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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदेश एवं देशवासियों को बधाई एवं शुभकामनायें दी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर प्रदेश एवं देशवासियों को बधाई एवं शुभकामनायें दी हैं। उन्होंने इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम के वीर सपूतों को नमन किया और कहा कि उनकी कुर्बानियों को भुलाया नहीं जा सकता है। भारतीय गणतंत्र के गौरव, एकता एवं अखण्डता को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिये अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले सभी वीर सपूतों को भी स्मरण करने का यह दिवस है। यह हमारे लोकतंत्र के जश्न के मनाने और हमारे संविधान में शामिल विचारों एवं मूल्यों को संजोने का अवसर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा गणतंत्र लोकतांत्रिक मूल्यों एवं भारतीय संविधान के प्रति अखण्ड निष्ठा और हमारी अनेकता में एकता की अभिव्यक्ति का संकल्प है। हम सबको अपनी आजादी, एकता एवं अखण्डता को अक्षुण्ण रखने का आज संकल्प लेना है। राज्य में आपसी भाईचारा, शान्ति एवं स‌द्भाव बनाये रखना है। शान्ति और स‌द्भाव में ही समृद्धि और प्रगति है।

भारतीय जनता युवा मोर्चा भागलपुर जिला द्वारा पांचों विधानसभा में नमो नवमतदाता सम्मेलन का आयोजन

भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा की तरफ से आज वृन्दावन हॉल के प्रांगण में भागलपुर विधानसभा में नमो नवमतदाता सम्मेलन किया गया।। इनमें आए युवाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता युवा मोर्चा अध्यक्ष चंदन ठाकुर ने किया।

भाजपा जिला अध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा की युवाओं को यह एहसास कराया जाएगा कि प्रजातंत्र में बदलाव के असली वाहक वहीं हैं इसलिए उन्हें काफी सोच-समझ कर अपनी प्रजातांत्रिक शक्ति को राष्ट्रहित व विकास में लगाना होगा। उनका एक मतदान देश की तरक्की का मार्ग प्रशस्त करेगा।आज का युवा देश के पीएम नरेंद्र मोदी के साथ है।

एम एल सी डॉ एनके यादव ने कहा की युवा पीएम नरेन्द्र मोदी को संजीदगी से सुन रहे हैं। उन्हें पता है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में ही देश में सबका साथ और सबका विकास का सपना पूरा होगा।

भाजपा युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष चंदन ठाकुर ने कहा की युवा नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री चुनने के लिए बहुत उत्साहित हैं। भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में युवाओं के लिए अद्वितीय अवसर हैं।इस तरह के कार्यक्रम से चुनावों में उनकी भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा और देश की लोकतांत्रिक जड़ें गहरी होंगी।कार्यक्रम से युवाओं के सामर्थ्य को देश से जोड़ने का है. आज हर वर्ग का युवा भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़ रहा है. भागलपुर जिला के पांचों विधानसभा सुल्तानगंज,नाथनगर पीरपैंती कहलगांव में युवा मोर्चा द्वारा कार्यक्रम आयोजित की गई ।

इस मौके पर भाजपा नेता रोहित पांडेय, विजय कुशवाहा,बंटी यादव,जिला मीडिया प्रभारी प्राणिक वाजपेयी,स्वेता सिंह,जिया गोस्वामी,लक्ष्मी साह ,प्रणव दास,अनुज कुमार झा,रितेश घोष,सिद्धार्थ सिंह सोलंकी, बिकी साह, विकास चौहान, मनीष राजहंस, अभिलाष यादव, सुधाकर सोनू, मंगलमूर्ति, आकाश रॉय, प्रभाकर झा, शिवचंद्र झा, नीतीश यादव,सोनू रॉय,राजकुमार यादव ,राज तेजस्वी, प्रतीक आनंद समेत कई नव मतदाता युवा सम्मिलित हुए।

अपना कार्यकाल पूरा करेगा महागठबंधन की सरकार, 2024 में भाजपा मुक्त होगा बिहार: राजद नेता शक्ति यादव

बिहार में सियासी हलचल के बीच बड़ी खबर पटना से आ रही है। जहां जेडीयू की बैठक के बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव ने अपने तमाम विधायकों को राबड़ी आवास पर बुलाया। राजद नेताओं के साथ उन्होंने बैठक की। राजद नेता शक्ति यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि डंके की चोट पर कहता हूं यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगा और 2024 में भाजपा मुक्त बिहार बढ़ता हुआ दिखाई देगा।

शक्ति यादव ने आगे कहा कि कोई मीटिंग नहीं हुई है। प्रतिदिन लालू जी कार्यकर्ताओं से मिलते हैं। सरकार पूरी मजबूती के साथ बिहार में काम कर रही है। पहली प्रतिज्ञा नीतीश जी के नेतृत्व में पूरा किया गया। भाजपा को कुछ प्राप्त नहीं होने जा रहा है।

उन्होंने कहा कि पूरी बिहार की जनता जानती है कि तेजस्वी यादव काम करने के लिए जाने जाते हैं। जो लोग कयास लगा रहे हैं उन्हें लगाने दीजिये। सरकार भरोसे के साथ काम कर रही है। कोई बैठक नहीं हो रही है।

वही रोहिणी आचार्य द्वारा पोस्ट डिलिट करने पर कहा कि जब भी कभी दूसरे संदर्भ में अभिव्यक्ति किसी की आती है और कुछ लोग उसको अलग दृष्टिकोण से परोसने की कोशिश करते हैं तो स्वाभाविक है वो चीजे हटा ली जाती है।

कांग्रेस की न्याय यात्रा में नहीं जायेंगे सीएम नीतीश कुमार, राहुल से बनाई दूरी, नरेंद्र मोदी से हुई नजदीकी

बिहार में राजनीतिक बदलाव के आसार लगातार बढ़ते जा रहे हैं. एक और बड़ी खबर सामने आयी है. नीतीश कुमार ने राहुल गांधी के बिहार में भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने से इंकार कर दिया है. वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री 4 फरवरी को बेतिया आ रहे प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होंगे.

बता दें कि राहुल गांधी की न्याय यात्रा 29 जनवरी से 31 जनवरी तक बिहार में रहेगी. 30 जनवरी को पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में उनकी सभा होनी. कांग्रेस ने दावा किया था कि 30 जनवरी को पूर्णिया में होने वाली सभा में शामिल होने की सहमति नीतीश कुमार ने दे दी है. लेकिन अब इसकी पुष्टि हो गयी है कि नीतीश राहुल गांधी की सभा में शामिल नहीं होंगे.

नीतीश के सबसे करीबी माने जाने वाले मंत्री विजय चौधरी ने एक समाचार चैनल से बात करते हुए कहा कि ये जरूरी नहीं कि दूसरी पार्टी के कार्यक्रम में नीतीश कुमार शामिल हों. क्या दूसरी पार्टी के नेता जेडीयू के कार्यक्रम में शामिल होते हैं. इसका मतलब साफ है कि नीतीश कुमार राहुल गांधी की सभा और यात्रा में शामिल नहीं होने जा रहे हैं.

प्रधानमंत्री के साथ दिखेंगे नीतीश

इससे भी बड़ी खबर ये है कि नीतीश कुमार ने 4 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने का फैसला कर लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 फरवरी को बेतिया के दौरे पर आ रहे हैं. हालांकि ये दौरा सरकारी है, लेकिन माना ये जा रहा है कि इसी दौरे से बिहार में बीजेपी के चुनावी अभियान की शुरूआत होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेतिया में कई सरकारी योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के साथ साथ जनसभा करने वाले हैं.

जेडीयू के एक नेता ने बताया कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री के सरकारी कार्यक्रम में शामिल होंगे. प्रधानमंत्री का दौरा सरकारी है और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री की हैसियत से वहां मौजूद रहेंगे. इसका मतलब साफ है कि नरेंद्र मोदी और नीतीश के बीच के गिले शिकवे मिटे हैं.

बता दें कि 2022 के अगस्त में भाजपा से नाता तोड़ कर राजद के साथ जाने के बाद नीतीश कुमार लगातार नरेंद्र मोदी और अमित शाह से परहेज करते रहे हैं. वे प्रधानमंत्री द्वारा बुलायी गयी कई बैठकों में शामिल नहीं हुए. अमित शाह का सामना करने से भी नीतीश बचते रहे. हालांकि पिछले महीने 10 दिसंबर को जब पटना में पूर्वी क्षेत्रीय बैठक हुई तो उसमें नीतीश कुमार अमित शाह के साथ दिखे थे. लेकिन नीतीश पहली दफे 4 फरवरी को प्रधानमंत्री के साथ दिखेंगे.

बिहार की जनता के प्रति कोई संवेदना नहीं, नीतीश कुमार को बस CM बने रहना है: प्रशांत किशोर

पटना: जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर तंज करते हुए कहा कि 2015 के बाद कई बार पलटी मारकर अपना हित – अहित कर चुके हैं। आज समाज का हर वर्ग जान गया है कि नीतीश कुमार को किसी से मतलब नहीं है बस इन्हें मुख्यमंत्री बने रहना है और फेविकोल लगा कर कुर्सी से चिपके रहना है। कभी भाजपा का कमल पकड़ कर कभी लालटेन पर लटककर मुख्यमंत्री बने रहें बिहार चाहे भाड़ में जाए बिहार की जनता का कुछ भी हो उससे इनको कोई लेना देना नहीं है।

नीतीश कुमार को बिहार की जनता के प्रति कोई संवेदना नहीं रह गई है। नीतीश कुमार का पूरे बिहार में पुरजोर विरोध होना चाहिए। इन्होंने सारी मोरालिटी को ताखा पर रख दिया है। नीतीश कुमार को अहंकार इस बात का है कि 42 विधायक होने के बाद भी ये मुख्यमंत्री बने ही रहते हैं।

अगर आप देखियेगा तो JDU के 117 विधायक हुआ करते थे। वहां से घटकर 72 हुए इसके बाद 72 से उलटकर 42 में आ पहुंचे हैं। अगली बार जनता इतन कम विधायक देगी कि कोई गणित और जुगाड़ इनको मुख्यमंत्री नहीं बना पाएगा आप लिखकर रखिए।

तृणमूल कांग्रेस क्यों अकेले लड़ेगी लोकसभा चुनाव? TMC सांसद ने बताए 3 कारण

पश्चिम बंगाल में इंडिया गठबंधन में सीटों पर समझौता नहीं हो पाने के कारण टीएमसी अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी। टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने गुरुवार को बताया कि आखिर क्यों नहीं इंडिया गंठबंधन बंगाल में सफल हो गया। टीएमसी सांसद ने कहा कि इंडिया गठबंधन के दो मुख्य विरोधी हैं। पहला बीजेपी और दूसरा कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी। चौधरी बीजेपी की भाषा बोलते हैं।

डेरेक ओ ब्रायन ने बताए तीन कारण 

डेरेक ओ ब्रायन ने पश्चिम बंगाल में इंडिया गठबंधन सफल नहीं होने के पीछे तीन कारण बताए। उन्होंने कहा कि पहला, दूसरा और तीसरा कारण, अधीर रंजन चौधरी हैं। उन्होंने कहा कि चौधरी की वजह से पंश्चिम बंगाल में इंडिया गठबंधन के बीच तालमेल नहीं हो पाया। तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओब्रायन ने बृहस्पतिवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और उनकी पार्टी के बीच गठबंधन कारगर नहीं होने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी जिम्मेदार हैं।

ममता बनर्जी ने बुधवार को अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया था

इससे एक दिन पहले ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में राज्य में अकेले मैदान में उतरेगी। ओब्रायन ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में गठबंधन कारगर नहीं हो पा रहा, उसकी वजह अधीर रंजन चौधरी हैं। ओब्रायन ने संवाददाताओं से कहा,आम चुनाव के बाद यदि कांग्रेस अपना काम कर लेती है और अच्छी खासी संख्या में सीटों पर भाजपा को हरा देती है तो तृणमूल कांग्रेस उस मोर्चे में पूरी तरह शामिल रहेगी जो संविधान में विश्वास रखता है और उसके लिए लड़ता है।

  सीट बंटवारे में गतिरोध का समाधान निकलने की उम्मीद: रमेश

वहीं, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी पार्टी को उम्मीद है कि तृणमूल कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे पर उपजे गतिरोध का समाधान निकाल लिया जाएगा। रमेश ने बागडोगरा हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस ममता बनर्जी के बिना ‘इंडिया’ गठबंधन के बारे में सोच भी नहीं सकती, क्योंकि वह देश में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ाई में अपरिहार्य हैं। उनका कहना था, ‘‘हम सभी चाहते हैं कि ममता बनर्जी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का हिस्सा बनें क्योंकि हमारा उद्देश्य समान है।

उन्होंने कहा कि अगर हम बंगाल और भारत में भाजपा को हराना चाहते हैं, तो उनकी बहुत जरूरत है। हमारे नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के मन में ममता जी के प्रति बहुत सम्मान है।  उन्होंने कहा, ‘‘मैं सीट-बंटवारे पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता लेकिन हम चाहते हैं कि यह गतिरोध खत्म हो और हम इसका समाधान ढूंढ लेंगे।

ममता बनर्जी के निर्देश पर PM मोदी के संबोधन की स्क्रीनिंग पर लगी रोक, भाजपा का आरोप

आज नेशनल वोटर्स डे यानी राष्ट्रीय मतदाता दिवस है। इसे लेकर आज पीएम मोदी ने देश के फर्स्ट वोटर को वर्चुअली संबोधित किया। बीजेपी ने ये प्रसारण पूरे देश में करवाया। इसी के तहत बीजेपी ने राजधानी कोलकाता में पीएम मोदी के संबोधन को एलईडी स्क्रीन पर दिखानी चाही, पर इसे दिखाने से रोक दिया गया। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि ममता बनर्जी के निर्देश पर पश्चिम बंगाल पुलिस ने वैध अनुमति के बावजूद ये रोक लगाई गई है।

पुलिस से हुई झड़प

जानकारी दे दें कि बीजेपी नेता श्यामबाजार पंच मठार जंक्शन के पास एलईडी स्क्रीन पर प्रधानमंत्री कार्यक्रम दिखा रहे थे, इसी बीच पुलिस ने आकर बीजेपी कार्यकर्ताओं को रोक दिया। इसे लेकर बीजेपी कार्यकर्ता व पुलिस में झड़प हो गई।

बीजेपी के आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने अपने एक्स हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है। वीडियो शेयर करते हुए मालवीय ने आरोप लगाया है, “ममता बनर्जी के निर्देश पर पश्चिम बंगाल पुलिस ने वैध अनुमति के बावजूद पूरे बंगाल में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर पहली बार मतदाताओं के लिए प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की स्क्रीनिंग रोक दी गई है।” मालवीय ने आगे लिखा, “लोकतंत्र का गला घोंटने के लिए ममता बनर्जी को शर्म आनी चाहिए। बंगाल को बचाने के लिए उसे बाहर करना ही होगा।”

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पुलिस ने दावा किया है कि परमीशन नहीं मिलने के कारण नेशनल वोटर्स डे के मौके पर आयोजित पीएम मोदी के भाषण को रोका गया है।

कुछ ही महीने में हो गई ‘घर वापसी’, कांग्रेस छोड़ फिर भाजपा में आए पूर्व मुख्यमंत्री

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने गुरुवार को ‘घर वापसी’ कर ली और कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी में वापस आ गए। बता दें कि पिछले साल मई में हुए विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर नाराज होने के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे, लेकिन उन्हें पार्टी बदलने का कोई खास फायदा नहीं हुआ। नई दिल्ली में स्थित बीजेपी हेडक्वॉर्टर में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और राजीव चंद्रशेखर, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री व पार्टी संसदीय बोर्ड के सदस्य बीएस येदियुरप्पा, मुख्य प्रवक्ता व मीडिया विभाग के प्रभारी अनिल बलूनी और पार्टी की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र की मौजूदगी में उनकी घर वापसी हुई।

बीजेपी में चढ़ी थीं कामयाबी की सीढ़ियां

हुबली-धारवाड़ मध्य सीट से 6 बार विधायक रहे जगदीश शेट्टार की गिनती राज्य के अनुभवी नेताओं में होती है। शेट्टार का परिवार जनसंघ के दिनों से पार्टी से जुड़ा रहा। वह कित्तूर कर्नाटक क्षेत्र के एक प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। बीजेपी में रहते हुए उन्होंने मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और मुख्यमंत्री के रूप में सेवाएं दीं। कर्नाटक के पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने 67 साल के शेट्टार से दूसरों के लिए रास्ता बनाने के लिए विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का आग्रह किया था, और इसी बात से शेट्टार नाराज हो गए थे।

बीजेपी उम्मीदवार से चुनाव हार गए थे शेट्टार

जगदीश शेट्टार ने तब जोर देकर कहा था कि वह आखिरी बार चुनाव लड़ना चाहते हैं। जब बीजेपी ने उन्हें तमाम कोशिशों को बावजूद टिकट नहीं दिया तो उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। कांग्रेस में शामिल होने के बाद शेट्टार ने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने उन्हें टिकट न देकर अपमानित किया और पार्टी को सिर्फ कुछ गिने-चुने लोग चला रहे हैं। कांग्रेस ने उन्हें हुबली-धारवाड़ मध्य सीट से अपना उम्मीदवार भी बनाया था लेकिन वह विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार के हाथों पराजित हो गए थे। अब विधानसभा चुनावों के कुछ ही महीने बाद वह एक बार फिर बीजेपी में शामिल हो गए हैं।

क्या फिर से पलटी मारेंगे नीतीश? PM मोदी, शाह और नड्डा के बीच बातचीत होने का दावा

लोकसभा चुनाव से पहले बिहार की सियासत में बड़े तूफान की संभावना तेज होने लगी है। बीते कुछ समय से विरक्षी दलों से नाराज चल रहे बिहार सीएम नीतीश कुमार के फिर से भाजपा के संपर्क में होने की खबरें हैं। राजद सुप्रीमो लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य भी इशारों में नीतीश पर हमला कर रही हैं। इस बीच बड़ा जावा सामने आया है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में भी नीतीश की वापसी के मुद्दे को लेकर चर्चा हो रही है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।

पीएम मोदी, शाह और नड्डा में चर्चा

सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि नीतीश कुमार भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के संपर्क में बने हुए हैं। दावा किया जा रहा है कि नीतीश कुमार के मुद्दे को लेकर पीएम मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से करीब 3 घंटे तक चर्चा की है। अगर ये दावा सही होता है तो बिहार की सियासत में जल्द ही बड़ा बदलाव दिखाई दे सकता है।

राहुल गांधी के साथ नहीं दिखेंगे नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 30 जनवरी को  ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के तहत कांग्रेस नेता राहुल गांधी की पूर्णिया में होने वाली रैली में नहीं शामिल होंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 30 जनवरी को नीतीश का पटना में ही कार्यक्रम है और उनका पूर्णिया की रैली में जाना संभव नहीं है। नीतीश कुमार को लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं और INDI अलायंस के साथ-साथ महागठबंधन का भविष्य खतरे में नजर आ रहा है।

अमित शाह ने बीते दिनों दिया था हिंट

हाल ही में एक इंटरव्यू में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से नीतीश से जुड़ा सवाल किया गया था। उनसे पूछे गया- “पुराने साथी जो छोड़कर गए थे नीतीश कुमार आदि, ये आना चाहेंगे तो क्या रास्ते खुले हैं?” इसके जवाब में अमित शाह ने कहा था- “जो और तो से राजनीति में बात नहीं होती। किसी का प्रस्ताव होगा तो विचार किया जाएगा।” बता दें कि इससे पहले भाजपा नेताओं द्वारा नीतीश से किसी भी तरह के गठबंधन को लेकर सीधे इनकार किया जाता था। हालांकि, नीतीश को लेकर अमित शाह के इस बयान ने नई सियासी चर्चा शुरू कर दी थी।