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महाराष्ट्र के स्पीकर के फैसले के खिलाफ अब एकनाथ शिंदे गुट ने कोर्ट का खटखटाया दरवाजा

बता दें पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे गुट ने भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।वहीं, शिंदे गुट ने बॉम्बे हाईकोर्ट में फैसले को चुनौती देने के लिए याचिका दायर की है।

महाराष्ट्र में विधायकों की आयोग्यता का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब  एकनाथ शिंदे गुट बॉम्बे कोर्ट पहुंच गया है. शिंदे गुट ने महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर के फैसले को चुनौती दी है. विधायकों की अयोग्यता की याचिका को खारिज करने के लिए शिंदे गुट ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने राहुल नार्वेकर के फैसले को बॉम्बे हाई कोर्ट में सोमवार  को चुनौती दी. वहीं, उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

दरअसल, उद्धव ठाकरे गुट और शिंदे गुट पर पिछले दिनों महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा था कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना ही असली शिवसेना है. राहुल नार्वेकर ने चुनाव आयोग के फैसले के आधार पर शिंदे की शिवसेना को असली शिवसेना माना है. बता दें कि चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को असली शिवसेना बताया है. उसी आधार पर राहुल नार्वेकर ने फैसला सुनाया है. नार्वेकर ने कहा कि शिंदे सहित सत्तारूढ़ खेमे के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की ठाकरे गुट की याचिका को खारिज किया जाता है।

महाराष्ट्र स्पीकर के फैसले के खिलाफ SC पहुंचे उद्धव ठाकरे, असली शिवसेना को लेकर बढ़ी रार

10 जनवरी को, नार्वेकर ने ऐलान किया था कि 2022 में बाल ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी के विभाजन को लेकर शिंदे गुट ही असली शिवसेना है।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना गुट ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने के विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के निर्णय को लेकर यह फैसला लिया है. महाराष्ट्र स्पीकर ने शिंदे खेमे के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली उद्धव गुट की याचिका को खारिज कर दिया है.10 जनवरी को, नार्वेकर ने ऐलान किया था कि 2022 में बाल ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी के विभाजन को लेकर शिंदे गुट ही असली शिवसेना है. स्पीकर ने निर्णय सुनाया था कि ठाकरे के पास शिंदे, जो वर्तमान समय में सीएम हैं, उनको हटाने की कोई ताकत नहीं है. शिव सेना के संविधान के अनुसार शिंदे विधायक दल का नेता हैं।

स्पीकर ने ऐलान किया था कि कोई भी पार्टी नेतृत्व किसी पार्टी के अंदर असंतोष या अनुशासनहीनता को दबाने के लिए संविधान की 10वीं अनुसूची (दलबदल विरोधी कानून) के प्रावधानों का उपयोग नहीं कर सकता है. स्पीकर के अनुसार, जून 2022 में जब पार्टी विभाजित हुई तो एकनाथ शिंदे समूह को कुल 54 विधायकों में से 37 का समर्थन प्राप्त था।

आपको बता दें कि 10 जनवरी को महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने घोषणा की थी कि शिंदे गुट ही असली शिवसेना होगी. पार्टी को बालासाहेब ठाकरे ने तैयार किया था. आपसी मतभेद के कारण बाद में एकनाथ शिंदे ने कई विधायकों को लेकर पार्टी से दूरी बना ली थी. इसके बाद उन्होंने पार्टी शिवसेना पर भी अपना दावा ठोक दिया.  उद्धव ठाकरे को पार्टी से बेदखल करने का प्रयास किया. इसके बाद एकनाथ शिंदे ने भाजपा संग मिलकर राज्य में सरकार बनाई और महाराष्ट्र के सीएम बने।

विधायक गोपाल मंडल के बिगड़े बोल,कहा – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राक्षस हैं.. सब को डकार जाएंगे

भागलपुर : इंडी गठबंधन की हो रही वर्चुअल बैठक में जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कन्वेनर बनाए जाने की चर्चा है। वही इसको लेकर जदयू विधायक गोपाल मंडल ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सिर्फ कन्वेनर बनाने से काम नहीं चलेगा, उन्हें प्रधानमंत्री का उम्मीदवार इंडी गठबंधन में घोषित करना चाहिए, तभी गठबंधन बीजेपी का सामना कर पाएगी, नहीं तो गठबंधन बिखर जाएगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को देश का बच्चा-बच्चा जानता है। उनके सामने में गठबंधन में कोई नेता नहीं जो प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बन सके। उन्होंने कहा कि अति पिछड़ा जाग चुके हैं और नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनने के सवाल पर सभी लोग एक होकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाएंगे।

वही विधायक ने प्रधानमंत्री के लिए आपत्तिजनक शब्दों का उपयोग करते हुए कहा कि अगर एक बार फिर से बीजेपी सरकार में आ गई तो देश बर्बाद हो जाएगा। वहीं प्रधानमंत्री के बारे में उन्होंने कहा कि वह राक्षस है,सभी को निगल जाएंगे।

‘रामलला हमें 22 जनवरी को दर्शन देंगे और मैं भाग्यशाली हूं कि…’, PM मोदी का संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से पहले सोमवार को  कहा, भगवान राम हमें 22 जनवरी को दर्शन देंगे और मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे अयोध्या में राम मंदिर में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में आमंत्रित किया गया है। पीएम मोदी ने कहा, ”कुछ दिनों बाद 22 जनवरी को भगवान राम भी हमें अपने भव्य मंदिर में दर्शन देंगे और मेरा सौभाग्य है कि मुझे अयोध्या में राम मंदिर के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में आमंत्रित किया गया है।

प्रधान मंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधान मंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) के तहत प्रधान मंत्री आवास योजना – ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के लाभार्थियों को संबोधित कर रहे थे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “मैंने ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह से पहले 11 दिवसीय विशेष अनुष्ठान भी शुरू किया है… माता शबरी के बिना भगवान राम की कहानी अधूरी है।”

पीएम मोदी कर रहे हैं अनुष्ठान

बता दें कि पिछले हफ्ते, पीएम मोदी ने एक ऑडियो संदेश जारी किया था और कहा था कि वह 11 दिवसीय ‘अनुष्ठान’ (विशेष अनुष्ठान) शुरू करेंगे, क्योंकि राम मंदिर उद्घाटन के लिए केवल कुछ ही दिन बचे हैं। उन्होंने कहा, “राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए केवल 11 दिन बचे हैं। भगवान ने मुझे अभिषेक के दौरान भारत के लोगों का प्रतिनिधित्व करने के लिए बनाया है। इसे ध्यान में रखते हुए, मैं आज से 11 दिनों के लिए एक विशेष अनुष्ठान शुरू कर रहा हूं।”

पीएम मोदी के साथ कई लोग समारोह में होंगे शामिल

पीएम मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य गणमान्य व्यक्ति 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे। समारोह के लिए देश भर से हजारों संतों को आमंत्रित किया गया है और आमंत्रित लोगों में राम मंदिर का निर्माण करने वाले मजदूरों के परिवार भी शामिल हैं। मंदिर ट्रस्ट, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की आमंत्रित सूची में 7,000 से अधिक लोग शामिल हैं, जिनमें बॉलीवुड हस्तियां, क्रिकेटर, उद्योगपति शामिल हैं।

बिहार बना जॉब का अड्डा, 72 दिन में 2 लाख शिक्षकों को नौकरी, लड़कियां बोलीं- नीतीश से सीखें दूसरे राज्य

बिहार विभिन्न राज्यों के नौकरी चाहने वालों के लिए एक नया ‘नौकरी गंतव्य’ बनकर उभरा है, जो बड़ी संख्या में शिक्षकों को आकर्षित कर रहा है। एक आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 72 दिनों में शिक्षा विभाग में कुल 2,17,159 युवाओं को नौकरी दी गई है। इनमें से 32,000 से अधिक शिक्षक उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों से हैं। ये शिक्षक, जिनमें से कई लड़कियां हैं, जो नौकरी के अवसर प्रदान करने के लिए नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार की तारीफ कर रही हैं। इन लड़कियों का सुझाव है कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार को नौकरी सृजन के मामले में बिहार से सीखना चाहिए।

धार्मिक मामलों पर जॉब को प्राथमिकता दी जानी चाहिए: ऐश्वर्या

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की रहने वाली एक शिक्षिका ऐश्वर्या त्रिपाठी ने शिक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित करने के बाद तुरंत नियुक्ति पत्र जारी करने के लिए बिहार सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में नौकरी के अवसरों की कमी के कारण वे बिहार की ओर रुख कर रहे हैं। ऐश्वर्या ने जोर देकर कहा कि अयोध्या में राम मंदिर समारोह जैसे धार्मिक मामलों पर रोजगार को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

बिहार में टीचर की नौकरी पाने वालीं उत्तर प्रदेश की ऋचा कुमारी ने प्रतियोगी परीक्षाओं की व्यापक तैयारी के बाद बिहार में नौकरी पाने पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने सवाल किया कि अगर उनके गृह राज्य में समान अवसर उपलब्ध होते तो बिहार में रोजगार की तलाश करने की क्या जरूरत है।

नीतीश ने बिहार को लड़कियों के लिए सुरक्षित जगह बनाया: श्वेता

उत्तर प्रदेश के बागपत की श्वेता ने सरकारी क्षेत्र में महिलाओं के लिए कई रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए बिहार सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार को लड़कियों के काम करने के लिए एक सुरक्षित जगह बना दिया है। उत्तर प्रदेश की कई लड़कियों ने जोर देकर कहा कि दूसरे राज्यों की सरकार को युवाओं के लिए रोजगार देने को प्राथमिकता देनी चाहिए।

ओडिशा के कटक की रहने वाली अंबिका शर्मा ने बिहार में नौकरी पाकर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि बिहार में साक्षरता दर कम है, लेकिन इस तरह की पहल राज्य को बदल देगी।

पिछले 72 दिन में 2 लाख से ज्यादा शिक्षकों को मिली नौकरी

बिहार सरकार ने पिछले 72 दिनों में कुल 2,17,159 शिक्षकों को नौकरी दी है। शनिवार को 96,883 स्कूली शिक्षकों को उनके नियुक्ति पत्र मिले और पहले चरण में 1,20,336 शिक्षकों की नियुक्ति की गई। विशेष रूप से, कुल भर्ती में से 51% महिलाएं हैं और 15% अन्य राज्यों से हैं।

पैदल ही राबड़ी आवास पंहुचे CM नीतीश, दही चूड़ा के भोज में हुए शामिल

वर्ष 2019 के बाद मकर संक्रांति के मौके पर सोमवार को बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास पर चूड़ा दही भोज का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी दही-चूड़ा भोजन में शामिल होने पहुंचे। उनके साथ मंत्री विजय चौधरी भी राबड़ी-लालू आवास पहुंचे। इस भोज में मंत्री रत्नेश सदा भी शामिल हुए। महागठबंधन के कई बड़े नेताओं के अलावा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव और आरजेडी के कई वरिष्ठ नेताओं ने वर्तमान सियासी हालत पर चर्चा की।

सीएम नीतीश पैदल ही पहुंचे राबड़ी-लालू आवास

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने आवास से पैदल चलकर ही लालू-राबड़ी के दस सर्कुलर आवास पर पहुंचे। उनके साथ जेडीयू के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह और पार्टी के कई नेता मौजूद थे। सीएम नीतीश कुमार का तेजस्वी यादव ने स्वागत किया।

4 साल बाद दही-चूड़ा भोजन से कार्यकर्ताओं में उत्साह

बिहार की सियासत में लालू यादव का चूड़ा-दही भोज विशेष महत्व रखता है। राबड़ी आवास में नेताओं के आने का सिलसिला जारी है। मकर संक्रांति के दिन राबड़ी आवास पर चार साल बाद रौनक देखकर पार्टी कार्यकर्ताओं में भी उत्साह नजर आ रहा है। वर्ष 2020 से 2022 में कोरोना के कारण इस भोज का आयोजन नहीं किया गया। जबकि एक साल लालू यादव के किडनी ट्रांसप्लांट के कारण इस भोज का आयोजन नहीं हो सका था।

दही-चूड़ा भोज के बाद बिहार में दिखेगा सियासी बदलाव

माना जा रहा है कि आज के दही चूड़ा भोज के बाद बिहार में सियासी बदलाव आ सकते हैं। राजनीतिक जानकारों की मानें तो खरमास के बाद सीएम नीतीश कुमार कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। वहीं इस मुलाकात के दौरान आगामी लोकसभा चुनाव और सीटों के बंटवारे समेत कई राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।

गृहमंत्री अमित शाह की बड़ी बहन का 60 वर्ष की उम्र में न‍िधन, अहमदाबाद में होगा अंतिम संस्कार

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बड़ी बहन राजेश्वरीबेन शाह का सोमवार (15 जनवरी) को मुंबई के एक अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एक पदाधिकारी ने यह जानकारी दी. राजेश्वरीबेन करीब 60 साल की थीं और कुछ वक्‍त से बीमार चल रहीं थीं.

पदाधिकारी ने बताया कि गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी बहन के निधन के बाद गुजरात में निर्धारित अपने आज के सभी कार्यक्रमों को रद्द कर द‍िया है. उन्होंने बताया कि राजेश्वरीबेन का स्वास्थ्य पिछले कुछ समय से ठीक नहीं था और मुंबई के एक अस्पताल में उनका इलाज जारी था, जहां उन्होंने सोमवार तड़के अंतिम सांस ली.

अहदमाबाद में होगा अंत‍िम संस्‍कार

उन्होंने कहा, ”अपनी बीमार बहन के निधन के बाद शाह ने अपने आज के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं. राजेश्वरीबेन का पार्थिव शरीर आज सुबह यहां उनके आवास पर लाया गया और उनका अंतिम संस्कार बाद में थलतेज श्मशान में किया जाएगा.”

मकर संक्रांति मनाने को अहमदबाद पहुंचे थे अम‍ित शाह 

शाह गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. वह बीजेपी समर्थकों के साथ मकर संक्रांति मनाने के लिए रविवार (14 जनवरी) से अहमदाबाद में थे. उन्हें सोमवार को बनासकांठा और गांधीनगर जिलों में दो कार्यक्रमों में शामिल होना था.

बनासकांठा के देवदार गांव बनास डेयरी का उद्घाटन करने वाले थे. दोपहर में वह गांधीनगर के राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी में विभिन्न विकासशील परियोजनाओं का उद्घाटन करने वाले थे.

पर‍िवार संग भगवान जगन्नाथ मंदिर में की थी पूजा अर्चना 

उत्तरायण उत्‍सव पर गृह मंत्री शाह रव‍िवार (14 जनवरी) को भगवान जगन्नाथ मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे. उन्‍होंने अपने परिवार के सदस्यों के साथ वहां पूजा-अर्चना की थी. इसके बाद उन्होंने वेजलपुर में पतंग भी उड़ाई. सोमवार को अहमदाबाद और गांधीनगर के उत्तरायण समारोहों में हिस्सा लेने का कार्यक्रम तय था.

पीएम-जनमन योजना की पहली किस्त PM मोदी ने किया जारी, 1 लाख आदिवासियों को लाभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) के तहत प्रधान मंत्री आवास योजना – ग्रामीण (पीएमएवाई – जी) के 1 लाख लाभार्थियों को पहली किस्त जा की।

इस अवसर पर पीएम मोदी पीएम-जनमन के लाभार्थियों से बातचीत भी की।

लालू-तेजस्वी के विधायक के फिर से बिगड़े बोल, कहा- काल्पनिक हैं भगवान राम, मैं इन्हें नहीं मानता

देशभर में अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर लोगों के बीच खूब उत्साह देखा जा रहा है। 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इस खास दिन के लिए अयोध्या के साथ देश के अलग-अलग हिस्से में तैयारी जोर-शोर से चल रही है। इस बीच, मकर संक्रांति के मौके पर बिहार में आज 15 जनवरी को आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के घर नेता दही-चूड़ा का भोज खाने पहुंचे। इस दौरान पार्टी विधायक फतेह बहादुर सिंह ने एक बार विवादित बयान दिया है। उन्होंने भगवान राम को काल्पनिक बताया।

“राम और सरस्वती को नहीं मानता”

फतेह बहादुर सिंह ने कहा कि राम काल्पनिक हैं। उनके इस बयान को आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने गलत बताया। भाई वीरेंद्र ने कहा कि धर्म और आस्था से जुड़ी चीजों पर इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए। फतेह बहादुर ने एक और विवादित बयान देते हुए शिक्षा की देवी सावित्रीबाई फुले को बताया है। उन्होंने कहा कि हम राम और सरस्वती को नहीं मानते हैं। अपनी बात को सही साबित करने के लिए फतेह बहादुर ने सुप्रीम कोर्ट का भी हवाला दिया।

रोहतास के डेहरी से विधायक हैं फतेह

बता दें कि आरजेडी विधायक फतेह बहादुर सिंह रोहतास के डेहरी से विधायक हैं। उन्होंने मां सरस्वती पर पहले भी अमर्यादित टिप्पणी की थी और उनकी जगह स्कूलों में सावित्रीबाई फुले की प्रार्थना और मूर्ति लगाने की मांग की थी। इससे पहले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर समेत कई अन्य नेता देवी-देवताओं को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं।

लालू यादव के घर पर दही-चूड़ा भोज 

गौरतलब है कि बिहार में मकर संक्रांति पर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के घर दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया जाता है। सियासी गलियारे में दही-चूड़ा के इस भोज की खूब चर्चा होती है। खासतौर पर लालू यादव के घर होने वाले दही-चूड़ा भोज सुर्खियों में रहता है। लालू यादव के घर हर साल बड़े-बड़े राजनीतिक दिग्गज जुटते हैं। इस बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी हमेशा की तरह लालू यादव और राबड़ी देवी के इस दही चूड़ा भोज में शामिल हुए।