राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख सर संघचालक डॉ मोहन भागवत अपने प्रवास के क्रम में 4 दिन पटना में रहेंगे. पटना में मोहन भागवत 29 फरवरी से 3 मार्च तक रहेंगे. यह दौरा संघ स्थापना के शताब्दी वर्ष के योजनाओं की समीक्षा के लिए है. बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना नागपुर में विक्रम संवत 1982 (1925 ई.) को विजयादशमी के दिन की गई थी, आगामी वर्ष संघ स्थापना का शताब्दी वर्ष है।
मोहन भागवत का चार दिवसीय बिहार दौराः संघ का लक्ष्य है कि शताब्दी वर्ष तक संघ की शाखा प्रत्येक खंड में प्रारंभ हो. इसी कार्यक्रम को लेकर मोहन भागवत का प्रवास हो रहा है, हालांकि इसे 2024 की तैयारी के लेहाज से भी अहम माना जा रहा है. यह वर्ष संघ का निर्वाचन वर्ष है. प्रत्येक 3 वर्ष पर संघ के पदाधिकारियों का निर्वाचन स्वयंसेवक करते हैं।
प्रदेश में कई बैठकें करेंगे सर संघचालकः मोहन भागवत संघ के नव निर्वाचित पदाधिकारियों के साथ आगामी 3 वर्षों के लक्ष्य पर चर्चा करेंगे. इसके साथ गत 3 वर्षों के कार्यों की समीक्षा भी करेंगे. इस 4 दिन में लगभग एक दर्जन से ज्यादा बैठकें होगीं. 3 मार्च को सुबह पटना महानगर के स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे. हालांकि मोहन भागवत का ये राजनीतिक दौरा नहीं है, फिर भी 2024 के चुनाव को लेकर उनकी ये बैठकें अहम मानी जा रही हैं।
बीजेपी की है बिहार पर पैनी नजर: बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी की बिहार पर पैनी नजर है. बिहार फतह करना बीजेपी का बड़ा लक्षय है, यही वजह है कि बीजेपी के केंद्रीय मंत्रियों का दौरा भी शुरू हो गया है. बीते दिनों राजनाथ सिंह, मुख्तार अब्बास नख्वी समेत बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने बिहार के विभिन्न जिलों का दौरा किया. इसके बाद पीएम मोदी 2 मार्च को औरंगाबाद आएंगे और फिर अमित शाह भी जल्द ही बिहार आने वाले हैं. इससे पहले संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत का ये बिहार दौरा कई मायनों में अहम है।
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