एमएसपी को लेकर किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। शंभू बॉर्डर पर किसान नेताओं ने कहा है कि हम सरकार के प्रस्ताव को खारिज करते हैं। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा, ‘दोनों मंचों की चर्चा के बाद विश्लेषण करने पर ये तय हुआ कि सरकार के प्रस्ताव में कुछ भी नहीं है। ये किसानों के पक्ष में नहीं है। हम इसे खारिज करते हैं।’ किसान नेता सरवन सिंह पंडेर ने कहा कि 21 फरवरी को हम सुबह दिल्ली कूच करेंगे।

यानी ये बात साफ है कि सरकार और किसानों के बीच बातचीत असफल रही है। किसान नेताओं ने साफ कर दिया है कि वह दिल्ली कूच करेंगे और अपना आंदोलन जारी रखेंगे। किसानों के इस ऐलान के बाद सरकार समेत दिल्ली की आम जनता की मुश्किल भी बढ़ सकती है और यातायात प्रभावित हो सकता है। अब देखना ये होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।

रविवार को हुई थी सरकार और किसानों के बीच बैठक

फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी के मुद्दे पर रविवार को चंडीगढ़ में किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच चौथे दौर की बैठक हुई थी। केंद्र सरकार चार और फसलों पर एमएसपी देने को तैयार हो गई थी। केंद्र सरकार की ओर से धान और गेहूं के अलावा मसूर, उड़द, मक्का और कपास की फसल पर भी एमएसपी देने का प्रस्ताव पेश किया गया था, लेकिन इसके लिए किसानों को NCCF, NAFED और CCI से पांच साल का करार करना होगा।

किसानों ने सरकार के प्रस्ताव पर विचार करने का फैसला किया था। किसानों ने 21 फरवरी से पहले सरकार को जवाब देने की बात कही थी। वहीं, किसान संगठनों ने अभी आंदोलन खत्म करने का ऐलान नहीं किया था और तब से वह शंभू बॉर्डर और खनौली बॉर्डर पर डटे थे।


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