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कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न की घोषणा पर भाजपा कार्यालय में आतिशबाजी, विजय सिन्हा बोले-’75 साल बाद मिला सम्मान’

केंद्र सरकार ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया. इसके साथ ही बिहारवासी खुशियों से झूम उठे. बीजेपी दफ्तर में भी जश्न मनाया गया. प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी की मौजूदगी में कार्यकर्ताओं ने जमकर आतिशबाजी की. इस दौरान भाजपा नेता विजय सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया. उन्होंने कहा कि पिछड़ा और गरीब के बेटे को पीएम ने सम्मान दिया।

जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्नः बिहार का मौसम बेहद सर्द है, लेकिन सियासी पारा चरम पर है. कर्पूरी ठाकुर की जयंती समारोह से ठीक पहले केंद्र की सरकार ने बड़ा ऐलान कर सबको चौंका दिया. नरेंद्र मोदी की सरकार ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया. भाजपा प्रदेश कार्यालय में सभी नेता एक साथ जुटकर जश्न मनाया और आतिशबाजी की।

पीएम ने गरीब के बेटे को दिया सम्मान’: भाजपा विधान मंडल दल के नेता विजय सिन्हा ने कहा कि 70 साल से जो सपने देखे जा रहे थे, उसे पूरा करने का काम नरेंद्र मोदी की सरकार ने किया है. नरेंद्र मोदी सरकार कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं है. जननायक को भारत रत्न देकर केंद्र की सरकार ने वर्षों से अधूरे सपने को पूरा किया. इस फैसले पर हर्ष जताते हुए विजय सिन्हा ने कहा कि पूरे बिहारवासी खुश हैं. खास तौर पर पिछड़ा अति पिछड़ा वर्ग के लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

“पीएम नरेंद्र मोदी का कथनी और करनी एक समान होता है. एक तरफ देश में रामराज लाने के संकल्प को पूरा कर रहे हैं तो दूसरी ओर सबका साथ सबका विकास और सबका सम्मान कर रहे हैं. 75 साल तक सरकार में रहने वालों ने जननायक कर्परी ठाकुर को सम्मान नहीं दिया. इस काम को प्रधानमंत्री ने किया है. इसके लिए मैं प्रधानमंत्री का आभारी हूं कि उन्होंने एक गरीब और पिछड़ा के बेटे को सम्मान दिया.” -विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष, विधानसभा

‘डर ही सही राजनीति को दलित बहुजन सरोकार पर आना ही होगा’- कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के ऐलान पर लालू यादव

जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती के ठीक पहले केंद्र सरकार ने उन्हें भारत रत्न देने का ऐलान कर दिया. भारत सरकार के इस फैसले पर बिहार के सभी राजनीतिक दलों ने खुशी का इजहार किया और केंद्र सरकार का आभार प्रकट किया. सीएम नीतीश कुमार ने तो पहले ही नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा कर दिया है, अब डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी पोस्ट कर केंद्र के फैसले पर साधुवाद दिया है. वहीं आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने कहा कि ये तो बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था।

आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि- ‘मेरे राजनीतिक और वैचारिक गुरु स्व. कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न अब से बहुत पहले मिलना चाहिए था. हमने सदन से लेकर सड़क तक ये आवाज उठायी, लेकिन केंद्र सरकार तब जागी जब सामाजिक सरोकार की मौजूदा बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना करवाई और आरक्षण का दायरा बहुजन हितार्थ बढ़ाया. डर ही सही राजनीति को दलित बहुजन सरोकार पर आना ही होगा’.

तेजस्वी यादव ने पोस्ट कर लिखा कि-“वंचित, उपेक्षित, उत्पीड़ित और उपहासित वर्गों के पैरोकार, महान समाजवादी नेता एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व॰ कर्पूरी ठाकुर जी को ‘भारत रत्न’ देने की हमारी दशकों पुरानी मांग पूरी होने पर अपार खुशी हो रही है. इसके लिए केंद्र सरकार को साधुवाद”.

कर्पूरी ठाकुर के सहारे पार लगेगी नईया?: बता दें कि आज पटना में सभी पार्टियों के जरिए कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाई जा रही है. इसके लिए जेडीयू, बीजेपी और आरजेडी तीनों पार्टियां जोर शोर से लगीं हैं. पिछड़ी जाति से आने वाले कर्पूरी ठाकुर की छवि एक बड़े समाजवादी नेता के तौर पर रही है. कर्पूरी ठाकुर पहली बार 1967 में बिहार के ‘डिप्टी सीएम’ बने और दो बार सीएम भी बने. वो कांग्रेस के खिलाफ थे. बिहार की राजनीति में वो खासा महत्व रखते हैं. बिहार में पिछड़ों को सबसे पहले आरक्षण देने का काम भी उन्होंने ही किया था. आज के दौर के नेता भी इस चुनावी साल में उन्हीं के नाम के सहारे खुद की नईया पार लगाना चाहते हैं, ताकि पिछड़ों और गरिबों को खुश कर सकें।

कर्पूरी ठाकुर को मिलेगा ‘भारत रत्न’, CM नीतीश बोले- ‘वर्षों पुरानी मांग पूरी हुई, प्रधानमंत्री को धन्यवाद’

जननायक और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की जयंती को लेकर एक तरफ जहां पटना से लेकर दिल्ली तक सियासी हलचल बढ़ गई है, वहीं दूसरी तरफ उनके जन्मदिवस से ठीक एक दिन पहले केंद्र सरकार ने उनको भारत रत्न देने का ऐलान किया है. बीजेपी, जेडीयू और आरजेडी में इसका श्रेय लेने की होड़ मच गई है. हालांकि भारत सरकार के इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम नरेंद्र मोदी को शुक्रिया अदा किया है।

नीतीश कुमार ने पीएम का आभार जताया

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देर रात अपने ‘एक्स’ हैंडल पर लिखा, “पूर्व मुख्यमंत्री और महान समाजवादी नेता स्व. कर्पूरी ठाकुर जी को देश का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ दिया जाना हार्दिक प्रसन्नता का विषय है. केंद्र सरकार का यह अच्छा निर्णय है. स्व. कर्पूरी ठाकुर जी को उनकी 100वीं जयंती पर दिया जाने वाला यह सर्वोच्च सम्मान दलितों, वंचितों और उपेक्षित तबकों के बीच सकारात्मक भाव पैदा करेगा. हम हमेशा से ही स्व. कर्पूरी ठाकुर जी को ‘भारत रत्न’ देने की मांग करते रहे हैं. वर्षों की पुरानी मांग आज पूरी हुई है. इसके लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को धन्यवाद.”

कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र ने भी अपने ‘एक्स’ हैंडल पर पोस्ट शेयर करते हुए कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा की. उन्होंने लिखा, “मुझे इस बात की बहुत प्रसन्नता हो रही है कि भारत सरकार ने समाजिक न्याय के पुरोधा महान जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है. उनकी जन्म-शताब्दी के अवसर पर यह निर्णय देशवासियों को गौरवान्वित करने वाला है. पिछड़ों और वंचितों के उत्थान के लिए कर्पूरी जी की अटूट प्रतिबद्धता और दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य पर अमिट छाप छोड़ी है. यह भारत रत्न न केवल उनके अतुलनीय योगदान का विनम्र सम्मान है, बल्कि इससे समाज में समरसता को और बढ़ावा मिलेगा।

कौन थे कर्पूरी ठाकुर?

अति पिछड़ा (नाई) समाज से आने वाले कर्पूरी ठाकुर बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहे थे. उससे पहले वह उपमुख्यमंत्री भी बने थे. 1952 में सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर वह ताजपुर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे. उन्होंने मुंगेरीलाल कमीशन की सिफारिश पर नौकरियों में पिछड़ों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था लागू की थी. मैट्रिक तक की स्कूल फीस माफ करने और राज्य के सभी विभागों में हिंदी में काम करने को जरूरी किया था. उनका जन्म 24 जनवरी 1924 को समस्तीपुर के पितौंझिया गांव में हुआ था. वहीं 64 साल की उम्र में 17 फरवरी 1988 को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था।

‘भारत रत्न’ कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती आज, ‘जननायक’ के गांव जाएंगे CM नीतीश कुमार

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर सीएम नीतीश कुमार आज समस्तीपुर स्थित कर्पूरी ग्राम जाएंगे और वहां जननायक को नमन करेंगे. मुख्यमंत्री हर साल कर्पूरी जयंती के मौके पर कर्पूरी ग्राम जाकर जननायक के प्रति अपनी श्रद्धांजलि देते रहे हैं. इस बार यह मौका इसलिए भी खास है, क्योंकि एक दिन पहले ही उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा की गई है. सीएम हेलीकॉप्टर से समस्तीपुर के कर्पूरी ग्राम जाएंगे. हालांकि मौसम आज सुबह से ही ठीक नहीं है. इस वजह से उनके कार्यक्रम पर असर पड़ सकता है।

जेडीयू की रैली में सीएम शामिल होंगे: वहीं, पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान में जेडीयू की ओर से आज कर्पूरी जयंती के मौके पर बड़ी रैली आयोजित की गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उसमें मौजूद रहेंगे. उससे पहले कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर आयोजित राजकीय समारोह में भी वह शामिल होंगे. उधर, बीजेपी और आरजेडी समेत कई दलों ने भी कर्पूरी जयंती मनाने का ऐलान किया है।

सीएम कर सकते हैं बड़ा ऐलान: बिहार की राजनीति में आज का दिन बेहद अहम होने वाला है. नीतीश कुमार की अगुआई में आयोजित जेडीयू की रैली को लेकर कयास लगाए जा रहे है कि आज मुख्यमंत्री कुछ अहम घोषणाएं कर सकते हैं. गरीब परिवारों को 2 लाख रुपये देने की योजना की शुरुआत कर सकते हैं।

कर्पूरी ठाकुर को मिलेगा भारत रत्न: जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती से ठीक एक दिन पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले दो दशक से कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिले, इसकी मांग करते रहे हैं. केंद्र सरकार को कई बार अनुशंसा भी भेज चुके हैं. मुख्यमंत्री ने वर्ष 2007, 2017, 2018, 2019 और 2021 में कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से विभूषित करने की अनुशंसा केंद्र को भेजी थी. अब 100 वीं जयंती से ठीक पहले केंद्र सरकार ने भारत रत्न देने का फैसला लिया है. सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत रत्न की घोषणा किए जाने पर धन्यवाद किया है।

‘कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलना बिहार के लिए गौरव की बात’- नीरज बबलू

आज बिहार में स्व. कर्पूरी ठाकुर की सौंवीं जयंती मनाई जा रही है. इससे पहले केंद्र सरकार ने उन्हें भारत रत्न देने का ऐलान किया है. इसे लेकर बीजेपी विधायक सह पूर्व मंत्री नीरज कुमार बबलू ने कहा कि बिहार के लाल और पिछड़ों, दलितों एवं उपेक्षितों के नेता स्व.कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न की उपाधि मिलना बिहार के लिए गौरव की बात है।

पीएम नरेंद्र मोदी को दिया साधुवादः दरअसल पीएम नरेंद्र मोदी ने कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती पर बिहारवासियों को अनुपम तोहफा दिया है. जिससे बिहार के हर तबके, हर दलों के लोगों ने पीएम मोदी के फैसले की न सिर्फ सराहना की है बल्कि बिहार के लिए गौरव की बात कही है. बीजेपी विधायक सह पूर्व मंत्री नीरज कुमार बबलू ने इस फैसले के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को साधुवाद दिया है।

देखिये यह बिहार के लिए गौरव की बात है. बिहार के लाल को भारत रत्न दिया गया है. पिछड़ों के नेता, दलितों के नेता, गरीबों की आवाज थे कर्पूरी ठाकुर. अगर उनको भारत रत्न दिया गया है तो माननीय प्रधानमंत्री को बिहारवासियों की ओर से बहुत-बहुत आभार है. जो उन्होंने बिहार के लाल को भारत रत्न देने का काम किया है”- नीरज कुमार बबलू, बीजेपी विधायक

श्रेय लेने की मची होड़ः देश के सर्वमान्य समाजवादी नेता सह अति पिछड़ा, पिछड़ा को आरक्षण दिलाने वाले स्व कर्पूरी ठाकुर की आज 100 वीं जयंती है, ऐसे मौके पर उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा कर पीएम मोदी ने एक तीर से कई निशाना साधने का प्रयास किया है. वहीं बिहार की सियासत में तमाम पार्टियों के जरिए श्रेय लेने की होड़ भी मची है. अब देखना ये होगा कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी इसका कितना लाभ उठा पाती है।

सियासत में घिरी कर्पूरी ठाकुर जयंती! मिलर स्कूल ग्राउंड में कार्यक्रम को लेकर BJP और JDU आमने-सामने

जननायक कर्पूरी ठाकुर को उनकी जन्म शताब्दी के मौके पर याद किया जा रहा है. बिहार के तमाम राजनीतिक दल कर्पूरी ठाकुर की जयंती को बड़े ही उत्साह के साथ मनाने की तैयारी कर रहे हैं. इन सब के बीच केंद्र सरकार ने जननायक को भारत रत्न देने का ऐलान किया है. कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाने को लेकर भाजपा और जदयू में आर-पार की लड़ाई छिड़ गई है।

कर्पूरी जयंती पर पार्टियों के बीच सियासतः जयंती समारोह मनाने की तैयारी राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी की ओर से की गई है. कार्यक्रम स्थल को लेकर भाजपा और जदयू के बीच विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल 24 जनवरी को जदयू वेटरनरी ग्राउंड में कर्पूरी ठाकुर जयंती बड़े पैमाने पर मनाने की तैयारी कर चुकी है. हजारों लोग पटना आने वाले हैं और लोगों के ठहरने के लिए मिलर हाई स्कूल ग्राउंड को जदयू की ओर से 23 जनवरी के लिए रिजर्व कराया गया है।

आर-पार की लड़ाई के मूड में बीजेपीः पूरे मैदान को टेंट और पंडाल से घेर दिया गया है. जदयू के रुख पर भाजपा खेमे में बेचैनी है. समस्या यह है कि 23 जनवरी के लिए जदयू ने मिलर ग्राउंड को बुक कराया है और ठीक दूसरे दिन भाजपा की बुकिंग है. सवाल यह उठता है कि जब तक जदयू के द्वारा लगाया गया टेंट पंडाल खुलेगा, नहीं तब तक भाजपा वहां कार्यक्रम कैसे कर पाएगी. बीजेपी भी आर-पार की लड़ाई के मूड में है।

सड़क पर कर्पूरी जयंती मनाएंगे’: पार्टी ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि अगर उन्हें मिलर हाई स्कूल नहीं मिला तो वह सड़क पर कर्पूरी जयंती मनाएंगे. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा है कि नीतीश कुमार डर गए हैं और इस वजह से उनकी पार्टी के लोग अनाप-शनाप कदम उठा रहे हैं. भाजपा ने मिलर हाई स्कूल 24 जनवरी के लिए रिजर्व कराया था, तो किस परिस्थिति में 23 जनवरी को जदयू के लिए रिजर्व कर दिया गया।

“अगर 24 जनवरी को भाजपा को कर्पूरी जयंती के लिए जगह नहीं दी गई तो हमलोग पटेल नगर में जदयू और आरजेडी दफ्तर के सामने सड़क पर जयंती मनाएंगे. देखते हैं सरकार में कितना दम है कि हमे कर्पूरी जयंती मनाने से रोके”- सम्राट चौधरी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष

वहीं राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता और पार्टी प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा है कि भाजपा के लोग अनर्गल आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि “जदयू ने पहले से मिलर हाई स्कूल बुक कराया हुआ था, वहां उन लोगों ने कार्यकर्ताओं के ठहरने का इंतजाम भी कराया है. भाजपा के लोगों को यह पता है कि उनके कार्यक्रम में भीड़ नहीं आने वाली है, इस वजह से वह लोग आरोप लगा रहे हैं”

जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा

केंद्र सरकार ने मंगलवार को बिहार के पू्र्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न (मरणोपरांत) देने की घोषणा की। केंद्र सरकार ने आखिरी बार 2019 में भूपेन हजारिका को भारत रत्न से नवाजा था, जिसके बाद अब ये उपाधि कर्पूरी ठाकुर को दी जाएगी।

बता दें कि जननायक कर्पूरी ठाकुर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री थे। उन्हें पिछड़े वर्गों के हितों की वकालत करने के लिए पहचान मिली हुई थी, जिन्हें अब मोदी सरकार ने भारत का सबसे बड़ा पुरस्कार भारत रत्न देने का एलान किया है।

मोदी सरकार ने अब तक किन हस्तियों को दिया भारत रत्न?

बता दें कि 2014 में केंद्र में आने के बाद मोदी सरकार ने अब तक सात लोगों को भारत रत्न दिया है और आठवें भारत रत्न की घोषणा की है।

सीएन आर राव और सचिन तेंदुलकर (2014)

मोदी सरकार ने 2014 में सीएन आर राव और सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न से नवाजा था।

सीएन आर राव एक प्रख्यात रसायनज्ञ हैं, जिन्होंने रसायन विज्ञान के क्षेत्र में अपना अहम योगदान दिया है।

सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के इतिहास में मास्टर ब्लास्टर के तौर पर जाने जाते हैं। उन्होंने 16 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में डेब्यू किया था। उनके नाम सौ शतक का रिकॉर्ड है। साथ ही उन्होंने सभी प्रारूपों में 30,000 से अधिक रन बनाए हैं।

पंडित मदन मोहन मालवीय और अटल बिहारी बाजपेयी (2015)

केंद्र सरकार ने 2015 में पंडित मदनमोहन मालवीय और अटल बिहारी बाजपेयी को भारत रत्न दिया था।

पंडित मदन मोहन मालवीय बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और अखिल भारतीय हिंदू महासभा के संस्थापक थे। वह महामना के रूप में जाने जाते थे।

अटल बिहारी बाजपेयी भारत के तीन बार प्रधानमंत्री रहे थे। उन्हें 1994 में सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार से भी नवाजा गया था।

प्रणब मुखर्जी, नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका (2019)

केंद्र सरकार ने 2019 में तीन लोगों को भारत से नवाजा था। इनमें प्रणब मुखर्जी, नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका शामिल थे।

नानाजी देशमुख का असली नाम चंडिकादास अमृतराव देशमुख था। नानाजी देशमुख शिक्षा, ग्रामीण आत्मनिर्भरता और स्वास्थ्य में योगदान देने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने भारतीय जनसंघ के नेता के रूप में कार्य किया था।

भूपेन हजारिका को सुधाकंठ (अमृत-कण्ठ) के रूप में पहचान मिली है। वह एक प्रख्यात फिल्म निर्माता, कवि, गीतकार, गायक और संगीतकार थे।

 

अब तक इन लोगों को मिला है भारत रत्न

  1. डॉ. सर्वपल्‍ली राधाकृष्‍णन: 1954 में भारत रत्‍न से सम्‍मानित. डॉ. राधाकृष्‍णन भारत के दूसरे राष्‍ट्रपति थे.

 

  1. चक्रवर्ती राजगोपालाचारी: 1954 में भारत रत्‍न से सम्‍मानित राजगोपालाचारी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और अंतिम गवर्नर जनरल थे.

 

  1. डॉ. चन्द्रशेखर वेंकट रमन: 1954 में वेंकट रमन को भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया था. वह नोबेल पुरस्कार विजेता और भौतिकशास्त्री थे.

 

  1. डॉ. भगवान दास: 1955 में भारत रत्‍न से सम्‍मानित किए गए भगवान दास स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और लेखक थे.

 

  1. सर डॉ. मौक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या: 1955 में विश्वेश्वरय्या को भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया. वह सिविल इंजीनियर और मैसूर के दीवान थे.

 

  1. पं. जवाहरलाल नेहरू: 1955 में देश के प्रथम प्रधानमंत्री, लेखक और स्वतंत्रता सेनानी को भारत रत्न से सम्‍मानित किया गया.

 

  1. गोविंद वल्लभ पंत: 1957 में गोविंद वल्लभ पंत को भारत रत्न दिया गया. वह स्वतंत्रता सेनानी, उप्र के पहले मुख्यमंत्री और देश के दूसरे गृहमंत्री थे.

 

  1. डॉ. धोंडो केशव कर्वे: 1957 में भारत रत्न से सम्मानित हुए केशव कर्वे शिक्षक और समाज सुधारक थे.

 

  1. डॉ. बिधान चन्द्र राय: 1958 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया. वह चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री थे.

 

  1. पुरुषोत्तम दास टंडन: 1961 में भारत रत्न से सम्मानित किए गए पुरुषोत्तम दास टंडन स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और शिक्षक थे.

 

  1. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद: 1961 में भारत रत्न से सम्मानित किए गए. वह देश के प्रथम राष्ट्रपति, स्वतंत्रता सेनानी और विधिवेत्ता थे.

 

  1. डॉ. जाकिर हुसैन: 1963 में जाकिर हुसैन को भारत रत्न से सम्मानित किया गया. वह देश के तृतीय राष्ट्रपति थे.

 

  1. डॉ. पांडुरंग वामन काणे: 1963 में भारतविद और संस्कृत के विद्वान पांडुरंग वामन काणे को भारत रत्न से सम्मानित किया गया.

 

  1. लाल बहादुर शास्त्री: 1966 में देश के तीसरे प्रधानमंत्री और स्वतंत्रता सेनानी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया.

 

  1. इंदिरा गांधी: 1971 में देश की चौथी प्रधानमंत्री को भारत रत्न से सम्मानित किया गया.

 

  1. वराहगिरी वेंकट गिरी: 1975 में भारत रत्‍न से सम्‍मानित. वराहगिरी वेंकट गिरी देश के चौथे राष्ट्रपति और श्रमिक संघवादी थे.

 

  1. के. कामराज: 1976 में भारत रत्‍न से सम्‍मानित. वह स्वतंत्रता सेनानी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री थे.

 

  1. मदर टेरेसा: 1980 में भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया. मदर टेरेसा नोबेल पुरस्कार विजेता, कैथोलिक नन और मिशनरीज़ संस्थापक थीं.

 

  1. आचार्य विनोबा भावे: 1983 में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और समाज सुधारक विनोबा भावे को भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया.

 

  1. खान अब्दुल गफ्फार खान: 1987 में गफ्फार खान को भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया. वह स्वतंत्रता सेनानी थे.

 

  1. मरुदुर गोपाला रामचन्दम: 1988 में भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया. गोपाला रामचन्दम अभिनेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री थे.

 

  1. डॉ. भीमराव अम्बेडकर: 1990 में भारत रत्‍न से सम्‍मानित. भीमराव अम्बेडकर भारतीय संविधान के वास्तुकार, राज‍नीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे.

 

  1. नेल्सन मंडेला: 1990 में मंडेला को भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया. वह नोबेल पुरस्कार विजेता और रंगभेद विरोधी आंदोलन के नेता थे.

 

  1. राजीव गांधी: 1991 में देश के सातवें प्रधानमंत्री राजीव गांधी को भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया.

 

  1. सरदार वल्लभ भाई पटेल: 1991 में देश के पहले गृहमंत्री और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया.

 

  1. मोरारजी भाई देसाई: 1991 में भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया. वह देश के पांचवें प्रधानमंत्री और स्वतंत्रता सेनानी थे.

 

  1. मौलाना अबुल कलाम आजाद: 1992 में देश के प्रथम शिक्षा मंत्री और स्वतंत्रता सेनानी को भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया.

 

  1. जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा: 1992 में देश के जाने माने उद्योगपति को भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया.

 

  1. सत्यजीत रे: 1992 में भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया. वह फिल्म निर्माता और निर्देशक थे.

 

  1. एपीजे अब्दुल कलाम: 1997 में देश के 11वें राष्ट्रपति और वैज्ञानिक को भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया.

 

  1. गुलजारीलाल नंदा: 1997 में भारत रत्‍न से सम्‍मानित. गुलजारीलाल नंदा स्वतंत्रता सेनानी थे और दो बार कार्यवाहक प्रधानमंत्री रहे थे.

 

  1. अरुणा आसिफ अली: 1997 में भारत रत्‍न से सम्‍मानित. वह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे.

 

  1. एमएस सुब्बालक्ष्मी: 1998 में शास्त्रीय संगीत गायिका को भारत रत्न से सम्‍मानित किया गया.

 

  1. सी. सुब्रमण्यम: 1998 में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और कृषि मंत्री को भारत रत्न से सम्‍मानित किया गया.

 

  1. जयप्रकाश नारायण: 1998 में भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया. जेपी स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिज्ञ थे.

 

  1. पंडित रविशंकर: 1999 में सितार वादक रविशंकर को भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया.

 

  1. अमर्त्य सेन: 1999 में नोबेल पुरस्कार विजेता और अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया.

 

  1. गोपीनाथ बोरदोलोई: 1999 में भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया. वह स्वतंत्रता सेनानी और असम के मुख्यमंत्री थे.

 

  1. लता मंगेशकर: 2001 में गायिका लता मंगेशकर को भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया.

 

  1. उस्ताद बिस्मिल्ला खां: 2001 में शहनाई वादक बिस्मिल्ला खां को भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया.

 

  1. पंडित भीमसेन जोशी: 2008 में शास्त्रीय गायक भीमसेन जोशी को भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया.

 

  1. सचिन तेंडुलकर: 2014 में भारतीय क्रिकेटर सचिन को भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया.

 

  1. सीएनआर राव: 2014 में जाने-माने वैज्ञानिक व केमेस्ट्री के विशेषज्ञ सीएनआर राव को भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया.

 

  1. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी: 2014 में भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया. अटल बिहारी वाजपेयी जाने-माने राजनेता, 10वें प्रधानमंत्री, कवि और पत्रकार थे.

 

  1. पं. मदनमोहन मालवीय: 2014 में शिक्षाविद और समाज सुधारक मदनमोहन मालवीय को भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया

 

  1. प्रणब मुखर्जी: पूर्व राष्ट्रपति और राजनेता (2019)

 

  1. नानाजी देशमुख: भारतीय समाजसेवी और जनसंघ नेता (2019)

 

  1. भूपेन हजारिका: गायक (2019)

 

  1. प्रणब मुखर्जी: भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति (2019)

 

गृह मंत्रालय की वेबसाइट के इस लिंक में वर्ष 2019 तक दिए गए भारत रत्न पुरस्कारों की सूची है।

क्या है 24 जनवरी 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय

हिंदू धर्म में पंचांग का बहुत महत्व है।आज के पंचांग के अनुसार शुभ और अशुभ मुहूर्त क्या है और राहु काल का समय आज क्या रहने वाला है आइए जानते हैं।

आज का पंचांग क्या है ये जान लें. आज 24 जनवरी 2024 बुधवार का दिन है. हिन्दू पंचांग के अनुसार आज आर्द्रा नक्षत्र है. आज का दिन कैसा रहने वाला है. किस समय पूजा करें और किस समय कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए ये सारी जानकारी हिंदू पंचांग में होती है. अभिजीत मुहूर्त क्या है और आज किस दिशा में यात्रा करने से आपको बचना चाहिए ये भी जानकारी आपको दे रहे हैं. कहते हैं अगर कोई शुभ कार्य करना हो तो उसे शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए. शादी के साय भी हैं ऐसे में अगर आप शुभ और अशुभ मुहूर्त के अलावा राहु काल के समय को भी ध्यान में रखकर कोई भी कार्य करेंगे तो आपको उसमें सफलता जरूर मिलेगी. आप अगर कोई इंटरव्यू देने जा रहे हैं या किसी बिज़नेस डील के लिए जा रहे हैं तो भी आपको अशुभ समय से बचना चाहिए. क्योंकि इस दौरान किया गया कोई भी कार्य आसानी से सफल नहीं होता उसमें कोई ना कोई अड़चन जरूर आती है. इसके अलावा आज सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त का समय क्या रहने वाला है और चंद्रोदय का समय क्या है ये भी आपको हिंदू पंचांग के अनुसार बता रहे हैं।

शुभ समय (शुभ मुहूर्त)

अभिजीत – 12:11:47 से 12:54:23 तक

इस समय गलती से भी ना करें कोई शुभ काम – अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त)

दुष्टमुहूर्त – 09:21:23 से 10:03:59 तक
कुलिक – 13:36:59 से 14:19:35 तक
कंटक – 07:56:11 से 08:38:47 तक
राहु काल – 15:12:50 से 16:32:43 तक
कालवेला / अर्द्धयाम – 09:21:23 से 10:03:59 तक
यमघण्ट – 10:46:35 से 11:29:11 तक
यमगण्ड – 09:53:20 से 11:13:12 तक
गुलिक काल – 12:33:05 से 13:52:58 तक

दिशा शूल – उत्तर

नक्षत्र – मृगशिरा – 28:59:04 तक

सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ

सूर्योदय – 07:13:34

सूर्यास्त – 17:52:35

चन्द्र राशि– वृषभ – 16:23:13 तक

चन्द्रोदय – 15:33:00

चन्द्रास्त – 30:19:59

ऋतु – शिशिर

तो आप आज अपने सभी कार्य पंचांग को ध्यान में रखकर करें. अगर आप जीवन में तरक्की चाहते हैं तो पंचांग में बताए गए शुभ और अशुभ समय पर आपको जरूर विचार करना चाहिए।

रविश कुमार का राम मंदिर पर तंज- मंदिर मैनेजमेंट कोर्स शुरू हो, IIM में पढ़ने के बाद भी नहीं मिल रही नौकरी

वरिष्ठ पत्रकार रविश कुमार ने राम मंदिर पर अपना तंज कसा है और कहा IIM के बंदे व बंदियों को नौकरी नहीं मिल रही। ऐसी विध्न संतोषी रिपोर्ट से सावधान रहें। यहाँ प्रधानमंत्री यम-नियम का पालन कर रहे हैं और ये लोग नौकरी की चिंता कर रहे हैं। नौकरी का नहीं मिलना रोज़ की घटना है। राम का आना रोज़ की घटना नहीं है। यही मौक़ा है कि IIM में LED स्क्रीन लगाकर प्राण प्रतिष्ठा का प्रसारण अनिवार्य करना चाहिए। सभी अदालतों के भीतर भी अनिवार्य करना चाहिए। तीनों चीज़ें अवश्य हों। हवन, पाठ व सीधा प्रसारण। कोर्ट क्यों अलग रहे? मुझे हैरानी है कि अदालतों के लिए ऐसा आदेश क्यों नहीं आया है। राम पूछ रहे हैं। राम आ रहे हैं।

एक गंभीर सुझाव है। हर IIM में मंदिर पर्यटन और प्रबंधन का कोर्स होना चाहिए। जिसका अंग्रेज़ी में संक्षिप्त नाम TTM Temple Tourism and Management होना चाहिए। पहले से ऐसा कोर्स है तो ठीक, नहीं है तो आज से सबको इसी में लगा देना चाहिए। भारत के युवाओं को MNC में नौकरी करने का लोभ छोड़ना ही होगा। MNC में नौकरी करने से चारित्रिक पतन होता है। राष्ट्रवाद कमज़ोर होता है । एक सच्चा भारतीय विदेश में बस जाता है। आप लोग भी इसी तरह की बातें किया करें। हाँ में हाँ मिलाने वाले बहुत मिलेंगे। नेशन का अच्छा टाइम कटेगा और आपका भी।

इस समय अख़बारों में कूड़ा छपने के अलावा ऐसी कोई ख़बर ग़लती से न छपे। जिससे लगे कि पढ़ाई की हालत बुरी है, नौकरी नहीं मिल रही है और एयरपोर्ट पर यात्रियों को तकलीफ़ है। गोदी चैनलों ने सही रास्ता पकड़ा है। पत्रकार और पुजारी में फ़र्क़ मिट गया है। यही वक्त है कि पुजारी को पत्रकार बना देना चाहिए।

जहां मीडिया की पढ़ाई होती है, वहाँ वैदिक पत्रकारिता का कोर्स होना चाहिए। भारत के चैनलों में एक भी योग्य प्राण प्रतिष्ठा संपादक नहीं है। प्राण प्रतिष्ठा ब्यूरो चीफ़ नहीं है। प्राण प्रतिष्ठा इनपुट एडिटर नहीं है। धर्म तंत्र में बिना मंत्र जाप योग्यता के कोई पत्रकार न बने। बजट और सीएजी की रिपोर्ट से ज़्यादा पत्रकारों को अब इसी में ज़्यादा मन लग रहा है।

पत्रकारिता के बाक़ी बचे अंश का ठीक से और जल्दी सत्यानाश हो इसी में राष्ट्र की भलाई है। असली पत्रकार तो हाउसिंग सोसायटी का व्हाट्स एप गिरोह कर रहा है। अंकिल सबने कमाल का काम किया है।