मां के लिए सबसे बड़ा दुख का वक्त होता है जब उसके सामने उसका जवाब बच्चे इस दुनिया से चले जाएं. इस सदमे को वो बर्दाश्त नहीं कर पाती हैं. कई बार वियोग में उनकी जान भी चली जाती है. बिहार के मधेपुरा जिले के सिंहेश्वर थाना क्षेत्र में एक मां अपने पुत्र का वियोग सहन नहीं कर सकी और उसकी जलती चिता में छलांग लगा दी. हालांकि ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए उसे बचा लिया, लेकिन वह बुरी तरह झुलस गई.
बेटे ने की आत्महत्या, घर में मचा कोहराम
यह मामला जिले के सिंहेश्वर थाना क्षेत्र की सुखासन पंचायत स्थित शिवदयालपुर का है. यहां सोमवार (06 नवंबर) की रात सिकेन्द्र यादव के पुत्र करण ने किसी कारणवश गले में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. मंगलवार (07 नवंबर) को सुबह इस घटना से कोहराम मच गया. दोपहर बाद शव का दाह संस्कार कर सभी लोग वापस लौट आए.
लोगों ने चिता से खींच कर महिला को निकाला
बताया जाता है कि अभी बेटे का शव पूरी तरह जल भी नहीं पाया था कि करण की मां किसी तरह घर से निकलकर श्मशान घाट पहुंच गई. इस बीच, हालांकि गांव के कुछ लोगों ने उसे देख लिया और वे भी उसके पीछे चल दिए. महिला ने घाट पर अपने बेटे की जलती चिता को देखा और चिता में ही छलांग लगा दी. ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए उसे काफी मशक्कत से चिता से खींच कर निकाला.
60 प्रतिशत से अधिक जल चुकी है महिला
लोगों ने महिला को बचाने के बाद आनन-फानन में उसे लेकर अस्पताल पहुंच गए, जहां उसका इलाज चल रहा है. चिकित्सकों का कहना है कि महिला 60 प्रतिशत से अधिक जल गई है, स्थिति गंभीर है. पुलिस अब पूरे मामले की जांच कर रही है. इधर घटना के बाद गांव के लोग भी शोक में हैं.
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