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इस विधानसभा की सुरक्षा में बड़ी चूक, CM के बजट भाषण के दौरान सदन के अंदर घुसा शख्स

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कर्नाटक विधानसभा की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया है। बजट सत्र के दौरान सदन के अंदर सुरक्षा में एक बड़ी चूक हो गई। जिस वक्त मुख्यमंत्री सिद्धरामैया बजट का भाषण पढ़ रहे थे उसी वक्त जेडीएस विधायक करेम्मा की आवंटित सीट पर एक बुजर्ग शख्स आकर बैठक गया। जेडीएस के एक विधायक की नजर जब उस बुजुर्ग पर पड़ी तो उसने पूछताछ की। वह शख्स खुद को विधायक बता रहा था।

शक होने पर जेडीएस विधायक ने विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की। इस बात का पता चलते ही पूरे सदन में हड़कंप मच गया। जिसके बाद तुरंत एक्शन लेते हुए विधानसभा सचिव ने उस बुजुर्ग शख्स को सदन से बाहर कर दिया।

चुनावी गारंटी को पूरा करने के लिए 52 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान

बता दें कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को पेश वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में चुनावी ‘गारंटी’ पूरा करने के लिए सालाना 52,000 करोड़ रुपये का प्रावधान करते हुए कहा कि इससे 1.3 करोड़ परिवारों के लाभांवित होने की उम्मीद है। वित्त मंत्रालय का भी प्रभार रखने वाले सिद्धरमैया ने राज्य विधानसभा में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 3.27 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया।

सिद्धरमैया ने रिकॉर्ड 14वीं बार बजट पेश किया

बजट में 52,000 करोड़ रुपये व्यय का प्रावधान विधानसभा चुनावों के दौरान दी गईं पांच ‘गारंटी’ को पूरा करने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि चुनावी वादों को लागू करने से राज्य सरकार हरेक परिवार को हर महीने 4,000 से लेकर 5,000 रुपये तक की अतिरिक्त वित्तीय मदद पहुंचा पाएगी। सिद्धरमैया ने विधानसभा में रिकॉर्ड 14वीं बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड बनाया। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री रामकृष्ण हेगड़े ने 13 बार बजट पेश किया था। उन्होंने अपने भाषण में पूर्ववर्ती भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को कर्नाटक की बिगड़ी अर्थव्यवस्था के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि वह वित्त आयोग की अनुशंसाओं से राज्य को होने वाला वित्तीय नुकसान रोकने में नाकाम रही।

‘वंदे भारत एक्सप्रेस ने मध्यम वर्ग को सुविधाओं की नई उड़ान दी’ गोरखपुर में प्रधानमंत्री मोदी ने दिखाई हरी झंडी

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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि वंदे भारत ट्रेन ने देश के मध्यम वर्ग को सुविधाओं और सहूलियतों के लिए नई उड़ान दी है। आज देश के कोने कोने के नेता पत्र लिखते हैं कि हमारे क्षेत्र से भी वंदे भारत ट्रेन चलाइये। प्रधानमंत्री ने गोरखपुर रेलवे स्टेशन से गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके पहले उन्होंने जोधपुर से अहमदाबाद के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्‍सप्रेस को भी रवाना किया।

विकास और विरासत की नीति का अद्भुत उदाहरण -पीएम मोदी

पीएम मोदी ने गोरखपुर रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण की भी शुरुआत की। इसके पहले मोदी ने गीता प्रेस शताब्दी वर्ष समापन समारोह को संबोधित करते हुए गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत ट्रेन रवाना करने की घोषणा की। उन्‍होंने कहा, ”गीता प्रेस के कार्यक्रम के बाद मैं गोरखपुर रेलवे स्टेशन जाऊंगा। आज से ही गोरखपुर रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण का काम भी शुरू होने जा रहा है।” उन्‍होंने कहा, ”आज का मेरा गोरखपुर दौरा विकास और विरासत की नीति का अद्भुत उदाहरण है।”

सोशल मीडिया पर तस्वीरें डालने के बाद लोग हैरान-पीएम मोदी

मोदी ने कहा कि ”मैंने जब से सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें डाली हैं, लोग हैरान होकर देख रहे हैं कि रेलवे स्‍टेशनों का भी इस तरह से कायाकल्प हो सकता है।” उन्‍होंने कहा कि उसी कार्यक्रम में मैं गोरखपुर से लखनऊ के लिए वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाऊंगा और उसी समय जोधपुर से अहमदाबाद के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्‍सप्रेस को भी रवाना किया जाएगा।

वंदे भारत चलाने के लिए लोग चिट्ठियां लिख रहे हैं-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा, ”एक समय था जब नेता लोग चिट्ठियां लिखा करते थे कि हमारे क्षेत्र में इस ट्रेन का जरा हाल्ट बना लें, उस ट्रेन का हाल्ट बना लें। आज देश के कोने-कोने से नेता मुझे चिट्ठियां लिखकर कहते हैं कि मेरे क्षेत्र से भी वंदे भारत चलाइए।” उन्‍होंने कहा, ”यह वंदे भारत का एक क्रेज है। इन सारे आयोजनों के लिए मैं गोरखपुर के लोगों को, देश के लोगों को बहुत बहुत बधाई देता हूं।’

मनीष सिसोदिया समेत कई लोगों की संपत्ति कुर्क, ED ने की है कार्रवाई

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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, उनकी पत्नी एवं कुछ अन्य आरोपियों की 52 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है। धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत (7.29 करोड़ रुपये मूल्य की) अन्य अचल संपत्तियों को कुर्क करने के लिए एक अस्थायी आदेश जारी किया गया है।

44.29 करोड़ रुपये की चल संपत्ति भी जब्त की गई 

आदेश के अनुसार, मनीष सिसोदिया और उनकी पत्नी सीमा सिसोदिया की दो संपत्तियां, एक अन्य आरोपी राजेश जोशी (चैरियट प्रोडक्शंस मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक) की जमीन/फ्लैट और गौतम मल्होत्रा की जमीन/फ्लैट शामिल हैं। एजेंसी ने एक बयान में कहा कि कुर्क की गई संपत्ति में मनीष सिसोदिया की बैंक में जमा 11.49 लाख रुपये की राशि सहित, ब्रिंडको सेल्स प्राइवेट लिमिटेड (16.45 करोड़ रुपये की राशि) और अन्य सहित 44.29 करोड़ रुपये की चल संपत्ति भी शामिल है। ईडी ने कहा कि कुर्क की गई संपत्ति का कुल मूल्य 52.24 करोड़ रुपये है।

दिल्ली शराब घोटाले में तिहाड़ जेल में बंद हैं सिसोदिया 

दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री सिसोदिया को इस मामले में ईडी ने मार्च में गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप लगाया गया है कि 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में कुछ शराब डीलरों का पक्ष लिया गया, जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी। दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने इस आरोप का खंडन किया है। बाद में नीति रद्द कर दी गई और दिल्ली के उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की, जिसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया।

सुशील मोदी ने कहा- सीएम नीतीश के तहत के के पाठक को शिक्षा विभाग भेजा, चंद्रशेखर के साथ ही सभी RJD मंत्री दुखी

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पटना: शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के आप्त सचिव की ओर से जाती पीत पत्र को लेकर दो दिनों से हंगामा मचा है. गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मसले पर हस्तक्षेप किया और चंद्रशेखर और केके पाठक को अपने आवास बुलाया था. अब बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने इस मसले पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे आरजेडी के मंत्री के खिलाफ नीतीश कुमार की साजिश करार दिया है।

सुशील मोदी ने कहा है कि आरजेडी के मंत्रियों पर अंकुश और नियंत्रण रखने के लिए ऐसे अधिकारियों को लगाया गया है. इसी के कारण मंत्रियों और अधिकारियों में तनातनी शुरू हो गई है. केके पाठक के बारे में सभी जातने हैं. किसी भी विभाग में छह महीने से ज्यादा नहीं टिकते।

सुशील मोदी ने कहा कि शिक्षा मंत्री से मेरे अच्छे संबंध नहीं है क्योंकि उन्होंने रामचरितमानस पर भी विवादित बयान दिया था .लेकिन मंत्री के पीए को विभाग में घुसने नहीं दिया जायगा, मंत्री की कोई औकात नहीं है, ऐसी स्थिति में या तो मंत्री रहे या सचिव रहे।

उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री में अगर थोड़ी सी भी नैतिकता और हिम्मत है तो उनको तत्काल इस्तीफा देना चाहिए. नीतीश कुमार को बताने का काम करें कि अगर हमको मंत्री रखना है तो केके पाठक को हटाना पड़ेगा।

बिहार में महागठबंधन के भीतर भड़कने लगी आग, एमएलसी सुनील सिंह को मंत्री अशोक चौधरी ने दिया करारा जवाब…

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पटना: शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच विवाद खूब तूल पकड़ा है.इस पर भाजपा जहां सरकार को घेरने में लगी थी, वहीं राजद नेता भी आक्रोशित थे. जदयू नेता संभलकर बयान दे रहे थे. कल गुरुवार को शिक्षा मंत्री और केके पाठक की नीतीश कुमार से मुलाकात हुई. जिसके बाद महागठबंधन की ओर से सबकुछ ठीक होने का दावा किया जा रहा।

अब जदयू कोटे के मंत्री अशोक चौधरी ने दावा दावा किया है कि जो भी कंफ्यूजन था उसे दूर कर लिया गया है. मुख्यमंत्री के रहते कोई कंफ्यूजन रह नहीं सकता है.मंत्री और अधिकारी में बाप कौन है इस पर अशोक चौधरी ने कहा यहां बाप और बेटे का कहां सवाल है. मंत्री और अधिकारी एक रथ के दो पहिए हैं. दोनों महत्वपूर्ण हैं. हम पॉलिसी बनाते हैं और आईएएस ऑफिसर उसे इंप्लीमेंट करते हैं. मेरी जवाबदेही है कि टीम बनाकर चलें नहीं तो कोई भी पॉलिसी होगी वह इंप्लीमेंट नहीं हो पाएगी।

वहीं, सुनील सिंह के बयान पर अशोक चौधरी ने कहा कि सुनील सिंह का अपना एजेंडा होगा, उनकी बातों पर हम क्यों ध्यान दें. लालू यादव क्या बोलते हैं राबड़ी देवी क्या बोलती हैं वह हमारे लिए मायने रखता है।

अशोक चौधरी ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर इशारों ही इशारों में तंज कसते हुए कहा कि यदि आपको लगता है कि विभाग को ऊंचे स्तर पर ले जाना है तो पिछले मंत्रियों ने जितने काम किए हैं उससे लंबी लाइन खींचनी होगी तो एक टीम बनानी होगी. मंत्री और अधिकारी रथ के दो पहिए हैं एक भी गड़बडाएगा तो स्पीड घट जाएगी. राजद के लोग इस प्रकरण से नाराज हैं, इस पर अशोक चौधरी ने कहा कि आरजेडी के बहुत लोग नहीं केवल एक आदमी बोल रहे हैं. उनका अपना एजेंडा होगा।

शिक्षा मंत्री और के के पाठक के झगड़े पर सुधाकर सिंह ने दिया बड़ा बयान, किसका इस्तीफा मांग रहे

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बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर और विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच विवाद गहराता ही जा रहा है। आईएएस केके पाठक से विवाद के बाद शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर दो दिनों से अपने ऑफिस नहीं पहुंच रहे हैं। इधर इस मामले पर कई तरह की बयानबाजी भी हो रही है । वहीं शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर सिंह के समर्थन में तेजस्वी के विधायक उतर गए है। उन्होंने साफ साफ कह दिया की क्या आपको लगता है कि केके पाठक का कोई परफॉर्मेंस है। उनको जिन जिन कामों पर लगाया गया कौन काम उन्होंने बढ़िया से किया है। इनका परफॉर्मेंस तो है नहीं।

सुधाकर सिंह ने के के पाठक पर बरसते हुए कहा कि वे एक निकम्मा अधिकारी है। इस तरह के निकम्मे अधिकारी को बर्खास्त कर देना चाहिए। के. के. पाठक का परफॉर्मेंस कहीं भी ठीक नहीं रहा है। इससे पहले शराब वाले विभाग में थे। उस दौरान भी बहुत सारे लोग जहरीली शराब के कारण बेमौत मारे गए। उसके पहले खनन विभाग में थे, वहां भी इनका क्या परफॉर्मेंस ठीक नहीं रहा है। अब शिक्षा विभाग आए हैं तो यहां भी ये सब चल रहा है। ऐसे अधिकारी को तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए।

बताते चलें कि शिक्षा विभाग के मंत्री प्रोफेसर चन्द्रशेखर और अपर मुख्य सचिव के.के पाठक के बीच पावर को लेकर विवाद चल रहा है।मंत्री के आप्त सचिव ने के.के पाठक को पीत पत्र लिखकर मंत्री की अनेदखी करने और मनमाने तरीके से कार्य करने की बात कही थी और कार्यशैली में बदलाव नहीं लाने पर कार्रवाई की चेतावनी दी थी।वहीं उनके पीत पत्र के जवाब में शिक्षा विभाग ने संज्ञान लेने के बजाय आप्त सचिव की योग्यता पर सवाल उठाते हुए विभाग में प्रवेश पर रोक लगी दी है।

विवादों के बीच शिक्षा मंत्री पहुंच गए राजद कार्यालय, साथ में इतने विधायक भी, क्या हो रहा है ?….

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पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर और विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच विवाद गहराता ही जा रहा है। आईएएस केके पाठक से विवाद के बाद शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर दो दिनों से अपने ऑफिस नहीं पहुंच रहे हैं। इधर इस मामले पर कई तरह की बयानबाजी भी हो रही है ।इसी बीच शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने आरजेडी प्रदेश कार्यालय में पार्टी विधायकों के साथ बैठक की है। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पार्टी के तमाम विधायक और विधान पार्षद मौजूद रहे।

बैठक में इस बात को लेकर चर्चा हुई कि नई शिक्षा नीति को लागू किया जाए या उसमें और भी संशोधन की जरुरत है। बैठक के बाद शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा है कि अच्छा और बुरा दोनों पक्षों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाएगा। इस दौरान केके पाठक के मामले से मंत्री ने कन्नी काट ली।

शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि शिक्षा नीति के अच्छे और बूरे पक्ष पर चर्चा में शामिल होने के लिए सभी लोग आए थे। राष्ट्रीय जनता दल और सरकार किसी भी हालत में शिक्षा के बाजारीकरण और व्यवसायिकरण से खुद को अलग करेगी। शिक्षा नीति पर आज चर्चा हुई है और आगे भी इसपर चर्चा होगी। अच्छा-बुरा पक्ष समझकर कोई भी निर्णय लिया जाएगा। वहीं केके पाठक से विवाद के सवाल पर चंद्रशेखर कहा कि लोगों ने जो मनसूबा पाल रखा है वे उसमें सफल नहीं होने वाले हैं।

ललन सिंह ने बीजेपी पर लगाया बड़ा आरोप, राहुल गांधी पर ऐसा कहा

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पटना: गुजरात हाईकोर्ट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में निचली अदालत से मिली 2 साल की सजा पर रोक लगाने से इनकार करते हुए राहुल गांधी की याचिका को खारिज कर दिया.कोर्ट के फैसले के खिलाफ पटना में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर उतर गए हैं और इसे केंद्र सरकार की साजिश करार दे रहे हैं।

जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा है कि इसमें कोई बड़ी बात नहीं है राहुल गांधी हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.ललन सिंह ने कहा है कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार देश में लोकतंत्र को खत्म करना चाह रही है.कुछ दिन और अगर बीजेपी रही तो देश में तानाशाही लागू हो जाएगा।

वहीं शिक्षा मंत्री और विभागीय सचिव केके पाठक के बीच छिड़े संग्राम पर ललन सिंह ने कहा कि पूरे मामले को सरकार देख रही है। सरकार ही इस मामले को शॉर्ट आउट करेगी, इसमें पार्टी का कोई काम नहीं है।

लालू के करीबी MLC को नोटिस नहीं लेते नीतीश के मंत्री, कहा-उनको हम लोग नहीं जानते

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आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह के बयान पर जदयू ने करारा पलटवार किया है. नीतीश कुमार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि आरजेडी के बहुत लोग केके पाठक को लेकर कुछ नहीं कह रहे हैं बल्कि सिर्फ एक लोग कह रहे हैं उनका कुछ पर्सनल एजेंडा होगा. हमलोग नहीं जानते हैं उनको. सुनील सिंह कोई बहुत बड़े नेता तो नहीं है तो हम लोग सुनील सिंह को क्यों नोटिस लें।

दरअसल बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी से जब यह सवाल किया गया कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और अपर मुख्य सचिव के के पाठक को लेकर जो विवाद हुआ है. उसके बाद लालू के बेहद करीबी माने जाने वाले एमएलसी सुनील सिंह ने उनसे इस्तीफे की मांग की है. जिसका जवाब देते हुए अशोक चौधरी ने कहा कि सुनील सिंह ही मात्र एक आरजेडी के लीडर तो नहीं है. इनके अलावा भी बहुत सारे लीडर है. हम लोग उनके बयान पर ध्यान नहीं देते हैं. उनके बयान का कोई अर्थ नहीं है. अगर इस मामले में लालू यादव या राबड़ी देवी कुछ बोलती तो इंपॉर्टेंट था ना कि सुनील सिंह कुछ बोलते तो वह इंपॉर्टेंट है।

वहीं मंत्री से जब यह सवाल किया गया कि अधिकारी बड़ा होता है या विभाग के मंत्री तो इसके जवाब में अशोक चौधरी ने कहा कि बात बड़ा या छोटा का नहीं है. एक रथ के दो पहिए होते हैं और दोनों का रहना जरूरी होता है. शिक्षा मंत्री और केके पाठक का कोई मुद्दा नहीं है. हरेक घर में कभी न कभी बाप और बेटे में कंफ्यूजन हो जाता है. इनके बीच भी कोई कंफ्यूजन रहा होगा. लेकिन, सब कन्फ्यूजन शॉट कर लिया जाएगा. नीतीश कुमार के रहते कोई कंफ्यूजन का सवाल ही नहीं है।