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ट्रकों की टक्कर के बाद मची लूट, जानें ऐसा क्या लोड था जिसे लूटने के लिए टूट पड़े लोग

यूपी के झांसी से एक हैरान करने वाली खबर सामने आ रही है। यहां एक खड़े कंटेनर (ट्रक) में पीछे से आ रहे ट्रक ने जोरदार टक्कर मार दी जिससे कंटेनर क्षतिग्रस्त हो गया। इसके बाद उसमे लोड सामान भी सड़क पर इधर-उधर फैल गए। फिर क्या जैसे लोगों को दिखा वे उस पर टूट पड़े। बता दें कि ट्रक में देशी घी के पैकेट रखे हुए थे, और दुर्घटना के कारण वे सड़क पर बिखर गए। जिस कारण राहगीर उन पैकेटों को लूट कर ले गए।

बोरी में भरते नजर आए लोग

मिली जानकारी के मुताबिक, झांसी के थाना सीपरी बाजार क्षेत्र के रॉयल सिटी के पास सड़क पर खड़े ट्रक कंटेनर में पीछे से आ रहे ट्रक ने टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भयानक थी कि कंटेनर के परखच्चे उड़ गए और उसमे रखे देशी घी के पैकेट सड़क पर फैल गए और देखते ही देखते वहां से गुजर रहे लोग घी के पैकेट लेकर जाने लगे कुछ लोग अपने बाइक के डिग्गी में पैकेट भरते नज़र आए तो कई लोग तो बोरी में भरते रहे। वहीं,  कुछ लोग पैकेटों को लेकर अपने हाथों में लेकर दौड़ते नज़र आए। थोड़ी देर बाद पुलिस को सूचना मिलने पर सीपरी बाजार पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंची। इसके बाद पुलिस ने वहां की स्थिति को संभाला।

दिल्ली जा रहा था कंटेनर

ट्रक चालक ने बात करने पर बताया कि चेन्नई से इसमें घी ले जाकर दिल्ली जा रहा था। झाँसी के सीपरी बाजार क्षेत्र में फाइनेंस वालों ने गाड़ी रोक रखा था, इतने पीछे से आ रहे एक ट्रक वाले ने टक्कर मार दी टक्कर लगने से पूरी गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई है और उसमें रखा पूरा घी बर्बाद हो गया है। बता दें कि इस टक्कर में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

बुमराह को टेस्ट से आराम तो किसकी होगी प्लेइंग इलेवन में एंट्री, इन प्लेयर्स के बीच जंग

भारत और इंग्लैंड के बीच रांची में होने वाले चौथे टेस्ट से पहले इस तरह की खबरें सामने आ रही हैं कि तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को अगले मैच में रेस्ट दिया जा सकता है। हो भी क्यों न, वे लगातार 3 टेस्ट खेल चुके हैं और बॉलिंग भी खूब की है। अब भारतीय टीम सीरीज में बढ़त बना चुकी है और ऐसे में उन्हें अगर एक मैच में आराम मिल जाएगा तो आखिरी टेस्ट में उनकी वापसी हो सकती है। लेकिन सवाल ये है कि जसप्रीत बुमराह की जगह भारतीय टीम ने किस गेंदबाज की एंट्री होगी। इसको लेकर विचार विमर्श जारी है।

जसप्रीत बुमराह खेल चुके हैं लगातार तीन टेस्ट मैच 

बुमराह अब तक इस सीरीज के 3 मैचों में करीब 80 ओवर की गेंदबाजी कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि वर्कलोड मैनेजमेंट के तहत उन्हें आराम ​मिल सकता है। उनकी जगह पाने के लिए दो दावेदार हैं। मुकेश कुमार और आकाशदीप। मुकेश कुमार ने तो इस सीरीज का एक मैच खेला भी था, लेकिन वे ज्यादा कारगर साबित नहीं हुए। वहीं बात अगर आकाशदीप की करें तो उन्होंने अभी तक भारतीय टीम के लिए टेस्ट डेब्यू नहीं किया है, लेकिन प्रथम श्रेणी मैचों में वे कमाल की गेंदबाजी करते आए हैं।

मुकेश कुमार ने खेला है सीरीज का एक मुकाबला, फिर चले गए रणजी खेलने 

मुकेश कुमार ने विशाखापट्टनम में खेला गया दूसरा मैच खेला था, जिसमें वे दोनों पारियों में मिलाकर एक ही विकेट निकाला। इसके बाद उन्हें रणजी ट्रॉफी मैच के लिए रिलीज कर दिया गया। जहां उन्होंने बंगाल की ओर से खेलते हुए बिहार के खिलाफ पहली पारी में चार और दूसरी में 6 विकेट चटका दिए। बताया जा रहा है कि वे अभी भारतीय टीम के साथ नहीं हैं। अगर उन्हें मौका देने के बारे में टीम मैनेजमेंट सोच रहा है तो वे जल्द ही रांची में टीम के साथ जुड़ते हुए नजर आ सकते हैं।

आकाशदीप को टेस्ट डेब्यू का मौका संभव 

आकाशदीप पहली बार टीम इंडिया के स्क्वाड में शामिल किए गए हैं। उनके प्रथम श्रेणी आंकड़ों की बात की जाए तो उन्होंने 30 मैच खेलकर 104 विकेट निकाले हैं, जिसे अच्छा प्रदर्शन ही कहा जाएगा। लेकिन सवाल ये है कि टीम मैनेजमेंट वैसे ही पिछले मैचों में कई खिलाड़ियों का डेब्यू करा चुका है, ऐसे में क्या एक और डेब्यू की संभावना बनेगी। अगर अनुभव के साथ चला गया तो फिर मोहम्मद सिराज के साथ मुकेश कुमार ही एक बार फिर से खेलते हुए नजर आ सकते हैं। हालांकि इसका खुलासा एक दो दिन के बाद ही होता हुआ दिखाई दे सकता है।

एक ही पेसर के साथ गए तो स्पिनर को मिल सकता है मौका 

भारतीय टीम के पास एक और विकल्प ये भी है कि केवल सिराज के रूप में एक ही पेसर को प्लेइंग इलेवन में रखाा जाए, बाकी बुमराह की जगह एक स्पिनर को ले लिया जाए। अभी तक टीम इंडिया दो पेसर्स के साथ ही उतरती रही है। हालांकि जसप्रीत बुमराह के अलावा दूसरा जो भी पेसर खेला, उसके लिए ज्यादा कुछ करने के लिए था नहीं। ऐसे में अक्षर पटेल और वॉशिंगटन सुंदर के लिए मौका बन सकता है। इन दोनों में से किसी के भी आने से गेंदबाजी के साथ साथ बल्लेबाजी भी मिल जाएगी, जो फायदे का सौदा हो सकता है। देखना होगा कि टीम इंडिया किस रणनीति के साथ मैदान में उतरती है।

फारूक अब्दुल्ला ने PM मोदी की तारीफ में ऐसे पढ़े कसीदे, कहा- ‘आप हैं तो ये मुमकिन है…’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कश्मीर घाटी में पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन और संगलदान स्टेशन और बारामूला स्टेशन के बीच ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाई, इस कदम की राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा हुई। नेशनल कान्फ्रेंस पार्टी के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने भी प्रधानमंत्री मोदी का जताया आभार और उनकी तारीफों के पुल बांधे। नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “…हमें इसकी जरूरत थी। यह हमारे पर्यटन और लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। यह एक बड़ा कदम है जो आज उठाया गया है। मैं इसके लिए रेल मंत्रालय और पीएम मोदी को बधाई देता हूं…”

अब्दुल्ला ने कहा कि “रेल को जोड़ने से सड़क सेवा के कारण होने वाली कई समस्याओं का समाधान हो जाता है, यह वस्तुओं और सेवाओं के परिवहन और आपूर्ति में भी मदद करता है। मुझे उम्मीद है कि यह सेवा हमारे लोगों के लिए प्रगति लाएगी। हमें उम्मीद थी कि यह सेवा  2007 में ही शुरू हो जाएगी लेकिन पहाड़ी इलाके के कारण कई कठिनाइयां थीं। अब यह सेवा शुरू होगी, इसकी खुशी है।”

आजाद ने लगाया था आरोप, अब्दुल्ला ने दिया था जवाब

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला को लेकर दावा किया था कि वे पीएम नरेंद्र मोदी के साथ सीक्रेट मीटिंग करते हैं। इस पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि, “जब मैं उनके ऐसे बयान सुनता हूं तो मुझे हैरानी होती है। उन्होंने कहा था कि अगर मुझे प्रधानमंत्री मोदी या अमित शाह से मिलना है तो मैं दिन में मिलूंगा, रात में क्यों मिलूंगा?”

फारूक अब्दुल्ला ने कहा था, ”मैं जरूर आजाद साहब की इज्जत करता हूं लेकिन मुझे हैरानी होती है। मैं किस डर से रात में मिलूंगा। अफसोस इस बात का है कि ये जोर-जोर से यह कह रहे हैं। क्या वजह है कि हर जगह फारूक अबदुल्ला को बदमान किया जा रहा है और घसीटा जा रहा है। उन्हें यह याद रखना चाहिए कि जब कोई नहीं चाहता था कि उन्हें राज्यसभा की सीट मिले तब वह मैं ही था जिसने उन्हें राज्यसभा की सीट दी थी।”

सपा को लगा बड़ा झटका, स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी छोड़ी, MLC पद से भी इस्तीफा दिया

लोकसभा चुनावों से पहले उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के नेता और प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने एमएलसी पद से भी त्यागपत्र दे दिया है। स्वामी प्रसाद ने पार्टी में हो रही लगातार उपेक्षा को इस्तीफे की वजह बताया है।

सोशल मीडिया एक्स पर दी इस्तीफे की जानकारी

स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्‍स’ पर खुद ही इस्तीफे की जानकारी दी। उन्होंने ‘एक्‍स’ पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और विधान परिषद के सभापति के नाम संबोधित त्यागपत्र के अलग-अलग पन्नों को शेयर  किया है। मौर्य ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को लिखे पत्र में कहा, ‘आपके नेतृत्व में सौहार्दपूर्ण वातावरण में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ किंतु 12 फरवरी को हुई वार्ता और 13 फरवरी को प्रेषित पत्र पर किसी भी प्रकार की वार्ता के लिए पहल नहीं करने के परिणामस्‍वरूप मैं समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी त्याग पत्र दे रहा हूं।’

विधान परिषद के सभापति को लिखे पत्र में मौर्य ने कहा, ‘ मैं सपा के प्रत्याशी के रूप में विधानसभा, उप्र निर्वाचन क्षेत्र से सदस्य, विधान परिषद सदस्य निर्वाचित हुआ। चूंकि मैंने सपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है, इसीलिए नैतिकता के आधार पर विधान परिषद, उप्र की सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहा हूं।’

पार्टी में हमारी बात नहीं सुनी गई-स्वामी प्रसाद मौर्य

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ों का आरक्षण खत्म किया जा रहा है। जातिवार गणना की मांग को लेकर सड़क पर उतरना चाहिए था। बेरोजगारी बेतहाशा बढी है, महंगाई से लोगों की कमर टूट रही है। लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई जा रही है। इन सब मुद्दों को लेकर हमने सड़क पर उतरने का अनुरोध किया था। लेकिन आज तक पार्टी में हमारी बातें सुनी नहीं गईं। जब संगठन में ही भेदभाव है, एक राष्ट्रीय महासचिव का हर बयान निजी हो जाता है… जब पद में ही भेदभाव है और मैं भेदभाव के खिलाफ ही लड़ाई लड़ता हूं तो ऐसे पद पर रहने का औचित्य क्या है?

अब कार्यकर्ता तय करेंगे कि उन्हें क्या करना है-स्वामी प्रसाद मौर्य

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मैंने इन सारी बातों का उल्लेख करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष को 13 तारीख को इस्तीफे का पत्र भेजा था, उन्होंने बात करना मुनासिब नहीं समझा इसलिए मैं कदम आगे बढ़ा रहा हूं। जब स्वामी प्रसाद मौर्य से यह पूछा गया कि अब उनकी आगे की रणनीति क्या रहेगी तो इस सवाल के जवाब में उन्होंने काह कि अब कार्यकर्ता तय करेंगे कि उन्हें क्या करना है।

बिहार के बाद अब यूपी में भी टूट सकता है इंडिया गठबंधन, सपा-कांग्रेस में बातचीत बंद

पश्चिम बंगाल और बिहार के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी इंडिया गठबंधन टूट सकता है। सूत्रों के अनुसार, सपा और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन पाने के कारण इंडी गठबंधन टूटने की कगार पर है।  यूपी में गठबंधन को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच चल रही बातचीत फिलहाल बंद हो गई है। देर रात तक दोनों पार्टी के नेताओ की सीट बंटवारे को लेकर बात चली लेकिन सहमति नही बन पाई।

कांग्रेस सपा से चाहती है ये सीटें

दरअसल समाजवादी पार्टी ने जिन 17 सीट की लिस्ट कांग्रेस को भेजी थी कांग्रेस उसमें बदलाव चाहती है और समाजवादी पार्टी इसके लिए तैयार नहीं है। बातचीत में शामिल कांग्रेस नेताओं का कहना है कि समाजवादी पार्टी की 17 उम्मीदवारों की लिस्ट पर वो अपने आलाकमान से बात नही कर सकते क्योंकि कांग्रेस आलाकमान पहले ही तय कर चुका है कि यूपी में कितनी और कौन-कौन सी सीट पर लड़ना है।सूत्रों के मुताबिक कल देर रात हुई बातचीत में कांग्रेस ने कहा कि वो मुरादाबाद,सहारनपुर,बिजनौर,मेरठ, अमरोहा और लखनऊ की सीट चाहती है लेकिन समाजवादी पार्टी इसके लिए तैयार नही है।

कांग्रेस हर हाल में चाहती है ये सीटें

सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि मुरादाबाद,अमरोहा और श्रावस्ती जैसी सीटों पर समझौता नहीं करेगी। कांग्रेस ये सीटें हर हाल में चाहती है। कांग्रेस के सीनियर नेता ने कहा हमारी मांग को देख के या मान लीजिए अन्यथा हम दोबारा राहुल गांधी से बात नहीं कर पाएंगे। राहुल और अखिलेश के बीच लखनऊ मे भी मुलाक़ात को लेकर बातचीत थी जो फिलहाल बंद हो गई है।

सपा-कांग्रेस की तरफ से क्या कहा गया

समाजवादी पार्टी का कहना है कि कांग्रेस बार-बार अपनी लिस्ट बदल रही है। उधर कांग्रेस का कहना है कि सपा ने जो सत्रह सीट दे है उसमें से भी सपा पांच से छह अपने उम्मीदवार कांग्रेस के सिम्बल पर लड़ाना चाहती है।

फिर से शुरू हो सकती है बातचीत

कांग्रेस के सूत्रों मुताबिक 17 सीटों की सूची में ज्यादातर सीट्स पर सहमति बन गई है एक से दो सीटों पर मतभेद है। आने वाले दिनों में बातचीत और होगी। कांग्रेस वही सीट लेना चाहती है जहां पर जीतने की संभावना ज्यादा है और जहां लोकल इलेक्शन में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा है।

भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल नहीं होंगे अखिलेश

मिली जानकारी के अनुसार, इंडिया गठबंधन यूपी में टूटने की कगार पर है। सपा के 17 सीट के फार्मूले को कांग्रेस मानने को राज़ी नहीं है। फिलहाल क़ोई बात न बढ़ने के कारण अखिलेश यादव ने रायबरेली और लखनऊ समेत प्रदेश में कहीं भी कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल नहीं होंगे।

हल्द्वानी के हिंसा प्रभावित बनभूलपुरा क्षेत्र में मिली राहत, हटाया गया कर्फ्यू

उत्तराखंड के हल्द्वानी में हिंसा प्रभावित बनभूलपुरा क्षेत्र से मंगलवार तड़के कर्फ्यू पूरी तरह से हटा लिया गया। जिला अधिकारी वंदना सिंह ने ये आदेश जारी किया। जिला अधिकारी ने आदेश जारी करते हुए कहा कि 8 फरवरी 2024 को बनभूलपुरा क्षेत्र में घटित घटना के मद्देनजर कानून और शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा-144 के अंतगर्त हल्द्वानी स्थित बनभूलपुरा क्षेत्र में कर्फ्यू की घोषणा की गई थी। आदेश में कहा गया कि बाद में बनभूलपुरा क्षेत्र में कर्फ्यू में ढील भी दी गई। मौजूदा वर्तमान परिस्थितियों में अब बनभूलपुरा में कर्फ्यू की जरूरत नहीं है, इसलिए धारा-144 के अंतर्गत निर्गत कर्फ्यू आदेश दिनांक 20 फरवरी, 2024 को प्रातः 5:00 बजे से समाप्त किया जाता है।

पिछले 12 दिनों से लगा था कर्फ्यू 

बता दें कि बनभूलपुरा में एक अवैध मदरसे को गिराने के बाद हुई हिंसा के कारण पिछले 12 दिनों से कर्फ्यू लगा हुआ था। आधिकारिक आदेश के अनुसार, कर्फ्यू तड़के 5:00 बजे हटा लिया गया। क्षेत्र में कर्फ्यू के दौरान प्रशासन ने अलग-अलग अवधि के लिए छूट दी थी। बनभूलपुरा में 8 फरवरी को मदरसे पर कार्रवाई के बाद हिंसा भड़क गई थी। स्थानीय लोगों ने उस दिन नगर निगम के कर्मियों और पुलिस पर पत्थर और पेट्रोल बम फेंके, जिससे कई कर्मियों को पुलिस थाने में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। भीड़ ने इसके बाद पुलिस थाने में आग लगा दी। पुलिस के मुताबिक, हिंसा में 6 दंगाई मारे गए और पुलिसकर्मियों व मीडियाकर्मियों सहित 100 से अधिक लोग घायल हो गए।

हल्द्वानी हिंसा में 68 लोग गिरफ्तार

इस बीच, हल्द्वानी हिंसा मामले में सोमवार को 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया। नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि इन गिरफ्तारियों के साथ 8 फरवरी की घटना के संबंध में अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या बढ़कर 68 हो गई है। वहीं, उनकी संपत्तियां भी कुर्क की गई हैं। सोमवार को गिरफ्तार किए गए लोगों में अरबाज नाम का व्यक्ति भी शामिल है, जिसने पेट्रोल बम बनाने के लिए सामग्री की कथित तौर पर आपूर्ति की थी। इन पेट्रोल बम को दंगाइयों ने पुलिस कर्मियों और नगर निकाय कर्मियों पर फेंका था। एसएसपी ने बताया कि उसके पास से नौ लीटर पेट्रोल जब्त किया गया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि झड़प के बाद दर्ज की गई तीन प्राथमिकियों में नामजद 16 आरोपियों में से 12 को गिरफ्तार कर लिया गया है और बाकी को पकड़ने के लिए उनकी तलाश जारी है।

बीजेपी का बड़ा फैसला, जेपी नड्डा अब इतने समय तक अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे

जेपी नड्डा जून 2024 तक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहेंगे। पिछले वर्ष बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जेपी नड्डा के कार्यकाल को बढ़ाने को लेकर लिए गए फैसले पर राष्ट्रीय अधिवेशन की बैठक में भी मुहर लगा दी गई। दरअसल, लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी ने पिछले साल ही जेपी नड्डा के कार्यकाल को जून 2024 तक बढ़ाने का फैसला किया था। पार्टी के संसदीय बोर्ड के फैसले के बाद पिछले वर्ष जनवरी 2023 में दिल्ली में हुई बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जून 2024 तक जेपी नड्डा के अध्यक्षीय कार्यकाल को बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी और पार्टी संविधान के नियमों का पालन करते हुए अब कार्यकारिणी के फैसले को राष्ट्रीय अधिवेशन ने भी अनुमोदित कर दिया है। इसके साथ ही बैठक में पार्टी के संविधान में संशोधन करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष और संसदीय बोर्ड को और ज्यादा ताकतवर बना दिया गया है।

पार्टी संविधान के प्रावधानों में संशोधन

बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल ने राष्ट्रीय अधिवेशन की बैठक के दूसरे और अंतिम दिन पार्टी संविधान के कुछ प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव पेश किया, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया। बीजेपी ने पार्टी संविधान में संशोधन करते हुए अब पार्टी के फैसले लेने वाली सर्वोच्च इकाई संसदीय बोर्ड को आपात स्थिति में पार्टी अध्यक्ष से संबंधित फैसला लेने की शक्ति दे दी है। संशोधन के मुताबिक, अब पार्टी का संसदीय बोर्ड परिस्थिति के मुताबिक, राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यकाल को बढ़ाने या घटाने का फैसला कर सकता है। यह भी संशोधन किया गया है कि संसदीय बोर्ड में कोई भी नया सदस्य बनाने या हटाने का अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का होगा। हालांकि, अध्यक्ष के फैसलों को बाद में मंजूरी के लिए संसदीय बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा।

अध्यक्ष-संसदीय बोर्ड की शक्तियों को बढ़ाया गया

बीजेपी का संविधान संशोधन कर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और संसदीय बोर्ड की शक्तियों को बढ़ाया गया। जाहिर तौर पर पार्टी अध्यक्ष और संसदीय बोर्ड की शक्तियों को बढ़ाया गया है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि संसदीय बोर्ड किसी नेता को दो ही बार अध्यक्ष बना सकती है या उससे ज्यादा बार भी अध्यक्ष नियुक्त कर सकती है। पार्टी में अब तक चले आ रहे नियमों के अनुसार, पार्टी अध्यक्ष का चुनाव एक निर्वाचक मंडल की ओर से किया जाता है, जिसमें राष्ट्रीय परिषद और प्रदेश परिषद के सभी सदस्य शामिल होते हैं, लेकिन इससे पहले पार्टी को जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक चुनाव की लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।

पार्टी संविधान के अनुसार अध्यक्ष कौन बन सकेगा?

पुराने नियमों में एक शर्त यह भी थी कि कोई भी नेता पूरे कार्यकाल के लिए सिर्फ दो बार ही लगातार अध्यक्ष चुना जा सकता है। पार्टी संविधान की धारा-19 के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष वही व्यक्ति हो सकेगा जो कम-से-कम चार अवधियों तक सक्रिय सदस्य और कम-से-कम 15 वर्ष तक प्राथमिक सदस्य रहा हो। निर्वाचक मंडल में से कोई भी बीस सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव की अर्हता रखने वाले व्यक्ति के नाम का संयुक्त रूप से प्रस्ताव कर सकेंगे। यह संयुक्त प्रस्ताव कम-से-कम ऐसे पांच प्रदेशों से आना जरूरी है, जहां राष्ट्रीय परिषद के चुनाव संपन्न हो चुके हों। नामांकन पत्र पर उम्मीदवार की स्वीकृति जरूरी है।

चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, रिटर्निंग ऑफिसर ने चुनावी प्रक्रिया में की छेड़छाड़

चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर चल रहे विवाद में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। वहीं सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि रिटर्निंग ऑफिसर ने चुनावी प्रक्रिया से छेड़छाड़ की। CJI ने रिटर्निंग ऑफिसर से कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है। आप जो कुछ भी कहते हैं, यदि कोई झूठ है तो आपके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आप कैमरे में क्यों देख रहे थे और मतपत्रों में निशान क्यों लगा रहे थे। रिटर्निंग ऑफिसर मसीह ने कहा कि सभी मतपत्र विकृत हो गए थे। मैं सिर्फ उन पर निशान लगा रहा था। वहां इतने सारे कैमरे थे कि मैं बस उन्हें ही देख रहा था। इस पर सीजेआई ने कहा कि यह स्पष्ट है कि आप मतपत्र पर एक्स का निशान लगा रहे हैं।

रिटर्निंग ऑफिसर ने मतपत्रों पर लगाए मार्क

सीजेआई ने कहा कि आप मतपत्रों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं, लेकिन उन मतपत्रों पर टिक या एक्स क्यों लगा रहे थे। नियम 11 कहता है कि आप हस्ताक्षर कर सकते हैं, लेकिन कौन सा नियम कहता है कि आप उन मतपत्रों पर टिक या एक्स लगा सकते हैं। आप उन मतपत्रों पर निशान क्यों लगा रहे थे। आपने इसे चिह्नित किया है। उस पर मुकदमा चलाना होगा। चुनावी लोकतंत्र में इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।

नियुक्त होगा नया रिटर्निंग ऑफिसर

सीजेआई ने कहा कि हम डिप्टी कमिश्नर से एक नया रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त करने के लिए कहेंगे जो किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा न हो और प्रक्रिया को उसी चरण से फिर से शुरू करने दें जहां यह रुकी थी और एचसी के रजिस्ट्रार जनरल गिनती आदि की प्रक्रिया की निगरानी करेंगे। हम यहां मतपत्र मंगवाएंगे। हम HC के रेग जनरल से एक व्यक्ति को नियुक्त करने और जमा करने के लिए कहेंगे सभी रिकॉर्ड कल हमारे सामने होंगे। हम इसे कल सूचीबद्ध करेंगे और मतपत्र देखेंगे और तय करेंगे कि क्या करना है।

आज दोपहर 2 पेश कोर्ट में लाए जाएंगे मतपत्र

सीजेआई ने कहा कि एजी ने बताया कि अंतरिम आदेश के अनुपालन में मतपत्रों को जब्त कर लिया गया और उच्च न्यायालय ने उन्हें हिरासत में ले लिया। मतपत्र जो रेग जनरल की हिरासत में रखे गए हैं, उन्हें आज दोपहर 2 बजे तक न्यायिक अधिकारी द्वारा इस अदालत के समक्ष पेश किया जाना चाहिए। न्यायिक अधिकारियों के साथ सुरक्षित पारगमन और मतपत्रों के उचित संरक्षण और अभिरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी।

खरीद-फरोख्त का कारोबार परेशान करने वाला

सीजेआई ने कहा कि खरीद-फरोख्त का ये जो पूरा कारोबार चल रहा है, वो बहुत परेशान करने वाला है। बता दें कि वोटों की गिनती का पूरा वीडियो भी कल दोपहर में पेश किया जाएगा। सीजेआई ने कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह का कहना है कि उन्होंने अन्य पर हस्ताक्षर करने के अलावा 8 मतपत्रों को चिह्नित किया और कहा कि यह विकृत मतपत्रों को चिह्नित करने के लिए किया गया था। हम खरीद-फरोख्त से परेशान हैं जो कि हुई थी।

क्या है मेयर चुनाव का मामला

बता दें कि चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर का चुनाव 30 जनवरी को हुआ था। वोटों की गिनती में विपक्ष के 8 वोट इनवैलिड हो गए थे। ऐसे में बीजेपी ने जीत दर्ज की। इन चुनावों में बीजेपी सभी तीनों पदों पर जीत गई थी। महापौर पद के लिए हुए चुनाव में भाजपा के मनोज सोनकर ने आप के कुलदीप कुमार को हराया था। सोनकर को 16, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कुमार को 12 वोट मिले थे। वहीं, आठ वोट को अवैध घोषित कर दिया गया था।

किसानों ने MSP पर सरकार के प्रस्ताव को खारिज किया, 21 फरवरी को दिल्ली कूच करेंगे

एमएसपी को लेकर किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। शंभू बॉर्डर पर किसान नेताओं ने कहा है कि हम सरकार के प्रस्ताव को खारिज करते हैं। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा, ‘दोनों मंचों की चर्चा के बाद विश्लेषण करने पर ये तय हुआ कि सरकार के प्रस्ताव में कुछ भी नहीं है। ये किसानों के पक्ष में नहीं है। हम इसे खारिज करते हैं।’ किसान नेता सरवन सिंह पंडेर ने कहा कि 21 फरवरी को हम सुबह दिल्ली कूच करेंगे।

यानी ये बात साफ है कि सरकार और किसानों के बीच बातचीत असफल रही है। किसान नेताओं ने साफ कर दिया है कि वह दिल्ली कूच करेंगे और अपना आंदोलन जारी रखेंगे। किसानों के इस ऐलान के बाद सरकार समेत दिल्ली की आम जनता की मुश्किल भी बढ़ सकती है और यातायात प्रभावित हो सकता है। अब देखना ये होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।

रविवार को हुई थी सरकार और किसानों के बीच बैठक

फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी के मुद्दे पर रविवार को चंडीगढ़ में किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच चौथे दौर की बैठक हुई थी। केंद्र सरकार चार और फसलों पर एमएसपी देने को तैयार हो गई थी। केंद्र सरकार की ओर से धान और गेहूं के अलावा मसूर, उड़द, मक्का और कपास की फसल पर भी एमएसपी देने का प्रस्ताव पेश किया गया था, लेकिन इसके लिए किसानों को NCCF, NAFED और CCI से पांच साल का करार करना होगा।

किसानों ने सरकार के प्रस्ताव पर विचार करने का फैसला किया था।  किसानों ने 21 फरवरी से पहले सरकार को जवाब देने की बात कही थी। वहीं, किसान संगठनों ने अभी आंदोलन खत्म करने का ऐलान नहीं किया था और तब से वह शंभू बॉर्डर और खनौली बॉर्डर पर डटे थे।