों, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज इंडिया लिमिटेड और बीएसई लिमिटेड के माध्यम से बेचा जाएगा। केंद्रीय बैंक यानी आरबीआई भारत सरकार की तरफ से गोल्ड बॉन्ड जारी करता है। ये निवासी व्यक्तियों, अविभाजित हिंदू परिवार (HUF), न्यासों, विश्वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्थाओं को ही बेचे जा सकते है। सब्सक्रिप्शन की अधिकतम सीमा व्यक्तियों के लिए चार किलोग्राम, एचयूएफ के लिये चार किलोग्राम और न्यासों तथा समान संस्थाओं के लिए 20 किलोग्राम प्रति वित्त वर्ष है। सोने की भौतिक मांग को कम करने के इरादे से नवंबर, 2015 में गोल्ड बॉन्ड योजना लायी गई थी।

ऑनलाइन कैसे खरीदें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड

स्टेप 1: अपने इंटरनेट बैंकिंग खाते में लॉग इन करें।

स्टेप 2: मुख्य मेनू पर जाएं, ‘ई-सेवा’ चुनें और ‘सोवरेन गोल्ड बॉन्ड’ पर क्लिक करें।

स्टेप 3: यदि आप एक नए ग्राहक हैं, तो ‘रजिस्टर’ पर क्लिक करें। आगे बढ़ने से पहले भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित नियम और शर्तों को पढ़ें और स्वीकार करें।

स्टेप 4: एसजीबी योजना से संबंधित सभी आवश्यक विवरण दर्ज करें और अपने डीमैट खाते के आधार पर सीडीएसएल या एनएसडीएल से जमापत्र भागीदार के बारे में जानकारी प्रदान करें।

स्टेप 5: ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फॉर्म को सबमिट कर दें।

स्टेप 6: रजिस्ट्रेशन के बाद या तो हेडर लिंक/सेक्शन से खरीद विकल्प चुनें या सीधे ‘खरीदें’ पर क्लिक करें।

स्टेप 7: सब्सक्रिप्शन क्वांटिटी और नॉमिनी की जानकारी दर्ज करें।

स्टेप 8: अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी को दर्ज करें।

PF पर अब मिलेगा शानदार रिटर्न, EPFO ने बढ़ाई ब्याज दर, 3 साल में सबसे ज्यादा

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर ब्याज दर 8.25 प्रतिशत तय की है। यह पिछले तीन वर्षों में सबसे अधिक ब्याज दर है। पिछले साल मार्च में EPFO ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ब्याज दर को बढ़ाकर 8.15 प्रतिशत कर दिया था। 2021-22 में यह 8.10 प्रतिशत थी। मार्च 2022 में ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ब्याज दर को घटाकर 8.10 प्रतिशत कर दिया था, जो 1977-78 के बाद सबसे कम थी। उस समय पीएफ पर ब्याज दर 8 फीसदी थी।

8.25 % होगी नई ब्याज दर

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 8.25 प्रतिशत ब्याज दर देने का निर्णय EPFO की टॉप निर्णय लेने वाली संस्था, केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) ने शनिवार, 10 फरवरी को अपनी बैठक के दौरान किया। एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, “सीबीटी ने 2023-24 के लिए ईपीएफ पर 8.25 प्रतिशत की ब्याज दर देने का फैसला किया है।” सीबीटी के फैसले के बाद, 2023-24 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर को सहमति के लिए वित्त मंत्रालय को भेजा जाएगा। सरकार द्वारा अनुमोदन के बाद, छह करोड़ से अधिक EPFO सदस्यों के खातों में ब्याज दर जमा कर दी जाएगी।

2014-15 में 8.75 प्रतिशत थी ब्याज दर

मार्च 2020 में, EPFO ने भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को घटाकर 8.5 प्रतिशत कर दिया था, जो 2018-19 में 8.65 प्रतिशत थी। पिछले कुछ वर्षों में, EPFO ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव देखा गया है। यह 2016-17 में 8.65 प्रतिशत, 2017-18 में 8.55 प्रतिशत और 2015-16 में थोड़ी अधिक 8.8 प्रतिशत थी। सेवानिवृत्ति कोष निकाय ने 2013-14 और 2014-15 में 8.75 प्रतिशत की उच्च ब्याज दर प्रदान की थी। जबकि 2012-13 के लिए पीएफ पर ब्याज दर 8.5 प्रतिशत थी और साल 2011-12 में ब्याज दर 8.25 प्रतिशत थी।

बिहार में सरकार ने दी खुशखबरी, अब इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर टैक्स में मिलेगी 75 प्रतिशत तक छूट

इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को बढ़ावा देने के लिए राज्य में मोटरवाहन कर (एमवी टैक्स) में छूट मिलना शुरू हो गया है। ई-वाहनों की खरीद पर निबंधन के समय ही डीलर प्वाइंट पर मोटर वाहन कर में 50 से 75 प्रतिशत तक छूट दी जाएगी। इसके लिए कर छूट संबंधी साफ्टवेयर को एनआइसी पोर्टल पर लाइव कर दिया गया है।

परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि बिहार इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2023 के तहत दोपहिया, तीनपहिया, चारपहिया वाहन सहित सभी प्रकार के हल्के-भारी इलेक्ट्रिक मोटर वाहनों की खरीद पर यह छूट दी जाएगी। राज्य में निबंधित पहले 10 हजार दोपहिया एवं प्रथम एक हजार चारपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों पर मोटरवाहन कर में 75 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। इसके बाद निबंधित वाहनों पर 50 प्रतिशत की छूट का लाभ मिलेगा।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि 2028 तक राज्य में खरीदे जाने वाले नए वाहनों में से 15 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन हों। इसके अलावा, तीनपहिया इलेक्ट्रिक वाहन (यात्रीवाहक एवं मालवाहक) के क्रय एवं निबंधन पर मोटरवाहन कर में 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। वहीं, भारी मोटरवाहन (बस तथा मालवाहक) के लिए मोटरवाहन कर में 75 प्रतिशत की छूट अधिसूचना प्रकाशन की तिथि से शुरुआत के दो वर्षों तक दी जाएगी। दो वर्षों के बाद मोटरवाहन कर में 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

ई-वाहनों की खरीद पर प्रोत्साहन राशि भी मिलेगी

ई-वाहनों की खरीद पर कर में छूट के साथ प्रोत्साहन राशि का भी लाभ दिया जाएगा। एससी-एसटी वर्ग के खरीदारों को प्रति इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन की खरीद पर 10 हजार की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। वहीं अन्य वर्ग के लोगों को 7500 प्रति वाहन राशि देय होगी। इलेक्ट्रिक चारपहिया गाडि़यों के लिए एससी-एसटी वर्ग के खरीदारों को 1.50 लाख रुपये प्रति वाहन जबकि अन्य वर्ग को 1.25 लाख रुपये प्रति वाहन देय होगा।

ई-वाहनों के क्रय एवं निबंधन पर नगरीय एवं अन्य प्राधिकार द्वारा अनुदानित दर पर पार्किंग की सुविधा प्रदान की जाएगी। प्रत्येक शहर में सिटी पार्किंग प्लान तैयार कर अनुदानित दर पर इलेक्ट्रिक वाहनों का आन स्ट्रीट पार्किंग एवं चार्जिंग स्टेशन बनाया जाएगा।

RBI ने लिया बड़ा फैसला, बैंक अब नहीं वसूल पाएंगे मनमाने चार्ज

आरबीआई एमपीसी में लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए राहत भरी खबर आई। आरबीआई गवर्नर शक्तिदास ने कहा कि अब बैंकों को लोन लेने वाले रिटेल और एमएसएमई ग्राहकों को की फैक्ट शीट (KFS) देनी होगी। इस केएफएस में बैंकों को लोन में लगने वाले चार्जेस को ब्याज दर में ही शामिल करना है। इसे लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए एक बड़ी राहत माना जा रहा है।

Key Fact Sheet के फायदे

‘की फैक्ट शीट’ एक दस्तावेज होता है। बैंक द्वारा लोन लेने वाले व्यक्ति को उसके लोन से जुड़े सभी चार्जेस के बारे में बताया जाता है। साथ ही इसमें बताया जाता है कि आपका लोन किस प्रकार का है। की फैक्ट शीट लाने का मुख्य उद्देश्य बैंकिंग सिस्टम में ज्यादा प्रारदर्शिता लाना है। क्योंकि कई बार देखा गया है कि कुछ बैंक लोन के लिए ग्राहकों से मनमाने चार्जेस वसूलते हैं।

ब्याज दर: की फैक्ट शीट में ब्याज दर के बारे में पूरी जानकारी होती है। इसमें लोन पर लगने वाली ब्याज के अलावा, किस्त में देरी होने पर एक्ट्रा ब्याज दर और पेनल्टी पर ब्याज दर के बारे में जानकारी होती है। साथ ही ये भी बताया गया होता है कि आपका लोन फिक्स्ड या फ्लोटिंग ब्याज दर पर है।

फीस और चार्ज: की फैक्ट शीट में फीस और चार्जेस के बारे में पूरी जानकारी दी  गई होती है। जैसे कि लोन प्रोसेस के लिए बैंक कितना चार्ज ले रहा है। अगर रीपेमेंट करते हैं तो कितना चार्ज देना होगा।

लोन रिपेमेंट: की फैक्ट शीट में लोन रीपेमेंट की शर्तों का भी उल्लेख होता है कि कब आप लोन का रीपेमेंट कर सकते हैं। इस समय आपको क्या-क्या चार्जेस देने होंगे।

विवाद निपटारा: अगर किसी कारण जैसे लोन का भुगतान न करने, किस्त में देरी होने आदि की वजह से बैंक और आपके बीच कोई विवाद होता है तो उसका निपटारा कैसे किया जाएगा।इसका प्रोसेस भी इस की फैक्ट शीट में दिया गया होता है।

इस बैंक ने FD की ब्याज दरें बढ़ाई, जानें एक लाख रुपये की एफडी पर कितना मिलेगा फायदा

निजी क्षेत्र के इंडसइंड बैंक की ओर से 2 करोड़ रुपये से कम एफडी की ब्याज दरों में बढ़ोतरी का ऐलान किया गया है। इसके बाद अब आम निवेशकों को एफडी पर 3.50 प्रतिशत से लेकर 7.75 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा। वहीं, वरिष्ठ नागरिकों को बैंक द्वारा 4 से लेकर 8.25 प्रतिशत का ब्याज दिया जा रहा है। नई ब्याज दरें 6 फरवरी से प्रभावी हो गई है। बात दें, बैंक द्वारा 7 दिन से लेकर 10 वर्ष तक की एफडी ऑफर की जा रही है।

इंडसइंड बैंक में सामान्य निवेशकों के लिए ब्याज दरें 

  • 7 दिन से 14 दिन – 3.50 प्रतिशत
  • 15 दिन से 30 दिन -3.50 प्रतिशत
  • 31 दिन से 45 दिन – 3.75 प्रतिशत
  • 46 दिन से 60 दिन – 4.75 प्रतिशत
  • 61 दिन से 90 दिन – 4.75 प्रतिशत
  • 91 दिन से 120 दिन – 4.75 प्रतिशत
  • 121 दिन से 180 दिन- 5.00 प्रतिशत
  • 181 दिन से 210 दिन – 5.85 प्रतिशत
  • 211 दिन से 269 दिन – 6.10 प्रतिशत
  • 270 दिन से 354 दिन – 6.35 प्रतिशत
  • 355 दिन या 364 दिन – 6.50 प्रतिशत
  • 1 वर्ष से 1 वर्ष 6 माह से कम – 7.75 प्रतिशत
  • 1 वर्ष 6 माह से 1 वर्ष 7 माह से कम – 7.75 प्रतिशत
  • 1 वर्ष 7 माह से 2 वर्ष तक – 7.75 प्रतिशत
  • 2 वर्ष से अधिक 2 वर्ष 1 माह तक – 7.25 प्रतिशत
  • 2 वर्ष से अधिक 1 माह से 2 वर्ष से कम 6 माह तक – 7.25 प्रतिशत
  • 2 वर्ष 6 माह से 2 वर्ष 9 माह से कम – 7.25 प्रतिशत
  • 2 वर्ष 9 माह से 3 वर्ष 3 माह – 7.25 प्रतिशत
  • 3 वर्ष से अधिक 3 माह से 61 माह से नीचे – 7.25 प्रतिशत
  • 61 माह से अधिक – 7.00 प्रतिशत
  • इंडस टैक्स सेवर एफडी –  7.25 प्रतिशत

वरिष्ठ नागरिकों को अतिरिक्त ब्याज 

बैंक की ओर से वरिष्ठ नागरिकों को 0.50 प्रतिशत का अतिरिक्त ब्याज दिया जा रहा है। बैंक द्वारा अधिकतम 8.25 प्रतिशत का ब्याज 1 वर्ष से लेकर 1.5 वर्ष से कम की एफडी पर ऑफर किया जा रहा है।

एक्सिस बैंक ने बढ़ाई ब्याज दर 

एक्सिस बैंक की ओर से 2 करोड़ रुपये से कम की एफडी पर ब्याज दर को बढ़ाया गया है। बैंक द्वारा 7 दिन से लेकर 10 वर्ष की एफडी पर 3.50 प्रतिशत से लेकर 7.20 प्रतिशत की ब्याज दी जा रही है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का विपक्ष को करारा जवाब कहा…’बेरोजगारी और महंगाई दोनों में आ रही कमी’

आगामी वित्त वर्ष 2024-25 के लिए गत एक फरवरी को पेश अंतरिम बजट को बुधवार को लोकसभा से पारित कर दिया गया। अंतरिम बजट पर लोकसभा में विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में बेरोजगारी और महंगाई दर में भी कमी आ रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने आगामी वित्त वर्ष 2024-25 में किसी भी कल्याणकारी योजनाओं के मद में कोई कटौती नहीं की है। सरकार की वित्तीय मजबूती की वजह से राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को जीडीपी का 5.1 प्रतिशत रखा गया है, जबकि पहले यह लक्ष्य 5.2 प्रतिशत था।

क्या कुछ बोलीं निर्मला सीतारमण?

लोकसभा में चर्चा के दौरान बेरोजगारी व वर्क फोर्स को लेकर उठाए गए सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2017-18 में बेरोजगारी दर छह प्रतिशत थी, जो वित्त वर्ष 2022-23 में घटकर 3.2 प्रतिशत हो गई। 2017-18 में यूथ वर्क फोर्स 38.2 प्रतिशत थे, जो वित्त वर्ष 22-23 में बढ़कर 44.5 प्रतिशत हो गए यानी कि इसमें 6.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। उन्होंने कहा,

वर्क फोर्स में महिलाओं की भागीदारी भी लगातार बढ़ती जा रही है। असंगठित सेक्टर के श्रमिकों के लिए ई-श्रम पोर्टल की शुरुआत की गई है और इस पोर्टल पर अब तक 29 करोड़ श्रमिकों ने अपना पंजीयन किया है और इनमें 53 प्रतिशत महिलाएं हैं।

‘सरकार सस्ते दाम पर कर रही आटा, दाल की बिक्री’

सीतारमण ने महंगाई पर विपक्ष के सवालों के जवाब में कहा कि वर्ष 2022 के अप्रैल-दिसंबर में औसत महंगाई दर 6.8 प्रतिशत थी, जो वर्ष 2023 की समान अवधि में 5.5 प्रतिशत रही। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से महंगाई कम करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और सस्ते दाम पर भारत आटा, भारत दाल, भारत चावल व प्याज की बिक्री की जा रही है। इसका नतीजा है कि खुदरा महंगाई में कमी आई है। उन्होंने बताया कि 27.50 रुपए की दर से अब तक 2.37 लाख टन आटे की बिक्री हो चुकी है। वहीं, 25 रुपए की दर से 3.96 लाख टन प्याज बेचे गए हैं।

‘PM पोषण के मद में 12,400 करोड़ का आवंटन’

उन्होंने बताया कि विपक्ष के सदस्य ने पीएम पोषण में कम आवंटन की बात की थी, लेकिन असल में आगामी वित्त वर्ष में पीएम पोषण के मद में 12,400 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया, जबकि चालू वित्त वर्ष में इस मद में 11,600 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था।

कुछ सांसदों ने स्कूल के मद में आवंटन को लेकर सवाल उठाए थे। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान के तहत स्कूल के मद में 68,000 करोड़ रुपए आवंटित है, जबकि आगामी वित्त वर्ष में इस मद में 72,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।

सभी राज्यों को हो रहा PLI स्कीम का फायदा!

उन्होंने कहा कि मैन्यूफैक्चरिंग प्रोत्साहन से जुड़ी प्रोडक्शन लिंक्ड स्कीम का फायदा लगभग सभी राज्यों को हो रहा है और इस स्कीम के तहत 24 राज्यों में उत्पादन शुरू हुआ है। 1.07 लाख करोड़ रुपए का निवेश हो चुका है और 3.2 लाख करोड़ का निर्यात किया जा चुका है।

फेक लोन Apps पर गूगल का बड़ा एक्शन, Play Store से डिलीट किए 2200 से अधिक ऐप

मिनटों में ही लोन देने वाले आजकल बहुत ऐप आ गए हैं। गूगल प्ले स्टोर पर बहुत से ऐप मौजूद हैं जो चंद दस्तावेजों के आधार पर ही लोन दे देते हैं। यहां तक कि कुछ तो ऐसे भी हैं जहां किसी भी दस्तावेज की जरूरत नहीं पड़ती है। हालांकि अब गूगल के द्वारा फर्जी लोन ऐप्स पर बड़ा एक्शन लिया गया है। Google ने सितंबर 2022 और अगस्त 2023 के बीच प्ले स्टोर से 2,200 से अधिक फर्जी ऋण ऐप्स को हटाया है।

डिलीट किए गए फेक लोन Apps

यूजर्स की सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए गूगल ने सख्त कदम उठाया है। यह कार्रवाई फर्जी ऋण ऐप्स से निपटने और उपभोक्ताओं को वित्तीय घोटालों से बचाने के सरकार के निरंतर प्रयासों के बाद की गई है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के अनुसार Google ने अप्रैल 2021 से जुलाई 2022 तक लगभग 3,500 से 4,000 ऋण ऐप्स की समीक्षा की और उनमें से 2,500 से अधिक को प्ले स्टोर से बैन किया। सितंबर 2022 से अगस्त 2023 की अगली अवधि के दौरान Google ने 2,200 से अधिक धोखाधड़ी वाले ऋण ऐप्स को समाप्त करके अपनी कार्रवाई जारी रखी है।

लोन ऐप्स के लिए गूगल ने बदली पॉलिसी

इसके अलावा गूगल ने अपनी पॉलिसी में भी बदलाव किया है। Google ने Play Store पर लोन ऐप को लागू करने के संबंध में अपनी नीति को अपडेट किया है। गूगल केवल विनियमित संस्थाओं (आरई) द्वारा प्रकाशित या आरई के साथ सहयोग करने वाले ऐप्स को ही अनुमति प्रदान की गई है। टेक दिग्गज ने भारत में लोन ऐप्स के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए यह फैसला लिया है।

फेक लोन ऐप्स से रहे सतर्क

  • फेक लोन ऐप से बचाव करने के लिए ग्राहकों को कुछ खास बातों का विशेष रूप से ख्याल रखना चाहिए।
  • जिस ऐप को आरबीआई के द्वारा रजिस्टर न किया गया हो उस पर भूलकर भी अपनी निजी जानकारी साझा न करें।
  • ऐप्स केवल Google Play या Apple App Store जैसे आधिकारिक स्टोर से ही डाउनलोड करें।
  • फर्जी लोन देने वाले ऐप्स के झांसे में बिल्कुल न आएं। ऐसे ऐप लोन देने के बाद
  • उच्च-ब्याज दर या अग्रिम शुल्क भरने का दवाब डालते हैं।
  • अगर आपके साथ ऐसा कुछ होता है तो तुरंत संबंधित अधिकारियों को रिपोर्ट करें।

फाइनेंस कंपनी पर लगा 50 हजार का जुर्माना, उपभोक्ता को 3 लाख की क्षतिपूर्ति देने के भी आदेश

किसी एक क्रेता से जब्त किए गए माल वाहक वाहन हिंदूजा लीलैंड फाइनेंस कंपनी ने दूसरे ग्राहक को बीच तो दिया लेकिन 7 साल बाद भी वाहन के दस्तावेज नहीं दिए। परेशान उपभोक्ता ने जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत की। इसके बाद मामले का निराकरण करते हुए जिला आयोग ने हिंदूजा लीलैंड फाइनेंस कंपनी को 3 लाख की क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया है। फाइनेंस कंपनी पर आयोग ने 50 हजार रुपए का जुर्माना भी ठोका है।

इस प्रकरण के मुताबिक जगदलपुर निवासी आशीष कोटक ने हिंदूजा लीलैंड फाइनेंस कंपनी से वर्ष 2016 में एक माल वाहक वहां खरीदा था। पूर्व में फाइनेंस कंपनी ने इस वाहन को किसी अन्य व्यक्ति को बेचा था। रकम जमा न होने पर उसे गाड़ी जब्त कर आशीष कोटक को बेच दिया गया। आशीष ने वाहन अपने नाम ट्रांसफर करने के लिए फाइनेंस कंपनी से वैधानिक दस्तावेजों की मांग की लेकिन कंपनी ने उसे दस्तावेज नहीं दिए।

फाइनेंस कंपनी द्वारा कोई सहयोग नहीं किए जाने से क्षुब्ध होकर आशीष ने जिला उपभोक्ता आयोग में अपनी शिकायत दर्ज कराई। मामले की सुनवाई करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग ने माना कि फाइनेंस कंपनी द्वारा वाहन को पूर्व में विक्रय किए गए क्रेता से अवैध रूप से जब्त कर आवेदक को विक्रय किया गया था। साथ ही आवेदक को वाहन से संबंधित दस्तावेज प्रदान न कर सेवा में कमी एवं व्यवसायिक कदाचरण किया गया है।

बाइक के माइलेज को लेकर है चिंता, तो अपनाएं ये टिप्स, बचेगा आपका पेट्रोल और पैसा?

बाइक ऑफिस जाने या दूसरी जगहों पर जाने के लिए एक आरामदायक और सस्ती सवारी का बेहतर विकल्प होती है. जो कम खर्च में बढ़िया माइलेज देती है. लेकिन अक्सर लोग माइलेज वाली बाइक लेने के बाद भी माइलेज को लेकर परेशान रहते हैं कि उनकी बाइक ज्यादा माइलेज नहीं दे रही. जिसके चलते पेट्रोल पर होने वाला खर्च बढ़ जाता है.

जिसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ता है. अगर आप भी अपनी बाइक की माइलेज को लेकर परेशान हैं तो यहां जान सकते हैं बाइक की माइलेज बढ़ाने वाले सबसे आसान और असरदार टिप्स की पूरी डिटेल. जिनको फॉलो करने से पेट्रोल और पैसा दोनों की बचत होगी.

कम RPM पर चलाएं बाइक

आमतौर पर देखा गया है कि कम स्पीड यानी कम आरपीएम पर बाइक चलाने पर ज्यादा माइलेज मिलता है. क्योंकि बाइक का माइलेज बहुत हद तक उसकी स्पीड पर भी डिपेंड करता है.