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चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हाई वोल्टेज ड्रामा, AAP ने BJP पर लगाया बड़ा आरोप

चंडीगढ़ नगर निगम (एमसी) चुनाव में भाजपा को जीत मिली है और आप-कांग्रेस के उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा है। चुनाव के दौरान असेंबली हॉल में मंगलवार को उस समय जोरदार ड्रामा देखने को मिला, जब पीठासीन अधिकारी ने कांग्रेस और आप पार्षदों के आठ वोटों को अवैध घोषित कर दिया, जिससे मेयर चुनाव में भाजपा उम्मीदवार मनोज सोनकर की जीत का रास्ता साफ हो गया। सोनकर को आप के कुलदीप कुमार के 12 वोटों की तुलना में 16 वोट मिले, जबकि आठ वोट अवैध घोषित किए गए। इन परिणामों की घोषणा के बाद आप और कांग्रेस पार्षदों ने तुरंत विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, और भाजपा पर बेईमानी का आरोप लगाया। आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर आरोप लगाया और हाई कोर्ट जाने की बात कही।

आम आदमी पार्टी ने कहा कि सबसे पहली बात ये चुनाव 18 तारीख को होना था लेकिन अनिल मसीह बीमार कर दिये गये, इसे लेकर इस आदमी पर राजद्रोह का मुक़द्दमा होना चाहिए। पिछली बार तो एजेंट भी बुलाए थे इस बार तो एजेंट भी नहीं बुलाए गए। इसे लेकर हम कोर्ट में जाएँगे तो दिखायेंगे कि कैसे ये सब खेल हुआ है। कैमरे तो कोर्ट ने ही लगाये थे, उसके बाद हम हाई कोर्ट गए तो आज का दिन तय हुआ। आप ने आगे आरोप लगाया कि काउंटिंग एजेंट के हस्ताक्षर के बिना नहीं छुपा सकते एजेंटो के बिना ये लोग कौन होते हैं वेलोट पेपर को देखने वाले। चंडीगढ़ के मेयर को आज सीट पर बैठाया गया है उसे चुना नहीं गया है।

नव निर्वाचित भाजपा के मेयर ने कहा…

चंडीगढ़ के नवनिर्वाचित मेयर मनोज सोनकर ने कहा, “…आरोप लगाना उनका (आप-कांग्रेस) काम है। जहां भी उनकी बात नहीं चलती, वे आरोप लगा देते हैं…सब कुछ कैमरे पर है। लेकिन जब वे ऐसा नहीं कर सके अपनी हार को पचाते हुए, उन्होंने यह माहौल बनाया और हम पर दोषारोपण करना शुरू कर दिया। मेयर के नाम की घोषणा के बाद उन्होंने मतपत्र फाड़ना शुरू कर दिया और आसपास के लोगों को धक्का देना शुरू कर दिया… जब वे एक छोटा शहर नहीं चला सकते, तो वे एक राज्य कैसे चला सकते हैं? …उन्हें प्रेस कॉन्फ्रेंस करने दीजिए, हम गलत नहीं हैं। हम चुनाव जीत गए हैं…”

पहले तो उन्होंने बैलेट पेपर को गिना उसके बाद फिर उन्होंने पहले पेन से मार्क किया और फिर उसके बाद टिक किया और उसको अलग रख दिया जब आदमी  कोई ग़लत काम करता है तो हाथ कांपते हैं तो अनिल मसीह के भी कांप रहे थे बिना एजेंट के जब ईवीएम की वोटिंग होती है तो एजेंट के सामने ही उसे सील किया जाता है और एजेंट के  सामने ही ईवीएम खोली जाती है।

हाई कोर्ट पहुंची आम आदमी पार्टी

आप ने उच्च न्यायालय का रुख किया है, जहां पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने तत्काल सुनवाई के लिए कुमार की याचिका का उल्लेख किया है। सिंह ने कहा कि बिना कोई कारण बताए आठ वोटों को अवैध घोषित कर दिया गया और चुनाव के रिकॉर्ड को सील करने की मांग की गई। हाई कोर्ट इस मामले पर बुधवार को सुनवाई करेगा।. इन आरोपों के संबंध में न तो नगर निगम अधिकारियों और न ही मसीह ने अब तक कोई स्पष्टीकरण जारी किया है।

पूर्व कांग्रेस सांसद पवन कुमार बंसल ने इस घटना को लोकतंत्र को नष्ट करने का एक बेशर्म प्रयास करार दिया और मसीह पर चुनावी प्रक्रिया को कमजोर करने के लिए एक पूर्व-निर्धारित योजना बनाने का आरोप लगाया। “कांग्रेस-आप उम्मीदवार के एजेंट को मतपत्र देखने की अनुमति नहीं दी गई, पीठासीन अधिकारी ने आठ वोटों को अस्वीकार करने की घोषणा की, भाजपा उम्मीदवार को विजेता घोषित किया और चले गए। भाजपा सदस्य मेज पर पहुंचे और मतपत्र फाड़ दिये।

केजरीवाल ने लगाया आरोप

आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर हमला बोलते हुए उन पर चुनावी प्रक्रिया में ”धोखाधड़ी” करने का आरोप लगाया। केजरीवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “अगर ये लोग मेयर चुनाव में इस स्तर तक गिर सकते हैं, तो वे राष्ट्रीय चुनावों में किसी भी हद तक जा सकते हैं।” उन्होंने कहा, “यह बहुत चिंताजनक है।”

JMM ने कहा- हेमंत सोरेन के खिलाफ अफवाह उड़ाई गई, निजी काम से गए थे दिल्ली

बिहार के बाद अब झारखंड में सियासत का कोलाहल जारी है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि यहां  हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ सकते हैं और  उनकी पत्नी कल्पना सोरेन सीएम का पद संभाल सकती हैं। वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह दावा किया गया कि हेमंत सोरेन निजी कार्य से दिल्ली गए थे, उनके बारे में तरह-तरह की अफवाहें उड़ाई गई। वहीं शाम 7 बजे एक बार फिर विधायकों की बैठक बुलाई गई है।

सीएम आवास पर हुई विधायकों की बैठक इससे पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आखिरकार मुख्यमंत्री आवास पहुंच गए हैं जहां उन्होंने राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात पर सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों की बैठक की अध्यक्षता की। पिछले कई घंटों तक उनके पते और ठिकाने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। बाद में रांची स्थित अपने आधिकारिक आवास पहुंचे और बैठक में हिस्सा लिया।

बैठक में हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन भी मौजूद

मुख्यमंत्री कार्यालय के एक सूत्र ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि सोरेन आधी रात के बाद अपने आधिकारिक आवास पर पहुंच गए थे। सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा की गई तस्वीरों और वीडियो में बड़ी संख्या में विधायक और मंत्री बैठक में हिस्सा लेने से पहले सोरेन का अभिवादन करते नजर आए। बैठक में मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन भी मौजूद थी। झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन के सभी विधायकों को राज्य की राजधानी नहीं छोड़ने और बैठक में भाग लेने के लिए कहा गया था।

दो विधायकों ने कल्पना सोरेन को सीएम मानने से किया इनकार-निशिकांत

इस बीच बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’पर बताया कि पार्टी के दो विधायकों ने हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन या अन्य किसी विधायक को मुख्यमंत्री मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने लिखा,’वर्तमान सूचना के अनुसार विधायक सीता सोरेन जी व विधायक बसंत सोरेन जी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी की पत्नी कल्पना सोरेन जी या अन्य विधायक को मुख्यमंत्री मानने से इंकार कर दिया है। दोनों विधायक राXची में हो रही विधायक दल की बैठक से अनुपस्थित हैं।’

नीतीश कुमार पर राहुल गांधी ने साधा निशाना, कहा- थोड़ा-सा दबाव पड़ता और वे पलट जाते हैं

बिहार की सियासी बयार से INDI एलायंस को झटका लगने के बाद आज पहली बार राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री का नाम लिए बगैर निशाना साधते हुए कहा कि थोड़ा-सा दबाव पड़ता है और उन्होंने यू टर्न ले लिया। जानकारी दे दें कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा बिहार में एंट्री कर चुकी है। इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने अपने संबोधन में आज नीतीश कुमार पर निशाना साधा है।

“दवाब क्यों पड़ा”

राहुल ने कहा कि थोड़ा-सा दबाव पड़ता है और उन्होंने यू टर्न ले लिया, दवाब क्यों पड़ा क्योंकि बिहार में हमारे गठबंधन ने एक बात जनता के सामने रखी है। इस यात्रा में हमने जनता के सामने पांच न्याय की बात कर रहे हैं वो है सामाजिक न्याय और बीजेपी ये नहीं चाहती।

चुटकीले अंदाज में साधा निशाना

राहुल ने अपने संबोधन में अखिलेश के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि अखिलेश जी का भाषण चल रहा था तो बघेल जी ने मुझे एक चुटकुला सुनाया। आपके राज्य के मुख्यमंत्री के बारे में ये है। आपके सीएम गवर्नर के यहां शपथ ग्रहण के लिए गए। काफी धूमधाम था, वहीं, बीजेपी के नेता , गवर्नर साहब मौजूद थे। मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण करते हैं और फिर वे निकल जाते हैं, गाड़ी में पता चलता है कि वे अपना शॉल गवर्नर हाउस में भूल गए,  फिर वे ड्राइवर को वापस चलने के लिए के लिए कहते हैं। जैसे ही गवर्नर अपना दरवाजा खोलते हैं तो गवर्नर कहते हैं, ‘अरे इतनी जल्दी आ गए’। ऐसी है बिहार की हालत.. थोड़ा-सा दबाव पड़ता है और (नीतीश कुमार) यू-टर्न ले लेते हैं।

“नीतीश जी कहां फंसे”

राहुल गांधी ने आगे कहा कि बात समझिए नीतीश जी कहां फंसे। मैंने नीतीश जी से साफ कह दिया कि आपको बिहार में जातीय जनगणना करनी पड़ेगी हम आपको छूट नहीं देंगे। और आरजेडी और हमने ये काम नीतीश जी पर दबाव डालकर काम कराया। अब दूसरे साइड से प्रेशर आ गया। बीजेपी नहीं चाहती कि देश को पता चले कि कितने पिछड़े, कितने दलित हैं? बीजेपी नहीं चाहती की सामाजिक न्याय की बात हो। बीजेपी ने उन्हें भागने के लिए बैक डोर दे दिया। लोगों को सामाजिक न्याय दिलाना हमारी गठबंधन का काम है और इसके लिए हमें नीतीश जी की कोई जरूरत नहीं है।

‘ओबीसी देश का सबसे बड़ा समाज’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आगे कहा, “हमारे समाज में सामाजिक वर्ग- पिछड़ा वर्ग, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक और सामान्य जाति के लोग हैं। ओबीसी समुदाय देश का सबसे बड़ा समाज है। लेकिन आज अगर मैं आपसे जनसंख्या पूछूंगा देश में ओबीसी समाज की आबादी कितनी है, तो आपके पास जवाब नहीं होगा।” राहुल गांधी ने कहा, ”इस देश में जनसंख्या का पता लगाने के लिए भारत का एक्स-रे करने का समय आ गया है, सामाजिक न्याय की दिशा में पहला कदम देश का एक्स-रे है। बिहार में सामाजिक न्याय देना गठबंधन की जिम्मेदारी है। यहां नीतीश कुमार की जरूरत नहीं है। हम यहां अपना काम करेंगे”

सपा ने जारी की प्रत्याशियों की पहली सूची, मैनपुरी से डिंपल यादव को बनाया उम्मीदवार

समाजवादी पार्टी ने लोकसभा प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है। समाजवादी पार्टी की तरफ से जारी किए गए पहली लिस्ट में पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को मैनपुरी से टिकट मिला है। वह अभी यहां से सांसद हैं। मुलायम सिंह यादव पहले इसी सीट से लोकसभा में पहुंचते रहे हैं।

इन सीटों पर उम्मीदवार घोषित किया

सपा ने संभल से शफीकुर्रहमान बर्क को टिकट दिया है। बर्क अभी यहां से सांसद हैं। वहीं, फिरोजाबाद से अक्षय यादव, एटा से देवेश शाक्य, बदायूं से धर्मेंद्र यादव और लखीमपुर खीरी से उत्कर्ष वर्मा को सपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है।  इनके अलावा धौरहरा से आनन्द भदौरिया, उन्नाव से अनु टण्डन, लखनऊ से रविदास मेहरोत्रा, फर्रुखाबाद से डॉ. नवल किशोर शाक्य और अकबरपुर से राजाराम पाल को टिकट मिला है।

इन्हें भी मिला टिकट

वहीं, बांदा से शिवशंकर सिंह पटेल और  फैजाबाद से अवधेश प्रसाद और अम्बेडकर नगर से लालजी वर्मा को सपा ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है। इसके अलावा बस्ती से रामप्रसाद चौधरी और गोरखपुर लोकसभा सीट से काजल निषाद को सपा ने अपना प्रत्याशी घोषित किया है।

इंडिया गठबंधन में सपा ऐसी दूसरी पार्टी जिसने उम्मीदवार घोषित किए

इंडिया गठबंधन में समाजवादी पार्टी ऐसा दूसरा दल है जिसने अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं। इससे पहले आम आदमी पार्टी ने गुजरात में अपना एक उम्मीदवार घोषित किया था। अखिलेश यादव ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा करके अपने सहयोगी दलों को साफ संदेश दे दिया है कि अब सीट बंटवारे पर देरी न करें।

सपा की ओर से यह सूची ऐसे समय जारी की गई है जब महागठबंधन के प्रमुख घटक दल कांग्रेस के साथ सीट के बंटवारे को लेकर कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। सपा और राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) ने अभी हाल में गठबंधन का ऐलान किया था।

प्रधानमंत्री मोदी का झारखंड दौरा टला, बिहार में रैली भी रद्द, समझे राजनीतिक मायने

झारखंड में इस वक्त सियासी संकट जारी है। राज्य के सीएम हेमंत सोरेन के ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। दूसरी ओर पीएम मोदी 3 फरवरी को राज्य के दौरे पर आने वाले थे। हालांकि, भाजपा के सूत्रों ने ये जानकारी दी है कि अब ये दौरा टल गया है। इसके साथ ही पीएम मोदी का बिहार के बेतिया में रैली का कार्यक्रम भी टल गया है। माना जा रहा था कि बिहार में एनडीए के साथ वापस आने वाले सीएम नीतीश कुमार इस रैली में पीएम मोदी के साथ मंच साझा कर सकते थे।

क्या था कार्यक्रम?

पहले के तय कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 फरवरी की रात झारखंड के राजभवन में पहुंचने वाले थे। वहीं, 4 फरवरी को पीएम धनबाद में कार्यक्रम करने वाले थे। इसके बाद पीएम मोदी को बिहार के बेतिया में रैली को संबोधित करने जाने का प्लान था। हालांकि, अब ये सभी कार्यक्रम टाल दिए गए हैं।

झारखंड में क्या हो रहा?

झारखंड इस वक्त सियासी संकट से जूझ रहा है। राज्य के सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी की कार्रवाई लगातार जारी है। संभावना जताई जा रही है कि सोरेन कभी भी गिरफ्तार किए जा सकते हैं। भाजपा सोरेन के गुमशुदगी के पोस्टर जारी कर रही है तो वहीं, हेमंत सोरेन विधायकों संग जरूरी बैठक कर रहे हैं। माना जा रहा है कि सोरेन बैठक के बाद कुछ बड़ा ऐलान कर सकते हैं।

PM मोदी की गारंटी एक जुमला, बीजेपी के पास बेरोजगारी का कोई समाधान नहीं: प्रियंका गांधी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने मंगलवार को बीजेपी और पीएम मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के पास देश के सबसे बड़े मुद्दे बेरोजगारी का कोई समाधान नहीं है और ‘मोदी की गारंटी’ जैसी बातें सिर्फ जुमला हैं।

प्रियंका ने इजराइल का मुद्दा उठाया

वाद्रा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक वीडियो भी साझा किया जिसमें बड़ी संख्या में लोग इजराइल में नौकरी पाने के मकसद से कतारबद्ध नजर आ रहे हैं। प्रियंका गांधी ने कहा, “अगर कहीं पर युद्ध के हालात हैं तो सबसे पहले हम अपने नागरिकों को वहां से बचाकर, वापस अपने वतन लाते हैं लेकिन बेरोजगारी ने आज ये हाल कर दिया है कि देश की सरकार हजारों असहाय और मजबूर युवाओं को युद्धग्रस्त इजराइल जाकर ये खतरा उठाने से भी बचा नहीं रही।”

उन्होंने दावा किया कि इसी से पता चलता है कि चुनावों में ‘5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था’, ‘सालाना दो करोड़ रोजगार’ और ‘मोदी की गारंटी’ जैसी बातें ‘‘सिर्फ जुमला’’ हैं। कांग्रेस महासचिव ने कहा, यहां अपने देश में इन्हें रोजगार क्यों नहीं मिल रहा? लंबी-लंबी कतारों में दो-दो दिनों से खड़े युवा क्या हमारे देश के बच्चे नहीं हैं कि हम इन्हें ख़ुशी से इतने भयानक युद्ध के बीच भेजने को तैयार हैं?’

उन्होंने कहा कि गौर कीजिए, कितनी चालाकी से सरकार इसे देश के युवाओं का व्यक्तिगत मसला बना रही है! प्रियंका गांधी ने सवाल किया कि सरकार की इसमें क्या भूमिका है? उन्होंने सवाल किया कि भारत सरकार ने युद्धग्रस्त इजराइल को भारतीय युवाओं की बलि लेने की स्वीकृति किस आधार पर दी है?

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे इन युवकों के जान-माल की रक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा? भगवान न करे अगर किसी के साथ कोई दुर्घटना हो गई तो किसकी जिम्मेदारी होगी?’’ उन्होंने कहा, ”आज भारत का असली मुद्दा बेरोजगारी और महंगाई है। भाजपा सरकार के पास इसका कोई हल नहीं है। देश के युवा अब यह बात समझ रहे हैं।”

ED का बड़ा खुलासा, राबड़ी देवी की गाय पालने वाले ने नौकरी के बदले ली जमीन, बाद में इसको किया ट्रांसफर

लैंड फोर जॉब केस की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने लालू यादव और राबड़ी देवी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने जानकारी दी है कि राबड़ी देवी की गौशाला का पूर्व कर्मचारी भी नौकरी के बदले में जमीन लेता था और उसे लालू प्रसाद यादव की बेटी हेमा यादव को ट्रांसफर कर दिया था। ईडी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर के लालू परिवार पर और भी कई आरोप लगाए हैं। आइए जानते हैं पूरा मामला।

इन लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत

ईडी ने अमित कात्याल, राबड़ी देवी, मिसा भारती, हेमा यादव, हृदयानंद चौधरी और दो कंपनियां अर्थात मेसर्स एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स ए बी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ विशेष न्यायालय के समक्ष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत अभियोजन शिकायत दर्ज की है। कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया है और आरोपी व्यक्तियों को आगे के परीक्षण के लिए 9 फरवरी 2024 को उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी किया है।

क्या है आरोप?
प्रेस विज्ञाप्ति में कहा गया है कि ईडी ने नौकरी के बदले जमीन घोटाले से संबंधित सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की, जिसमें आरोप लगाया गया कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने 2004-2009 की अवधि के दौरान भारतीय रेलवे में ग्रुप डी के विकल्प की नियुक्ति के लिए भ्रष्टाचार में लिप्त थे। एफआईआर के अनुसार उम्मीदवारों को भारतीय रेलवे में नौकरियों के बदले में रिश्वत के रूप में भूमि हस्तांतरित करने के लिए कहा गया था। सीबीआई ने आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया है।

मामूली रकम पर जमीन के पार्सल मिले

ईडी ने कहा है कि आरोपी बनाए गए लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्य राबड़ी देवी, मिसा भारती, हेमा यादव को उम्मीदवारों के परिवार से (जिन्हें भारतीय रेलवे में ग्रुप डी के विकल्प के रूप में चुना गया था) मामूली रकम पर जमीन के पार्सल मिले थे। एक अन्य आरोपी हृदयानंद चौधरी, राबड़ी देवी की गौशाला में एक पूर्व कर्मचारी हैं, जिन्होंने एक उम्मीदवार से संपत्ति अर्जित की थी और बाद में उसे हेमा यादव को हस्तांतरित कर दिया था।

फर्जी कंपनियों का भी जाल

ईडी ने कहा है कि मेसर्स एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स ए बी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड फर्जी कंपनियां थीं जिन्हें लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों के लिए अपराध से प्राप्त धन प्राप्त हुआ था। उक्त कंपनियों में सामने वाले लोगों द्वारा अचल संपत्तियां अर्जित की गईं और उसके बाद शेयरों को नाममात्र राशि के लिए लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों को हस्तांतरित कर दिया गया, अमित कात्याल लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के लिए इन कंपनियों का प्रबंधन करते थे।

रकम भी जब्त की गई

ईडी ने बताया है कि एजेंसी ने 10-03-2023 को तलाशी अभियान चलाया था जिसके परिणामस्वरूप लगभग 1 करोड़ रुपये की नकदी और 1.25 करोड़ रुपये के कीमती सामान जब्त किए थे। इसके साथ ही ईडी ने 29-07-2023 को  6.02 करोड़  रुपये की अचल संपत्तियों को भी अस्थायी रूप से कुर्क किया है। ईडी ने जानबूझकर लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को मनी लॉन्ड्रिंग में मदद करने के आरोप में अमित कात्याल को 11-11-2023 को गिरफ्तार किया था।

पाकिस्तान के पूर्व PM इमरान खान और महमूद कुरैशी को 10 साल की सजा, जानें मामला

पाकिस्तान मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पीटीआई के संस्थापक इमरान खान और शाह महमूद कुरेशी को सिफर मामले में 10 साल की जेल की सजा दी गई है। इस मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत के जज अब्‍दुल हसनत जुल्‍करनैन ने मंगलवर को यह फैसला सुनाया है। इमरान खान फिलहाल रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं और वहीं पर इस मामले में फैसला सुनाया गया। इस फैसले को पहले से ही जेल में बंद इमरान खान के लिए बड़ा झटका समझा जा रहा है। पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव हैं, इससे पहले यह सजा इमरान की पार्टी के लिए चुनावी तैयारियों के लिए भी गहरे आघात से कम नहीं है। क्योंकि इस 10साल की सजा के साथ ही इमरान खान और उनकी सरकार में विदेश मंत्री रहे शाह महमूद कुरैशी के लिए चुनाव लड़ने का रास्ता बंद हो गया है।

विशेष अदालत ने दिया सजा का फैसला, इमरान के लिए बड़ा झटका

विशेष अदालत के इस फैसले को इमरान खान और उनकी पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इमरान जेल से ही चुनाव लड़ने का सपना देख रहे थे। लेकिन यह सपना 10 साल की सजा के ऐलान से टूट गया है।

हालांकि अभी भी इमरान खान इस सजा को उच्‍च अदालतों में चुनौती दे सकते हैं, लेकिन सेना के साथ चल रहे तनाव की वजह से उन्‍हें राहत मिलने की उम्‍मीद बहुत कम है।

जानिए जज ने क्या कहा?

सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि इमरान खान के वकील कोर्ट में पेशनहीं हो रही हैं। उन्हें सरकारी वकील दिया गया है। वहीं पूर्व विदेशमंत्री कुरैशी ने जब कहा कि जब उनके वकील ही उपस्थित नहीं हैं, तो वह कैसे अपना बयान दर्ज करा सकेंगे। जेल के अंदर ही यह सुनवाई की गई। चुनाव से ठीक पहले इमरान खान की पार्टी से उसका चुनाव चिन्‍ह ‘बल्‍ला’ भी ले लिया गया था।

जानिए किस मामले में सुनाई है सजा?

इमरान और शाह महमूद कुरैशी को ‘सिफर’ मामले में सजा सुनाई गई है।। दरअसल, उनके खिलाफ सिफर का ये मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। इमरान खान पर बेहद टॉप सीक्रेट का निजी इस्तेमाल करने का आरोप है। सत्ता से बेदखल होने के बाद इमरान ने आरोप लगाया था कि उन्हें बेदखल करने के पीछे अमेरिका का हाथ है। इसके लिए इमरान ने कहा कि वाशिंगटन स्थित पाक एंबेंसी ने उन्हें एक केबल (टेप या गुप्त जानकारी) भेजा था। इमरान खान ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए एक विवादित राजनयिक बातचीत को सार्वजनिक कर दिया था। इसे ही ‘सिफर’ कहा गया।

इमरान की पार्टी के 10 हजार से अधिक कार्यकर्ता जेल में बंद

उधर, पीटीआई कह चुकी है कि पिछले साल मई में सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले में कथित संलिप्तता के लिए 10000 से अधिक पार्टी कार्यकर्ता अभी भी जेलों में बंद हैं। इनमें से ज्यादातर पंजाब और किबर पख्तूनख्वा प्रांतों में हैं। चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने पीटीआई को उसके प्रतिष्ठित सिंबल क्रिकेट ‘बल्ला‘ से वंचित कर दिया है। इसलिए उसके सभी उम्मीदवार अब स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ रहे हैं।

बिलावल भुट्टो ने दिया था इमरान को राहत पहुंचाने वाला बयान

चुनाव प्रचार के बीच पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार में विदेश मंत्री रहे बिलावल भुट्टो ने जरूर हाल ही में एक बयान दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि इमरान खान की पार्टी के कार्यकर्ता 8 फरवरी को होने वाले चुनाव में उनका समर्थन करें और वे सत्ता में आए तो वे बदले में प्रतिशोध की राजनीति खत्म कर जेल में बंद सभी कार्यकर्ताओं को रिहा कर देंगे। बिलावल ने वादा किया, ‘शरीफ की पीएमएल.एन पीटीआई से बदला ले रही है। बिलावल ने कहा था कि मैं पीटीआई कार्यकर्ताओं से मेरा समर्थन करने के लिए कहता हूं। अगर मैं सत्ता में आया तो मैं पीटीआई सहित सभी राजनीतिक कार्यकर्ताओं को रिहा कर दूंगा।’

‘ये आदमी चतुर नहीं बल्कि धूर्त है, जनता को ठग रहा’, CM नीतीश पर प्रशांत किशोर

राजनीतिक रणनीतिकार और जन सुराज के मुखिया प्रशांत किशोर ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है। प्रशांत ने कहा है कि नीतीश कुमार चतुर आदमी नहीं हैं बल्कि निहायत ही धूर्त आदमी हैं और बिहार की 13 करोड़ की जनता को ठग रहे हैं। जेडीयू को विधानसभा चुनाव में 20 विधायक भी नहीं आएंगे, अगर आएंगे तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा।

पीके ने और क्या कहा?

नीतीश कुमार के इतनी बार पलटने के बाद भी क्या जनता सुधरेगी या नहीं, बेगूसराय में पूछे गए इस सवाल का जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि आप लिखकर रखिए कि नीतीश कुमार अब चाहे जिस गठबंधन में लड़े या भाजपा के साथ लड़े, अगली बार विधानसभा चुनाव में इन्हें 20 से कम विधायक आएंगे। जेडीयू को आगामी विधानसभा चुनाव में 20 विधायक भी नहीं आएंगे, अगर आएंगे तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा।

पीके ने कहा कि नीतीश कुमार चाहें भाजपा के साथ लड़ें, महागठबंधन के साथ लड़ें या किसी के साथ लड़ें, बिहार की जनता इतनी बेवकूफ नहीं है। आज जनता इतनी व्याकुल है, जनता ने नीतीश कुमार को वोट किया, लेकिन ये आदमी बार-बार पलटा है। जनता आज कितना असहाय महसूस कर रही है और नीतीश कुमार खुद को चतुर समझ रहे हैं, लेकिन ये आदमी चतुर नहीं निहायत धूर्त आदमी है। जो पूरे बिहार की 13 करोड़ की जनता को मूर्ख बनाकर ठग रहा है। अगले चुनाव में बिहार की जनता सूध समेत इसका हिसाब करेगी।

हारने के डर से नीतीश गए भाजपा की शरण में: प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं दावे के साथ कैमरे पर कह रहा हूं कि अगर किसी एक नेता के खिलाफ जनता में सबसे ज्यादा गुस्सा है, तो वे है नीतीश कुमार। आप किसी भी वर्ग से बात कीजिए, किसी सामान्य नेता से बात कीजिए, पब्लिक से बात कीजिए, नीतीश कुमार के अपने सपोर्टर, वोटर और पार्टी के नेताओं से बात कीजिए। हर आदमी आज नीतीश कुमार के खिलाफ अपशब्द और गलत बात कह रहा है।

प्रशांत किशोर ने कहा कि ऐसा मत समझिए कि बिहार की जनता समझती नहीं है। यही नीतीश कुमार हैं जिन्हें 2010 में इनके नाम और चेहरे पर बिहार की जनता ने 206 विधायकों को जिताया था और आज यही नीतीश कुमार हैं, जिनके 42 विधायक जीते हुए हैं और एमपी के चुनाव में हारने के डर से भाजपा की शरण में गए हैं। अगर, मोदी जी और भाजपा का साथ नहीं रहा तो खाता भी नहीं खुलेगा।