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मधेपुरा में फर्जी नियोजित शिक्षक गिरफ्तार, फर्जी सर्टिफिकेट पर 17 साल से कर रहा था नौकरी

बिहार के मधेपुरा जिले के कुमारखंड पुलिस ने थाना क्षेत्र के बिशनपुर कोड़लाही गांव में छापेमारी कर फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे नियोजित शिक्षक को गिरफ्तार किया है. इससे पहले जांच के दौरान शिक्षक का सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया था. बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा था, जो भी फर्जी शिक्षक हैं, स्वेच्छा से रिजाइन कर दें तो उनपर कोई कार्रवाई नहीं होगी. जो नहीं करेंगे अगर जांच में फर्जी पाए जाएंगे तो सख्ती से कार्रवाई होगी. फिलहाल शिक्षक को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

मधेपुरा में फर्जी नियोजित शिक्षक गिरफ्तार : कोर्ट के आदेश के बावजूद विकास कुमार सिंह ने रिजाइन नहीं किया था. इस मामले को लेकर कुमारखंड थानाध्यक्ष उदय कुमार ने बताया कि निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना के पुलिस निरीक्षक शहनवाज रिजवी के आवेदन पर दर्ज एफआईआर के आधार पर फर्जी अंक पत्र पर शिक्षक बने विकास कुमार सिंह पर कार्रवाई की गई है।

“नियोजित शिक्षक विकास कुमार सिंह पर दर्ज मामले के मद्देनजर उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. वह फर्जी अंक पत्र बनाकर बहाल हो गया था.”- थानाध्यक्ष

कोड़लाही उत्क्रमित मध्य विद्यालय में पदस्थापित:जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना मधेपुरा द्वारा उपलब्ध कराए गए फोल्डर अवलोकन में पाया गया कि नियोजित पंचायत शिक्षक विकास कुमार सिंह जो कुमारखंड थाना क्षेत्र के कोड़लाही उत्क्रमित मध्य विद्यालय में पदस्थापित हैं. उनका नियोजन वर्ष 2006 में पंचायत शिक्षा मित्र के रूप में हुआ था. उच्च न्यायालय पटना के द्वारा निर्धारित एमनेस्टी पीरियड में त्यागपत्र समर्पित नहीं किया गया था।

फर्जी अंक पत्र बनाकर बना शिक्षक:नियोजित शिक्षक विकास कुमार सिंह का इंटर अंक पत्र रोल कोड 6305, रोल नंबर 10067 वर्ष 1996, प्राप्तांक 607 है और वे प्रथम श्रेणी विज्ञान संकाय से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना का अभ्यर्थी था. अंक पत्र के सत्यापन के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को भेजा गया. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने सत्यापन प्रतिवेदन में नियोजित शिक्षक विकास कुमार सिंह का रोल कोड 6305, रोल नंबर 10068, वर्ष 1996, प्राप्तांक 220 है और परिणाम अनुत्तीर्ण दर्ज है।

जांच के लिए अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति:बता दें कि पटना उच्च न्यायालय द्वारा जनहित याचिका सीडब्लूजेसी संख्या 15459/14 में पारित आदेश के आलोक में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो मुख्यालय पटना द्वारा निगरानी जांच संख्या बीएस 08/15 पंजीकृत करते हुए नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक अंक पत्र व प्रमाण पत्रों की जांच के लिए अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है. ये अधिकारी लगातार सभी नियोजित शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं।

अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा में लालू यादव का नाम सुन तिलमिलाए पप्पू यादव, माइक फेंक गुस्से में निकल गए

मधेपुरा: जिले के बीएन मंडल स्टेडियम में सोमवार को आयोजित अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा के कार्यक्रम में बवाल हो गया. यदुवंशियों के जुटान के दौरान मंच पर कई राजनीतिक दिग्गज पहुंचे थे. इस कार्यक्रम में आरजेडी (RJD) नेता श्याम रजक, ‘जाप’ प्रमुख पप्पू यादव (Pappu Yadav) सहित कई नेता पहुंचे थे.

मंच से पप्पू यादव सभा को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान एक व्यक्ति ने लालू यादव (Lalu Yadav) जिंदाबाद का नारा लगाने लगा. मंच से उसे शांत रहने को कहा गया, लेकिन उत्साहित व्यक्ति ने दोबारा नारा लगाना शुरू कर दिया. इसके बाद पप्पू यादव गुस्से में आ गए और उन्होंने मंच से माइक फेंक दिया. माइक फेंकने के बाद पप्पू यादव वहां से निकल गए.

नारे लगाने वाले व्यक्ति को लोगों ने की पिटाई

पप्पू यादव के जाने के दौरान आयोजक भी उनके पीछे-पीछे मान मनौव्वल के लिए आगे बढ़े, लेकिन पप्पू यादव का गुस्सा कम नहीं हुआ और वह कार्यक्रम से निकल गए. इस बीच नारे लगाने वाले व्यक्ति को कुछ लोगों ने घेर लिया और उसकी जमकर पिटाई कर दी. किसी तरह बीच बचाव करके उस व्यक्ति को लोगों की भीड़ से बचाया गया. वहीं, इस पूरे वाकये की पूरे क्षेत्र में खूब चर्चा हो रही है.

आधे से अधिक कुर्सियां रह गई खाली

बता दें कि मधेपुरा के बीएन मंडल स्टेडियम में यादव महासभा के शताब्दी समारोह की तैयारी काफी दिनों से की जा रही थी. आयोजक कमेटी की ओर से कार्यक्रम में एक लगभग एक लाख लोगों के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन पंडाल में लगी आधे से अधिक कुर्सियां खाली रह गईं. वहीं, लोगों का कहना था कि कार्यक्रम में अव्यवस्था और अफरा तफरी का माहौल रहा.

मधेपुरा में बेटे की मौत बर्दाश्त नहीं कर सकी मां, सदमा लगा तो चिता पर जाकर कूदी

मां के लिए सबसे बड़ा दुख का वक्त होता है जब उसके सामने उसका जवाब बच्चे इस दुनिया से चले जाएं. इस सदमे को वो बर्दाश्त नहीं कर पाती हैं. कई बार वियोग में उनकी जान भी चली जाती है. बिहार के मधेपुरा जिले के सिंहेश्वर थाना क्षेत्र में एक मां अपने पुत्र का वियोग सहन नहीं कर सकी और उसकी जलती चिता में छलांग लगा दी. हालांकि ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए उसे बचा लिया, लेकिन वह बुरी तरह झुलस गई.

बेटे ने की आत्महत्या, घर में मचा कोहराम

यह मामला जिले के सिंहेश्वर थाना क्षेत्र की सुखासन पंचायत स्थित शिवदयालपुर का है. यहां सोमवार (06 नवंबर) की रात सिकेन्द्र यादव के पुत्र करण ने किसी कारणवश गले में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. मंगलवार (07 नवंबर) को सुबह इस घटना से कोहराम मच गया. दोपहर बाद शव का दाह संस्कार कर सभी लोग वापस लौट आए.

लोगों ने चिता से खींच कर महिला को निकाला

बताया जाता है कि अभी बेटे का शव पूरी तरह जल भी नहीं पाया था कि करण की मां किसी तरह घर से निकलकर श्मशान घाट पहुंच गई. इस बीच, हालांकि गांव के कुछ लोगों ने उसे देख लिया और वे भी उसके पीछे चल दिए. महिला ने घाट पर अपने बेटे की जलती चिता को देखा और चिता में ही छलांग लगा दी. ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए उसे काफी मशक्कत से चिता से खींच कर निकाला.

60 प्रतिशत से अधिक जल चुकी है महिला

लोगों ने महिला को बचाने के बाद आनन-फानन में उसे लेकर अस्पताल पहुंच गए, जहां उसका इलाज चल रहा है. चिकित्सकों का कहना है कि महिला 60 प्रतिशत से अधिक जल गई है, स्थिति गंभीर है. पुलिस अब पूरे मामले की जांच कर रही है. इधर घटना के बाद गांव के लोग भी शोक में हैं.

बिहार के आनंद कुमार का कमाल, जिस ऑफिस में पापा थे चपरासी उसी दफ्तर में बन गए अफसर साहब, BPSC 299 रैंक

मेरा नाम आनंद कुमार है और मैं बिहार के मधेपुरा का रहने वाला हूं. 67 bpsc संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में मुझे 299 रैंक मिला है. एक तरह से कहा जाए तो मैं बिहार प्रशासनिक सेवा अधिकारी बन चुका हूं. मेरे पिताजी एक चपरासी थे. जिस सरकारी ऑफिस में वे चपरासी का काम करते थे वही मैं अफसर बनकर बहुत जल्द नौकरी ज्वाइन करने वाला हूं. मेरी दिली इच्छा है कि जिस दिन मैं नौकरी ज्वाइन करने जाऊं अपने कुर्सी पर अपने पिता को सबसे पहले बैठाउ. क्योंकि आज मैं जो भी हूं जैसा भी हूं उसमें माता-पिता का बहुत बड़ा योगदान है।

अपनी जीवन गाथा सुनाते सुनाते मधेपुरा के आनंद कुमार के आंखों से आंसू छलकने लगता है. आनंद कुमार का कहना था कि उनके लिए यहां तक पहुंचना कोई आसान काम नहीं था. लोग मजाक उड़ाते थे. बावजूद इसके उन्होंने सिर्फ और सिर्फ मेहनत पर ध्यान दिया।

आनंद कुमार की माने तो उनके मोबाइल में टेलीग्राम के अलावा सोशल मीडिया का कोई एप्लीकेशन नहीं है. ना फेसबुक ना ट्विटर ना यूट्यूब ना इंस्टाग्राम. पढ़ाई करने का पागलपन उन पर इस तरह से सवार रहता था कि वह 10-10 दिन तक नहाया नहीं करते थे।

आनंद कुमार कहते हैं जिस दिन रिजल्ट निकला तो सबसे पहले मैंने पापा को इस बारे में बताया वह खुशी से रो पड़े. मैंने उन्हें यह भी बताया कि मैं RO अर्थात रेवेन्यू ऑफिसर बन हूं और आगे चलकर सर्किल ऑफिसर बनूँगा. पापा को याद हो आया कि सर्किल ऑफिस में ही वे कभी चपरासी की नौकरी किया करते थे. आनंद ने कहा कि पापा ने मुझे बधाई देते हुए कहा कि तुमने गर्व से मेरा सीना चौड़ा कर दिया है तुम बहुत आगे जाओगे।

आनंद कुमार कहते हैं कि उन्हें दूसरी बार में सफलता हाथ लगी है. साल 2019 की एक घटना को याद करते हुए आनंद कुमार कहते हैं मैं स्टाफ सिलेक्शन कमिशन परीक्षा में भाग लिया था और मैं एलडीसी बना था. किसी ने मेरे माता-पिता को कहा कि जिस तरह आप जीवन भर चपरासी की नौकरी करते रहे इस तरह आपका बेटा भी चपरासी की नौकरी करते-करते परेशान होते रहेगा. मम्मी पापा घर आकर रोने लगे और उन्होंने मुझे सब कुछ बता दिया. इत्तेफाक देखिए उसी दिन 67 बीपीएससी का मेरा पीटी निकला था।

मैंने तय कर लिया था कि हर हाल में जमकर मेहनत करनी है और रैंक लेकर आना है. रिजल्ट आने के बाद मेरा पहला रिएक्शन था कॉपी डैट…

मधेपुरा में हत्यारा बना देवर, बच्चों के विवाद में भाभी की ले ली जान; घटना के बाद घर छोड़कर फरार

मधेपुरा में शुक्रवार को बच्चों के विवाद में देवर ने भाभी की जान ले ली। घटना सदर थाना क्षेत्र के भर्राही ओपी अंतर्गत नाढी मुरहो गांव की है।मामले की जानकारी पर पहुंची पुलिस ने मृतका के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया।

यह है पूरा मामला

मृतका के बेटे पंकज राम ने बताया कि बच्चों के बीच शुक्रवार दिन में विवाद हुआ था। उसी को लेकर मेरे चाचा दिनेश राम अपने बेटे कुणाल कुमार,आशीष कुमार के साथ हमसे उलझ गए और मारपीट करने लगे। मेरे साथ मारपीट होता देख मेरी मां मुझे छुड़ाने आयी।

इस दौरान ममता देवी ने मेरी मां का बाल पकड़ कर नीचे गिरा दिया और दिनेश राम, कुणाल कुमार एवं आशीष कुमार ने मां के साथ मारपीट करने लगा। मारपीट कर मेरी मां को बेहोश कर दिया। बेहोशी की हालत में मां को उठाकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुरहो लाया।

मुरहो में डॉक्टर नहीं रहने के कारण सदर अस्पताल रेफर कर दिया। सदर अस्पताल लाने के क्रम में रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। चिकित्सक ने जांच कर बताया कि जख्मी महिला की मौत हो गई है।

अब तक नहीं मिला आवेदन- पुलिस

उसके बाद घटना की सूचना भर्राही ओपी को दी। सूचना मिलने पर पुलिस सदर अस्पताल पहुंचकर घटना की जानकारी ली और शव का पोस्टमार्टम कर शव परिजन को सौंप दिया। घटना के बाद से दिनेश राम सहित सभी लोग घर छोड़कर फरार हो गए हैं।

भराही ओपी अध्यक्ष मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि महिला की हत्या के संबंध में अब तक आवेदन नहीं मिला है। आवेदन प्राप्त होने के बाद प्रथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी। हत्या में शामिल सभी घर छोड़ भाग गए हैं।

BPSC 67th Result: विधायक नरेंद्र नारायण यादव की बेटी बनीं श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, BPSC में 580वां रैंक, बधाइयों का लगा तांता

मधेपुरा:जिले के आलमनगर विधानसभा के विधायक की पुत्री ने बीपीएससी में उत्तीर्णता प्राप्त कर क्षेत्र का मान-सम्मान बढ़ाया है. विधायक पुत्री की सफलता के बाद परिवार को जमकर बधाइयां दी जा रही हैं. मिली जानकारी के अनुसार बिहार सरकार के पूर्व मंत्री व आलमनगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक नरेंद्र नारायण यादव की सबसे छोटी ने बिहार पब्लिक सर्विस कमिशन की परीक्षा में 580वां रैंक प्राप्त किया है।

विधायक की बेटी बनीं श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी: बनी मौसम कुमारी ने श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी का पद प्राप्त किया है. बता दें कि विधायक नरेंद्र नारायण यादव की सुपुत्री मौसम कुमारी ने ग्रेजुएशन पटना के विमेंस कॉलेज से किया है. इसके बाद पोस्ट ग्रेजुएट बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से उत्तीर्ण की।

BPSC की परीक्षा में 580वां रैंक: पीजी करने के बाद एनईटी आईआरएफ की परीक्षा पास कर 66वां रैंक हासिल किया था.इसके बाद भी वह लगातार मेहनत करती रहीं और शिक्षा के क्षेत्र में परिश्रम करते हुए 67वीं बीपीएससी की परीक्षा में 580वां रैंक प्राप्त किया है. मौसम श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी का पद प्राप्त करेंगी।

बधाई देने वालों का लगा तांता: मौसम की इस सफलता पर विधायक व पूर्व मंत्री नरेंद्र नारायण यादव, बीडीओ अरुण कुमार सिंह, प्रखंड जदयू अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार, जदयू प्रदेश नेता अखिलेश यादव, सीओ किशुन दयाल राय, आदित्य नारायण यादव, निर्मल ठाकुर, पवन कुमार केडिया, रजनीश कुमार बबलू, प्रभाकर कुमार दीपक, सविता कुमारी, मोहम्मद अबरार हीरा, संजय शाह, अक्षय झा, मानेश्वर मेहतर सहित कई अन्य ने बधाई व शुभकामनाएं दी हैं।

BPSC 67th Result 2023: पिता हैं BEO, बेटा BPSC परीक्षा में हुआ सफल, संयम राज बने ग्रामीण विकास पदाधिकारी

बिहार के मधेपुरा के संयम राज बीपीएससी की परीक्षा में सफलता पाई है. बिहार प्रशासनिक सेवा में संयम राज ग्रामीण विकास पदाधिकारी के पद पर चयनित हुए हैं. बिहार लोक सेवा आयोग ने 67वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है. इसमें पटना के अमन राज ने बिहार टॉप किया है।

मधेपुरा के रहने वाले से संयमः संयम राज मधेपुरा नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नं 20 स्थित गुलजारबाग मुहल्ले के रहने वाले हैं. संयम राज के पिता सेवानिवृत्त प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी हैं. संयम का चयन ग्रामीण विकास पदाधिकारी के पद के लिए हुआ है. संयम दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रैजुएशन करने के बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे थे. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता पिता और गुरुजनों को दिया है।

799 कैंडिडेट का चयनःशनिवार को BPSC ने रिजल्ट जारी किया. 802 पदों के लिए 799 कैंडिडेट का चयन किया गया है. इस बार बिहार टॉपर अमन आनंद रहे, दूसरे नंबर पर निकिता कुमारी ने जगह बनाई है. तीसरे स्थान पर अंकिता चौधरी ने जगह बनाई है. यानी टॉप थ्री की बात करें, जिसमें लड़कियों का दबदवा रहा. तीनों टॉपर का चयन बिहार प्रशानिक सेवा के लिए किया गया है. अपेक्षा मोदी और सोनल सिंह चौथे और 5वें नंबर पर रहे, जिन्हें बिहार पुलिस सेवा के लिए चयन किया गया है।

प्रश्न पत्र लीक का मामला सामने आया थाः मई 2022 में प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया गया था, जिसमें प्रश्न पत्र लीक होने के लेकर फजीहत हुई थी. इसके बाद परीक्षा में बदलाव करते हुए 30 सितंबर 2022 को फिर से परीक्षा ली गई. इसके बाद 30, 31 सितंबर और 7 जनवरी को मेंस की परीक्षा हुई थी, जिसमें 2014 कैंडिडेट सफल हुए थे. जिसे साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था. फाइनल रिजल्ट में 799 कैंडिडेट का चयन किया गया है।

BPSC 67th Final Result 2023: किसान की बेटी अंजू तीसरे प्रयास में बनीं SDM, अब इसका है सपना

67वीं बीपीएससी का परिणाम आ चुका है. इसमें 799 परीक्षार्थियों को सफल घोषित किया है. इन्हीं सफल अभ्यर्थियों में मधेपुरा की रहने वाली अंजू कुमारी भी है. अंजू को 71वां रैंक आया है, वह एसडीएम बनी है. अंजू ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व गुरुजनों को दी है. यह उनका तीसरा प्रयास था. जिसमें वह सफल हुई. इससे पहले उनका चयन बीपीएससी द्वारा आयोजित ऑडिटर के पद पर हुआ था. वह इस समय गया में ट्रेनिंग कर रही हैं।

पिता के पास नहीं थे शब्द, मां पूजा में हो गई व्यस्त

अंजू साधारण किसान परिवार से आती हैं. 6 भाई बहन में अंजू सबसे बड़ी बहन है. उनके परिवार में कोई पहली बार इतने बड़े पद पर सफलता हासिल की है. अंजू ने बताया कि जैसे ही रिजल्ट आया पिता जयकांत यादव की खुशी का ठिकाना नहीं था. उनके पास शब्द नहीं थे. वहीं मां अनुराधा देवी बधाई देने के साथ भगवान के पूजा पाठ में लग गई।

6 से 8 घंटे की करती थी पढ़ाई

अंजू को बीपीएससी की परीक्षा में तीसरे प्रयास में सफलता मिली है. इससे पहले मेंस और फिर इंटरव्यू में जाकर वह सफल हुई है. उन्होंने बताया कि यह मेरा तीसरा प्रयास था. जिसमें मैं सफल हुई हूं. मुझे 71वां रैंक हासिल हुआ है. उन्होंने अपनी पढ़ाई के बारे में बताया कि मैं 6 से 8 घंटे रोजाना पढ़ाई करती थी. इसमें कुछ देर ब्रेक भी लेती थी. साथ ही उन्होंने बताया कि स्टडी मैटेरियल मैं खुद से ही तैयार की थी।

यूपीएससी है अगला लक्ष्य

मधेपुरा के भिरखी, सुखासन रोड़ वार्ड नंबर 26 की रहने वाली अंजू बेहद ही साधारण परिवार से आती है. पिता किसान है और माता ग्रहणी है. अंजू ने बताया कि मेरा अगला लक्ष्य यूपीएससी है इसके लिए मैं तैयारी कर रही हूं. उन्होंने बताया कि मैं यूपीएससी की तैयारी में पिछले कई सालों से लगी हुई हूं. साथी उन्होंने नए परीक्षार्थियों को सलाह देते हुए कहा कि जितनी देर भी पढ़ाई करें मन से करें सफलता जरूर हाथ लगेगी।

इलेक्ट्रो होम्योपैथी में सभी बीमारियों को समूल ठीक करने की अपार क्षमता : डॉ. विद्यार्थी

मधेपुरा : स्वस्थ छात्र अपने राष्ट्र को सशक्त बना सकते हैं इसलिए छात्रों को स्वस्थ रहने के लिए अपने आहार को संतुलित, विहार को संयमित एवं दिनचर्या को नियमित करने की आवश्यकता है उक्त बातें मधेपुरा जिलान्तर्गत न्यू इरा इन्स्टीच्यूट चौसा के प्रांगण में छात्र-छात्राओं के बीच मैटी अल्टरनेटिव मेडिकल कौंसिल, नांगलोई, नई दिल्ली के सौजन्य से आयोजित “स्वास्थ्य और इलेक्ट्रो होम्योपैथी” विषयक सेमिनार में बोलते हुए कौंसिल के निदेशक डॉ. सुभाष कुमार विद्यार्थी नें कहा।

इन्होंने बताया कि छात्र अगर उपरोक्त बातों का पालन करेंगे तो वे कभी अस्वस्थ नहीं होंगे और अगर किसी कारणवश अस्वस्थ हो जाते हैं तो बिल्कुल हानिरहित वानस्पतिक चिकित्सा इलेक्ट्रो होम्योपैथी उनकी हर बीमारी को समूल ठीक करने की अपार क्षमता रखती है। डॉ. विद्यार्थी नें छात्रों को इलेक्ट्रो होम्योपैथिक चिकित्सा के बारे में सविस्तार से बताते हुए कहा कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी 1865 ई. में इटली के डॉ. काउन्ट सीजर मैटी साहब द्वारा आविष्कृत है जो शरीरस्थ लिम्फ और ब्लड को प्यूरीफाई कर कैंसर तक कि बीमारी को ठीक करती है।

मैट्रिक एवं इण्टर पास छात्र-छात्राएँ चाहें तो इसका प्रशिक्षण लेकर कुशल चिकित्सक बन स्वस्थ समाज निर्माण में अपना अहम योगदान दे सकते हैं। इस अवसर पर संस्थान के शिक्षक दीपक कुमार, प्रवीण कुमार, आलोक कुमार, अनिल कुमार, रामानन्द कुमार नें उपस्थित छात्र-छात्राओं को फ़ास्ट फूड, गलत दोस्तों का संगत, मोबाईल का दुरुपयोग आदि से बचने की बात कहते पढ़ाई में पूरा मन लगाने को कहा जिससे हमारे समाज एवं राष्ट्र का नाम रौशन हो सके। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक राहुल कुमार व कार्यक्रम का सफल संचालन प्रख्यात साहित्यकार सह शिक्षक संजय कुमार सुमन ने किया।