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एमपी के हरदा में पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट :दर्दनाक धमाके का मंजर

मध्य प्रदेश के हरदा में हाहाकार मच गया है… एक फैक्ट्री में भीषण विस्फोट से 11 लोगों की दर्दनाक मौत की खबर है. विस्फोट इस दर खौफनाक था कि, आसपास का पूरा इलाका जलकर खाक हो चुका है. हादसे में 60 से ज्यादा लोगों के बुरी तरह झुलस गए हैं. कईयों को फौरन अस्पताल पहुंचाया गया है, जहां उनका इलाज किया जा रहा है. जबकि मौके पर कई फायर ब्रिगेड मौके पर मौजूद है और स्थिति पर काबू पाने की कोशिश में है. इसी बीच इससे जुड़े सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जहां आप इस खौफनाक हादसे को बेहद करीब से देख सकते हैं।

विस्फोट में आसपास के साठ घर भी नष्ट हो गए, जबकि तीन दर्जन से अधिक यात्री विस्फोट से प्रभावित हुए।

फैक्ट्री में लगातार हो रहे विस्फोटों के कारण अधिकारियों ने 100 से अधिक घरों को खाली करा लिया है. इसके अलावा, विस्फोट के कारण बड़ी संख्या में दोपहिया वाहन आग की चपेट में आ गए।

बिहार से बड़ी खबर: आपसी विवाद को लेकर अंधाधुंध फायरिंग, पांच लोगों को लगी गोली, दो की मौत

इस वक्त की बड़ी खबर मधुबनी से आ रही है, जहां पानी गिराने के विवाद को लेकर हुई गोलीबारी की घटना में पांच लोगों को गोली लगी है। पांच में से एक शख्स की मौके पर ही मौत हो गई जबकि एक महिला की मौत इलाज के दौरान अस्पताल में हुई है। घटना फुलपरास थाना क्षेत्र के सुदई रतौली गांव की है।

बताया जा रहा है कि सुदई रतौली गांव में दो पक्षों के लोगों के बीच पानी बहने को लेकर सोमवार को हुए विवाद में एक पक्ष के द्वारा ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें दूसरे पक्ष के पांच लोगों को गोली लगी है। गोली लगने से घायल हुए एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई।

आनन फानन में सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान एक महिला की भी मौत हो गई है। दोनों मृतक मां-बेटा हैं। घटना की जानकारी मिलते ही कई थानों की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। इस घटना के बाद से गांव में तनाव है। गांव में कई थानों की पुलिस कैंप कर रही है।

अति पिछड़ों के लिए आवाज उठाने की सजा? MLC रामबली चंद्रवंशी की सदस्यता रद्द, राजद की शिकायत पर विधान परिषद सभापति का फैसला

बिहार विधान परिषद से बडी खबर सामने आयी है. राजद के विधान पार्षद रामबली सिंह चंद्रवंशी की सदस्यता रद्द कर दी गयी है. विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने ये फैसला सुनाया है. रामबली चंद्रवंशी के खिलाफ राजद ने शिकायत दर्ज करायी थी, जिसके बाद सभापति ने फैसला सुनाया है।

बता दें विधान परिषद में राजद के सचेतक सुनील सिंह ने सभापति को पत्र लिखकर रामबली चंद्रवंशी की सदस्यता खत्म करने की मांग की थी. सुनील सिंह ने शिकायत की थी रामबली चंद्रवंशी राजद के विधान पार्षद होने के बावजूद सार्वजनिक सभाओं में पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. ये दलबदल कानून के तहत कार्रवाई का मामला बनता है इसलिए उनकी विधान परिषद की सदस्यता रद्द की जाये।

दरअसल रामबली सिंह चंद्रवंशी ने अति पिछड़ों का हक दिलाने के लिए यात्रा निकाली थी. वे लगातार ये कह रहे थे बिहार सरकार में बैठे नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव अति पिछड़ों के साथ हकमारी कर रहे हैं. कर्पूरी ठाकुर ने जिन जातियों को अति पिछड़ा माना था, उसके साथ हकमारी हो ही है. नीतीश कुमार ने संपन्न और मजबूत जातियों को अति पिछड़ा घोषित कर दिया है, इससे जो वाकई अति पिछड़े हैं उनका हक मारा गया है. रामबली चंद्रवंशी ने कहा था कि राजद जो चाहे कर ले लेकिन वे समाज हित के लिए अपनी आवाज उठाते रहेंगे।

आज बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए लिखा..“इस मामले में वादी और प्रतिवादी दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के पश्चात मैं इस निष्कर्ष पर पहुँचा हूँ कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (क) में नागरिकों को भाषण और अभिव्यक्ति का मौलिक अधिकार प्राप्त है, परंतु यदि कोई नागरिक किसी राजनीतिक दल के सदस्य की हैसियत से सदन का सदस्य है तो उसे अपने आचरण एवं व्यवहार से दल के अनुशासन, संविधान और नियम के अनुपालन हेतु सदैव तत्पर रहते हुए पुनीत कर्तव्य का निर्वहन भी सुनिश्चित करना चाहिए. इसलिए माननीय सदस्य प्रो० (डॉ०) रामबली सिंह के कृत्य, आचरण एवं व्यवहार से स्पष्ट है कि उन्होंने अपने मूल राजनीतिक दल, राष्ट्रीय जनता दल का स्वेच्छया परित्याग कर दिया है.”

सभापति देवेशचंद्र ठाकुर ने लिखा है- माननीय सदस्य डा० सुनिल कुमार सिंह, तत्कालीन उप मुख्य सचेतक (सत्तारूढ़ दल) की याचिका दिनांक 02.11.2023 को स्वीकार करते हुए मैं यह घोषणा करता हूँ कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 191(2) एवं संविधान की दसवीं अनुसूची के पैरा- 2(क) तथा बिहार विधान परिषद् सदस्य (दल परिवर्तन के आधार पर निरर्हता) नियम, 1994 के प्रावधानों के आलोक में बिहार विधान परिषद् के माननीय सदस्य प्रो० (डॉ०) रामबली सिंह इस सदन के सदस्य होने से निरर्हित हो गए हैं. इसके साथ ही लिखा गया है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 190(3) (क) के प्रावधान के आलोक में बिहार विधान परिषद् में माननीय सदस्य प्रो० (डॉ०) रामबली सिंह का स्थान आज, दिनांक 06.02.2024 अपराह्न के प्रभाव से रिक्त हो गया है।

कम नहीं हो रहीं JDU MLC राधाचरण सेठ की मुश्किलें, अब ED ने जब्त की 26.19 करोड़ की संपत्ति

77 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति अर्जित करने के मामले में गिरफ्तार जेडीयू के एमएलसी राधाचरण सेठ की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है। ईडी ने मेसर्स ब्रॉडसन कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राधा चरण साह द्वारा अर्जित 26.19 करोड़ रुपये की दो अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है।

दरअसल, आय से अधिक संपत्ति मामले में जेडीयू एमएलसी राधाचरण साह को ईडी ने पिछले साल 13 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया था। MLC की गिरफ्तारी आरा के उनके फार्म हाउस से हुई थी, जहां ईडी ने उनसे कई घंटो तक पूछताछ भी की थी। इसके दो दिन बाद ईडी ने उनके बेटे कन्हैया प्रसाद को गिरफ्तार किया है। ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था। पूछताछ के बाद कन्हैया को अरेस्टकिया था।

राधाचरण साह पर बालू के अवैध कारोबार और टैक्स चोरी से लेकर गलत तरीके से संपत्ति अर्जित करने के कई आरोप हैं। जिसको लेकर केंद्रीय ऐंजियों ने कई बार जेडीयू एमएलसी के ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है। छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज भी जांच टीम के हाथ लगे थे। फिलहाल राधाचरण सेठ और उनका बेटा बेउर जेल में बंद हैं।

अब ईडी ने एक और बड़ा एक्शन लिया है। ईडी ने जेडीयू एमएलसी राधाचरण सेठ और आरजेडी नेता सुभाष यादव के स्वामित्व वाली कंपनी मेसर्स ब्रॉडसन कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राधा चरण साह द्वारा अवैध तरीके से अर्जित 26.19 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है।

आनंद मोहन की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: पासपोर्ट जब्त करने का आदेश, स्थानीय पुलिस के पास हाजिरी लगाने को कहा

पूर्व डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड के दोषी होने के बावजूद जेल से रिहा कर दिये पूर्व सांसद आनंद मोहन पर सुप्रीम कोर्ट की गाज गिरी है. आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ जी. कृष्णैया की विधवा उमादेवी कृष्णैया की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. नाराज कोर्ट ने आज केंद्र सरकार और राज्य सरकार को भी जमकर फटकार लगायी है।

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट में आज जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की बेंच में आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई हुई. याचिका दायर करने वाली उमादेवी कृष्णैया की ओर से सीनियर एडवोकेट सिद्धांत लूथरा मौजूद थे. वहीं आनंद मोहन की ओर से वरीय अधिवक्ता दिनेश द्विवेदी बहस कर रहे थे. वहीं, राज्य सरकार की ओर से वकील रंजीत कुमार मौजूद थे।

सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद बड़े आदेश दिये. कोर्ट ने कहा कि तत्काल प्रभाव से आऩंद मोहन का पासपोर्ट जब्त कर लिया जाये. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने आनंद मोहन को स्थानीय पुलिस के पास हर 15 दिन पर हाजिरी लगाने को कहा है. कोर्ट की बेंच ने इस मामले में केंद्र सरकार के रवैये पर गहरी नाराजगी जतायी. दरअसल याचिका दायर करने वाली उमादेवी कृष्णैया ने केंद्र सरकार को भी प्रतिवादी बनाया था. लेकिन केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट में कोई जवाब नहीं दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाते हुए इस मामले में एक सप्ताह में जवाब देने को कहा. कोर्ट की बेंच ने कहा कि ये मामला लगातार टल रहा है. कभी राज्य सरकार समय मांगती है तो कभी केंद्र सरकार जवाब नहीं देती है. मामले को और अधिक टाला नहीं जा सकता. केंद्र सरकार को इस मामले में एक सप्ताह में जवाब देने को कहा गया है।

27 फरवरी को आखिरी फैसला

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि वह इस मामले में आखिरी फैसला सुनायेगी. इसके लिए 27 फरवरी को सुनवाई की आखिरी तारीख रखी गयी है. कोर्ट ने कहा कि इतने महत्वपूर्ण मामले को और आगे टाला नहीं जा सकता. लिहाजा अगली तारीख पर फैसला सुना दिया जायेगा।

बता दें कि पिछले 23 अप्रैल को बिहार सरकार ने जेल में बंद आनंद मोहन को रिहा कर दिया था. राज्य सरकार ने इससे पहले उम्र कैद की सजा काटने वाले कैदियों की रिहाई के लिए बने नियमों को बदल दिया था. पहले ये प्रावधान था कि लोकसेवकों यानि सरकारी अधिकारी या कर्मचारी की हत्या के दोषी को जेल से रिहा नहीं किया जायेगा. लेकिन राज्य सरकार ने इस नियम को खत्म कर अच्छे आचरण का हवाला देकर आनंद मोहन को रिहा कर दिया था।

आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया की हत्याकांड के दोषी थे. 1994 में जी. कृष्णैया की हत्या मुजफ्फरपुर में कर दी गयी थी, जब वे पटना से गोपालगंज लौट रहे थे. 2007 में कोर्ट ने आनंद मोहन को इस मामले में फांसी की सजा सुनायी थी, जिसे बाद में उम्र कैद में बदल दिया गया. 2023 में आनंद मोहन की रिहाई के बाद जी. कृष्णैया की पत्नी उमादेवी कृष्णैया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

उमादेवी कृष्णैया के वकीलों ने कोर्ट में कई अहम तथ्य पेश किये हैं. उनका कहना है कि आऩंद मोहन की रिहाई बिल्कुल गैरकानूनी है. आनंद मोहन को अच्छे आचरण के आधार पर रिहा किया गया लेकिन जेल में बंद रहते हुए भी आनंद मोहन ने कई कांड को अंजाम दिया था. उन पर जेल में मारपीट करने से लेकर पुलिस वालों पर हमला करने जैसे कई केस दर्ज किये गये. ये सारे केस खुद सरकार ने दर्ज कराये थे. उसी सरकार ने आनंद मोहन को अच्छे आचरण का प्रमाण पत्र देकर रिहा कैसे कर दिया।

जीतन राम मांझी की मांग से उनके बेटे ही सहमत नहीं: संतोष मांझी ने अपने पिता को लेकर कह दी बड़ी बात

बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी सूबे में बनी नयी एनडीए सरकार में विभागों के बंटवारे पर नाराज हैं. मांझी लगातार कह रहे हैं कि उनकी पार्टी हम को दो मंत्री पद मिलना चाहिये. वे अपने बेटे संतोष कुमार सुमन को मिले विभाग पर नाराजगी भी जता चुके हैं. लेकिन जीतन राम मांझी के बयानों से उनके बेटे ही सहमत नहीं हैं. बेटे ने आज अपने विभाग में कार्यभार संभाला और पिता की डिमांड पर बड़ी बात कह दी।

मुझे कोई नाराजगी नहीं

मंत्री संतोष कुमार सुमन ने सूचना एवं प्रावैधिकी यानि आईटी विभाग का कार्यभार संभाला. वहां से मीडिया से बात की. सवाल पूछा गया कि विभागों के बंटवारे में आपकी पार्टी को जो हिस्सेदारी मिली है क्या आप उससे खुश हैं. संतोष सुमन का जवाब था-मेरे मन में विभाग को लेकर कोई संशय होता तो मैं मंत्री की कुर्सी पर बैठा नहीं होता. संतोष सुमन ने कहा कि सब कुछ ठीक है तभी तो मैं विभाग में बैठा हूं।

संतोष सुमन ने कहा कि मुझे जो विभाग मिला है, उससे मैं खुश हूं. एक व्यक्ति को एक ही विभाग मिल सकता है. हर व्यक्ति को हर विभाग तो दिया नहीं जा सकता. हर विभाग का अपना महत्व है. मुझे जो मिला है मैं उससे खुश हूं. मेरे अंदर क्षमता होगी तो मैं यहां भी बेहतर काम कर सकता हूं।

पिता की बात उन्हीं से जाकर पूछिये

बता दें कि जीतन राम मांझी ने कहा था कि जब वे मंत्री थे तो जो विभाग उन्हें दिया जाता था वही विभाग उनके बेटे संतोष सुमन को भी दे दिया गया है. पत्रकारों ने जब संतोष सुमन ने पिता के बयान पर सवाल पूछा तो जवाब मिला-उनकी (जीतन राम मांझी की) अपनी व्यक्तिगत टिप्पणी है, उस पर मैं ज्यादा नहीं कह सकता हूं. उनकी अपनी बात है, उनसे ही जाकर पूछिये।

बता दें कि जीतन राम मांझी अपने बेटे को हम पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बना चुके हैं. जीतन राम मांझी अपनी पार्टी के संरक्षक बन गये हैं. बिहार में नयी सरकार के बनने के बाद जीतन राम मांझी जिन मांगों को रख रहे हैं या सरकार को लेकर जो नाराजगी जता रहे हैं उनसे उनके बेटे और पार्टी के अध्यक्ष ही सहमत नहीं है. ऐसे में बीजेपी या जेडीयू क्या नोटिस लेगी।

नीतीश कैबिनेट की बैठक खत्म, कुल 14 एजेंडों पर लगी मुहर

मुख्य सचिवालय में चल रही नीतीश कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक खत्म हो गई है। कैबिनेट की बैठक में कुल 14 एजेंडों पर मुहर लगी है। नीतीश कैबिनेट ने विभिन्न विभागों से जुड़े 14 प्रस्तावों पर अपनी स्वीकृति दी है।

नीतीश सरकार इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए बिहार सरकार नई पॉलिसी लेकर आई है। इंजीनियरिंग छात्रों को सरकार अब दस हजार रुपए का स्टाइपेंड देही। इंटर्नशिप पर यह राशि दी जायेगी। B tech के सातवें सेमेस्टर में इंटर्नशिप करने पर राशि मिलेगी। वहीं विज्ञान प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा के क्षेत्रीय कार्यालय में ग्रुप डी के आवेदन के लिए कोई fee नही लगेगा। तीन लाख 46 हजार 777 आवेदन कर्ता को इसका लाभ मिलेगा।

बिहार सरकार राज्यभर में 2165 पंचायत भवन बनाएगी। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में 1083 और सामान्य क्षेत्र में 1082 भवन बनेंगे। इसपर कुल 6 हजार करोड़ 10 लाख 38 हजार 707 करोड़ रुपए खर्च होंगे। नीतीश कैबिनेट ने उद्योग विभगा के अंतर्गत एक्स सलेरेटिंग एम एस एम ई परफॉर्मेंस के तहत सूक्ष्म, लघु, एंव मध्यम उद्यमों के क्षमता वर्धन एवं कोरोना वैश्विक महामारी के कारण पड़े दुष्प्रभाव को कम करने के लिए विश्व बैंक समर्थित सेंट्रल योजना रैंप के तहत 140.74 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति एवं संविदा आधारित पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है।

वहीं सरकार ने पटना स्थित एनआईटी में इंक्यूबेशन सेंटर के निर्माण के लिए और अन्य कार्यों के लिए कुल 47.76 करोड़ की राशि की स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों एनआईटी के कार्यक्रम के दौरान एनआईटी में इंक्यूबेशन सेंटर बनाने का ऐलान किया था। अब कैबिनेट ने इसपर अपनी स्वीकृति दे दी है।

महिला पुलिसकर्मी का डांस देख नोरा फतेही को जाएंगे भूल, वीडियो हुआ वायरल

सोशल मीडिया पर आए दिन महिला पुलिसकर्मियों के रील वायरल होते रहते हैं। कई रील्स में वे डांस करते हुए दिखती हैं। कुछ लोगों का तो डांस इतना वायरल होता है कि वह इंटरनेट सेंसेशन बन जाती हैं। ऐसे ही एक और महिला पुलिसकर्मी अपने डांस वीडियो से सोशल मीडिया पर तहलका मचा रही है। लाखों लोग इस महिला पुलिसकर्मी के दीवाने हो चुके हैं। महिला पुलिसकर्मी के डांस ने लोगों को अपना मुरीद बना लिया है।

महिला पुलिसकर्मी ने किया धांसू डांस

वायरल हो रहे इस वीडियो में एक महिला पुलिसकर्मी खाकी की वर्दी में डांस करते हुए दिख रही है। महिला पुलिसकर्मी मुग़ल-ए-आज़म फिल्म के गाने ‘किसी दिन  मुस्कुरा कर ये नजारा हम भी देखेंगे’ पर डांस कर रही है। डांस के दौरान महिला पुलिसकर्मी के एक्सप्रेशन बहुत ही शानदार और देखने लायक हैं। पुलिस वाली के डांस के साथ एक्सप्रेशन को देख लोग उसके दीवाने हो चुके हैं। सोशल मीडिया पर लोग इस वीडियो को खूब पसंद कर रहे हैं।

महिला पुलिसकर्मी का डांस देख लोगों ने दिए ऐसे-ऐसे एक्सप्रेशन

वीडियो को इंस्टाग्राम पर @shiya_thakur_si नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है। जिसे खबर लिखे जाने तक 30 हजार से भी ज्यादा लोगों ने लाइक किया है। वहीं, इस वीडियो पर बड़ी तदाद में लोग कमेंट कर महिला पुलिसकर्मी के डांस की तारीफ कर रहे हैं। कुछ लोग डांस के साथ-साथ महिला पुलिसकर्मी की खूबसूरती की भी खूब तारीफ कर रहे हैं। जबकि कई लोगों ने ड्यूटी टाइम पर रील्स बनाने को लेकर महिला पुलिसकर्मी पर कार्रवाई करने की बात कही है।

“नीतीश कुमार गए, और कुछ लोग जाएंगे…”, उद्धव ठाकरे ने साधा निशाना, जानें क्या कहा

मुंबई में शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में मातोश्री में औरंगाबाद जिले से सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने पार्टी को ज्वॉइन किया। उद्धव ठाकरे ने इन कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोग बोल रहे हैं कि I.N.D.I.A अलायंस है, एमवीए है, लेकिन मोदी का विकल्प क्या है, तो बता दें कि तानाशाही का विकल्प नहीं होता, तानाशाही को जड़ से उखाड़ फेंकना होता है। उन्होंने कहा कि संकट की स्थिति में महाराष्ट्र देश को दिशा दिखाता है, वैसे तानाशाही के इस संकटकाल में आप साथ आए।

“महाराष्ट्र डरपोक नहीं, वीरो की भूमि है”

ठाकरे ने कहा, “नीतीश कुमार गए। और कुछ लोग जाएंगे, लेकिन ये सभी डरपोक हैं, महाराष्ट्र डरपोक नहीं, वीरो की भूमि है।” उन्होंने आगे कहा, “मैं अपने परिवार से मिलने के लिए महाराष्ट्र घूम रहा हूं और निश्चित रूप से कांग्रेस और एनसीपी एकजुट हैं, लेकिन मैंने कई लोगों को बीजेपी से हमारी लड़ाई में शामिल होते देखा है। वे हकीकत से दूर मन की बात करते हैं और जन की बात नहीं समझते। समय आ गया है कि मिलकर काम करें और बीजेपी के 10 साल के शासन को बेनकाब करें। महाराष्ट्र ने पूरे देश को रास्ता दिखाया है और इस मुश्किल घड़ी में भी महाराष्ट्र आपके सहयोग से देश को रास्ता दिखाएगा।”

बीजेपी पर हमला, लेकिन पीएम पर तेवर नरम

इससे पहले उद्धव ठाकरे रविवार को एक जनसभा में बीजेपी पर हमले किए, लेकिन उनके तेवर बदले नजर आए। उन्होंने कहा कि वह पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दुश्मन नहीं थे और आज भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने ही सेना के साथ संबंध तोड़ने का फैसला किया था। उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री मोदी के महाराष्ट्र आने पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि पीएम महाराष्ट्र में यह देखने आते हैं कि यहां से क्या गुजरात ले जाया जा सकता है।