Category Archives: Jammu & Kashmir

आतंकियों के आकाओं की बारामुला में संपत्तियां जब्त

जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में पुलिस ने बुधवार को पाकिस्तान स्थित आतंकी आकाओं की सात संपत्तियों को जब्त किया।

 

अधिकारियों ने बताया कि बारामूला के अतिरिक्त सत्र न्यायालय द्वारा पारित कुर्की आदेश प्राप्त करने के बाद पुलिस ने पाकिस्तान स्थित आतंकी आकाओं की संपत्तियों को जब्त किया। उन्होंने बताया कि सात संपत्तियों का कुल क्षेत्रफल 1 एकड़ और छह मरला है। उन्होंने आतंकी आकाओं की पहचान सजाद अहमद भट, इरशाद अहमद खान, गुल्ला मोची, मोहम्मद असलम खान, मोहम्मद बेग, खालिद मीर और रफीक अहमद बकरवाल के रूप में की है। ाुलिस ने यह कार्रवाई 2008 में बोनियार थाने में दर्ज एक मामले के संबंध में सीआरपीसी की धारा 88 के तहत की।

घाटी में आतंकी दिखने के बाद गायब, लोगों में फैली दहशत; बांडीपोरा में आतंकियों के दो मददगार गिरफ्तार

अक्सर हर बार की तरह इस बार भी पहाड़ी तहसील बनी में संदिग्ध दिखने के बाद गायब हो गए हैं। सिर्फ बनी में ही नहीं जहां जहां भी संदिग्ध दिखते हैं तो सुरक्षाबल के जवान उस क्षेत्र की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाते हैं, लेकिन सफलता नहीं मिलती है। यही वजह है कि जिले में ऐसी संदिग्ध गतिविधिंयां समय समय पर देखी जाती है।

इसका मुख्य कारण जिले से सटी भारत-पाक से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा है। जहां से कुछ स्थानों से घुसपैठ की आशंका बनी रहती है। जिले में हीरानगर स्थित भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पिछले तीन दशक से सीमा पार से पाक प्रायोजित आतंकवाद के कारण घुसपैठ के मामले काफी संवेदनशील मानी जाती है। इसी के चलते जिले में संदिग्ध देखे जाने या संदिग्ध गतिविधियां होती रहती हैं।

संदिग्ध नजर आने से लोग दहशत में

स्थानीय निवासियों का कहना है कि काफी समय के बाद बनी जैसे शांत माहौल में संदिग्ध नजर आने से लोग दहशत में हैं। तीन दिन से बनी में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाने के बाद भी संदिग्ध नजर नहीं आए हैं। वो कहां और किस रूट पर चले गए हैं,इसका किसी को न पता है न किसी के पास अनुमान है। क्योंकि गत दिवस डग्गर में दो अलग अलग स्थानों पर बनाई गई डोक में स्थानीय निवासियों को हथियार उठाए कंधे पर बैग और कश्मीरी ड्रेस में संदिग्ध दिखे, उसके बाद किसी को कहीं नहीं दिखाई दिए।

सेना ने इलाके की घेराबंदी कर रखी है

ऐसे में अगर एक आध दिन और तलाशी अभियान के बाद भी नहीं मिलते हैं तो तलाशी अभियान बंद करना पड़ेगा। हालांकि सेना और पुलिस के जवानों ने क्षेत्र में तलाशी अभियान को जारी रखा है। जगह-जगह खंगाल कर संदिग्धों को ढूंढ रहे हैं। उम्मीद है कि सुरक्षाबलों को सफलता जरूर मिलेगी। सेना ने हेलीकॉप्टर की मदद से चारों ओर से इलाके की घेराबंदी कर रखी है। दूसरा वहां पर बड़े बड़े पहाड़ होने के कारण तलाशी अभियान चलाना भी आसान नहीं है।

बड़े बड़े पत्थरों के नीचे सुरंगे जैसी जगह बनी होती है,जहां पर छिपने के लिए सुरक्षित जगह है और वहां सुरक्षा बलों का पहुंचना शायद मुश्किल हो सकता है। यही वजह है कि तीन दिन तक तलाशी अभियान के बावजूद सुरक्षा बलों को सफलता नहीं मिल पाई है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है अक्सर होता आ रहा है,जहां भी कोई संदिग्ध गतिविधि लोग दिखने के बाद सूचना देते हैं तो वहां सुरक्षाबलों के पहुंचने के बाद कोई सुराग नहीं मिलता है।

संदूरून की पहाड़ियों में संदिग्ध दिखे थे

दो साल पहले भी बनी के संदूरून की पहाड़ियों में संदिग्ध दिखे थे। उसके बाद सर्च अभियान चलाने के बाद कोई सफलता नहीं मिली थी। अब तो बनी से 35 किलोमीटर दूर ढग्गर में आतंकी दिखे हैं, जहां पर 15 किलोमीटर पैदल रास्ता है,उसके बाद दूसरी दिशा में सरथल जिसकी सीमा डोडा से लगती है। वहां तक आतंकियों का पहुंचना मुश्किल है, क्योंकि बड़े बड़े पहाड हैं। ऐसे में वो अभी उसी क्षेत्र में छिपने की पूरी संभावना का मौका पा रहे हैं,जब सुरक्षा बल तलाशी अभियान बंद कर वापस लौट आएंगे तो वो आगे पीछे हो सकते हैं।

स्थानीय लोगों ने उन्हें करीब से देखा था, उनके पास खाना आदि बनाने के लिए दो पतीले भी थे। इसका मतलब जहां वह रुकेंगे वहां पर किसी भेड़ आदि को उठाकर खाना बनाएंगे। दो दिन से ढग्गर के निवासी रात को अपने घरों की सभी लाइट बंद करके सो रहे हैं, क्योंकि लाइट से वो किसी न किसी के घर में बंदूक की नोक पर शरण ले सकते हैं।

फिलहाल बनी क्षेत्र के लोगों में डर का माहौल जरूर बना है। सेना या पुलिस के अलावा सिविल प्रशासन का अधिकारी आतंकियों की तलाशी अभियान पर कोई प्रतिक्रिया देने को तैयार नहीं है, लेकिन अभियान जारी होने की बात जरूर करते हैं।

बांडीपोरा में आतंकियों के दो मददगार गिरफ्तार

सुरक्षाबलों ने बुधवार को उत्तरी कश्मीर के बांडीपोरा में आतंकियों के दो मददगार गिरफ्तार कर लिए। यह दोनों लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करते हैं। दोनों सगे भाई हैं। उनकी निशानदेही पर हथियारों का एक जखीरा भी बरामद किया गया है। पुलिस के अनुसार, आतंकियों के पकड़े गए मददगारों के नाम हिलाल अहमद गोजर गुरियाल और मोहम्मद इकबाल गोजर गरियाल है।

पुंछ में बड़ी आतंकी साजिश नाकाम, सर्च ऑपरेशन के दौरान 7 IED और वायरलेस सेट बरामद

जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली। एक सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों ने सात आईईडी और एक वायरलेस सेट बरामद किया है।

जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में सुरक्षा बलों ने रविवार को बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया. सुरक्षा बलों ने यहां सर्च ऑपरेशन के दौरान सात आईईडी और एक वायरलेस सेट बरामद किया है. ऐसा माना जा रहा है कि आतंकवादी घाटी में किसी बड़ी आतंकी साजिश को अंजाम देने की तैयारी के लिए इस आईईडी और वायरलेस सेट का इस्तेमाल करने वाले थे. जानकारी के मुताबिक, रविवार को सुरक्षा बलों ने  एक संयुक्त तलाशी अभियान चलाया. इस दौरान सुरक्षा बल ने पुंछ जिले के सुरनकोट इलाके के दारा सांगला में सर्च ऑपरेशन चला रहे थे तभी उन्हें वहां 7 आईईडी और एक वायरलेस सेट मिला।

20 फीट गहरी खाई में गिरा सैन्य वाहन, एक जवान की मौत, 1 घायल

भारतीय सेना का एक पानी का टैंकर मंगलवार को 20 फीट गहरी खाई में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में नियंत्रण रेखा के पास भारतीय सेना का एक वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया. जिसमें एक जवान की मौत हो गई. जबकि एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया. जानकारी के मुताबिक, भारतीय सेना का पानी का एक टैंकर मंगलवार को 20 फीट गहरी खाई में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसे में एक जवान की मौत हो गई, जबकि दूसरा जवान गंभीर रूप से घायल हुआ है. घायल जवान को सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

बताया जा रहा है कि पुंछ जिले के गुलपुर सेक्टर के कोसलियां क्षेत्र में मंगलवार दोपहर को सेना का पानी का टैंकर नियंत्रण रेखा के पास भारतीय सेना की अग्रिम चौकियों पर तैनात जवानों के लिए पानी की सप्लाई देकर लौट रहा था. टैंकर जैसे ही चीड़ वाले मोड़ पर पहुंचा. उसमें किसी तरह की तकनीकी खराबी आ गई. जिसके चलते टैंकर चालक के संतुलन से बाहर हो गया और 20 फीट गहरी खाई में गिर गया।

बताया जा रहा है कि हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गए. उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी. उसके बाद पुलिस और सेना के जवान मौके पर पहुंचा. हादसे में भारतीय सेना की सरला बटालियन के दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे. जब तक सेना और पुलिस के जवान मौके पर पहुंचते तब तक स्थानीय लोग घायल सैनिकों को खाई से निकालकर सड़क तक ले आए. उसके बाद घायल सैनिकों को नजदीकी सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां डॉक्टरों ने वाहन चालक प्रीतम सिंह को मृत घोषित कर दिया. जबकि हादसे में घायल सिपाही अब्दुल मनहान का सैन्य अस्पताल में इलाज चल रहा है।

‘सीताजी के साथ श्रीराम पधारेंगे…’ कश्मीर की मुस्लिम लड़की ने रामलला के लिए गाया भजन

 ‘हमारे पीएम ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले 11 दिन का व्रत रखा है।पीएम मोदी ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए संकल्प किया है।’

HIGHLIGHTS

  • उरी में रहने वाली बतूल जहरा का एक वीडियो वायरल हो रहा
  • प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पहाड़ी बोली में भजन गाया है
  • सुविधाओं के अभाव के बावजूद 12वीं कक्षा में बेहतर अंक लेकर आईं
 अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल है. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक पूरा देश राममय हो चुका है. इस बीच जम्मू-कश्मीर के उरी में रहने वाली बतूल जहरा का एक वीडियो वायरल हो रहा है. उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पहाड़ी बोली में भजन गाया है. इस भजन में वे पीएम मोदी की तारीफ के पुल बांधती नजर आ रही हैं. इस वीडियो में जहरा कश्मीर की पहाड़ी बोली में कहती दिखाई दे रही हैं, ‘हमारे पीएम ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले 11 दिन का व्रत रखा है. पीएम मोदी ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए संकल्प किया है. आज पूरा देश राममय हो चुका है, जगह-जगह राम के गीत गाए जा रहे हैं. हमारा जम्मू-कश्मीर भी इससे अछूता नहीं रह गया है।’

जहरा इस दौरान पहाड़ी गीत भी गाती हैं, ‘सीताजी के साथ श्रीराम पधारेंगे. वह दिन आ गया है. सभी स्वागत में ढोल बजाइए. श्रीराम के साथ भक्त हनुमान भी पधार रहे हैं.’ आपको बता दें कि उरी की निवासी बतूल जहरा इंटरमीडिएट की परीक्षा में अच्छे नंबर लाकर पहली बार सुर्खियों में आई थीं. पहाड़ी जनजाति से संबंध रखने वाली जहरा अक्सर ही पैदल स्कूल जाया करती थी. मूलभूत सुविधाओं के अभाव के बावजूद 12वीं कक्षा में बेहतर अंक लेकर आईं. उनकी खूब तारीफ हुई थी।

आईएएस अधिकारी बनने का प्रयास कर रही

जहरा बड़ी होकर आईएएस अधिकारी बनने का प्रयास कर रही हैं. वे अपनी सांस्कृतिक धरोहर के साथ काफी जुड़ी हुई हैं. गौरतलब है कि राम मंदिर को लेकर पूरे देश में अच्छा खास उत्साह है. अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर में 22 जनवरी को राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी समेत देश की बढ़ी हस्तियां शामिल होंगी।

जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना चलाएगी ऑपरेशन सर्वशक्ति, आतंकी गतिविधि हुई तेज

जम्मू-कश्मीर से जब धारा 370 हटाई गई तो सबसे ज्यादा परेशानी पाकिस्तान को हुई। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर शिकंजा कसे जाने के बाद पाकिस्तान और भी बौखला गया। अब वह फिर से कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियां बढ़ाने की फिराक में है। हालांकि खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर भारतीय सेना आतंकियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाने जा रही है। इस अभियान का नाम ‘ऑपरेशन सर्वशक्ति’ दिया गया है।

आम तौर पर आतंकी जंगलों और पहाड़ियों का फायदा उठाकर छिप जाते हैं और फिर नागरिकों या फिर जवानों पर हमला कर देते हैं। सेना यह ऑपरेशन पीर पंजाल की पहाड़ियों के दोनों तरफ से चलाएगी। हाल के दिनों में पाकिस्तान के आतंकी संगठन दक्षिण पीर पांजाल की पहाड़ियों के आसपास राजौरी, पुंछ में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के प्रयास में रहते हैं। हाल ही में इस इलाके में आतंकी हमलों में 20 जवान शहीद हो गए हैं। 21 दिसंबर के हमले में चार सैनिक शहीद हो गए थे।

श्रीनगर की चिनार कोर के साथ नगरोटा की वाइट नाइट कोर को यह ऑपरेशन चलाने की जिम्मेदारी दी गई है। पीर पंजाल की पहाड़ियों के दोनों तरफ से सेना आतंकियों का सफाया शुरू करेगी। एएनआई न्यूज एजेंसी के मुताबिक सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि दोनों तरफ से सेना एक साथ ऑपरेशन शुरू करेगी। खास तौर पर राजौरी और पुंछ में बढ़ती आतंकी घटनाओँ पर शिकंजा कसने के लिए यह ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इशमें कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और खुफिया एजेंसियां भी शामिल होंगी।

बताया जा रहा है कि यह ऑपरेशन भी ऑपरेशन सर्पविनाश की तरह ही चलाया जाएगा। यह ऑपरेशन इसी इलाके में 2003 में चलाया गया था। आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडेय ने हाल ही में कहा था कि 2003 में इस इलाके से आतंकियों का सफाया किया गया था। हालांकि पाकिस्तान एक बार फिर से साजिश कर रहा है औऱ आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। जानकारी के मुताबिक उच्चस्तरीय बैठक के बाद ऑपरेशन को चलाने का फैसला किया गया है। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और एनएसए अजित डोभाल भी शामिल थे। नॉर्दर्न आर्मी हेडक्वार्टर की निगरानी में ऑपरेशन चलाया जाएगा।

सेना राजौरी और पुंछ सेक्टर में जवानों की तैनाती भी बढ़ा रही है। इसके अलावा इस इलाके में खुफिया तंत्र भी बढ़ाया जा रहा है। सूत्रों का यह भी कहना है कि कृष्णा घाटी इलाके में जब सेना के वाहन पर आतंकियों ने हलमा किया था तो जवाब में गोली इसलिए नहीं चलाई गई थी क्योंकि वहां बड़ी संख्या में आम नागरिक भी मौजूद थे।

जम्मू-कश्मीर में सेना पर एक और आतंकी हमला, सर्च ऑपरेशन जारी

आज यानि शुक्रवार शाम को हुआ ये हमला पुंछ के खनेतर जिले में हुआ है।मामले में अबतक मिली जानकारी के अनुसार, पास की पहाड़ी से दो राउंड फायरिंग की गई, जिससे एक वरिष्ठ अधिकारी का वाहन क्षतिग्रस्त हो गया।

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में शुक्रवार शाम आतंकवादियों ने सेना के वाहनों पर हमला कर दिया, जिसके बाद जवानों को जवाबी फायरिंग करनी पड़ी. अभी तक किसी के घायल होने या मौत की कोई रिपोर्ट नहीं है. वहीं गोलीबारी जारी है. बता दें कि, पिछले कुछ हफ्तों में इस क्षेत्र में सेना पर यह दूसरा आतंकी हमला है. इससे पहले राजौरी के डेरा की गली में घात लगाकर किए गए हमले में चार सैनिक मारे गए थे, वहीं पांच अन्य घायल हो गए थे।

गौरतलब है कि, आज यानि शुक्रवार शाम को हुआ ये हमला पुंछ के खनेतर जिले में हुआ है. मामले में अबतक मिली जानकारी के अनुसार, पास की पहाड़ी से दो राउंड फायरिंग की गई, जिससे एक वरिष्ठ अधिकारी का वाहन क्षतिग्रस्त हो गया।

मालूम हो कि, पीर पंजाल क्षेत्र – राजौरी और पुंछ – 2003 से आतंकवाद से मुक्त थे, लेकिन अक्टूबर 2021 से बड़े हमले फिर से शुरू हो गए हैं. पिछले सात महीनों में, अधिकारियों और कमांडो सहित 20 सैनिक मारे गए हैं. वहीं पिछले दो वर्षों में इन क्षेत्रों में कार्रवाई में 35 से अधिक सैनिक मारे गए हैं।

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने गुरुवार को कहा कि भारत के विरोधी – जिन्हें पाकिस्तान के संदर्भ में देखा जाता है – राजौरी और पुंछ क्षेत्रों में आतंकवादियों को सहायता देने में “सक्रिय भूमिका” निभा रहे हैं. उनका कहना है कि, “पिछले पांच-छह महीनों में राजौरी और पुंछ में आतंकवाद बढ़ा है. ये चिंता की बात है. अगर आप देखें… 2003 से पहले उस इलाके में आतंकवाद ख़त्म हो चुका था और 2017/18 तक वहां शांति थी, लेकिन अब, घाटी में स्थिति सामान्य होने के कारण, हमारे विरोधी वहां सक्रिय हैं।”

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सुरक्षाबलों के काफिले पर आतंकियों ने की फायरिंग, सर्च ऑपरेशन जारी

जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर के कृष्णाघाटी इलाके में शुक्रवार (12 जनवरी) को आतंकियों ने सुरक्षाबलों के काफिले पर फायरिंग कर दी. इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. सुरक्षाबलों की ओर से सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है.

व्हाइट नाइट कॉर्प्स ने एक्स पर लिखा, ”आज (12 जनवरी) लगभग 18:00 बजे, कृष्णाघाटी, पुंछ सेक्टर के पास एक जंगल से संदिग्ध आतंकवादियों की ओर से सुरक्षा बलों के वाहनों के काफिले पर गोलीबारी की गई. हमारे सैनिकों में कोई हताहत नहीं हुआ. भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से संयुक्त तलाशी अभियान जारी है.”

हाई रैंकिंग ऑफिसर पुंछ में ही थे

अधिकारियों ने बताया कि जिन वाहनों पर हमला हुआ, वे सुरक्षाकर्मियों को वापस कैंप में ले जा रहे थे. सेना के काफिले पर यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी समेत हाई रैंकिंग ऑफिसर बार-बार होने वाले आतंकी हमलों से निपटने के लिए रणनीति बनाने के लिए पुंछ में हैं.

नए साल में आतंकवाद विरोधी अभियान योजना तैयार करने के लिए उपेंद्र द्विवेदी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक के बाद यह घटना सामने आई है.

21 दिसंबर को आतंकी हमले में शहीद हो गए थे चार जवान

इससे पहले पिछले महीने 21 दिसंबर को पुंछ जिले में ही आतंकियों ने घात लगाकर सेना के दो वाहनों पर हमला कर दिया था, जिसमें सेना के चार जवान शहीद हो गए थे. हमला उस वक्त किया गया था जब वाहनों से जवानों को घेरा और तलाशी अभियान स्थल के लिए ले जाया जा रहा था.

आतंकियों ने सूरनकोट पुलिस थाने के अंतर्गत धेरा की गली और बुफलियाज के बीच धत्यार मोड़ पर एक अंधे मोड़ पर दिन के करीब पौने चार बजे हमला किया था, जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) की शाखा पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने ली थी.

जम्मू-कश्मीर में सेना पर एक और आतंकी हमला, जवाबी फायरिंग जारी

आज यानि शुक्रवार शाम को हुआ ये हमला पुंछ के खनेतर जिले में हुआ है। मामले में अबतक मिली जानकारी के अनुसार, पास की पहाड़ी से दो राउंड फायरिंग की गई, जिससे एक वरिष्ठ अधिकारी का वाहन क्षतिग्रस्त हो गया।

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में शुक्रवार शाम आतंकवादियों ने सेना के वाहनों पर हमला कर दिया, जिसके बाद जवानों को जवाबी फायरिंग करनी पड़ी. अभी तक किसी के घायल होने या मौत की कोई रिपोर्ट नहीं है. वहीं गोलीबारी जारी है. बता दें कि, पिछले कुछ हफ्तों में इस क्षेत्र में सेना पर यह दूसरा आतंकी हमला है. इससे पहले राजौरी के डेरा की गली में घात लगाकर किए गए हमले में चार सैनिक मारे गए थे, वहीं पांच अन्य घायल हो गए थे।

गौरतलब है कि, आज यानि शुक्रवार शाम को हुआ ये हमला पुंछ के खनेतर जिले में हुआ है. मामले में अबतक मिली जानकारी के अनुसार, पास की पहाड़ी से दो राउंड फायरिंग की गई, जिससे एक वरिष्ठ अधिकारी का वाहन क्षतिग्रस्त हो गया।

मालूम हो कि, पीर पंजाल क्षेत्र – राजौरी और पुंछ – 2003 से आतंकवाद से मुक्त थे, लेकिन अक्टूबर 2021 से बड़े हमले फिर से शुरू हो गए हैं. पिछले सात महीनों में, अधिकारियों और कमांडो सहित 20 सैनिक मारे गए हैं. वहीं पिछले दो वर्षों में इन क्षेत्रों में कार्रवाई में 35 से अधिक सैनिक मारे गए हैं।

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने गुरुवार को कहा कि भारत के विरोधी – जिन्हें पाकिस्तान के संदर्भ में देखा जाता है – राजौरी और पुंछ क्षेत्रों में आतंकवादियों को सहायता देने में “सक्रिय भूमिका” निभा रहे हैं. उनका कहना है कि, “पिछले पांच-छह महीनों में राजौरी और पुंछ में आतंकवाद बढ़ा है. ये चिंता की बात है. अगर आप देखें… 2003 से पहले उस इलाके में आतंकवाद ख़त्म हो चुका था और 2017/18 तक वहां शांति थी, लेकिन अब, घाटी में स्थिति सामान्य होने के कारण, हमारे विरोधी वहां सक्रिय हैं।”