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चिराग पासवान सीएम नीतीश कुमार के आने से नाराज? एनडीए से गठबंधन पर दिया बड़ा बयान

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बिहार की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर एलजेपी सांसद चिराग पासवान थोड़े से निराश नजर आ रहे थे। चिराग पासवान ने एनडीए से गठबंधन को लेकर बड़ा बयान भी दिया है।

चिराग पासवान ने कहा कि एलजेपी (रामविलास) राज्य के राजनीतिक परिदृश्य पर हर पल नजर रख रही है। अगले 2-3 दिन में सब क्लियर हो जाएगा। हमने मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए कल एक बैठक भी की थी।

एनडीए से गठबंधन पर अंतिम फैसला मेरा होगा: चिराग पासवान

चिराग पासवान ने कहा कि जहां तक ​​एनडीए से गठबंधन का सवाल है तो निर्णय लेने की जिम्मेदारी मेरी है।  जो भी फैसला होगा, एलजेपी और बीजेपी मिलकर लेगी।

चिराग पासवान ने सभी कार्यक्रम किए रद्द

हम अगले 2-3 दिनों के लिए सभी कार्यक्रम को रद्द कर रहे हैं और दिल्ली जा रहे हैं। वहां जल्द ही हम अपना फैसला सुनाएंगे।

बड़ी खबर: नीतीश कुमार कल दे सकते हैं इस्तीफा, NDA के साथ बनाएंगे सरकार

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बिहार की राजनीति में बीते एक सप्ताह से चल रहा अटकलों का दौर शनिवार को समाप्त हो रहा है। संभावना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग होने और राजग के साथ नई सरकार बनाने की घोषणा कर दें। वे राजभवन जाकर त्याग पत्र देंगे। उसके बाद भाजपा और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के 82 विधायक उनके समर्थन में राज्यपाल को पत्र सौपेंगे।

सबकुछ तय रणनीति के अनुसार चला तो रविवार को नीतीश कुमार आठवीं बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। बताया गया कि पहले की तरह अगली सरकार में भी भाजपा कोटा के दो उप मुख्यमंत्री होंगे। इनमें से एक सुशील कुमार मोदी भी हो सकते हैं। शुक्रवार को दिन भर इसी फेरबदल से जुड़ी राजनीतिक गतिविधियां चलती रहीं।

122 का जादूई आंकड़ा

महागठबंधन के दलों को शाम तक नीतीश के अगले कदम के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई थी। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में सरकार के सामान्य बहुमत के लिए 122 सदस्यों का समर्थन चाहिए। भाजपा के 78, जदयू के 45 और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के चार विधायकों के अलावा निर्दलीय सुमित कुमार सिंह के समर्थन से बहुमत का आंकड़ा हासिल हो जाता है। 10 अगस्त 2022 से पहले तक नीतीश की सरकार इसी आंकड़े के बल पर चल रही थी।

सूत्रों ने बताया कि दिसंबर में यह सूचना मिलने के साथ ही नीतीश कुमार खिन्न हो गए थे कि सरकार को अपदस्थ कर अपने नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए राजद सक्रिय है। हालांकि, इसका कोई ठोस प्रमाण सामने नहीं आया। लेकिन, एहतियात के रूप में नीतीश ने जदयू की कमान स्वयं संभाल ली। इसके साथ ही यह कयास शुरू हो गया था कि वे गठबंधन बदलने जा रहे हैं। राजद के साथ उनका प्रत्यक्ष मतभेद शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को लेकर था।

राजद नेतृत्व ने उनके विभाग बदलने की सहमति दे दी तो माना गया कि विवाद समाप्त हो गया। इधर, जननायक कर्पूरी ठाकुर को सर्वोच्च भारत रत्न सम्मान देकर केंद्र सरकार ने नीतीश की पुरानी मांग पूरी कर दी। उसके अगले दिन 24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर की जन्म शताब्दी समारोह में मुख्यमंत्री ने भारत रत्न के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उनकी कुछ और मांगें हैं। उनका इशारा राज्य को विशेष दर्जा देने की मांग की ओर था। समझा जाता है कि जल्द ही केंद्र सरकार राज्य को विशेष दर्जा या विशेष पैकेज के बारे में कोई ठोस आश्वासन देगी।

सहयोगियों से विमर्श

नीतीश कुमार के साथ साझा सरकार बनाने से पहले भाजपा ने अपने सहयोगी दलों से राय-विचार किया। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने हम के संस्थापक जीतन राम मांझी और राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की। इससे पहले, लोजपा रा के अध्यक्ष चिराग पासवान से भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने बातचीत की थी।

रालोजपा के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस पहले से सहमत थे। चारों सहयोगी दलों दलों की सहमति के बाद भाजपा ने नीतीश से बातचीत की। देर शाम नीतीश ने अपने वरिष्ठ सहयोगियों से विमर्श किया। तय हुआ कि राजग के साथ अगली सरकार का गठन हो।

राजभवन के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार बोले- ‘उन्हीं से पूछिए’

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गणतंत्र दिवस के मौके पर बिहार में राजभवन के कार्यक्रम में आरजेडी नेता और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव शामिल नहीं हुए. तब इसको लेकर सीएम नीतीश कुमार से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो नहीं आए हैं उन्हीं से पूछिए. बता दें कि इस कार्यक्रम में जेडीयू के कई चेहरे दिखे लेकिन आरजेडी की तरफ से केवल एक नेता शामिल हुए. हाल ही में बिहार के शिक्षा मंत्री आलोक मेहता इस कार्यक्रम में शामिल हुए. वो राजभवन में थोड़ी देर ही रुके और बीच में ही चले गए.

उधर,  हम के नेता जीतन राम मांझी से तेजस्वी यादव के राजभवन न आने को लेकर सवाल पछा गया तो उन्होंने कहा, ”हमें तो पहले से ऐसा अहसास था कि गठबंधन (जेडीयू-आरजेडी)  ताश के पत्ते की तरह बिखर जाएगा.” क्या बिहार में खेला हो गया है? पत्रकारों के इस सवाल पर मांझी ने कहा, ”कोई भी व्यक्ति यह समझ सकता है कि खेला हो रहा है या नहीं हो रहा है.”

तेजस्वी से ही पूछा जाए- नेता प्रतिपक्ष

बीजेपी विधायक और नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा भी इस कार्यक्रम में पहुंचे थे. विजय कुमार सिन्हा से जब तेजस्वी यादव की गैरमौजूदगी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ”वो बताएंगे. प्रतिपक्ष संवैधानिक पद, संवैधानिक संस्था और राष्ट्रीय पर्व का सम्मान करता है. जिस भी दायित्व पर मैं रहता हूं, मैं आता हूं और अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करता हूं.”

कोई भी पार्टी खुलकर कुछ कहने को नहीं तैयार

जेडीयू के बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की चर्चा तेज हो गई है तो एनडीए और महागठबंधन दोनों में ही शामिल नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं लेकिन कोई भी कुछ भी खुलकर तो नहीं कह रहा. बीजेपी की ओर से सुशील मोदी ने कहा कि अभी इंतजार करना चाहिए केंद्रीय नेतृत्व उचित निर्णय लेगा, हम लोग उस निर्य़ण का समर्थन करेंगे. वहीं, एलजेपी पासवान के नेता चिराग पासवान ने भी यही बात दोहराई है कि सही समय का इंतजार करना चाहिए.

CM नीतीश कुमार लेंगे अंतिम फैसला, 28 जनवरी को जेडीयू के विधायक व सांसद दल की बैठक

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बिहार की सत्तारूढ़ पार्टी जनता दल-यूनाइटेड (JDU) के विधायकों की बैठक बुलाई गई है. यह बैठक 28 जनवरी को सुबह 10 बजे सीएम नीतीश कुमार के आवास पर होगी. इस बैठक में जेडीयू के सांसद भी शामिल होंगे, उन्हें भी बुलाया गया है. सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में नीतीश कुमार अंतिम फैसला ले सकते हैं.

बिहार में बड़ा परिवर्तन होने के संकेत साफ मिल रहे हैं. नीतीश कुमार और बीजेपी फिर एक साथ आकर सरकार का गठन कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, बस औपचारिक एलान होना बाकी रह गया है. सूत्रों ने ये भी बताया कि सीएम नीतीश कुमार ही होंगे और डिप्टी सीएम का पद सुशील कुमार मोदी को मिल सकता है. बिहार में एनडीए की सरकार में वो डिप्टी सीएम रह चुके हैं. सीएम नीतीश और सुशील मोदी के बीच मधुर संबंध माना जाता है.

कांग्रेस ने शनिवार को बुलाई बैठक

इस बीच, कांग्रेस के विधायक शनिवार (27 जनवरी) की बैठक बुलाई गई है. यह बैठक पूर्णिया में बुलाई गई है. पूर्णिया में होने वाली ये बैठक महत्वपूर्ण है. 29 जनवरी को राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पूर्णिया में ही होने वाली है. 29 जनवरी को राहुल गांधी की यात्रा बिहार में प्रवेश करने वाली है. इसमें नीतीश कुमार को शामिल होने का कांग्रेस ने न्योता दिया था लेकिन बाद में उन्होंने इसमें जाने से इनकार कर दिया. इसको भी संकेत माना गया कि नीतीश कुमार का महागठबंधन से मोहभंग हो चुका है.

आरजेडी खेमे में भी बड़ी हलचल

उधर, खबर है कि आरजेडी ने हम के नेता जीतन राम मांझी को सीएम बनने का ऑफर दिया है. हालांकि जीतन राम मांझी की ओर से इसको लेकर कोई बयान नहीं आया है लेकिन उनकी पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि अगर आरजेडी प्रधानमंत्री पद का भी ऑफर दे तो हम उनके साथ नहीं जाएंगे. जबकि आरजेडी सांसद मनोज झा ने दावा किया कि शाम तक सब कन्फ्युजन दूर हो जाएगा. सीएम नीतीश कुमार भी टीवी देख रहे हैं और वही इसे सॉल्व कर सकते हैं. जो संशय की बात की जा रही है, सीएम खुद उसका खंडन कर देंगे.

नीतीश कुमार पर बोले अखिलेश यादव, ‘I.N.D.I.A गठबंधन में रहकर पीएम भी बन सकते हैं’

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बिहार में सत्ता का समीकरण बदलने की सुगबुगाहट जोर पकड़ चुकी है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल होने की अटकलों की चर्चा दिल्ली के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में भी है. मामले पर यूपी के पूर्व मुख्यमत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) मुखिया ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन को मजबूत करेंगे.

अखिलेश यादव ने कहा, “कोई सुगबुगाहट नहीं है. हमें विश्वास है नीतीश जी एनडीए में नहीं जाएंगे. नीतीश जी इंडिया गठबंधन को मजबूत करेंगे.” वहीं, इंडिया टुडे के साथ हुई बातचीत में उन्होंने ये भी कहा कि नीतीश कुमार इंडिया गठंधन में प्रधानमंत्री पद के दावेदार हो सकते हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पद के दावेदार के लिए किसी भी नाम पर विचार किया जा सकता है, नीतीश कुमार भी हो सकते हैं.

नीतीश कुमार ने बनाया इंडिया गठबंधन

सपा मुखिया ने कहा कि नीतीश कुमार ने ही पहल की थी और इंडिया गठबंधन को बनाया. ऐसे में कांग्रेस पार्टी को आगे आना चाहिए और छोटी पार्टियों को साथ में लेकर चलना चाहिए. उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि वो प्रधानमंत्री पद की दावेदारी नहीं करेंगे. अखिलेश यादव ने आगे कहा, कांग्रेस की बड़ी जिम्मेदारी है छोटे दलों को साथ लाने की. यूपी में सीट का नहीं जीत का गठबंधन हो रहा है. जीत ही हमारी रणनीति का हिस्सा है.

‘भाजपा के लोग भटके हुए हैं’

इसके साथ ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर भी हमला किया और कहा कि बीजेपी के लोग भटके हुए हैं. बीजेपी वाले रहे तो आपको नौकरी और रोजगार नहीं मिलेगा. वहीं, राम मंदिर को लेकर उन्होंन बीजेपी पर राजनीति करने और राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वो भी अयोध्या जाएंगे लेकिन पंडित से पूछकर समय निकालकर जाएंगे क्योंकि 2024 में चुनाव हैं.

लोजपा अध्यक्ष पशुपति पारस का बड़ा बयान, समय बलवान होता है..31 जनवरी तक बिहार में शुभ होगा

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बिहार में सियासी हलचल के बीच पटना में लोक (राष्ट्रीय) जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति पारस ने बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि समय बलवान होता है व्यक्ति बलवान नहीं होता। एक दो दिन और इंतजार कीजिए।

पशुपति पारस ने आगे कहा कि हम पहले भी कह चुके हैं जो भी होगा 31 जनवरी तक बिहार के लिए शुभ होगा। सबको पता है कि क्या होने वाला है। एक दो दिन इंतजार कीजिए। व्यक्ति बलवान नहीं होता है समय बलवान होता है। आगे उन्होंने कहा कि हम एनडीए गठबंधन में हैं और रहेंगे।

बता दें कि नीतीश के बीजेपी से हाथ मिलाने की चर्चा आज भी दिनभर होती रही। ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि नीतीश कुमार एनडीए में शामिल होंगे। एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर जेडीयू नेताओं के साथ नीतीश कुमार बैठक की। इस बैठक में जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, मंत्री विजय चौधरी, वशिष्ठ नारायण सिंह, मंत्री अशोक चौधरी सहित कई जेडीयू नेता मौजूद रहे। बैठक में वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों पर बातचीत हुई है।

बता दें कि परसो जेडीयू विधायक दल की अहम बैठक बुलाई गयी है। वही बीजेपी और राजद ने भी अपने-अपने विधायकों की बैठक कल ही बुलाई है। बिहार की राजनीति के लिए शनिवार और रविवार का दिन काफी महत्वपूर्ण रहेगा। सबकी नजर अब बीजेपी, जेडीयू और राजद की बैठकों पर टिकी हुई है।

बिहार राजभवन में हुआ खेल, कुर्सी पर लगे डिप्टी सीएम के नाम की पर्ची उखाड़ कर बैठ गये अशोक चौधरी

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बिहार की राजनीति में आगे क्या होने वाला है, इसकी तस्वीर शुक्रवार को बिहार के राजभवन में दिख गयी. गणतंत्र दिवस के मौके पर राज्यपाल ने एट होम पार्टी देते हैं. यानि सूबे के गणमान्य लोगों को चाय-नाश्ते पर बुलाते हैं. राजभवन में आज आमंत्रित किये गये विशिष्ट लोगों के लिए कुर्सी आरक्षित रखी गयी थी.

एक कुर्सी पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के नाम की पर्ची साटी गयी थी. राजभवन में लगी इस कुर्सी पर सटी पर्ची को जेडीयू के मंत्री अशोक चौधरी ने उखाड़ा और फिर उसी कुर्सी पर बैठ गये. बिहार में आगे क्या होने जा रहा है, ये बताने के लिए सिर्फ ये एक दृश्य काफी है.

राजभवन में खेल

राजभवन की एट होम पार्टी में मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम समेत सारे मंत्रियों को बुलाया गया था. विधानसभा के स्पीकर और विधान परिषद के सभापति को भी निमंत्रण था. साढ़े तीन बजे से होने वाली इस पार्टी में नीतीश कुमार समय से पहले पहुंच गये. उनकी पार्टी के मंत्री भी एक-एक कर पहुंचे. विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर भी पहुंचे. सब अपने लिए आरक्षित कुर्सी पर बैठ गये.

तेजस्वी और उनके मंत्रियों का बहिष्कार

राजभवन की एट होम पार्टी का तेजस्वी यादव औऱ उनकी पार्टी के मंत्रियों ने बहिष्कार कर दिया. जिस वक्त राजभवन में पार्टी चल रही थी, ठीक उसी वक्त तेजस्वी यादव अपने आवास पर अपनी पार्टी के सारे मंत्रियों के साथ बैठक कर रहे थे. यानि प्लान के साथ राजभवन की पार्टी का बहिष्कार किया गया. खास बात ये भी थी कि विधान सभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी भी राजभवन की पार्टी में नहीं पहुंचे. अवध बिहारी चौधरी भले ही राजद के विधायक हों लेकिन विधान सभा अध्यक्ष जैसे संवैधानिक पद पर बैठे हैं.

अशोक चौधरी ने पर्ची उखाड़ी

राजभवन में जो बैठने की व्यवस्था थी उसमें नीतीश कुमार के ठीक बगल में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की कुर्सी लगी थी. पार्टी शुरू होने के कुछ देर तक तेजस्वी यादव का इंतजार हुआ. वहां मौजूद जेडीयू के नेताओं को लग रहा था कि शायद तेजस्वी यादव पहुंच जायें. कुछ देर बाद झिझक मिट गयी.

इसके बाद नीतीश कुमार के खास मंत्री अशोक चौधरी अपनी जगह से उठे और नीतीश कुमार के पास पहुंच गये. उन्होंने नीतीश की बगल में लगी कुर्सी पर लगायी गयी डिप्टी सीएम के नाम की पर्ची को उखाड़ कर फेंक दिया. फिर अशोक चौधरी उसी कुर्सी पर बैठ गये. अशोक चौधरी काफी देर तक नीतीश को अपने मोबाइल पर कुछ दिखाते रहे.

नये गठबंधन की झलक दिखी

एक दिलचस्प वाकया और हुआ. नीतीश कुमार के पास जब अशोक चौधरी आकर बैठ गये तो कुछ देर बाद नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा भी वहीं पहुंच गये. विजय कुमार सिन्हा ने भी नीतीश औऱ अशोक चौधरी के बगल की कुर्सी पर कब्जा जमा लिया और फिर तीनों काफी देर तक आपस में बात करते रहे.

बता दें कि 2022 में बीजेपी से अलग होने के बाद नीतीश कुमार किसी सार्वजनिक सभा में भाजपा नेताओं से निकटता दिखाने से परहेज करते रहे हैं. लेकिन आज पहली दफे वे काफी सहजता के साथ नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा से बात करते हुए दिखे. बिहार की सियासत में आगे क्या होने वाला है ये इस नजारे से भी साफ हो गया.

नीतीश बोले-उससे ही जाकर पूछिये

राजभवन में जो नजारा दिख रहा था वह बहुत कुछ स्पष्ट करने के लिए काफी था. लेकिन आखिरी तस्वीर नीतीश कुमार ने क्लीयर कर दिया. नीतीश कुमार जब राजभवन से निकल रहे थे तो मीडिया ने उनसे पूछा-तेजस्वी यादव इस कार्यक्रम में नहीं आय़े. नीतीश ने कहा-ये बात उससे ही जाकर पूछिये कि वह क्यों नहीं आया. नीतीश ऐसी भाषा का इस्तेमाल अपने विरोधियों के लिए करते रहे हैं. नीतीश के इस बयान से और साफ हो गया कि आगे क्या होने वाला है.

दिल्ली से पटना पहुंचे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, कहा-पगड़ी का जवाब पगड़ी के समय देंगे

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बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी आज शाम दिल्ली से पटना पहुंचे। पटना में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि कल दिल्ली में लोकसभा चुनाव को लेकर बैठक बुलाई गयी थी। बिहार में चल रही सियासी हलचल पर उन्होंने कहा कि हमलोगों के स्तर पर कोई बात नहीं है।

बीजेपी लड़ती आई है और आगे भी लड़ती रहेगी। सुशील मोदी के उस बयान पर जिसमें कहा गया कि दरवाजा परमानेंट बंद नहीं होता,जरूरत पड़ने पर खुल भी जाएगा। इस पर सम्राट चौधरी ने कहा कि जो बोले हैं उनसे पूछिये..वही पगड़ी खोलने के सवाल पर कहा कि पगड़ी का जवाब मैं पगड़ी के समय दूंगा। उन्होंने कहा कि कल 4 बजे बीजेपी की अहम बैठक बुलाई गयी है। हमारी बैठक लोकसभा चुनाव के अंतर्गत हो रही है। इस बैठक में लोकसभा प्रभारी, सांसद और विधायक मौजूद रहेंगे।

बीते गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दिल्ली स्थित आवास पर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक हुई थी। इस बैठक में सम्राट चौधरी, सुशील मोदी, विजय सिन्हा, रेणु देवी सहित कई बीजेपी नेता शामिल हुए थे। दिल्ली में हुई बैठक के बाद सम्राट चौधरी ने बताया था कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर यह बैठक बुलाई गयी थी।

बिहार में मचा सियासी हड़कंप, लालू ने 5 बार लगाया फोन, सीएम नीतीश कुमार ने नहीं की बात

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बिहार में मचे सियासी घमासान की एक और बड़ी खबर सामने आयी है. नीतीश कुमार ने आखिरकार राजद को तलाक, तलाक, तलाक कह दिया है. बड़ी खबर ये आय़ी है कि नीतीश कुमार से बात करने के लिए लालू यादव ने आज पांच दफे सीएम आवास फोन लगाया लेकिन नीतीश कुमार ने उनसे बात नहीं की.

राजद सूत्रों से जो खबर आ रही है उसके मुताबिक लालू यादव ने नीतीश कुमार के हमेशा साथ रहने वाले उनके एक अंगरक्षक से लेकर सीएम आवास के लैंडलाइन नंबर पर फोन लगवाया. बार-बार ये मैसेज दिया गया कि लालू यादव बात करना चाहते हैं. लेकिन नीतीश कुमार फोन लाइन पर नहीं आये. नीतीश कुमार ने पलट कर लालू यादव को कॉल भी नहीं किया.

खबर लिखे जाने तक लालू यादव बेचैनी में अपने आवास में बैठे हैं. उनके साथ शिवानंद तिवारी से लेकर राजद के दूसरे प्रमुख नेता भी बैठे हैं. लालू यादव लगातार ये आकलन करने में लगे हैं कि नीतीश कुमार का अगला स्टेप क्या होने जा रहा है. इस बीच राजद के एक सीनियर लीडर ने लालू को बताया कि जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने मीडिया को बयान दिया है कि नीतीश जी इंडिया गठबंधन में हैं, एनडीए में नहीं.

बेचैन लालू प्रसाद यादव ने तत्काल इस खबर की पड़ताल करने को कहा. उनके आस पास मौजूद राजद नेताओं ने कई पत्रकारों को फोन लगाया. पता चला कि उमेश कुशवाहा ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया. लालू यादव अपनी पार्टी के नेताओं से बात कर रहे हैं कि कौन सा अगला कदम उठाना सही होगा.

लालू ने 27 जनवरी को अपनी पार्टी के विधायक दल की बैठक बुलायी है. बैठक में विधायकों से बात की जायेगी कि पार्टी को आगे क्या करना चाहिये. लालू के पास फिलहाल कोई रास्ता नहीं बच रहा है. वे जान रहे हैं कि राज्यपाल से लेकर केंद्र सरकार भाजपा की है. ऐसे में अगर नीतीश पलटी मारते हैं तो लालू कुछ नहीं कर पायेंगे. जेडीयू के विधायकों को तोड़ने की उनकी कोशिश भी सफल होती नहीं दिख रही है.