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लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर कांग्रेस की क्या है तैयारी, कांग्रेस अध्यक्ष ने बैठक में ये कहा

कांग्रेस पार्टी की आज हुई बैठक में जीएस, प्रभारियों, पीसीसी अध्यक्षों ने भाग लिया। इस बाबत कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि महत्वपूर्ण बैठक में पधारे सबी महासचिवों, इंचार्जों, पीसीसी अध्यक्षों और सीएलपी नेताओं का स्वागत करता हूं। आप सबको नए साल की बहुत बधाई। उन्होंने कहा कि इस बैठक का एजेंडा है 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत सुनिश्चित करना और भारतय न्याय यात्रा की विस्तार से तैयारी करना। हमारे लिए दोनों की सफलता जरूरी है। इसलिए हम सबकों इस बीच में काफी समय देना है और चर्चा करना है।

मल्लिकार्जुन खरगे ने कही ये बात

खरगे ने कहा, ’19 दिसंबर 2023 को दिल्ली में विपक्षी गठबंधन की चौथी बैठक में सीट-बंटवारे, ईवीएम और सारे जरूरी मुद्दों पर चर्चा हुई। सीट-बंटवारे पर बातचीत के लिए हमारी नेशनल अलायंस कमेटी राज्य इकाइयों के साथ चर्चा कर रही है। देशभर में 8-10 बड़ी पब्लिक मीटिंग हमें मिलकर करनी है। 21 दिसंबर को हमारी सीडब्ल्यूसी की बैठक हुई। 28 दिसंबर को नागपुर में कांग्रेस के 139वें स्थापना दिवस पर हमारी ‘है तैयार हम’ रैली बहुत शानदार रही।’ मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि अब मैं सोनिया गांधी के 25 सालों के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में की गई सेवाओं का आदर के साथ विशेष उल्लेख करना चाहूंगा।

लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की तैयारी

उन्होंने कहा कि हमारे बेंगलुरू के कांग्रेस सेशन मार्च में 2001 में एनडीए गठबंधन को सत्ता से हटाने का संकल्प उनके नेतृत्व में लिया गया था। हर राज्य में लगातार पूरे मन से काम हुआ और 2004 में सोनिया गांधी के नेतृत्व में यूपीए ने एनडीए को हरा दिया। पूरे 10 साल तक हमारी सरकार रही। तब हर गांव और शहर का हमारा कार्यकर्ता उठ खड़ा हुआ था। आज समय आ गया है कि उसी लगन, मेहनत और समर्पण के भाव से काम करते हुए पार्टी को आगे ले जाना होगा। उन्होंने कहा कि 2024 के चुनावों से पहले पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए कई जरूरी काम किए गए हैं। ‘Donate For Desh’ क्राउड फंडिंग अभियान भी शुरू किया गया है। महासचिवों और इंचार्जों की जिम्मेदारियां तय हो चुकी हैं। मेनिफेस्टो कमेटी भी बन गई है, जो काम कर रही है।

अयोध्या राम मंदिर को लेकर ममता बनर्जी ने जारी किया ये फरमान, तृणमूल कांग्रेस के नेता का खुलासा

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर का 22 जनवरी को उद्घाटन होना है। इसी दिन मंदिर में भगवान राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा भी की जाएगी। वहीं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी राम मंदिर के उद्घाटन में जाएंगी या नहीं इसे लेकर अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है। वहीं उनके अयोध्या जाने या नहीं जाने की बात को लेकर कई नेताओं द्वारा तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं भी दी जा रही हैं। अब टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने खुद इसे लेकर एक फरमान जारी किया है। उन्होंने टीएमसी नेताओं से कहा है, ”राम मंदिर पर कोई भी नेता बयान ना दें। सही समय आने पर मैं खुद राम मंदिर पर पार्टी का पक्ष रखूंगी।”

उन्होंने सभी पार्टी नेताओं को राम मंदिर पर चुप रहने के लिए कहा है। टीएमसी नेता माजिद मेमन ने यह खुलासा किया है।

सोनिया और खरगे को भेजा निमंत्रण

बता दें कि अब सबकी निगाहें 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले भव्य कार्यक्रम की ओर टिकी हुई हैं। अयोध्या में 22 जनवरी को देश भर से कई गणमान्य लोगों को निमंत्रण दिया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सोनिया गांधी को भी निमंत्रण भेज दिया गया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एचडी देवगौड़ा को भी निमंत्रण भेजा गया है। लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को भी निमंत्रण भेजा है।

हालांकि, अब तक इस बात की जानकारी सामने नहीं आई है कि वह समारोह में शामिल होंगे या नहीं। इसी कार्यक्रम में नहीं जाने पर विपक्ष के नेताओं से सवाल किए जा रहे हैं।

सुशील मोदी बिहार बीजेपी के संकट मोचक, पटना में लगे पोस्टर; जन्मदिन की बधाई या कोई संदेश?

पटना: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी का 5 जनवरी शुक्रवार को जन्मदिन है। इससे पहले गुरुवार को ही पटना में बधाई के बड़े बड़े पोस्टर लगा दिए गए हैं। खास बात यह है कि पोस्टर में सुशील मोदी को बिहार बीजेपी का संकट मोचक बताया गया है। उनके चाहने वालों द्वारा लगाए गए इस खास पोस्टर की बिहार के सियासी गलियारे में चर्चा तेज हो गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि 2024 और 2025 के चुनावों के पहले इस पोस्टरबाजी के क्या मायने हैं। इससे पहले 30 दिसंबर 2023 को छह दिन पहले भी नीतीश कुमार के पैरलल पोस्टर लगाकर सुशील मोदी को जन्मदिन की बधाई दी गई थी। नीतीश कुमार को उस दिन जेडीयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के लिए शुभकामनाएं दी गई थीं।

सुशील कुमार मोदी की बड़ी बड़ी तस्वीरों वाले पोस्टर पटना शहर के कई चौक-चौराहों पर लगाए गए हैं जिनमें उनकी बधाई के साथ उनकी तारीफ के पुल बांधे गए हैं। इनमें से एक पोस्टर ऐसा है जो सबका ध्यान अपनी ओर बरबस खींच ले रहा है। इस पोस्टर में सुशील कुमार मोदी को बिहार भाजपा का संकटमोचक के रूप में दिखाया गया है। पोस्टर में सुशील मोदी की बड़ी सी फोटो है और उनके साथ हनुमान जी की तस्वीर भी लगाई गयी है। सुशील मोदी फैंस एसोसिएशन बिहार की ओर से यह खास पोस्टर लगाया गया है।

बताते चलें कि सुशील कुमार मोदी का जन्म पांच जनवरी 1952 को हुआ था। जन्मदिन से एक दिन पहले ही उन्हें खास तरीके से बधाई दी जाने लगी है। इससे बिहार का सियासी पारा बढ़ गया है। पोस्टर के जरिए संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि जिस तरह भगवान राम संकट में होते हैं तो बजरंगबली आते हैं उसी तरह से जब बिहार बीजेपी संकट में होती है तो सुशील कुमार मोदी सामने आते हैं।

अयोध्या राम मंदिर को लेकर तेजस्वी यादव बोले- चोट लगेगी तो डॉक्टर के पास जाएंगे या मंदिर में

अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो रहा है। 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इससे पहले विपक्षी दलों द्वारा खूब राजनीति की जा रही है। इस बीच बिहार में तेजस्वी यादव ने एक जनसभा को संबोधित किया। अपने संबोधन में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर चोट लग जाएगी तो मंदिर में जाकर पंडित जी को दिखाइएगा या डॉक्टर के पास जाइएगा। पेट खाली रहेगा तो क्या मंदिर में जाएंगे। वहां तो उल्टा दान ही देना पड़ता है।

उन्होंने कहा, ‘मैं किसी धर्म के खिलाफ नहीं हूं, अपनी बेटी का मुंडन कराने मैं खुद तिरुपति मंदिर गया, जहां अपने बाल भी अर्पण कर दिए। देश की जो मौजूदा स्थिति है, यहां देश, संविधान को बदलने और लोकतंत्र को खत्म करने कोशिश की जा रही है। हम लोगों को नौकरी बांटने की तैयारी कर रहे हैं और ये लोग ईडी और सीबीआई घुसा देते हैं।’ उन्होंने कहा कि हम तो बचपन से ही ईडी और सीबीआई देख रहे हैं।

तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री पर साधा निशाना

तेजस्वी यादव ने अपने सभा में कहा कि हमारी लड़ाई नरेंद्र मोदी से नहीं है। हम तो मुद्दों की लड़ाई लड़ना चाहते हैं। हम तो बस इतना ही पूछ रहे हैं कि आपने कहा था कि 15-15 लाख रुपये हर खाते में देंगे। वो 15 लाख कहां गए। काला धन अबतक क्यों नहीं आया। आपके प्रधानमंत्री बनने के बाद मेहुल चोकसी, ललित मोदी और नीरव मोदी ये देश से भाग गए। आपको चकमा देके ये लोग कैसे भाग गए। ये लोग बैंक लूट कर भाग गए और बैंक को कंगाल कर दिया। ये पैसा किसका था। उन्होंने कहा कि अगर ये सवाल हम पूछते हैं तो क्या गलत करते हैं। भगवा क्या मोदी जी लेकर आए हैं। भगवा कब से चल रहा है। भगवा हमारा है। इनका देन थोड़े ही है। हमारे तिरंगा में भी भगवा है। हरा भी है। ये लोग देश को लूट सकें इसके लिए नफरत पैदा किया जा रहा है।

भगवान राम पर कही ये बात

उन्होंने कहा कि मोदी की बात नहीं बल्कि मुद्दे की बात कीजिए। मोदी जी हर जगह केवल भाषण ही देते हैं। भाषण के अलावा कुछ किए हैं। हजारों-लाखों करोड़ रुपये अगर अयोध्या में खर्च हो रहे हैं तो उससे कितने लोगों को सैलरी मिलती, लोगों को शिक्षा और इलाज की सुविधा मिलती। भगवान राम को क्या चाहिए। उन्हें चाहिए कि सबलोग खुश, सुखी और संपन्न रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब आपको नौकरी मिलेगी। शिक्षा की व्यवस्था होगी। चिकित्सा की व्यवस्था होगी तभी तो लोग खुश और संपन्न रहेंगे। मोदी जी झूठ बोलने के फैक्ट्री हैं। मोदी जी झूठ बोलने के होलसेलर हैं। बता दें कि राममंदिर के मुद्दे पर विपक्षी दलों द्वारा लगातार केंद्र सरकार और भाजपा पर निशाना साधा जा रहा है।

क्या जेल जाकर भी CM बने रहेंगे अरविंद केजरीवाल, कैसे चलाएंगे सरकार? पढ़े पूरी रिपोर्ट

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। दिल्ली शराब घोटाला मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने केजरीवाल को पूछताछ के लिए तीन बार समन जारी किया है लेकिन वह अब तक ईडी के सामने पेश नहीं हुए हैं। अब कयास लगाए जा रहे हैं ईडी वारंट जारी कर के केजरीवाल को हिरासत में भी ले सकती है। AAP भी केजरीवाल की गिरफ्तारी की आशंका जता चुकी है। हालांकि, आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि केजरीवाल अगर जेल भी जाते हैं तो वहीं से सरकार चलाएंगे। जेल से ही कैबिनेट की मीटिंग होगी। लेकिन क्या ऐसा हो सकता है कि कोई सीएम जेल से सरकार चलाए? इस मामले में कानून क्या कहता है? क्या इससे पहले ऐसा कोई मामला सामने आया है? आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब हमारे इस एक्सप्लेनर के माध्यम से।

क्या मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करना आसान है?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत देश के राष्ट्रपति और राज्यपाल को पद पर रहते हुए गिरफ्तार या हिरासत में नहीं लिया जा सकता। उनके खिलाफ कोई आदेश भी जारी नहीं हो सकता। सिविल या क्रिमिनल दोनों ही मामलों में उन्हें छूट मिली होती है। हालांकि, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री आदि को केवल सिविल मामलों में ही ये छूट मिली हुई है। क्रिमिनल मामलों में संसद, विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य को गिरफ्तार किया जा सकता है। हालांकि, इसकी जानकारी अध्यक्ष या सभापति को देना जरूरी है।

क्या जेल जाने पर इस्तीफा जरूरी है?

किसी भी मुख्यमंत्री या मंत्री आदि को केवल जेल जाने से इस्तीफा देने की जरूरत नहीं पड़ती है। यहां पर बात आरोप और दोषसिद्धि की होती है। जब तक व्यक्ति केवल आरोपी है तो कानूनी रूप से उसे पद से नहीं हटाया जा सकता। उदाहरण के लिए बता दें कि देश में कई ऐसे नेता हैं जो जेल में रहते हुए भी चुनाव लड़े और जीते भी। हालांकि, अगर दोष साबित होने के बाद आरोपी को सजा हो जाती है तो उसे पद से हटाया जा सकता है। इसके अलावा 6 वर्ष तक चुनाव लड़ने पर भी पाबंदी होती है।

क्या कह रही है AAP?

चाहे दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज हो या फिर आतिशी सभी का यही कहना है कि अगर सीएम अरविंद केजरीवाल को जेल भेजा जाता है तो भी सीएम पद पर वही रहेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो दिल्ली की कैबिनेट जेल से भी चलेगी। AAP नेताओं का कहना है कि अधिकारी किसी भी काम के लिए जेल में ही जाएंगे, कैबिनेट मंत्री भी जेल में ही काम करवाने जाया करेंगे।

क्या जेल से सरकार चलाना संभव है?

ऐसा कोई कानूनी नियम नहीं है कि जेल जाते ही सीएम को उसके पद से इस्तीफा देना पड़े। हालांकि, जेल से सरकार चलाना लोकतांत्रिक रूप से सही नहीं है। इसके अलावा चाहे कोई सीएम ही क्यों न हो उसके लिए जेल के नियमों का पालन करना जरूरी है। इस कारण जेल में कैबिनेट की मीटिंग, अधिकारियों के आने आदि पर रोक भी लगाई जा सकते हैं। इसलिए जेल से सरकार चलाने की बात कहने के लिए सही है लेकिन प्रैक्टिकली संभव नहीं दिखाई देती।

क्या पहले भी आए हैं ऐसे मामले?

भारतीय राजनीति में इससे पहले भी कई ऐसे मामले आ चुके हैं जिसमें सीएम पद पर रहते हुए किसी नेता के जेल जाने की नौबत आई हो। जयललिता को साल 2001 और 2014 में जयललिता को कोर्ट से सजा मिली जिसके बाद उन्हें सीएम का पद त्यागना पड़ा। बिहार में लालू प्रसाद यादव ने जेल जाने से पहले अपनी पत्नी राबड़ी देवी को सीएम बनाया था। इसके अलावा उमा भारती को भी साल 2004 में एक गिरफ्तारी वारंट के कारण सीएम पद की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। यानी की सजा मिली हो या नहीं आम तौर पर जेल जाने की नौबत आने पर सीएम पद से इस्तीफा देने का रिवाज रहा है।

भगवान राम को ‘मांसाहारी’ बता चारों तरफ से घिरे NCP नेता, माफी मांगने के बाद भी नहीं थम रहा बवाल

एनसीपी शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड भगवान श्रीराम को मांसाहारी बताकर बुरी तरह घिर गए हैं। भाजपा, अजित पवार गुट और शिंदे गुट समेत संतों ने भी आव्हाड पर कार्रवाई की मांग की है। यहां तक की जितेंद्र आव्हाड के अपने दल के नेता भी उन्हें चुनावी सीजन में ऐसी बातें न बोलने की सलाह दे रहे हैं। ऐसे में बैकफुट पर आ कर आव्हाड ने अपने बयान के लिए माफी भी मांगी लेकिन फिर भी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है।

क्या बोले थे आव्हाड?

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार गुट का शिर्डी में मेलावा चल रहा है, इस मेलावा में जितेंद्र आव्हाड ने पत्रकारों से मुलाकात में कहा, “प्रभु श्री राम यह मांसाहारी थे, 14 साल उन्होंने जो वनवास में गुजारे जो जंगल में गुजारे क्या उन्हें वहां पर खाने में क्या मिला होगा? हम प्रभु श्री राम के तरीके पर चल रहे हैं।” इसके बाद से ही जितेंद्र आव्हाड के इस बयान पर बवाल हो रहा है।

आव्हाड ने माफी मांगी

खुद को चारों तरफ से घिरा देखकर जितेंद्र आव्हाड ने अपने बयान के लिए मांफी मांग ली है। आव्हाड ने कहा- “मेरे कल के बयान से अगर किसी की भावना आहत हुई है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं।” शरद गुट के नेता एकनाथ खडसे ने भी आव्हाड को विवादास्पद बयान न देने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि आव्हाड के नजरिए से ये कहना सही सकता है पर यह पार्टी का बयान नही हो सकता। चुनाव के माहौल में ऐसे विवादास्पद बयान देने से बचना चाहिए, अपनी ये शक्ति अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर खर्च कीजिए।

लगातार हो रही कार्रवाई की मांग

भाजपा नेता राम कदम ने भगवान राम को मांसाहारी बताने वाले बयान के लिए एनसीपी शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ मुंबई में एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायत दी है। इसके अलावा  नासिक के पंचवटी में वीएचपी और साधु-संतों ने अव्हाड की गिरफ्तारी की मांग की है और पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दी है।

झारखंड के राजनीतिक अटकलों पर लगा विराम, मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ेंगे हेमंत सोरेन

झारखंड में मुख्यमंत्री बदलने को लेकर जारी अटकलों पर विराम लग गया है। आज झारखंड विधायक दल की बैठक में एक सुर से हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद पर बनाए रखने का फैसला लिया गया। इससे पहले ऐसी अटकलें थी कि ईडी की ओर से मिल रहे लगातार नोटिस के बाद हेमंत सोरेन इस्तीफा दे सकते हैं और अपनी जगह पत्नी कल्पना सोरेन को प्रदेश की बागडोर सैंप सकते हैं।

 दबाव बनाने के लिए ED की कार्रवाई-सोरेन

सूत्रों के मुताबिक विधायक दल की बैठक में सीएम हेमंत सोरेन ने विधायकों से कहा कि ED की कार्रवाई उन पर दबाव बनाने के लिए की जा रही है। हालात जो भी होंगे उनका सामना करना पड़ेगा। मीटिंग के दौरान हेमंत सोरेन ने अपने मीडिया सलाहकार के घर की जा रही ED की कार्रवाई का भी जिक्र किया। सीएम ने विधायकों को बताया कि उनके मीडिया सलाहकार के कमरे के ताले को ED ने चार लोगों से मिलकर तुड़वाया, आगे भी दबाव बनाने की कोशिश जारी रह सकती है। ऐसे में किसी भी तरह के राजनैतिक हालात का सामना करना पड़ सकता है।

सीएम ने सबसे आगे की रणनीति पर पूछा तो विधायको ने कहा, जो भी फैसला लिया जाएगा सब साथ देंगे। अब सभी विधायकों को अगले कुछ दिनों तक रांची या आसपास के इलाके में रहने के लिए कहा गया है।

ED के अगले कदम का इंतजार

सूत्रों के मुताबिक हेमंत सोरेन ED के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं। अगर उनके मीडिया सलाहकार की गिरफ्तारी होती है तो दोबारा विधायकों की बैठक बुलाकर नए सीएम को लेकर चर्चा की जाएगी। क्योंकि हेमंत सोरेन की गिरफ़्तारी के चांसेज बढ़ जाएंगे। अगले एक दो दिनों में ED की करवाई का इंतजार करने के लिए विधायकों को बोला गया है।

दरअसल, अवैध खनन के मामले में ईडी की टीम रांची, साहिबगंज और देवघर समेत कई जगहों पर छापेमारी कर रही है। सीएम हेमंत सोरेन के करीबियों पर ये छापेमारी चल रही है। उनके मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद, साहिबगंज के कलेक्टर रामनिवास यादव और देवघर के पूर्व एमएलए पप्पू यादव, रांची में आर्किटेक्ट बिनोद सिंह और ठेकेदार सरावगी के यहां भी ईडी कार्रवाई कर रही है।

विधायक दल की बैठक के बाद कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कहा, “बैठक में 43 विधायक मौजूद थे और जो बात सामने आई है वो ये है कि हेमंत सोरेन आज भी मुख्यमंत्री हैं और आगे भी वो ही मुख्यमंत्री रहेंगे…”

राम मंदिर पर मेनका गांधी बोलीं- देश की एकता के लिए जरूरी है, पूरे देश में जय-जयकार हो रहा

देश में इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले सांसद मेनका गांधी ने राम मंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया है। सुल्तानपुर में अपने तीन दिवसीय दौरे के दूसरे दिन बुधवार को मीडिया से बात करते हुए मेनका ने कहा कि इस देश की एकता के लिए ये मंदिर भी बहुत जरूरी है। एक नवीनता लाता है और हमारे धर्म को बढ़ा देता है।

“अयोध्या के साथ सुल्तानपुर का भी विकास हो”

मेनका ने आगे कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि मंदिर भी बना है और प्रधानमंत्री ने हर-हर चीज को देखा। अब पूरे देश में इस चीज के लिए जय-जयकार हो रहा है। सांसद ने कहा हम इस उम्मीद में हैं कि अयोध्या के साथ सुल्तानपुर का भी विकास हो, क्योंकि हमारे पास भी दो-तीन चीजें हैं जहां राम और सीता प्रवेश किए थे। एक सीताकुंड और दूसरा धोपाप है। हम चाहते हैं कि ये दोनों जगह एक ऐसी जगह बन जाए कि लोग इसे भी आकर देखें।

22 जनवरी को राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह

बता दें कि 22 जनवरी को राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर के इस भव्य समारोह के साक्षी बनेंगे। अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में प्राण—प्रतिष्ठा की रस्म आगामी 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर होगी। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी समेत देश की अनेक जानी-मानी हस्तियों को आमंत्रित किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद मामले में फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण कराने के आदेश दिए थे। इसके निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया था।

इस राज्य को सेमीकंडक्टर का हब बनाने की तैयारी, मुख्यमंत्री ने दिए नीति बनाने के निर्देश

दुनियाभर में सेमीकंडक्टर क्षेत्र का बोलबाला बढ़ने लगा है। इसकी इंस्टस्ट्री तकनीक, अर्थव्यवस्था और रोजगार तीनों ही क्षेत्रों में फायदा मिलता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने संबंधित अधिकारियों को राज्य की सेमीकंडक्टर नीति बनाने के निर्देश दिए हैं। सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि सीएम योगी ने अपने आवास पर बुलाई गई एक उच्च स्तरीय बैठक में इस बात के निर्देश जारी किए हैं।

सेमीकंडक्टर की बड़ी भूमिका- सीएम योगी

मुख्यमंत्री आवास पर हुई उच्च स्तरीय बैठक में में सीएम योगी ने कहा कि तेजी से बदलते आज के तकनीक प्रधान युग में सेमीकंडक्टर की बड़ी भूमिका है। अनुमान के मुताबिक वैश्विक सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम का वित्त वर्ष 2022 में राजस्व 950 अरब डॉलर से अधिक का है। निश्चित रूप से यह एक व्यापक क्षेत्र है और इसमें अपार संभावनाएं हैं।

राज्य अपनी आकर्षक नीति बनाएगा

सीएम योगी आदित्यनाथ ने बैठ में कहा कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए केंद्र सरकार ने 10 अरब डॉलर का प्रोत्साहन परिव्यय देने की घोषणा की है। केंद्र द्वारा सेमीकंडक्टर विनिर्माण सेवाओं जैसे सेमीकंडक्टर फैब, डिस्प्ले फैब्स, कम्पाउण्ड सेमीकंडक्टर के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है। प्रदेश सरकार को भी इस सम्बन्ध में अपनी आकर्षक नीति घोषित करनी चाहिए।

ये रहेगी यूपी की प्लानिंग

सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वैश्विक सेमीकंडक्टर निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अपनी नीति के तहत वित्तीय और गैर वित्तीय प्रोत्साहन वितरण का प्रावधान होना चाहिए। उत्तर प्रदेश ऐसा करने वाला देश का तीसरा राज्य होगा। सीएम योगी ने सेमीकंडक्टर नीति को तैयार करने के लिए  अन्य राज्यों की नीतियों का आकलन करने और इस क्षेत्र से जुड़े हितधारकों से परामर्श करने का भी निर्देश दिया है।