Category Archives: National

PM मोदी ने वितरित किए नेशनल क्रिएटर्स अवॉर्ड, मैथिली ठाकुर और जया किशोरी भी लिस्ट में शामिल

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज 8 मार्च को पहले नेशनल क्रिएटर्स अवार्ड समारोह में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने नेशनल क्रिएटर्स अवार्ड प्रदान किया। यह पुरस्कार कहानी सुनाने, सामाजिक परिवर्तन, पर्यावरणीय स्थिरता, शिक्षा, गेमिंग सहित अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्टता और प्रभाव को पहचानने का एक प्रयास है। इस पुरस्कार में अपार सार्वजनिक भागीदारी देखी गई है। बता दें कि इसके लिए 1.5 लाख से अधिक नामांकन और लगभग 10 लाख वोट डाले गए हैं। ये पुरस्कार 20 श्रेणियों में प्रदान किए गए।

जया किशोरी, मैथली ठाकुर और गौरव चौधरी को पुरस्कार

इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पीएम मोदी नई दिल्ली के भारत मंडपम में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाले लोगों को पुरस्कार वितरित किया। पहले नेशनल क्रिएटर्स अवार्ड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में कथा वाचक जया किशोरी को सामाजिक परिवर्तन के लिए सर्वश्रेष्ठ रचनाकार का पुरस्कार प्रदान किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मैथली ठाकुर को सांस्कृतिक राजदूत वर्ष पुरस्कार दिया। पीएम मोदी ने ड्रू हिक्स को सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय रचनाकार पुरस्कार प्रदान किया। पीएम मोदी ने गौरव चौधरी को तकनीकी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ रचनाकार का पुरस्कार प्रदान किया। कामिया जानी को पसंदीदा ट्रैवल क्रिएटर पुरस्कार प्रदान किया गया।

कविताज किचन और आरजे रौनक को भी मिला पुरस्कार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंक्ति पांडे को फेवरेट ग्रीन चैंपियन पुरस्कार प्रदान किया। पीएम ने रणवीर अल्लाहबादिया को डिसरप्टर ऑफ द ईयर का पुरस्कार दिया। कीर्तिका गोविंदासामी को सर्वश्रेष्ठ कहानीकार का पुरस्कार प्रदान किया गया। मल्हार कलांबे को स्वच्छता एंबेसडर पुरस्कार प्रदान किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जान्हवी सिंह को हेरिटेज फैशन आइकन अवॉर्ड प्रदान किया। इसके साथ ही श्रद्धा को सबसे रचनात्मक निर्माता-महिला पुरस्कार प्रदान किया। वहीं सर्वाधिक रचनात्मक क्रिएटर-मेल पुरस्कार आरजे रौनक (बौआ) को प्रदान किया। बेस्ट क्रिएटर इन फूट कैटेगरी में सर्वश्रेष्ठ निर्माता का पुरस्कार कबिता सिंह (कबिताज़ किचन) को दिया गया।

इस शहर में छिपा हो सकता है बेंगलुरु ब्लास्ट का आरोपी, NIA ने जताई आशंका

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बीते हफ्ते बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में हुए ब्लास्ट की जांच कर रही NIA ने एक के बाद एक कई खुलासे किए हैं। जानकारी के मुताबिक, NIA इस मामले में बेंगलुरु सेंट्रल जेल में बंद 4 आरोपियों से पूछताछ कर रही है।  CCTV फुटेज से इस बात की पुष्टि हो गई है कि बम धमाके को अंजाम देने के बाद संदिग्ध बेंगलुरु से कई बस बदलकर बल्लारी पहुंचा था। अब एनआईए ने इस बात की आशंका जाहिर की है कि ब्लास्ट का संदिग्ध आरोपी पुणे जैसे बड़े शहर में छिपा हो सकता है।

अब तक क्या-क्या पता चला?

बम धमाके को अंजाम देने के बाद संदिग्ध बेंगलुरू से कई बस बदलकर बल्लारी पहुंचा था। 1 मार्च की शाम 8 बजे से 9 बजे के बीच इसे बल्लारी बस स्टेंड पर देखा गया। NIA की एक टीम जांच के लिए बल्लारी भी भेजी गई है। जांच की टीम को शक है कि बल्लारी से आगे की यात्रा करने से पहले बम ब्लास्ट के संदिग्ध ने बल्लारी में किसी से मुलाकात की थी।

इस तरह पुणे पहुंच सकता है संदिग्ध

सूत्रों के मुताबिक, संदिग्ध बल्लारी से गोकर्णा जाने वाली बस में सवार हुआ और वो रास्ते में उतर गया। टीम को आशंका है कि वो भटकल में उतरा था और हो सकता है कि वहां से पुणे के लिए निकल गया हो। NIA की अलग-अलग टीम इन सभी कड़ियों को जोड़ने की कोशिश कर रही है ताकि संदिग्ध तक पहुंचा जा सके। इसके साथ ही जेल में बंद 4 आरोपी मोहम्मद सुलेमान, सैयद समीर, रहमान हुसैन और अनस इकबाल शेख को बॉडी वारंट पर लेकर इनसे सघन पूछताछ की जा रही है।

बम प्लांट करने के बाद मस्जिद गया संदिग्ध

NIA सूत्रों के मुताबिक, BMTC की बस में सवार होकर आया संदिग्ध कैफे में बम प्लांट करने के बाद उसी इलाके की एक मस्जिद में गया। इस मस्जिद में उसने शुक्रवार की जुमे की नमाज अदा की। वहीं आस-पास अपने कपड़े भी बदले। NIA ने इस मस्जिद के पास से उस बेसबॉल कैप को बरामद कर लिया है जो कि इस संदिग्ध ने पहना हुआ था।

अमृतपाल सिंह के पास से मोबाइल-कैमरा बरामद, डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल का अधीक्षक गिरफ्तार

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वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख और खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह इस वक्त असम में स्थित डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद है। हालांकि, इस जेल से एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। ANI की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, जेल में बंद अमृतपाल के पास से मोबाइल फोन और एक जासूसी कैमरे समेत कई सामान बरामद किए गए थे। अब इस मामले में पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की है। आइए जानते हैं क्या है ये पूरा मामला।

जेल अधीक्षक गिरफ्तार

जानकारी के मुताबिक, 17 फरवरी को डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह की हिरासत से मोबाइल फोन और एक जासूसी कैमरे सहित आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई थी। अब इस मामले में कार्रवाई करते हुए डिब्रूगढ़ पुलिस ने केंद्रीय डिब्रूगढ़ जेल के अधीक्षक निपेन दास को गिरफ्तार कर लिया है। इस खबर की पुष्टि डिब्रूगढ़ के एसपी वीवीआर रेड्डी ने की है।

बीते साल अप्रैल में गिरफ्तार हुआ था अमृतपाल

पंजाब पुलिस ने बीते साल अप्रैल महीने में खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह को रोडे गांव (भिंडरावाले के पैतृक गांव) से गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस को उसकी गिरफ्तारी के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। करीब एक महीने तक फरार रहने के बाद अमृतपाल को पकड़ा गया। इसके बाद उसे पंजाब से डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल शिफ्ट कर दिया गया था।

अजनाला थाने पर बोला था धावा

कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह ने अपने एक गिरफ्तार सहयोगी की रिहाई के लिए अजनाला पुलिस थाने पर उसके समर्थकों के साथ धावा बोल दिया था। अमृतपाल सिंह और उसके साथियों की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत गिरफ्तारी हुई है। अमृतपाल पुलिस के शिकंजे में 36 दिन बाद आया था। वो 18 मार्च से ही अजनाला से फरार चल रहा था। 23 अप्रैल को मोगा में मिला।

बेंगलुरु जल संकट पर शुरू हुआ एक्शन, जल बोर्ड ने निजी टैंकरों पर की सख्ती

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बेंगलुरु जल संकट को लेकर बैंगलोर जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (BWSSB) ने कहा है कि सारा शहर इस जल संकट से प्रभावित नहीं है। शहर के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्र के कुछ इलाकों में पानी किल्लत आ रही है। इन इलाकों में पीनिया इंडस्ट्रियल एरिया, नागरभावी, व्हाइटफील्ड, सरजापुरा के अंदरूनी इलाके प्रमुख तौर पर शामिल हैं। बोर्ड ने कहा कि चूंकि इन इलाकों में ग्राउंड वॉटर लेवल पहले से ही काफी कम है। इसलिए पिछले कई सालों से इन इलाकों में अप्रैल और मई के महीने में बोरवेल सूख जाते हैं और यहां के लोगों को टैंकर से पानी की सप्लाई करवानी पड़ती है।

बेंगलुरु में जल संकट पर एक्शन

बोर्ड ने कहा कि मई के अंत तक जैसे ही मॉनसून आता है ग्राउंड वॉटर रिचार्ज हो जाता है और फिर पेयजल का संकट कम हो जाता है। इस बार ये समस्या ज्यादा बढ़ी क्योंकि पिछले साल कम मानसून के चलते फरवरी के खत्म होते होते ही इन इलाकों में बोरवेल सूख गए। प्राइवेट टैंकर्स ने पानी के लिए मुंह मांगा दाम वसूलना शुरू कर दिया। इन क्षेत्रों में जो जुग्गी झोपड़ियां हैं, वहां समस्या और भी बढ़ गई है, क्योंकि वहां मोहल्ले की टंकियों में पानी की सप्लाई पर असर पड़ने लगा है।

इसकी वजह ये रही कि ज्यादा पैसों के लालच में निजी टैंकर्स ने बड़े-बड़े अपार्टमेंट्स में सप्लाई शुरू कर दी, जिसके चलते उन लोगों को पानी की ज्यादा किल्लत हो गई।

जल बोर्ड ने क्या कहा?

बोर्ड ने आगे कहा कि इसी तरह सरकार के RO प्लांट में भी सप्लाई पर असर पड़ा। पहले 5 रुपए में 20 लीटर पीने का शुद्ध पानी मिलता था। अब उसे 10 रुपए कर दिया गया है और एक सदस्य को एक ही कैन दिया जा रहा है। इन सब समस्याओं का संज्ञान लेते हुए प्रशासन हरकत में आया। इसी कारण अब सरकार ने सभी निजी टैंकर्स को अपने नियंत्रण में लेने का फैसला किया है। बता दें कि जल्द ही पीने के पानी से वाहनों की धुलाई और बागवानी के इस्तेमाल पर रोक लगा दी जाएगी। साथ ही बीडब्ल्यूएसएसबी ने बिल्डर के लिए एक पोर्टल बनाया है, जहां से भवन निर्माण के लिए ट्रीटेड वॉटर ले पाएंगे।

प्राइवेट टैंकरों पर सरकार का एक्शन

बता दें कि निजी टैंकरों पर सरकार की सख्ती के बाद अब अधिकांश जगहों पर प्रभावित इलाकों में नियमित सप्लाई हो रही है। हालांकि झुग्गी बस्तियों में अब कुछ दिक्कतों का लोगों को सामना करना पड़ रहाहै। पानी के संकट के कारण स्कूल और कॉलेजों को बंद किए जाने की खबर फर्जी है। साथ ही शहर के बन्नेरघट्टा इलाके में जिस सरकारी स्कूल में पानी का संकट था, उसे भी दुरुस्त कर लिया गया है। बता दें कि बच्चों को पर्याप्त पानी की सप्लाई की जा रही है। साथ ही स्कूल जिसके बारे में कहा गया था कि पानी की किल्लत के कारण उसे बंद किया गया है।

महाशिवरात्रि पर हुई केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की घोषणा, जानें किस दिन खुलेंगे भगवान शिव के द्वार?

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अगर आप भी केदारनाथ जाने की तैयारी कर रहे हैं तो ये खबर आपके काम की है। आज महाशिवरात्रि पर विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट की खुलने की घोषणा कर दी गई है। जानकारी के लिए बता दें कि मंदिर ट्रस्ट ने विश्व प्रसिद्ध 12वें ज्योतिर्लिंग बाबा केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की शुभ तिथि की घोषणा की है। केदारनाथ धाम के कपाट 10 मई को पूरे विधि विधान के साथ खोले जाएंगे।

9 मई के शाम तक केदारनाथ धाम पहुंचेगी मूर्ति

ट्रस्ट के मुताबिक, भगवान केदार नाथ की पंचमुखी भोग मूर्ति की 5 मई को पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में पूजा होगी। विभिन्न पड़ावों से होकर 9 मई के शाम तक केदारनाथ धाम पहुंचेगी। इसके बाद केदारनाथ धाम के कपाट 10 मई को शुक्रवार सुबह 7 बजे खोले जाएंगे। महाशिवरात्रि पर पंचकेदार गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय की उपस्थिति में आयोजित धार्मिक समारोह में कपाट खुलने की तिथि की गई है।

इस दिन खुलेंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट

गौरतलब है कि इससे पहले बसंत पंचमी पर भगवान बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित की गई थी, जिसमें 12 मई को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में पूरे विधि विधान के साथ बद्रीनाथ धाम के कपाट इस बार श्रद्धालुओं के लिए खोले जाने की घोषणा हुई थी। वहीं, आज महाशिवरात्रि पर केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि की घोषणा कर दी गई। साथ ही आज महाशिवरात्रि के मौके पर कई धार्मिक अनुष्ठानों का भी आयोजन किया गया है।

पोखरण में एक साथ आएंगी तीनों सेनाएं, स्वदेशी हथियारों से होगा युद्धाभ्यास

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 मार्च को राजस्थान के पोखरण जाने वाले हैं। यहां वो वॉरगेम ‘भारत शक्ति’ में हिस्सा लेंगे। बता दें कि इस अभियान में केवल स्वदेशी तरीके से तैयार हथियारों और सिस्टमों के जरिए हिस्सा लिया जाएगा। साथ ही पोखरण में होने वाले इस युद्ध अभ्यास में डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान सहित तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी भाग लेने वाले हैं। बता दें कि 12 मार्च 2024 को होने वाले इस युद्धाभ्यास के लिए भारतीय सेना पूरी तरह तैयार है। इस बाबत भारतीय सेना ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि स्वदेशी रूप से निर्मित हथियारों और उपकरणों की शक्ति का प्रदर्शन युद्ध के मैदान में किया जाएगा। ये राष्ट्र की आत्मनिर्भरता की पहल है।

पोखरण में सैन्य युद्धाभ्यास

भारतीय सेना के एडीजीपीआई द्वारा जानकारी साझा करते हुए एक वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें सेना के हथियार और उपकरण दिखाए गए हैं। बता दें कि पीएम मोदी संभावना जताई जा रही है कि 12 मार्च को जब पीएम मोदी पोखरण में इस युद्धाभ्यास के साक्षी होंगे। इस दौरान वे सैन्य नेतृत्व को सैन्य मामलों राणनीति आधारित क्रांति विकसित करने को कह सकते हैं। माना जा रहा है कि ‘भारत शक्ति’ नाम से हो रहे इस युद्धाभ्यास में भारतीय सेना द्वारा तैयार डिफेंस सिस्टम और नेटवर्क आधारित सिस्टम की टेस्टिंग की भी की जाएगी।

तीनों सेनाएं लेंगी भाग

इस युद्धाभ्यास के जरिए स्वदेशी हथियारों की शक्ति और उनके ताकत का अंदाजा लगाया जा सकेगा। साथ ही स्वदेशी युद्धाभ्यास कम्युनिकेशन और नेटवर्क क्षमता की भी टेस्टिंग हो सकेगी, ताकि युद्ध के दौरान दुश्मन देश उन्हें हैक कर सकता है या नहीं ये भी पताया लगाया जा सके। बता दें कि इस युद्धाभ्यास में तीनों सेनाओं एक साथ मिलकर युद्धाभ्यास करेंगी। इसमें थल सेना, जल सेना और वायुसेना शामिल है। बता दें कि अमूमन युद्धाभ्यास के दौरान ये तीनों सेनाएं अलग-अलग तरीके से काम करती हैं लेकिन 12 मार्च को होने वाले युद्धाभ्यास में तीनों ही सेनाएं एक साथ आने वाली हैं।

सुधा मूर्ति बनीं राज्यसभा सांसद, राष्ट्रपति मुर्मू ने किया मनोनित, प्रधानमंत्री मोदी ने दी शुभकामनाएं

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इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति की पत्नी और मशहूर लेखिका सुधा मूर्ति को राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने X हैंडल पर यह जानकारी दी। बता दें कि सुधा मूर्ति इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष भी हैं।

पीएम ने X पर लिखा, ”मुझे ख़ुशी है कि भारत के राष्ट्रपति ने सुधा कृष्णमूर्ति को राज्यसभा के लिए मनोनित किया है। सुधा जी का सामाजिक कार्य, परोपकार और शिक्षा सहित विविध क्षेत्रों में योगदान अतुलनीय और प्रेरणादायक रहा है। राज्यसभा में उनकी उपस्थिति हमारी ‘नारी शक्ति’ का एक शक्तिशाली प्रमाण है, जो हमारे देश की नियति को आकार देने में महिलाओं की ताकत और क्षमता का उदाहरण है। उनके सफल संसदीय कार्यकाल की कामना करता हूं।”

सुधा मूर्ति ने जाहिर की खुशी

राज्यसभा के लिए मनोनीत होने पर सुधा मूर्ति ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि वे फिलहाल भारत में नहीं हैं लेकिन यह उनके लिए महिला दिवस का एक बड़ा उपहार है। देश के लिए काम करना एक नई जिम्मेदारी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया है।

सुधा मूर्ति कौन हैं?

बता दें कि सुधा मूर्ति इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष होने के साथ-साथ एक टीचर और राइटर भी हैं। उन्होंने कई किताबें लिखी हैं। उनका जन्म 19 अगस्त 1950 को शिगांव में हुआ। उन्होंने इनंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति से साल 1978 में शादी की। उनकी एक बेटी अक्षरा मूर्ति हैं जो ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पत्नी हैं। सुधा मूर्ति के बेटे का नाम रोहन मूर्ति है। उन्हें 74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

युवाओं को नौकरी का झांसा देकर कैसे भेजते हैं रूस-यूक्रेन युद्ध में एजेंट्स, जानें कैसे काम रहा ये पूरा नेटवर्क

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हाल ही देश भर से कुछ ऐसी खबरें आई, जिन्होंने हमें ठगों के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया। बीते दिनों कुछ खबरें आईं कि कुछ युवकों को जबरन रशियन आर्मी में भर्ती कर यूक्रेन से लड़ने भेजा जा रहा है। इसे लेकर विदेश मंत्रालय अलर्ट हुआ और रशियन सरकार से बातचीत शुरू कर दी। ऐसे में आज हम आपको इस नेटवर्क से जुड़ी सारी जानकारी देने जा रहे हैं कि कैसे भारतीय युवाओं को विदेश में नौकरी के नाम पर रशिया-यूक्रेन के युद्ध मे फ्रंट लाइन पर भेजा जाता था?

 युवाओं को ऐसे झांसे में लेते हैं

इस नेटवर्क का सबसे पहला स्टेप होता है प्रमोशन यानी प्राइवेट वीजा कंसल्टेंसी की अलग-अलग कपनियां वीडियो, यूट्यूब के माध्यम से वीडियो बनाकर उन युवाओं से कनेक्ट होते थे जो विदेश में नौकरी के इच्छुक होते है। फिर इन युवाओं को कहा जाता है अलग-अलग किस्म की जॉब है, जैसे डिलीवरी बॉय, रशियन आर्मी में जॉब। आर्मी में जॉब के लिए ये कहते थे कि आपको बॉर्डर पर जाकर टैंक बंदूक नहीं चालाना न कोई युद्ध में जाना है। वे युवकों को भरोसे में लेते हैं कि ऐसा कुछ नहीं होगा।

वीडियो दिखाकर दिलाते है भरोसा

भरोसे के लिए रशिया से ये कुछ वीडियो बनाकर दिखाते थे कि देखिए यहां सब ठीक है हालात ठीक है, रशिया ने यूक्रेन के कुछ हिस्से को कब्जे में ले लिया है। यहां की आर्मी युद्ध क्षेत्र में है आपको वहां नहीं जाना है। बल्कि आपकी जॉब होगी, आर्मी में हेल्पर के तौर पर। जैसे कागजी कार्यवाही को संभालना, युद्ध में ध्वस्त हुई इमारतों को खाली कराना, उनकी लिस्ट बनाना आदि। इस तरह से आर्मी में हेल्पर का काम का बहाना दिया जाता है। फिर युवकों को कहा जाता था आपकी 3 महीने की ट्रेनिंग होगी, ट्रेनिंग के दौरान आपको 40,000 सैलरी मिलेगी, उसके बाद आपकी सैलरी 1 लाख हो जाएगी।

कांट्रेक्ट साइन के लिए करते हैं मजबूर

फिर जब युवा जिन्हें विदेश में नौकरी की चाहत होती थी वो रशिया जाते थे, यहां पहुंचते ही एजेंट उन्हें ले जाता था कैंप के किसी साइट पर और इन युवकों के सारे वैलिड डॉक्यूमेंट्स ले लेता था। फिर इन्हें कहा जाता था आपको युद्ध की ट्रेनिंग देकर फ्रंट लाइन पर भेजा जाएगा, जब युवा मना करते थे तो रशिया पुलिस उन्हें पकड़कर कहीं रखती थी और कहा जाता था या तो हमारे साथ एक कांट्रेक्ट साइन करो वरना 10 साल की सजा होगी। युवा बिना भाषा को समझे कांट्रेक्ट मजबूरी में साइन करते थे और फिर युवाओं को फ्रंट लाइन में लड़ने भेज दिया जाता था।

सीबीआई ने की 13 ठिकानों पर छापेमारी

इस मामले में हाल ही में सीबीआई ने एक्शन लिया है। सीबीआई ने 7 राज्यों में सीबीआई की 13 ठिकानों पर चल रही छापेमारी पूरी हो चुकी है। जांच में सामने आया है कि दिल्ली वाली वीजा कंसल्टेंसी कंपनी ने लगभग 180 भारतीय युवाओं को रशिया भेजा है। साथ ही सीबीआई ये भी जांच कर रही है जिनमें से कितने युवाओं को वार जॉन में भेजा गया है। जांच में सामने आया कि ज्यादातर युवाओं को स्टूडेंट वीजा पर रशिया भेजा जाता था। सीबीआई अब ये पता लगाने में जुट गई है कि कितने युवाओं को स्टूडेंट वीजा पर रशिया भेजा गया, जिन्होंने यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया और कितने ऐसे है जिन्होंने एडमिशन ही नहीं लिया ये भी पता लगाया जा रहा है। जांच में ज्यादातर युवा स्टूडेंट वीजा पर रशिया पहुंचकर यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने की बजाय गैरकानूनी तरीके से नौकरी में लग जाते थे।

37 पीड़ित आए सामने

हाल ही में इसी युद्ध में हैदराबाद के मोहम्मद असफान की मौत हो गई, इसकी जानकारी जब एंबेसी को लगी फिर सीबीआई ने सू-मोटो लेकर इन कंसल्टेंसी और इनके डायरेक्टर्स पर मुकदमा दर्ज करके रेड की और तमाम दस्तावेज सहित 50 लाख रुपए बरामद किए है। करीब 37 ऐसे पीड़ितों की बात सामने आई है जिन्हें धोखे से रशिया भेजा गया और आर्मी में लड़ने भेज दिया, जिसमें एक युवा की मौत और कई घायल हुए है। एमईए, होम मिनसिट्री, सीबीआई के साथ मिलकर युवाओं को रशिया से भारत लाने की कोशिश कर रही है और इन कंपनियों को चलाने वाले लोगो पर शिकंजा कसा जा रहा है।

BSF ने बॉर्डर पर पाकिस्तानी घुसपैठिए को मार गिराया, इस राज्य में घुसने की कर रहा था कोशिश

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सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने शुक्रवार तड़के राजस्थान के श्रीगंगानगर में भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश कर रहे एक पाकिस्तानी घुसपैठिए को मार गिराया। सीमा पर तैनात बीएसएफ के जवानों ने रात करीब 12.30 बजे सीमा पर बाड़बंदी से आगे सुंदरपुरा इलाके में एक घुसपैठिए को भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश करते हुए देखा। सेना ने उसे तुरंत चुनौती दी लेकिन वह बाड़ की ओर बढ़ता रहा। इसके बाद बीएसएफ जवानों ने घुसपैठिए पर गोलीबारी की।

बीएसएफ ने एक बयान में कहा कि कानूनी प्रोटोकॉल के अनुसार शव को पुलिस को सौंपा जा रहा है। बता दें कि बीएसएफ सैनिकों को गुजरात, राजस्थान, पंजाब, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के साथ लगने वाली 3,323 किलोमीटर लंबी भारत-पाकिस्तान सीमा की रक्षा करने के लिए बॉर्डर पर तैनात किया गया है।

बीएसएफ की स्थापना 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद भारत की सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और संबंधित मामलों के लिए की गई थी। युद्ध छिड़ने के दौरान इसकी विभिन्न सक्रिय भूमिकाएं होती हैं।