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भागलपुर: 1 मार्च से यज्ञ व श्रीमद् भागवत कथा का होगा आयोजन आज शहर में निकल गया भाव कल से शोभा यात्रा

भागलपुर के मोदीनगर कूतूमगंज महादेव तालाब से आज एक भव्य कलश शोभा यात्रा निकालि गई, यह कलश शोभायात्रा कोतवाली महादेव तालाब से निकालकर पूरे शहर में भ्रमण किया, इस शोभायात्रा का मुख्य आकर्षण श्री राम मंदिर था

1 मार्च से 9 मार्च तक यज्ञ व श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है।इसको लेकर यह शोभायात्रा निकाली गई वहीं आयोजकों ने बताया इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है लोगों में सनातन धर्म बरकरार रहे और उसके प्रति आस्था बनी रहे।

श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ मैं प्रवचन करने आ रही वृंदावन की कथा वाचिका ने भी सनातन धर्म पर जोर देते हुए कहा कि हमें सनातन को बचाना है और उसे जगह रखना है। इसके लिए आप लोग सभी इस कथा में अवश्य सम्मिलित हों।

केआइएसएस मानवतावादी सम्मान से सम्मानित किए गए माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक बिल गेट्स

माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक तथा वैश्विक समाज सेवी, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह-अध्यक्ष बिल गेट्स को उनके सामाजिक कार्यों के लिए के आइएसएस मानवतावादी सम्मान 2023 से सम्मानित किया गया। यह समारोह 28 फरवरी, 2024 को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में हुआ, जिसमें वैश्विक स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ाने और असमानता को कम करने के उद्देश्य से नवीन प्रौद्योगिकी समाधानों के माध्यम से जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने में श्री गेट्स के अद्वितीय योगदान को स्वीकार किया गया।

सम्मान समारोह में पूर्व छात्रों के साथ-साथ केआइआइटी और केआइएसएस के कर्मचारियों और छात्रों ने आभासी भागीदारी की। इस आयोजन का एक उल्लेखनीय क्षण लिंग समानता पर एक सार्थक बातचीत में श्री गेट्स की भागीदारी थी, जो केआइएसएस की एक पूर्व छात्रा के एक प्रश्न से प्रेरित थी।

केआइआइटी, केआइएसएस और केआइएमएस के संस्थापक प्रोफेसर अच्युत सामंत ने कहा कि बिल गेट्स को केआइएसएस मानवतावादी पुरस्कार से सम्मानित करना न केवल उनके असाधारण योगदान का सम्मान करता है बल्कि इस मान्यता की प्रतिष्ठा को भी बढ़ाता है। उनकी स्वीकृति विश्व स्तर पर मानवीय कार्यों के लिए एक नया मानदंड स्थापित करती है। यह हमारे लिए अत्यंत सम्मान की बात है कि बिल गेट्स हमारी सम्मानित सूची में शामिल हो रहे हैं।’

इस अवसर पर बिल गेट्स ने सम्मान के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ. सामंत और केआइएसएस के परिवर्तनकारी कार्य प्रशंसनीय हैं। गेट्स ने कहा कि इस अद्भुत सम्मान के लिए और यहां मेरा स्वागत करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

हालांकि आपने जो कुछ हासिल किया है उसके लिए मुझे आपको बधाई देनी चाहिए। उन्होंने स्वदेशी समुदायों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए डॉ. सामंत के दृष्टिकोण और समर्पण की सराहना की और नागरिक भागीदारी और शिक्षा के लिए समुदाय-प्रथम दृष्टिकोण के महत्व पर प्रकाश डाला।

प्रोफेसर अच्युता सामंत द्वारा 2008 में शुरू किया गया, केआइएसएस मानवतावादी सम्मान केआइआइटी और केआइएसएस का सर्वोच्च सम्मान है जो दुनिया भर में मानवीय कार्यों की भावना को मूर्त रूप देने वाले व्यक्तियों और संगठनों को मान्यता देने के लिए समर्पित है।

पुरस्कार में एक प्रशस्ति पत्र और एक सोने की परत वाली ट्रॉफी शामिल है जो केआइएसएस में एक सार्वजनिक समारोह में दिए गए एक महान सामाजिक संदेश को दर्शाती है। सोना चढ़ाया हुआ ट्रॉफी पवित्रता, दयालुता, समृद्धि और आशा के गुणों के साथ मानवतावादी के सुनहरे दिल का प्रतीक है।

इसमें हाथों की एक जोड़ी को हृदय को ऊपर उठाते हुए दिखाया गया है, जिसकी बनावट लहराते हाथों जैसी आकृतियों से की गई है, जो इस बात का प्रतीक है कि कैसे समर्पित हाथों की एक जोड़ी असहाय लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है और दुनिया को रहने के लिए एक बेहतर जगह बना सकती है। पिछले प्राप्तकर्ता इस प्रतिष्ठित पुरस्कार में वैश्विक नेताओं, नोबेल पुरस्कार विजेताओं और विभिन्न क्षेत्रों की उल्लेखनीय हस्तियों का एक विविध समूह शामिल है, जो इस पुरस्कार की व्यापक अंतरराष्ट्रीय अपील और सम्मान को दर्शाता है।

केआइएसएस मानवतावादी सम्मान पाने वाली कुछ प्रमुख हस्तियां
केआइएसएस मानवतावादी सम्मान पाने वाली कुछ प्रमुख हस्तियां इस प्रकार है।

मैडम एडना बोमो मोलेवा, दक्षिण अफ्रीका के उत्तर-पश्चिमी राज्य की पूर्व प्रधान मंत्री, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री, डॉ. हैम-की-सन, हंसियो विश्वविद्यालय के अध्यक्ष, दक्षिण कोरिया के एक उत्कृष्ट नेत्र रोग विशेषज्ञ, श् अनिरुद्ध जुगनौथ, मॉरीशस गणराज्य के राष्ट्रपति, आरटी।

माननीय. लॉर्ड जस्टिस निकोलस एडिसन फिलिप्स, यूके के सुप्रीम कोर्ट के अध्यक्ष, ल्योनचेन जिग्मी थिनले, भूटान के प्रधान मंत्री, मैडम अल्बिना डु बोइसरोउवरे, संस्थापक एफएक्सबी इंटरनेशनल, स्विट्जरलैंड, परम पावन दलाई लामा, आध्यात्मिक नेता और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता 2005, प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस, संस्थापक, ग्रामीण बैंक, बांग्लादेश और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता, डान्सा कौरौमा, नेशनल ट्रांज़िशन काउंसिल ऑफ़ गिनी के अध्यक्ष और मामा राचेल रुतो, केन्या गणराज्य की प्रथम महिला।

प्रो. अमरेश्वर गल्ला, प्रो-चांसलर, केआईएसएस डीम्ड यूनिवर्सिटी और समावेशी संग्रहालय और सतत विरासत विकास पर यूनेस्को के अध्यक्ष ने केआईएसएस की ओर से बिल गेट्स और उनके परोपकार से लाभान्वित होने वाले अद्भुत लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया।

तेजस्वी बिहार में सही योग कर रहा है, लाखो लोग उस नौजवान को देखने आरहे है ~ बाबा रामदेव

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) फैन हो गए हैं. उन्होंने अपने बयान में यह भी साफ कह दिया है कि इसे पक्ष-विपक्ष के साथ जोड़कर न देखा जाए. उन्होंने अपने में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का भी जिक्र किया है. दरअसल बाबा रामदेव ने एक टीवी चैनल से बातचीत में तेजस्वी यादव की जमकर तारीफ कर दी है. अब इसकी चर्चा हो रही।

योग गुरु बाबा रामदेव ने अपने बयान में कहा है, “आज कल तेजस्वी सही योग कर रहा है. मुझे पक्ष-विपक्ष नहीं… निष्पक्ष रखना. मैं ना किसी की निंदा करने आया हूं, ना स्तुति करने आया हूं. तेजस्वी जिस तरह से बिहार में निकला है, लाखों लोग उस लड़के को सुनने आ रहे हैं. मैं तो यह चाहता हूं… प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद कहते हैं कि सत्ता पक्ष के साथ खुद विपक्ष भी मजबूत रहना चाहिए.”

जनविश्वास यात्रा पर निकले हैं तेजस्वी

बता दें कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बदल जाने के बाद सीएम नीतीश कुमार एनडीए के साथ चले गए हैं. तेजस्वी यादव का कहना है कि जो काम 17 साल में नहीं हुआ है वह 17 महीनों में उन्होंने कर दिखाया है. सरकार जाने के बाद अब वह लोगों के बीच जा रहे हैं. इसके लिए उन्होंने जनविश्वास यात्रा की शुरुआत की है. मुजफ्फरपुर से यात्रा शुरू हुई है. तीन मार्च को पटना के गांधी मैदान में रैली होगी. तेजस्वी ने कहा है कि वह लोगों का विश्वास जीतने के लिए यात्रा पर निकले हैं।

…और फैन हो गए बाबा रामदेव

तेजस्वी यादव की यात्रा में काफी संख्या में समर्थक, कार्यकर्ता और लोग पहुंच रहे हैं. जो तस्वीरें सामने आ रही हैं उसमें यह सब दिख रहा है. इसी को लेकर योग गुरु बाबा रामदेव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. वह तेजस्वी यादव की यात्रा और इसमें होने वाली भीड़ को देखकर उनके फैन हो गए।

‘नया कानून आपातकाल जैसा’, बोले भाई वीरेंद्र- ‘अपराध नियंत्रण विधेयक के खिलाफ सड़क पर उतरेगी RJD’

बिहार में विधानसभा का सत्र चल रहा है और इस दौरान नया अपराध नियंत्रण बिल को पास किया जाना है. इसको लेकर अभी से ही विरोध शुरू हो गया है, राजद के विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा है यह कानून गलत है और आपातकाल जैसा है. हमलोग इसका विरोध सड़क पर उतरकर करेंगे।

“जिस तरह से देश पर आपातकाल थोपा गया था और हम लोगों ने उसका विरोध किया था, उसी तरह बिहार में अपराध नियंत्रण को लेकर इस तरह का कानून थोपा जा रहा है. जिलाधिकारी जिसे चाहेंगे उसे अपराधी घोषित कर जिला बदर कर सकेंगे. पुलिस को जो मन में होगा वह करेगी इस तरह का कानून कहीं से भी उचित नहीं है”- भाई वीरेंद्र, राजद विधायक

‘सड़क पर उतर कर करेंगे आंदोलन’: उन्होंने कहा कि इस कानून का हम लोग विरोध करेंगे और हम जनता से भी कहेंगे कि जनता भी सड़क पर उतरकर इस कानून का विरोध करे. साथ ही उन्होंने के के पाठक को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि सदन के अंदर मुख्यमंत्री ने जो कहा था उसका भी पालन अब बिहार में अधिकारी नहीं कर रहे हैं. सरकारी विद्यालय के समय अभी तक नहीं बदले हैं. मुख्यमंत्री के आदेश का पालन नहीं करने वाले अधिकारी पर हम कारवाई का मांग करते हैं।

क्या है अपराध नियंत्रण बिल 2024ः इस विधेयक में ऐसा प्रावधान है कि अगर डीएम को लगता है कि कोई व्यक्ति एक असामाजिक तत्त्व है. उसके जिले में रहने और गतिविधियों से लोगों या सम्पत्ति को भय, खतरा या हानि पहुंच रही है या पहुंच सकती है, या उस व्यक्ति को अपनी जगह से हटाये बगैर उसकी गतिविधियां नहीं थमेंगी, तो डीएम उसे तड़ीपार करने का आदेश दे सकेगें. उस व्यक्ति से पहले स्पष्टीकरण मांगा जायेगा और फिर कार्रवाई कर दी जायेगी. डीएम ऐसे व्यक्ति को 6 महीने के लिए तड़ीपार करने का आदेश देंगे. इसे 2 साल तक बढ़ाया जा सकेगा।

कांग्रेस और राजद के बागी विधायकों का क्या होगा राजनीतिक भविष्य ? बनेंगे मंत्री या होगी कार्रवाई !

बिहार में मंत्रिमंडल का एक और विस्तार अपेक्षित है. मंत्रिमंडल विस्तार से पहले एनडीए अपने कुनबे को बढ़ाने में जुटी है. महागठबंधन के तीन विधायकों ने पाला बदल लिया है और वह भाजपा खेमे में आ गए हैं. सवाल यह उठता है कि एनडीए में आने वाले विधायकों का राजनीतिक भविष्य क्या है ?

महागठबंधन के तीन बागी विधायक: राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है. राष्ट्रीय जनता दल के एक विधायक और कांग्रेस के दो विधायकों ने महागठबंधन छोड़ने का फैसला लिया है और वह सत्ता पक्ष की ओर आ गए हैं. पाला बदलने वालों में कांग्रेस पार्टी विधायक सिद्धार्थ सौरव और पूर्व मंत्री मुरारी गौतम का नाम शामिल है. इसके अलावा मोहनिया से राष्ट्रीय जनता दल विधायक संगीता कुमारी भी एनडीए में आ चुकी हैं।

मुरारी गौतम के मंत्री बनने की चर्चा: बता दें कि चिनारी से कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री मुरारी गौतम ने पाला बदला है. मुरारी गौतम पूर्व के सरकार में भी मंत्री थे और मिल रही जानकारी के मुताबिक एनडीए सरकार में भी मुरारी गौतम को मंत्री बनाया जा सकता है. हालांकि मुरारी गौतम सासाराम सुरक्षित लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं।

कांग्रेस के दूसरे बागी विधायक: दूसरी बार कांग्रेस पार्टी के विक्रम विधायक सिद्धार्थ सौरव पिछले एक महीने से सुर्खियों में हैं. विधायकों को जब हैदराबाद ले जाया गया था, तब भी सिद्धार्थ हैदराबाद नहीं गए थे. तभी से इस बात के संकेत मिलने लगे थे कि सिद्धार्थ पाल बदल सकते हैं. आखिरकार सिद्धार्थ ने भी पाला बदल लिया और वह एनडीए खेमे में आ गए. सिद्धार्थ जहानाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं, अगर लोकसभा टिकट के मसले पर सहमति नहीं बन पाती है तो इन्हें भी बिहार सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है।

राजद से संगीता कुमारी का मोह भंग: संगीता कुमारी दलित समुदाय से आती हैं और मोहनिया सुरक्षित क्षेत्र से विधायक हैं. संगीता कुमारी राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर चुनाव जीती थी, लेकिन अब राष्ट्रीय जनता दल से उनका मोह भंग हो गया है. संगीता कुमारी की महत्वाकांक्षा भी सासाराम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की है।

बक्सर में आपा खो बैठे अश्विनी चौबे, विरोध करने वाले बागी नेताओं को बताया दुराचारी

बक्सर: 2024 का चुनावी संग्राम से पहले ही, केंद्रीय राज्य मंत्री सह बक्सर सांसद अश्विनी कुमार चौबे के खिलाफ बीजेपी के कई नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है. सड़क से लेकर पार्टी कार्यालय के अंदर तक कई महीनों से लगातार हो रहे विरोध के कारण भाजपा दो खेमे में बंट गई है. उनका पुतला दहन किया जा रहा है. इस पर अश्विनी चौबे ने गुस्से में कहा कि जो दुराचारी है वही मेरा विरोध कर रहा है।

‘विरोध करने वाले मिट्टी में मिलेंगे’: पार्टी के नेताओं के द्वारा अपने ही पार्टी के सांसद का पुतला जलाने एवं विरोध करने का सवाल जब पत्रकारों ने सांसद अश्विनी कुमार चौबे से पूछा तो उन्होंने कहा कि, “जो दुराचारी है, अत्याचारी है, व्यभिचारी है, वही मेरा विरोध कर रहा है. पुतला जला रहा है. मैं डरने वाला नही हूं. ऐसे लोग मिट्टी में मिल जाएंगे.” वहीं विरोध के बाद भी चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने चुप्पी साध ली।

बीजेपी नेता कर रहे अश्विनी चौबे का विरोध: बता दें कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले, स्थानीय सांसद सह केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के द्वारा किए गए वादों को पूरा नहीं होने के बाद भाजपा के दिग्गज नेताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया है. डुमरांव अनुमंडल से लेकर के बक्सर अनुमंडल तक पुतला फूंका जा रहा है।

विश्वामित्र महोत्सव में पहुंचे थे सांसद: लगातार बढ़ रहे बागी नेताओं की संख्या को दबाने के लिए पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने जिले के निवर्तमान जिला अध्यक्ष माधुरी कुंवर और पूर्व जिला अध्यक्ष राणा प्रताप सिंह पर कार्रवाई भी की. उसके बाद भी इनकी संख्या और बढ़ते ही जा रही है. पार्टी के अंदर लगातार हो रहे विरोध को लेकर मंत्री से जब पत्रकारों ने सवाल पूछा तो, उन्होंने अपना आपा खो दिया. बता दें कि अश्विनी चौबे, जिला प्रशासन के द्वारा शहर के ऐतिहासिक किला मैदान में आयोजित विश्वामित्र महोत्सव में शामिल होने पहुंचे थे।

रोहतास में इंसानियत शर्मसार, 4 साल के लड़के के साथ दादा ने की घिनौनी हरकत

बिहार के रोहतास में लड़के के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है. यहां 4 साल के मासूम के साथ उसके रिश्तेदारों ने ही मिलकर घिनौनी हरकत को अंजाम दिया गया है, जिससे इंसानियत भी शर्मशार हो जाए. मामला जिले के अगरेर इलाके के एक गांव का है. घटना को अंजाम देकर दोनों दरिंदे फरार हो गए. दुष्कर्म करने वाला दोनों आरोपी रिश्ते में बच्चे के दादा लगते हैं।

रोहतास में बच्चे के साथ दुष्कर्म: मिली जानकारी के अनुसार गांव के रहने वाले दो लोगों ने मासूम को टॉफी का लालच देकर एक मकान में ले गए, फिर उसके साथ गलत हरकत की. जब बच्चा चिल्लाने लगा, तो दोनों आरोपी मासूम को छोड़ कर फरार हो गए. बच्चे की तबीयत बिगड़ने लगी, तो शोर-शराबा होने पर ग्रामीण इकट्ठा हुए और आनन-फानन में इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया।

मामले पर पुलिस का बयान: घटना की सूचना पर पुलिस पहुंची, जिसके बाद बच्चे का मेडिकल जांच कराया गया. इसको लेकर एसआई जय प्रकाश पांडे ने बताया कि ‘एक मासूम के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है. मेडिकल जांच के लिए सासाराम के सदर अस्पताल लाया गया है. पूरे मामले की तफ्तीश की जा रही है. परिजनों की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.’

“आरोपी बच्चे के गांव के रिश्ते में दादा लगता है. एक अन्य के साथ मिल कर ऐसा घिनौना काम किया है. घटना के बाद दोनों फरार हो गया. जब बच्चा शोर मचाने लगा, तो हमलोगों को बात समझ में आई. आस पास के बच्चों ने भी इस घटना के बारे में बताया.”- पीड़ित बच्चे का दादा

‘वकील, मुंशी, जज सभी BJP वाले हैं, फैसला जो चाहे कर लें’, आखिर शकील अहमद खान ने ऐसा क्यों कहा

कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान से जब पूछा गया कि आखिर कांग्रेस के साथ ऐसा क्यों हो रहा है? तो उन्होंने इस पूरे मामले का ठीकरा भाजपा पर फोड़ा और कहा कि धन-बल-छल लोकतांत्रिक व्यवस्था को तोड़ने की परंपरा भारतीय जनता पार्टी ने पूरे देश में चलाई है. उसी की एक झलक यहां देखने को मिल रही है. मैं दूर की बात कहता हूं, इस तरीके से देश-समाज के डेमोक्रेटिक पॉलिटिक्स का फायदा नहीं होने वाला है।

‘जिन्होंने पार्टी छोड़ी वो गद्दार’ : अफसोस का मुकाम यह है कि जो लोग चुनकर आते हैं, जिस सिंबल पर चुनाव जीत कर आते हैं, जिस रिसोर्सेज के साथ आते हैं, वह दूसरी तरफ चले जाते हैं. इनकी गिनती गद्दारों के लिस्ट में होती है. जहां जाते हैं उन्हें लगता है कि क्षणिक खुशी मिल गई है, ऐसा होता नहीं, वह जिस पार्टी के पक्ष में नारे लगा रहे थे वह दूसरी पार्टी में चले जाते हैं. इसके परिणाम अच्छे नहीं होते हैं।

देश और समाज के लिए खतरनाक : कांग्रेस नेता से पूछा गया कि मंगलवार का जो दिन था वह कांग्रेस के लिए काफी बैड डे था. हिमाचल से लेकर बिहार तक में टूट हो गई. इस पर शकील अहमद खान ने कहा कि ”यह अफसोसनाक है, यह जो चीज चल रही हैं वह देश और समाज के लिए खतरनाक चल रही. आखिर हम लोग नई जेनरेशन के लिए कौन सा उदाहरण पेश कर रहे हैं, आप यही उदाहरण पेश कर रहे हैं कि आपके पास पैसे हों, सरकार हो तो आप तोड़-ताड़ कर दूसरे पार्टी से लोगों को लाएंगे और अपनी संख्या बढ़ा लेंगे. इसका किसको लाभ मिलेगा. इतिहास तो रहेगा देश और समाज भी रहेगा. यह बहुत अफसोसनाक है.”

‘हम वैचारिक रूप से संघर्ष कर रहें है’ : कांग्रेस नेता से जब पूछा गया कि चर्चा यह भी चल रही थी कि कुछ और विधायक सत्तारूढ़ दल में जाएंगे. तो शकील अहमद खान ने कहा कि कुछ भी हो सकता है. जब वकील वही हों, मुंशी भी वही हों, जज भी वही हों तो अपने केस का तो फैसला अपने हक में लिखवा लेंगे. हम अपने विचार और अपने दल के साथ हैं. पूरे देश में जो एमएलए हैं वह वैचारिक रूप से संघर्ष कर रहें है. भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस से कांग्रेस का बहुत पुराना वैचारिक संघर्ष है जो चलेगा और अंत में जीत सच्चाई की होगी. देश की एकता और सामाजिक एकता बनी रहेगी।

‘जिन्होंने पाला बदला, उनकी सदस्यता जाएगी’ : बिहार में पाला बदलने वाले विधयकों के बारे में कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा कि जो संवैधानिक चीज हैं उसको लेकर हम लोगों ने स्पीकर के सामने कहा है कि वह गलत गए हैं. और हम लोगों ने स्पीकर से कहा है कि उनको सदन से निकाल दिया जाए. उन लोगों ने कानून तोड़ा है. उनकी सदस्यता रद्द की जाए।

चार दिनों के बिहार दौरे पर आज पटना आएंगे मोहन भागवत, RSS के शताब्दी वर्ष की योजनाओं पर करेंगे चर्चा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख सर संघचालक डॉ मोहन भागवत अपने प्रवास के क्रम में 4 दिन पटना में रहेंगे. पटना में मोहन भागवत 29 फरवरी से 3 मार्च तक रहेंगे. यह दौरा संघ स्थापना के शताब्दी वर्ष के योजनाओं की समीक्षा के लिए है. बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना नागपुर में विक्रम संवत 1982 (1925 ई.) को विजयादशमी के दिन की गई थी, आगामी वर्ष संघ स्थापना का शताब्दी वर्ष है।

मोहन भागवत का चार दिवसीय बिहार दौराः संघ का लक्ष्य है कि शताब्दी वर्ष तक संघ की शाखा प्रत्येक खंड में प्रारंभ हो. इसी कार्यक्रम को लेकर मोहन भागवत का प्रवास हो रहा है, हालांकि इसे 2024 की तैयारी के लेहाज से भी अहम माना जा रहा है. यह वर्ष संघ का निर्वाचन वर्ष है. प्रत्येक 3 वर्ष पर संघ के पदाधिकारियों का निर्वाचन स्वयंसेवक करते हैं।

प्रदेश में कई बैठकें करेंगे सर संघचालकः मोहन भागवत संघ के नव निर्वाचित पदाधिकारियों के साथ आगामी 3 वर्षों के लक्ष्य पर चर्चा करेंगे. इसके साथ गत 3 वर्षों के कार्यों की समीक्षा भी करेंगे. इस 4 दिन में लगभग एक दर्जन से ज्यादा बैठकें होगीं. 3 मार्च को सुबह पटना महानगर के स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे. हालांकि मोहन भागवत का ये राजनीतिक दौरा नहीं है, फिर भी 2024 के चुनाव को लेकर उनकी ये बैठकें अहम मानी जा रही हैं।

बीजेपी की है बिहार पर पैनी नजर: बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी की बिहार पर पैनी नजर है. बिहार फतह करना बीजेपी का बड़ा लक्षय है, यही वजह है कि बीजेपी के केंद्रीय मंत्रियों का दौरा भी शुरू हो गया है. बीते दिनों राजनाथ सिंह, मुख्तार अब्बास नख्वी समेत बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने बिहार के विभिन्न जिलों का दौरा किया. इसके बाद पीएम मोदी 2 मार्च को औरंगाबाद आएंगे और फिर अमित शाह भी जल्द ही बिहार आने वाले हैं. इससे पहले संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत का ये बिहार दौरा कई मायनों में अहम है।