राज्य के 1314 सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों की ग्रेडिंग की जाएगी। इसके लिए सीबीएसई ने तैयारी शुरू कर दी है। स्कूलों की ग्रेडिंग उनके गुणवत्ता के आधार पर दी जाएगी। इसके लिए बोर्ड ने 15 एजेंसियों का चयन किया है। यह एजेंसी तमाम स्कूलों में जाकर वहां का मूलभूत संरचना को देखेगी और उसी के अनुसार उन्हें अंक दिया जाएगा।

गर्मी छुट्टी के बाद बोर्ड यह कार्य शुरू करेगा। इससे राज्य भर में चल रहे स्कूलों की पहचान बन पाएगा। बोर्ड के अनुसार पांच ग्रेड दिये जाऐंगे। इसमें ए, बी, सी, डी और ई ग्रेड शामिल है। ग्रेड मिलने के बाद स्कूल की पहचान उनके ग्रेड के अनुसार होगा। इससे स्कूल की पहचान अलग-अलग होगी। इसके साथ अभिभावकों को स्कूल को जज करने में मदद मिलेगी। क्योंकि जिस स्कूल का ग्रेड बेहतर होगा, वहां पर नामांकन लेने में सुविधा होगी। अभिभावक के पास बेहतर और खराब प्रदर्शन करने वाले स्कूलों की सूची रहेगी।

अभिभावक और छात्रों से लिया जाएगा फीडबैक स्कूल की ग्रेडिंग में अभिभावक और छात्रों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। स्कूल प्रशासन के बारे में अभिभावकों से फीडबैक लिया जाएगा। वहीं शैक्षणिक स्तर कैसा है, इस पर छात्रों से फीडबैक लिया जाएगा। इसके अलावा छात्रों से शिक्षकों का भी फीडबैक लिया जाएगा। इससे शिक्षकों का विहेवियर का पता चलेगा।

ग्रेड में बांटे जायेंगे स्कूल

स्कूलों की ग्रेडिंग से उनकी गुणवत्ता का पता चलेगा। गुणवत्ता के आधार पर स्कूलों की स्थिति अब तय होगी। इससे अच्छे स्कूल को जगह मिल सकेगी। -एसी झा, सिटी कोऑडिनेटर, सीबीएसई


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