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जदयू के NDA में आने पर बोले गिरिराज सिंह … आज नड्डा जी पटना आकर बताएंगे हमारे लिए नीतीश क्यों हैं जरूरी

बिहार में आज महागठबंधन सरकार का टूटना तय है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है। नीतीश कुमार किसी भी वक्त इस्तीफा दे सकते हैं और भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं। वहीं इस नए सरकार के गठन से पहले मोदी कैबिनेट के मंत्री ने राजद परिवार और लालू यादव पर जोरदार हमला बोला है। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि -नीतीश जी भी अभी इस्तीफा नहीं दिए है। जब वो इस्तीफा देंगे तो बाकी चीजों पर बातचीत होगी। इनको समर्थन देना है और क्यों देना है इस पर तभी बात होगी जब नीतीश कुमार इस्तीफा देंगे ।

गिरिराज सिंह ने कहा कि – राजनीतिक हलचल स्वाभाविक है। नीतीश जी के महाघटबंधन में लालू जी के साथ उनके रिश्तों पर हमारी नजर बनी हुई है। आज मेरे राष्ट्रीय अध्यक्ष आने वाले हैं। जब राजनीतिक गतिविधि होता है तो स्वाभाविक है इसका प्रभाव दुष्प्रभाव समाज पर होता है। राजनीतिक दलों पर होता है। भारतीय जनता पार्टी सशक्त राजनीतिक दल है।

गिरिराज सिंह ने कहा कि, जब नीतीश जी सरकार और लालू जी का गठबंधन ना लालू जी ने अभी इस्तीफा वापस लिए हैं। लालू या नीतीश कोई भी तो कहते न कि हम समर्थन वापस लिए है लेकिन वह भी नहीं कह रहे हैं। इसलिए अभी हमलोग क्या बोले। नीतीश कुमार को समर्थन क्यों देना है यह उस समय ही तय किया जाएगा। फिलहाल इस पर कुछ नहीं कहना है।

इसके आलावा गिरिराज सिंह ने तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि – वो जो नौकरी की बात कर रहे हैं तो उनको बता देना है कि यह नौकरियां जब भारतीय जनता पार्टी और नीतीश कुमार सरकार में थे तो सभी नौकरी के सभी तैयारी की गई थी। 2022 में जब नीतीश जी एनडीए से चले गए तो स्वाभाविक है कि अभी की सरकार में यह नियुक्तियां हुई है।

नियुक्तियों में हमारे समय में जो तय हुआ था उसके विपरीत हेर फेर हुआ। लेकिन नौकरी देने में तेजस्वी कहां आ गए, तेजस्वी तो करीब डेढ़ साल से सत्ता में हैं। यह नौकरी देने का निर्णय डेढ़ साल का निर्णय नहीं है। बल्कि नीतीश कुमार नेतृत्व में जब एनडीए की सरकार थी, उसी समय लिया गया था। अब यह लोग श्रेय ले रहे हैं तो वह जानें। पहले भी शिक्षक बहाली एनडीए के समय ही हुई और अभी की बहाली का भी ताना-बाना एनडीए के शासनकाल में ही बुना गया था। अब लगता है कि तेजस्वी जी सचमुच में निकलने की तैयार हैं, तभी तो वह ऐसा कर रहे हैं।

BJP में जाने की अटकलों के बीच PK ने नीतीश पर बोला हमला, कहा-भाजपा से हाथ मिलाने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और यह कहेंगे…

BJP में जाने की अटकलों के बीच चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा से हाथ मिलाने के बाद नीतीश कुमार प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और यह कहेंगे कि मेरी अंतरात्मा कह रही थी कि अब इन लोगों के साथ नहीं रहना है। सब लोग एकजुट नहीं हुए तो अब BJP में जा रहे हैं।

जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि नीतीश कुमार एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और कहेंगे कि मेरी अंतरात्मा कह रही है कि अब इन लोगों के साथ नहीं रहेंगे। सब लोग एकजुट हुए नहीं, मैंने कहा था कि सब लोग एकजुट हो जाइए नहीं हुआ तो अब क्या करें? अब फिर से भाजपा में जा रहे हैं। नीतीश कुमार इस तरह की राजनीति करते रहते हैं। वो क्यों महागठबंधन बनाए हैं पहले ये समझिए।

प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार महागठबंधन बनाए अगस्त में उससे पहले मार्च में दिल्ली आकर मेरे साथ घंटों बैठे थे। पटना में भी मिले थे, वो सिर्फ इसलिए RJD के साथ गए, क्योंकि उनके दिमाग में ये बात आ गई थी कि 2024 के लोकसभा के चुनाव के बाद अगर भाजपा देश में जीत जाएगी तो हमको हटाकर अपना मुख्यमंत्री बना देंगे।

JDU के 42 विधायक थे और भाजपा का 75। तो इसी डर से इन्होंने सोचा कि भाजपा हमको हटाए इससे पहले हम खुद महागठबंधन बना लेते हैं कम से कम 2025 तक कुर्सी बचा रहेगा। सहूलियत के हिसाब से इतना बताया जा सकता है कि नीतीश कुमार की अपनी जो सहूलियत होगी जिसमें उन्हें अपना स्वार्थ दिखेगा उस दिशा में वो जाएंगे।

लालू का सरेंडर, सरकार बनाने की कोशिशें छोड़ी, स्पीकर अवध बिहारी चौधरी इस्तीफा देंगे

बिहार की सियासत में जारी उठापटक के बीच बड़ी खबर आयी है. लालू यादव ने नीतीश और बीजेपी की नयी चाल के सामने सरेंडर कर दिया है. राजद ने अपनी सरकार बनाने की कोशिशें छोड़ दी है. लालू यादव ने तय कर लिया है कि नीतीश कुमार और बीजेपी की नयी सरकार बनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।

राजद के एक वरीय नेता ने फर्स्ट बिहार को बताया कि लालू यादव ने देर शाम अपनी पार्टी के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक की. इस बैठक में तय किया गया कि सरकार बनाने या 28 जनवरी को बनने जा रही नयी सरकार को अस्थिर करने की कोई कोशिश नहीं की जायेगी. लालू ने कहा कि तेजस्वी यादव विधानसभा में विपक्ष के नेता की मजबूत भूमिका निभायेंगे. राजद विधायक अब सड़क पर संघर्ष करेंगे।

विधानसभा अध्यक्ष इस्तीफा देंगे

लालू यादव ने अपनी पार्टी के नेताओं को बताया कि तुरूप का इक्का माने जाने वाले विधानसभा अध्यक्ष पद पर अवध बिहारी चौधरी के बने रहने का कोई मतलब नहीं है. लिहाजा 28 जनवरी को अगर नयी सरकार बनती है तो विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी भी इस्तीफा दे देंगे. हालांकि वे तुरंत इस्तीफा नहीं देंगे. 5 फरवरी से बिहार विधानमंडल का बजट सत्र शुरू होने वाला है. सत्र शुरू होने के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष इस्तीफा दे देंगे और कुर्सी छोड़ देंगे।

वैसे लालू यादव ने कांग्रेस को सतर्क रहने को कहा है. आज शाम भी उन्होंने कांग्रेस के वरीय नेताओं से फोन पर बात की. उन्होंने आशंका जतायी कि कांग्रेस के कुछ विधायकों के टूटने का खतरा है. लिहाजा कांग्रेस आलाकमान अपना घर दुरूस्त करे. लालू ने आज भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्या से बात की. हालांकि 12 विधायकों वाली माले के टूटने का खतरा नहीं है. सीपीआई और सीपीएम के भी दो-दो विधायक हैं. उनके टूटने का भी खतरा नहीं है. लालू ने वामपंथी पार्टियों से कहा है कि वे राजद के साथ मजबूती से विधानसभा और सदन के बाहर नयी बनने जा रही सरकार के खिलाफ संघर्ष करें।

बिहार में आज होगा खेला! नीतीश देंगे इस्तीफा, जदयू और भाजपा में बैठकों का दौैर जारी

भाजपा आलाकमान के निर्देश पर शनिवार शाम भाजपा विधानमंडल दल की बैठक हुई और इसमें सभी नेताओं को पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व के निर्णय की जानकारी दी गई। रविवार की सुबह नौ बजे भाजपा कोर कमेटी की बैठक होगी। सुबह दस बजे पार्टी के सभी विधायकों को भी बुला लिया गया है। नीतीश कुमार आज बतौर मुख्यमंत्री 9वीं बार शपथ ले सकते हैं। सीएम के साथ ही भाजपा कोटे से दो उप मुख्यमंत्री के शपथ लेने की संभावना है। शपथ ग्रहण में गृहमंत्री अमित शाह या जेपी नड्डा शामिल हो सकते है।

वहीं, सुबह दस बजे से जदयू विधानमंडल दल की बैठक भी रखी गई है, जिसमें नीतीश कुमार पार्टी नेताओं को अपने निर्णय से अवगत करायेंगे। इस बैठक में साढ़े दस बजे के बाद भाजपा के विधायक जुड़ेंगे तथा यह बैठक एनडीए विधायक दल की बैठक में तब्दील हो जाएगी। भाजपा की ओर से राजभवन को नीतीश कुमार के नेतृत्व में गठित होने वाली नई सरकार को समर्थन का पत्र सौंपा जाना लगभग तय माना जा रहा है। नीतीश कुमार राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपकर नई सरकार के गठन का दावा पेश कर सकते हैं।

ऐसा माना जा रहा है कि नीतीश कुमार का बतौर मुख्यमंत्री 9वीं बार शपथ ग्रहण रविवार को ही आयोजित हो सकता है। मुख्यमंत्री के साथ ही भाजपा कोटे से दो उप मुख्यमंत्री के शपथ लेने की संभावना है। शपथ ग्रहण में गृहमंत्री अमित शाह या भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के शामिल होने की चर्चा है। साल 2020 के चुनाव में भाजपा के साथ जीतकर आए नीतीश कुमार ने 9 अगस्त 2022 को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 10 अगस्त को उन्होंने 8वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। साथ में तेजस्वी यादव ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। शनिवार को इस सरकार ने अपने कार्यकाल के 536 दिन पूरे किये।

 

 

बड़ी खबर : नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा, इस्तीफा सौंप कर पेश करेंगे नई सरकार बनाने का दावा

इस वक्त की बड़ी खबर मुख्यमंत्री आवास से निकलकर सामने आए या जहां नीतीश कुमार ने राजपाल से मिलने का समय मांग लिया है नीतीश कुमार आज सुबह 10:30 बजे राजपाल से मिलेंगे उसके बाद अपना इस्तीफा सौंपेंगे और नई सरकार बनाने का सीएम नीतीश कुमार दावा पेश करेंगे या नीतीश कुमार 9 वीं बार मुख्यमंत्री पद का शपथ लेंगे और यह शपथ ग्रहण समारोह डेड शाम होने की पूरी संभावना जताई जा रही है।

दरअसल, बिहार की सियासत के लिए आज बड़ा दिन साबित होने वाला है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है। आज किसी समय वह इस्तीफा दे सकते हैं। वहीं, राज्य में सत्ता परिवर्तन की चर्चा के बीच भाजपा ने रविवार की सुबह नौ बजे विधानमंडल दल की बैठक बुलाई है। पार्टी प्रदेश मुख्यालय स्थित अटल सभागार में होने वाली बैठक में सभी विधायक, विधान पार्षद एवं सांसदों को आमंत्रित किया गया है। साथ ही सभी प्रदेश पदाधिकारियों को भी उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है। इस बैठक के बाद भाजपा अपना समर्थन पत्र नीतीश कुमार को सौंपेगी और यह समर्थन पत्र लेकर नीतीश कुमार राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा उन्हें सौपेंगे और नई सरकार के गठन का दावा पेश करेंगे।

वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक के बाद विधानमंडल दल के नेता विजय सिन्हा बिहार प्रभारी विनोद तावड़े समर्थन पत्र लेकर सभी विधायकों के साथ एनडीए विधानमंडल की बैठक में सम्मिलित होंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्यपाल को त्याग पत्र सौंप कर एनडीए के नेतृत्व में नई सरकार बनाने का राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के समक्ष दावा पेश करेंगे। दोपहर बाद नई सरकार शपथ लेगी।

उधर, नीतीश के एनडीए में शामिल होते ही इंडिया गठबंधन बिखरा हुआ नजर आएगा। वैसे भी ममता बनर्जी ने पहले ही पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। नीतीश कुमार गठबंधन से दूर नजर ही आ रहे हैं। अब देर है तो बस औपचारिक ऐलान की। नीतीश कुमार ही वह शख्स थे जिन्होंने विपक्षी एकता का झंडा सबसे पहले बुलंद किया था। हालांकि गठबंधन में सबसे बड़ी जिम्मेदारी ना मिलने के बाद वह असंतुष्ट नजर आ रहे थे।

 

 

BJP में बैठकों का दौर, नीतीश कुमार को समर्थन देने पर आज हो सकता है ऐलान

बदलते सियासी घटनाक्रम के बीच आज बीजेपी की विधायकों की बैठक होने जा रही है. इस बैठक में नीतीश कुमार को समर्थन देने पर औपचारिक ऐलान हो सकता है. इससे पहले शनिवार को भी भारतीय जनता पार्टी पार्टी में बैठकों का दौर चलता रहा. हालांकि अभी तक पार्टी खुलकर समर्थन देने को लेकर कुछ भी कहने से बच रही है. सम्राट चौधरी ने भी कहा कि अभी तक सीएम ने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है, लिहाजा अभी समर्थन की बात कहां से आ गई?

रेणु देवी ने कहा कि हम लोग लोकसभा प्रभारी की बैठक में शामिल होने आए हैं. अभी तक नीतीश कुमार ने इस्तीफा नहीं दिया, ऐसे में बीजेपी के समर्थन की बात ही कहां है? वैसे भी इस पर फैसला शीर्ष आलाकमान को करना है. हमलोग पार्टी के फैसले के साथ हैं।

शनिवार को भारतीय जनता पार्टी की ओर से कोर कमेटी की बैठक आयोजित की गई. कमेटी की इस बैठक के बाद प्रदेश स्तर की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जा रही है. बैठक में तमाम विधायक सांसद विधान पार्षद और प्रदेश के पदाधिकारी शामिल हुए. विधान परिषद में विरोधी दल के नेता हरि साहनी से जब ईटीवी भारत संवाददाता ने पूछा कि आप लोग नीतीश कुमार का स्वागत के लिए तैयार हैं तो उन्होंने कहा कि इस पर फैसला केंद्रीय नेतृत्व को लेना है।

विधायकों के साथ बैठक में मांझी का फैसला, HAM NDA के साथ, मोदी जहां जाएंगे हम वहीं रहेंगे

बिहार में सियासी हलचल के बीच जीतन राम मांझी अपने विधायकों के साथ बैठक की. इसमें दल के चार विधायक और रास्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन मौजूद रहे. बैठक में NDA और महागठबंधन दोनों में से किसका समर्थन देना है, इसपर विचार किया गया. हालांकि पहले से मांझी एनडीए के साथ हैं, लेकिन लालू यादव से ऑफर मिलेगा तो क्या करेंगे, इसपर संशय है।

जीतन राम मांझी ने बैठक में अपने चार विधायकों से चर्चा करने का बाद फैसला लिए हैं कि वे एनडीए के साथ जाएंगे. उन्होंने कहा कि ‘मोदी जहां जाएंगे हम वहीं रहेंगे’. हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन ने भी कहा कि वे एनडीए के ही साथ रहेंगे. मांझी के इस फैसले से बिहार में एनडीए की सरकार बनना तय दिख रहा है।

बता दें कि हम पार्टी के पास 4 विधायक हैं, जिसमें जीतन राम मांझी के अलावे अनिल सिंह, प्रफुल मांझी और ज्योति मांझी हैं. चारों विधायक बैठक कर आपसी सहमति के बाद एनडीए में जाने का फैसला लिया. इस बैठक में हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन भी मौजूद रहे।

नीतीश कुमार ने कब-कब बदला सियासी पार्टनर? कभी RJD तो कभी BJP के पाले…

बिहार में सियासी उलटफेर का सिलसिला जारी है, एक बार फिर बिहार की राजनीति में हलचल है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएम नीतीश कुमार दोबारा से पलटी मार सकते हैं।

बिहार की राजनी​ति किस ओर जा रही है, इसका खुलासा कुछ देर बाद हो जाएगा. राज्य में ऐसा चौथी बार है जब नीतीश सरकार का सहयोगी बदलने वाला है. बिहार में सियासी उलटफेर का सिलसिला जारी है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएम नीतीश कुमार एक बार फिर से पलटी मारने की फिराक में हैं. वे दोबारा भाजपा के साथ सरकार बना सकते हैं. ऐसा बताया जा रहा है कि वे राज्यपाल को किसी भी वक्त इस्तीफा दे सकते हैं. आइए जानते हैं कि अब तक कितनी बार नीतीश कुमार पलटी मार चुके हैं।

2013 में नीतीश ने मारी पहली पलटी 

बिहार के सीएम नीतीश कुमार जिन्हें 10 साल पहले ‘सुशासन बाबू’ के नाम से पुकारा जाता था. वहीं अब इधर उधर के चक्कर में ‘पलटू राम’ हो चुके हैं. नीतीश राजनीति में जब भी असहज हुए तब-तब उन्होंने अपना सियासी पार्टनर बदल लिया. यह बात है साल 2005 की. तब नीतीश कुमार दूसरी बार सीएम बनें. पहली बार नीतीश कुमार 3 मार्च 2000 को सीएम बने थे. हालांकि वे बहुमत नहीं जुटा पाए थे. उन्हें 10 मार्च 2000 को पद से इस्तीफा देना पड़ गया था. 2005 से 2012 तक सब ठीक चल रहा था. नीतीश भी सबकी उम्मीद पर खरे उतरने की कोशिश कर रहे थे. मगर साल 2012 में जब नरेंद्र मोदी के नाम पीएम उम्मीदवार के लिए सामने आया तो साल 2013 में नीतीश कुमार ने NDA से 17 साल पुराना नाता तोड़ लिया. इसके बाद नीतीश को अपने बड़े भाई (लालू यादव) की याद आई. करण-अर्जुन की जोड़ी यानी लालू-नीतीश सत्ता की कमान संभाली. हालांकि ये जोड़ी ज्यादा दिनों तक नहीं चली, नीतीश फिर भाजपा में आ गए।

2014 में लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी प्रचंड बहुमत से जीते और 10 साल बाद बीजेपी सत्ता में दोबारा आई. 2014 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार भाजपा के खिलाफ बिहार में चुनाव लड़े रहे थे. इस दौरान उन्हें केवल 2 सीटें प्राप्त हुईं. इस हार का सदमा नीतीश सह नहीं सके. उन्होंने सीएम की कुर्सी से इस्तीफा दे दिया. नीतीश ने कुर्सी अपनी सरकार के मंत्री और दलित नेता जीतन राम मांझी को सौंप दी. इसके बाद खुद बिहार विधानसभा चुनाव 2015 की तैयारी करने लगे।

साल 2015 के लोकसभा चुनाव में जुटे नीतीश कुमार ने आरजेडी और कांग्रेस के संग मिलकर महागठबंधन तैयार किया. इस महागठबंधन के संग नीतीश ने विधानसभा चुनाव  में भाजपा को हराकर एक बार फिर बिहार की सत्ता पर काबिज हुए।

साल 2017 में दूसरी बार नीतीश ने मारी पलटी 

समय गुजरता गया, करीब दो साल पूरे होने वाले थे मगर उससे पहले ही महागठबंधन में दरार देखने को मिली. यहां एक ओर नीतीश कुमार ने साल 2017 में नोटबंदी और जीएसटी जैसे मामलों पर भाजपा का समर्थन किया. वहीं दूसरी ओर सीबीआई ने लालू यादव और तेजस्वी यादव संग उनके परिवार के कई सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया. इसकी आंच जब नीतीश तक पहुंची तो नीतीश ने लालू को मैसेज डाला कि तेजस्वी को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए. मगर लालू इस पर नहीं मानें. इसके बाद नीतीश ने इस्तीफा दे दिया. इसी के साथ महागठबंधन सरकार गिर गई. इसके बाद नीतीश ने भाजपा के समर्थन में सीएम बन गए।

वहीं सत्ता पलटने का पूरा घटनाक्रम नाटकीय तरीके से पूरे 15 घंटे के अंदर हुआ. इसके बाद साल 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की दोबारा वापसी हुई. इस दौरान नीतीश कुमार का दल तीसरे नंबर रहा. इस पर सीएम नीतीश कुमार ही रहें।

साल 2022 में नीतीश ने मारी तीसरी बार पलटी 

साल 2022 में नीतीश कुमार ने तीसरी बार पलटी मारी. जेडीयू ने भाजपा पर पार्टी तोड़ने की साजिश का आरोप लगाया. इसके बाद 15 अगस्त से पहले ही 9 अगस्त 2022 को नीतीश कुमार ने घोषणा की कि जदयू-भाजपा गठबंधन का अंत हो गया. इसके बाद अगले दिन ही नीतीश आरजेडी के समर्थन से दोबारा सीएम बन गए।

नौवीं बार लेंगे CM पद की शपथ

हालांकि पलटी मारने का सिलसिला केवल सत्ता तक नहीं है. 2013 के पहले वे 1990 में नीतीश कुमार लालू यादव के साथ थे.लालू को नीतीश बड़ा भाई कहते थे.नीतीश ने तब पहली पलटी मारी थी. साल 1994 में लालू से बगावत करके जॉर्ज फर्नांडीज के साथ समता पार्टी बनाई. दूसरी पलटी मारी 1998…खुद को मजबूत करने के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया. बिहार के सीएम के रूप में वे इस बार नौवीं बार शपथ ग्रहण करने वाले हैं. वे 2000, 2005, 2010, 2013, 2015, 2017, 2020, 2022 में सीएम पद की शपथ ले चुके हैं।

सीएम नीतीश कुमार ने बाबा ब्रह्मेश्वर स्थान मंदिर के विकास कार्य फेज-1 का उद्घाटन किया

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बक्सर जिलान्तर्गत बाबा ब्रह्मेश्वर स्थान मंदिर परिसर में, बाबा ब्रह्मेश्वर स्थान मंदिर के विकास कार्य फेज-1 का उद्घाटन किया तथा विकास कार्य फेज-2 का शिलापट्ट अनावरण कर शिलान्यास किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बाबा ब्रह्मेश्वर स्थान मंदिर में पूजा-अर्चना की तथा राज्य के सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने मंदिर का भ्रमण किया तथा मंदिर परिसर के बगल में अवस्थित तालाब का भी अवलोकन किया।

9 करोड़ 58 लाख रुपये की लागत की बाबा ब्रह्मेश्वर स्थान मंदिर परिसर का विकास एवं सौन्दर्गीकरण कार्य का आज उद्घाटन किया गया है। इसमें मंदिर परिसर की घेराबंदी हेतु चहारदीवारी का निर्माण कराया गया है तथा मंदिर परिसर के पास 5 एकड़ में अवस्थित प्राचीन तालाब का जीर्णोद्धार कराया गया है। सार्वजनिक शौचालय एवं चेंजिंग रूम (कपड़े बदलने का कमरा) का जीर्णोद्धार तथा मंदिर में प्रवेश करने हेतु स्वागत द्वार का निर्माण कराया गया है।

इन कार्यों के पूरा होने से बाबा ब्रह्मेश्वर स्थान स्थान मंदिर में आनेवाले श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी। आज उद्घाटन कार्यक्रम के साथ-साथ बाबा ब्रह्मेश्वर स्थान मंदिर के दूसरे चरण के विकास कार्यों का शिलान्यास किया गया है जिसकी लागत 2 करोड़ 17 लाख रुपये है।श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए इस योजना के तहत उत्तर एवं दक्षिण दिशा में दो अन्य गेट का निर्माण, सौन्दर्गीकरण कार्य, पश्चिमी तरफ से चहारदीवारी का निर्माण, विद्युतीकरण एवं लाइटिंग इत्यादि का कार्य किया जा रहा है।

इन कार्यों के पूरा होने से मंदिर की सुंदरता बढ़ेगी तथा श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने बाबा ब्रह्मेश्वरनाथ मंदिर का प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, रांची हाईकोर्ट के न्यायाधीश एस०एन० पाठक, पूर्व मंत्री संतोष कुमार निराला, पूर्व मंत्री अजित चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, पटना प्रमंडल के आयुक्त सह भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि, बक्सर के जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल, बक्सर के पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार सहित अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।