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‘पलटूराम ने बिहार को जंगलराज की भेंट चढ़ाया’, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बिहार में I.N.D.I.A पर साधा निशाना

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्षी I.N.D.I.A गठबंधन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने लालू परिवार और बिहार सरकार को घेरते हुए कहा कि ये पलटूराम हैं। इन्होंने बिहार को जंगलराज की भेंट चढ़ा दिया है। इतना ही नहीं, अमित शाह ने पूर्व में हुए घोटालों की बात की। अमित शाह रविवार को बिहार के मुज्जफरपुर में एक रैली को संबोधित कर रहे थे।

I.N.D.I.A गठबंधन का एकमात्र एजेंडा है पीएम मोदी का विरोध

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने बिहार के विकास के लिए कभी कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि पूर्व की सोनिया-मनमोहन सरकार के समय जब लालू यादव मंत्री हुआ करते थे तो बिहार को 10 साल में 1 लाख 50 करोड़ रुपये दिए गए थे, लेकिन पिछले नौ साल में पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने बिहार को 6 लाख करोड़ रुपये दिए हैं। इसके बाद शाह ने विपक्ष के I.N.D.I.A गठबंधन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि I.N.D.I.A गठबंधन का एकमात्र एजेंडा पीएम मोदी का विरोध करना है।

सभी 40 सीटों पर जीत का किया आह्वान

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शाह ने अपनी रैली की शुरुआत कुछ अलग अंदाज में की। उन्होंने कहा कि मैं छठ मइया से प्रार्थना करता हूं कि बिहार को जंगलराज और पलटूराम से मुक्ति मिले। साथ ही सभा में मौजूद लोगों से विजय का संकल्प लिया। उन्होंने आह्वान किया कि इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 में से 40 सीटें मोदी जी को देनी है। इसके बाद बिहार में 2025 में भाजपा की सरकार देनी है।

अमित शाह ने जी20 के दौरान जारी दिल्ली घोषणा पत्र की भी जिक्र किया। दिल्ली घोषणा पत्र को अपना समर्थन देते हुए उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया ने भारत का लोहा माना है। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने देश में से आतंकवाद को मिटाने का काम किया है। जबकि आरजेडी और जदयू ने घाटी में धारा 370 हटाने का विरोध किया था। उन्होंने कहा कि धारा 370 के विरोध में लोगों (विपक्षियों) ने कहा था कि खून की नदियां बहेंगी।

बिहार में फिर से शुरू हुआ पोस्टर वार, तेजस्वी यादव को कार्यकर्ताओं ने बताया ‘भावी मुख्यमंत्री’

बिहार की राजनीति में एक बार फिर पोस्टर वार तेज हो गई है। दरअसल, पटना में तेजस्वी यादव के आवास के बाहर उनको जन्मदिन की बधाई देते हुए एक पोस्टर लगाया गया है। इस पोस्टर में तेजस्वी यादव को बिहार का भावी मुख्यमंत्री बताया गया है। वहीं अब तेजस्वी यादव के आवास के बाहर इस तरह का पोस्टर लगाए जाने से बिहार के गठबंधन वाली सरकार में अंदर ही अंदर राजनीतिक हलचल एक बार फिर से तेज हो गई है। बता दें कि यह पोस्टर आरजेडी के नेताओं ने ही लगाया है। इससे पहले भी आरजेडी के कार्यकर्ताओं ने तेजस्वी यादव को भावी मुख्यमंत्री बताते हुए पोस्टर लगाया है।

लालू भी दे चुके हैं बयान

बिहार में पहले भी काफी समय से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर चर्चा होती रही है। वहीं गठबंधन होने के बाद तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम बनाया गया। इसके बाद भी आरजेडी कार्यकर्ता लगातार तेजस्वी यादव को सीएम बनाने की मांग करते रहे हैं। वहीं तेजस्वी यादव के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव भी तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर कई बार बयान दे चुके हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि अभी सही समय नहीं है।

पहले भी हुआ विवाद

बता दें कि तेजस्वी यादव के आवास के बाहर लगाए गए पोस्टर पर लिखा गया है ‘बिहारवासियों की तरफ से भावी मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव जी को 9 नवंबर 2023 को 34वें जन्मदिन की ढेर सारी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।’ इस पोस्टर पर तेजस्वी यादव की बड़ी सी फोटो के साथ कुछ अन्य राजद नेताओं और कार्यकर्ताओं के फोटो भी लगाए गए हैं। बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब बिहार में पोस्टरवार सामने आया है। अभी हाल हीं में शिक्षक भर्ती को लेकर भी राजद और जदयू आमने-सामने थे।

इजरायल-हमास युद्ध पर भड़कीं कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी, कहा- गाजा में 5 हजार से अधिक बच्चों का हुआ नरसंहार

इजरायल और हमास के बीच युद्ध जारी है। इस बीच दुनियाभर के कई देश युद्ध विराम की आवाज उठा रहे हैं। दोनों तरफ से काफी संख्या में लोगों की जानें जा चुकी हैं। इस युद्ध को रोकने की मांग भारत में भी उठ रही है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी कई बार इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध को लेकर बयान दे चुकी हैं। इस बार उन्होंने ट्विटर पर फिर से एक बयान जारी किया है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट पर लिखा, ‘लगभग 10 हजार लोग, जिनमें 5 हजार से अधिक बच्चे शामिल हैं, उनका नरसंहार किया गया है।’

इजरायल-हमास युद्ध पर प्रियंका गांधी का बयान

उन्होंने कहा, ‘ये बेहद शर्मनाक है। परिवार के परिवार खत्म कर दिए गए। अस्पतालों और एंबुलेंस पर बमबारी की गई। शरणार्थी शिविरों को निशाना बनाया गया है और फिर भी ‘फ्री’ वर्ल्ड के तथाकथित नेता फिलिस्तीन में हो रहे नरसंहार को समर्थन दे रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा तुरंत युद्धविराम लागू करना चाहिए वरना इसका नैतिक आधार नहीं बचेगा।’ बता दें कि इससे पहले भारत भी प्रियंका गांधी इस मामले पर बयान दे चुकी हैं। दरअसल गाजा में शांति कायम करने को लेकर यूनाइटेड नेशन में बीते दिनों वोटिंग की गई थी। इस वोटिंग की प्रक्रिया से भारत ने दूरी बना ली थी।

हमास के खिलाफ इजरायल का युद्ध जारी

इस मामले पर प्रियंका गांधी ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि वो भारत के इस रवैये से हैरान हैं। उन्होंने कहा कि वोटिंग से परहेज करना अहिंसा, न्याय और शांति के उन सिद्धांतों का खडंन है जिनकी बारत ने ऐतिहासिक रूप से वकालत की है। बता दें कि कई मुस्लिम संगठनों द्वारा और अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा लगातार इस बाबत बयान जारी किया गया है। गौरतलब है कि 7 अक्टूबर को हमास के आतंकियों ने इजरायल में घुसपैठ की थी और सैकड़ों लोगों को मौत के घाट उतार दिया था, जिसके बाद से इजरायल ने हमास के खिलाफ जंग छेड़ दिया है।

PM बोले- 80 करोड़ गरीबों को 2028 तक मुफ्त राशन:छत्तीसगढ़ के दुर्ग में की घोषणा; कहा- ED ने 5 करोड़ पकड़े तो CM बौखला गए

छत्तीसगढ :- देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज छत्तीसगढ़ में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे थे. इस अवसर पर बड़ा ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार गरीबों के लिए काम कर रही है. यही कारण है कि कोरोना के बाद से मोदी सरकार में 80 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त में चावल और गेहूं अर्थात अनाज दिया जा रहा है. दिवाली छठ पूजा से पहले बड़ा ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम इस योजना को 2028 तक बढ़ाने जा रहे हैं. आसान भाषा में कहा जाए तो अब गरीब जनता को साल 2028 तक मुफ्त में अनाज मिलता रहेगा.

 

बता दें कि केंद्र सरकार की एकीकृत खाद्य सुरक्षा योजना को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) नाम दिया गया है, जिसके तहत एक जनवरी से 80 करोड़ से अधिक गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न दिया जा रहा है. सरकार द्वारा पीएमजीकेएवाई के नाम से जानी जाने वाली एक अन्य योजना के तहत गरीब लोगों को पांच किलोग्राम खाद्यान्न का मुफ्त मासिक वितरण बंद करने पर विपक्ष की आलोचना के बीच यह कदम उठाया गया है.

 

अप्रैल, 2020 में कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर शुरू की गई यह योजना पिछले साल दिसंबर में समाप्त हो गई. पिछले महीने सरकार ने पीएमजीकेएवाई को दो मौजूदा खाद्य सब्सिडी योजनाओं में शामिल करने का फैसला किया और इसके परिणामस्वरूप नई एकीकृत खाद्य सुरक्षा योजना लागू हुई.

यादव-मुस्लिमों की आबादी को बढ़ाकर ‘लालू यादव’ ने EBC को दिया धोखा: अमित शाह

मुजफ्फरपुर की रैली में गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम नीतीश पर जबरदस्त हमला बोला . जातीय सर्वे की रिपोर्ट को आधार बनाकर शाह ने लालू को जमकर घेरा. उन्होंने चैलेंजे देते हुए कहा कि बिहार में अतिपिछड़ों की आबादी सबसे अधिक है तो घोषणा करो कि इंडी एलायंस का चेहरा अतिपिछड़ा समाज का होगा.

नीतीश कुमार के पास नहीं है कोई रास्ता 

गृह मंत्री ने कहा कि नीतीश कुमार के पास अब कोई रास्ता नहीं बचा है. वह निकलना तो चाहते हैं लेकिन मजबूरी है.. कहां जाएंगे. इंडी एलायंस में इन्हें संयोजक भी नहीं बनाया. इसी लिए कभी कांग्रेस के खिलाफ बोलते हैं तो कभी कांग्रेस के कार्यक्रम में नहीं जाते हैं. हमने पहले ही कहा था कि तेल और पानी साथ नहीं रह सकते.

उन्होंने कहा कि पिछड़ा समाज को कहने आया हूं कि इनके झांसे में मत आइए. नीतीश सरकार ने जो यह सर्वेक्षण कराया है, इस सर्वेक्षण का फैसला तब हुआ था जब भारतीय जनता पार्टी नीतीश कुमार की सरकार में हिस्सेदारी थी. यह फैसला भारतीय जनता पार्टी का है.

लालू के दबाव में नीतीश ने यादव-मुस्लिमों की आबादी बढ़ाया  

जातीय सर्वे पर सवाल उठाते हुए अमित शाह ने नीतीश-लालू पर बड़ा हमला बोला. कहा कि आज मैं पिछड़ा-अतिपिछड़ा समाज से कहना चहता हूं कि यह जातीय सर्वे छलावा है. यादव और मुस्लिम समाज की आबादी को बढ़ाकर अतिपिछड़ा समाज को धोखा दिया है. अमित शाह ने चैलेंज देते हुए कहा कि क्या घोषणा करोगे कि इंडी अलांयस में मुख्यमंत्री का चेहरा अति पिछड़ा समाज से होगा ? क्या आप इसकी घोषणा करेंगे ? लालू यादव इसका जवाब दें.

गृह मंत्री ने कहा कि जातीय सर्वे में क्या किया.. यादव और मुस्लिम आबादी को बढ़ा दिया और ईबीसी की आबादी को कम कर दिया. पिछड़ा अति पिछड़ा के साथ अन्याय करने का काम नीतीश कुमार ने किया है .इन लोगों ने हमेशा पिछड़ा समाज का बहिष्कार किया है. मोदी जी ने हमेशा पिछड़ा-अति पिछड़ा समाज का सम्मान करने का काम किया है .

मोदी जी के मंत्रिमंडल में 27 मंत्री ओबीसी समाज से हैं ..35% से ज्यादा. ओबीसी कमिशन को संवैधानिक मान्यता दी है. लालू जी आप 10 साल तक यूपीए सरकार में थे .आपने ओबीसी कमिशन को संवैधानिक मान्यता क्यों नहीं दी इसका जवाब पिछड़ा समाज को लाल यादव से मांगनी चाहिए.

सत्ता का सुख भोगने के लिए लालू की गोद में जा बैठे हैं नीतीश; मुजफ्फरपुर रैली में गरजे अमित शाह

मुजफ्फरपुर के पताही हवाई अड्डा मैदान में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जनसभा को संबोधित किया। भारत माता की जय के नारों के साथ उन्होंने लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा की मैं छठ मईया से प्रार्थना करता हूं कि आने वाले समय में बिहार जंगलराज और पलटूराम से मुक्त हो। ये भूमि खुदी राम बोस, जुब्बा सहनी पंडित सहदेव जैसे क्रांतिकारियों की भूमि है इन तीनों क्रांतिकारियों मैं प्रणाम करता हूं।  2025 में इस बार बिहार में भाजपा की सरकार बनानी है। क्योंकि जब आपने लालू के जंगलराज के खिलाफ वोट दिया था ये पलटूराम पीएम बनने के लिए बिहार के जनादेश के साथ धोखा किया है।

मोदी जी के नेतृत्व में जी 20 हुआ जिसमें दिल्ली घोषणा पत्र को सभी देशों ने सर्वसम्मति से स्वीकार करके मोदी जी को सम्मान देने का काम किया है। नीतीश कुमार ने बिहार की जनता के जनादेश का अपमान किया है जबकि मोदी जी ने आतंकवाद का खात्मा करने का काम किया है। राजद और जेडीयू धारा 370 हटाने के पक्ष में नहीं थी कहा था कि धारा 370 हटाओंगे तो खून की नदियां बहेगी। लेकिन हमने लालू जी को कहा था कि किसी की हिम्मत नहीं है कि एक कंकड़ भी कश्मीर में चलाए। पीएम मोदी के विकास कार्यों को अमित शाह ने बताया कहा कि विपक्ष के लोग नरेंद्र मोदी का लगातार विरोध कर रहे हैं।

अमित शाह ने कहा कि नीतीश कुमार सत्ता का सुख भोगने के लिए लालू की गोद में जा बैठे हैं। अमित शाह ने बिहार की जनता से पूछा कि थ्री जी घोटाला करने वाला नेता आपको चाहिए या फाइव जी देने वाले मोदी जी चाहिए। तेल और पानी कभी इकट्ठा नहीं हो सकते हैं अलग-अलग ही रहते हैं। लालू जी से निकलना चाहते हैं कोई रास्ता नीतीश जी के पास नहीं बचा है।

बता दें कि बिहार में बीजेपी के सत्ता से बेदखल होने के बाद से ही अमित शाह लगातार बिहार दौरे पर आ रहे हैं। बीते 16 सितंबर को ही अमित शाह मधुबनी के झंझारपुर पहुंचे थे और लालू-तेजस्वी के साथ साथ उन्होंने आरजेडी पर जोरदार हमला बोला था। एक साल के भीतर सातवीं बार अमित शाह बिहार पहुंचे हैं। अमित शाह के दौरे से विरोधी खेमें में खलबली मच गई है।

कान्हा की धरती मथुरा पर राजनीति के रण में कई धुरंधर उतरने को तैयार, हेमा मालिनी व कंगना रनौत में छिड़ी जंग

कान्हा की धरती पर राजनीति के रण में कई धुरंधर उतरने को तैयार हैं। यहां सियासी हवा ऐसी चल रही है कि लोकसभा चुनाव के लिए रोज नए दावेदार आ रहे हैं। मथुरा नगरी में दो बार से फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी सांसद हैं। अब यहां से फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत भी राजनीतिक रण में मुकाबला करना चाहती हैं। राजनीतिक गलियारे में ये सवाल बार-बार उठ रहा है कि कान्हा के अंगना में इस बार हेमा होंगी या कंगना। जवाब भविष्य में आएगा, लेकिन राजनीतिक माहौल जरूर सरगर्म है।

नाम पर टिकट को लेकर असमंजस

2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में हेमा मालिनी यहां से चुनाव जीतीं। इसके पीछे बड़ा कारण उनका फिल्मी दुनिया में बड़ा नाम था, दूसरा जाटलैंड वह जाट प्रत्याशी थीं। इस बार हेमा मालिनी के नाम पर टिकट को लेकर असमंजस है, उसका भी मजबूत कारण है।

भाजपा की नीतियों के मुताबिक, 75 वर्ष की उम्र पार करने वालों को टिकट देने में पार्टी संकोच करती है। हालांकि, मध्य प्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कुछ उम्रदराज लोगों को राजनीतिक रण में उतारकर उम्र की सीमा की बाध्यता खत्म करने के संकेत दिए हैं। इधर, हेमा मालिनी बराबर चुनाव लड़ने की बात कह रही हैं।

कंगना रनौत के बयान ने बढ़ाई सरगर्मी

इस सियासी सरगर्मी के बीच फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने शुक्रवार को गुजरात में द्वारकाधीश के दर्शन किए। लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि श्रीकृष्ण की कृपा होगी तो जरूर लड़ेंगे। भले ही उन्होंने प्रत्यक्ष रूप से मथुरा का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा मथुरा लोकसभा के लिए था।

बीते दो वर्ष में करीब तीन बार कंगना रनौत मथुरा आईं। यहां ब्रज के मंदिरों के दर्शन किए। कान्हा से अपना अटूट रिश्ता बताया। बार-बार उनके ब्रज भ्रमण और विधानसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रवादी पार्टी का प्रचार करने की बात ने उनके मथुरा से लोकसभा चुनाव लड़ने को हवा दी।

हेमा ने कहा था- सेलिब्रिटी ही क्यों

शुक्रवार को उनके द्वारका में दिए बयान ने फिर इन बातों को बल दिया। पूर्व में कंगना रनौत के चुनाव लड़ने के सवाल पर सांसद हेमा मालिनी ने कहा था कि आप सेलिब्रिटी ही क्यों चाहते हैं। स्थानीय लोग भी तो हैं।

कंगना रनौत के चुनाव लड़ने की चर्चाओं पर शनिवार को दैनिक जागरण से फोन पर हेमामालिनी ने कहा कि लोग आगे आ रहे हैं, ये अच्छी बात है। पार्टी निर्णय करेगी। इससे ज्यादा वह कुछ नहीं बोलीं। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, सियासी गलियारे में असमंजस बढ़ता जा रहा है।

नितीश बोले- नो कमेंट

महाभारत धारावाहिक में भगवान श्रीकृष्ण का अभिनय करने वाले पूर्व सांसद नितीश भारद्वाज के भी मथुरा से लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावनाओं को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। चर्चा है कि वह कृष्ण की अपनी छवि का उनकी नगरी में राजनीतिक रूप से फायदा ले सकते हैं।दैनिक जागरण ने शनिवार को उनसे फोन पर बात की, तो उन्होंने न तो इस चर्चा को खारिज किया और न ही बल दिया। दो टूक कहा कि नो कमेंट। इस कमेंट पर चुनावी संभावनाएं अभी जिंदा हैं।

अमित शाह के बिहार आगमन के पहले नीतीश कुमार हुए एक्टिव; सुबह सुबह ललन सिंह के घर पहुंचे

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों अपने दल के नेताओं के घर पर अचानक से जाकर उनसे मुलाकात कर रहे हैं. इसी क्रम में रविवार को एक बार फिर से सीएम नीतीश सुबह सुबह जदयू अध्यक्ष ललन सिंह के घर पहुंच गए. उन्होंने कुछ समय तक ललन सिंह के घर में समय बिताया और फिर वे वहां से रवाना हो गए. सीएम नीतीश का अचानक से ललन सिंह के घर जाने को उनके उसी क्रम का हिस्सा माना जा रहा है जिसमें वे कई नेताओं के घर अचानक से धमक जा रहे हैं. सीएम नीतीश की ललन सिंह से हुई मुलाकात को शिष्टाचार मुलाकात के तौर पर देखा जा रहा है.

संयोग से दोनों नेताओं के बीच की यह मुलाकात उस दिन हुई है जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार के मुज्जफरपुर आ रहे हैं. भाजपा नेता के मुजफ्फरपुर आगमन के ठीक पहले जदयू के शीर्ष नेताओं की हुई इस मुलाकात से अब सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म है. दरअसल सीएम नीतीश ने रविवार को न सिर्फ ललन सिंह से मुलाकात की बल्कि वे जदयू के पूर्व बिहार प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह से भी मुलाकात की. ऐसे में जदयू के दो शीर्ष नेताओं से नीतीश कुमार की हुई इस मुलाकात को बेहद खास माना जा रहा है.

वहीं  एक दिन पहले नीतीश कुमार नेअपने मंत्रिमंडल सहयोगी और वरिष्ठ जदयू नेता विजय चौधरी के घर जाकर उनसे मुलाकात की थी. अमित शाह के बिहार के आगमन के पहले जदयू के तमाम नेताओं से नीतीश कुमार की इन मुलाकातों को लेकर कई तरह की कयासबाजी जारी है. संयोग से एक दिन पहले ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने फोन पर सीएम नीतीश से बात की थी. दोनों के बीच ‘इंडिया’ गठबंधन के विभिन्न मुदूं पर चर्चा होने की बातें सामने आई थी.

इतना ही नहीं नीतीश कुमार से मुलाकात करने वालों में राजद सुप्रीमो लालू यादव और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी रहे हैं. दोनों पिता-पुत्र ने शुक्रवार शाम मुख्यमंत्री आवास जाकर सीएम नीतीश से मुलाकात की थी. बिहार के मुख्यमंत्री का अचानक से अपने सहयोगियों और गठबंधन के नेताओं से मुलाकात का सिलसिला बढने के पीछे की वजह क्या है, इस पर पार्टी नेताओं ने चुप्पी साध रखी है. इस बीच 6 नवंबर से बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है और उसके पूर्व नीतीश कुमार का ललन सिंह से मिलना कई सियासी अटकलों को जन्म दे रहा है.

गृह मंत्री अमित शाह पहुंचे पटना, बिहार भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी के साथ मुजफ्फरपुर रवाना

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत पटना पहुंचे. वे दोपहर करीब 1 बजे पटना हवाईअड्डे पर उतरे जहाँ बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी सहित अन्य नेताओं ने उनका स्वागत किया. अमित शाह यहां से विशेष हेलिकॉप्टर से मुजफ्फरपुर के लिए रवाना हुए.

उनके साथ सम्राट चौधरी सहित अन्य भाजपा नेता भी रवाना हुए. मुजफ्फरपुर के पताही हवाईअड्डे के ग्राउंड पर अमित शाह की रैली होगी.  गृह मंत्री के आगमन को लेकर पटना के डीएम व एसपी समेत प्रशासन की बड़ी टीम एयरपोर्ट पर तैनात रहे.