वर्ष 2019 के बाद मकर संक्रांति के मौके पर सोमवार को बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास पर चूड़ा दही भोज का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी दही-चूड़ा भोजन में शामिल होने पहुंचे। उनके साथ मंत्री विजय चौधरी भी राबड़ी-लालू आवास पहुंचे। इस भोज में मंत्री रत्नेश सदा भी शामिल हुए। महागठबंधन के कई बड़े नेताओं के अलावा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव और आरजेडी के कई वरिष्ठ नेताओं ने वर्तमान सियासी हालत पर चर्चा की।

सीएम नीतीश पैदल ही पहुंचे राबड़ी-लालू आवास

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने आवास से पैदल चलकर ही लालू-राबड़ी के दस सर्कुलर आवास पर पहुंचे। उनके साथ जेडीयू के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह और पार्टी के कई नेता मौजूद थे। सीएम नीतीश कुमार का तेजस्वी यादव ने स्वागत किया।

4 साल बाद दही-चूड़ा भोजन से कार्यकर्ताओं में उत्साह

बिहार की सियासत में लालू यादव का चूड़ा-दही भोज विशेष महत्व रखता है। राबड़ी आवास में नेताओं के आने का सिलसिला जारी है। मकर संक्रांति के दिन राबड़ी आवास पर चार साल बाद रौनक देखकर पार्टी कार्यकर्ताओं में भी उत्साह नजर आ रहा है। वर्ष 2020 से 2022 में कोरोना के कारण इस भोज का आयोजन नहीं किया गया। जबकि एक साल लालू यादव के किडनी ट्रांसप्लांट के कारण इस भोज का आयोजन नहीं हो सका था।

दही-चूड़ा भोज के बाद बिहार में दिखेगा सियासी बदलाव

माना जा रहा है कि आज के दही चूड़ा भोज के बाद बिहार में सियासी बदलाव आ सकते हैं। राजनीतिक जानकारों की मानें तो खरमास के बाद सीएम नीतीश कुमार कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। वहीं इस मुलाकात के दौरान आगामी लोकसभा चुनाव और सीटों के बंटवारे समेत कई राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।


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