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BJP जातीय जनगणना के पक्ष में.. लेकिन RJD बताए 15 साल में किसको आरक्षण दिया’, सम्राट चौधरी का हमला

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बिहार में जाति आधारित गणना का मसला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाल दी है लेकिन इसको लेकर सूबे की सियासत लगातार गरमायी हुई है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि हमलोग हमेशा से इसके समर्थन में रहे हैं. एनडीए की सरकार में ही जातीय जनगणना का काम शुरू हुआ था लेकिन एक साल बाद भी सर्वे का काम पूरा नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और महागठबंधन की सरकार को इसका जवाब देना चाहिए।

सम्राट चौधरी ने कहा की जब 2022 में जातीय जनगणना की स्थापना की जा रही थी, तब हम 16 मंत्री उसमें समर्थन कर रहे थे. वित्तीय बजट भी हमारे उपमुख्यमंत्री के पास था. आरजेडी वाले से पूछिये कि 15 सालों में किसी को आरक्षण दिया क्या? जातीय जनणगना की शुरुआत नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए की सरकार ने की थी. मैं पूछना चाहता हूं कि एक साल बाद भी जनगणना का काम पूरा क्यों नहीं हुआ?

सम्राट चौधरी ने कहा है कि हम जातिगत जनगणना के पक्ष में हैं और विधानमंडल में भी इसके पक्ष में हमने मतदान किया था. नीतीश कुमार की अगुवाई में जब एनडीए की सरकार थी, उसी समय प्रस्ताव पारित किया गया था. हमारे वित्त मंत्री ने ही वित्तीय प्रावधान किए थे. उन्होंने कहा कि मैं तो राष्ट्रीय जनता दल को यह बताना चाहिए कि अपने शासनकाल में उन लोगों ने कितनी जातियों को आरक्षण देने का काम किया?

चिराग पासवान ने राहुल गांधी की जीत पर दिया बड़ा बयान, दिल्ली के सीएम को ऐसे लपेट लिये…

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लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान सोमवार को पटना एयरपोर्ट पर पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने मीडिया से कई मुद्दों पर बातचीत की. कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सदस्यता पर उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक विषय नहीं है. भले ही जितना प्रयास किया जा रहा है. राहुल गांधी की सदस्यता का जाना और वापस आना, यह राजनीतिक विषय कभी रहा ही नहीं है. यह पूर्णत: न्यायिक प्रक्रिया का एक हिस्सा था।

चिराग पासवान ने कहा कि राहुल गांधी को जब सजा दी गई, वह भी न्यायिक प्रक्रिया के तहत दी गई और सजा के बाद के प्रावधान में उनकी सदस्यता रद्द होने वाली थी, जिस वजह से ऐसा हुआ. आज जैसे ही उनको मिली सजा पर रोक लगी तो सदस्यता फिर से बहाल कर दी गई।

चिराग पासवान ने कहा कि इसमें राजनीतिक दलों का कोई लेना-देना ही नहीं है. वहीं, हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ने पर चिराग ने कहा कि कौन कहां से लड़ता है यह समय आने पर तय होगा. संसदीय बोर्ड तय करेगा।

बिहार में जातीय जनगणना पर रोक लगाने से SC का इनकार, 14 अगस्त को होगी सुप्रीम सुनवाई

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पटना हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी जिसपर होने वाली सुनवाई टल गई. सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार में जातीय जनगणना पर रोक लगाने से साफ इंकार कर दिया है. यानी, जो जातीय जनगणना पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद बिहार में शुरू हो गई थी, वो अब तबतक नहीं रुकेगी जब तक दोनों पक्षों को सुनकर सुप्रीम कोर्ट कोई फैसला नहीं सुना देता. इस मामले में अगली सुनवाई अब 14 अगस्त 2023 को होगी।

याचिकाकर्ता ने पटना हाइकोर्ट से जाति गणना पर लगी रोक को हटाने वाले फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। बता दें कि बिहार में जाति गणना पर रोक लगा दी गयी थी। जिसपर पटना HC ने बीते 1 अगस्त को फैसला सुनाया और लगे रोक को हटा लिया। राज्य सरकार को पटना HC से जैसे ही राहत मिले उसके बाद आदेश पर सर्वे का काम शुरू कर दिया गया। पटना HC ने जाति जनगणना के खिलाफ आए सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया। वहीं नीतीश सरकार ने इससे संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया है कि सर्वे का रुका हुआ काम, वहीं से फिर से शुरू किया जाए। जिसके बाद इस पर काम शुरू हो गया है।

जैसे ही जातिगत जनगणना पर पटना हाईकोर्ट ने रोक हटाने का फैसला दिया इसके बाद इसके खिलाफ याचिकाकर्ता सुप्रीम अदालत पहुंच गए। बिहार सरकार को इस बात की आशंका पहले से ही थी कि पटना HC के फैसले के खिलाफ याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जा सकता है इसलिए बिहार सरकार की ओर से SC में कैविएट दाखिल कर दिया था। सरकार ने ये कदम विशेष अनुमति याचिका दाखिल होने की संभावना को देखते हुए उठाया था। और हुआ भी ठीक वही।

मनीष कश्यप से मिलने पहुंची मां, एसपी ऑफिस के बाहर पुलिस वालों ने रोका , नहीं मिलने दिया

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तमिलनाडु फर्जी वीडियो प्रकरण में गिरफ्तार मनीष कश्यप को आज तमिलनाडु से बिहार लाया गया है. आज सुबह लगभग 10:00 बजे मनीष कश्यप सप्त क्रांति एक्सप्रेस ट्रेन से बेतिया स्टेशन पर पहुंचे जहां उनके समर्थकों ने उनका भव्य स्वागत किया और उन पर फूल बरसाए. अमित कश्यप को बेतिया स्टेशन से डायरेक्ट एसपी कार्यालय लाया गया जहां उन्हें हाजत में बंद कर दिया गया।

खबर आ रही है कि मनीष कश्यप की मां अपने बेटे मनीष कश्यप से मिलने के लिए एसपी ऑफिस पहुंचे जहां उन्हें अपने बेटे से नहीं मिलने दिया गया और पुलिस वालों ने उन्हें रोक दिया. जैसे ही लोगों को इस बारे में पता चला कि मनीष कश्यप आज ट्रेन से बेतिया आ रहा है वैसे ही उनकी मां और उनके समर्थक गीत स्टेशन पहुंच गए।

मनीष कश्यप की मां को लेकर एक फोटो वायरल हो रहा है जिसमें दिख रहा है कि मनीष कश्यप की मां को पुलिस वालों ने घेर रखा है. हालांकि उनकी मां का कहना है कि पुलिस वालों ने उनके साथ वही गलत व्यवहार नहीं किया है. विलो बस अपने कानून का पालन कर रहे हैं।

हीरो स्टाइल में ट्रेन से उतरा मनीष कश्यप, फूलों की बारिश देखकर हुआ गदगद, समर्थक बोले शेर लौट आया

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तमिलनाडु फर्जी वीडियो प्रकरण में जेल में बंद मनीष कश्यप को बिहार लाया गया है. थोड़ी देर पहले बेतिया स्टेशन पर मनीष कश्यप सीमांचल एक्सप्रेस ट्रेन से उतरे. जैसे ही ट्रेन बेतिया स्टेशन पर आकर रुकी वैसे ही मनीष कश्यप के समर्थकों का उत्साह देखने लायक था. बेसब्री से मनीष कश्यप की एक झलक का इंतजार था और जैसे ही वचन आया वैसे ही समर्थकों का उत्साह सातवें आसमान पर पहुंच गया।

मनीष कश्यप जिंदाबाद…. मनीष कश्यप मत घबराना तेरे पीछे सारा जमाना… बिहार का सीएम कैसा हो मनीष कश्यप जैसा हो…इस तरह के नारे से स्टेशन परिसर गुंजायमान होता रहा. मनीष कश्यप को भारी सुरक्षा के बीच तमिलनाडु से बेतिया लाया गया है. बताया जाता है कि एक पुराने केस में मनीष कश्यप को आज बेतिया कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा.ट्रेन से उतारने के बाद प्रशासन द्वारा मनीष कश्यप को मास्क लगाने को कहा गया. हालांकि समर्थकों को किसी भी कीमत पर प्रशासन में मनीष कश्यप के पास जाने नहीं दिया लेकिन मनीष कश्यप ने हाथ उठाकर अपने समर्थकों का अभिवादन किया. प्राप्त जानकारी के अनुसार कोर्ट में पेशी होने से पहले मनीष कश्यप को एसपी कार्यालय में रखा गया है. जानकारों का कहना है कि मनीष कश्यप को कोर्ट में प्रस्तुत करने के बाद वापस तमिलनाडु भेज दिया जाएगा।

त्रिपुरारी कुमार तिवारी उर्फ़ मनीष कश्यप बिहार के पश्चिमी चंपारण के रहने वाले है. वो बिहार में यू-ट्यूब और फ़ेसबुक पर काफ़ी चर्चित हैं. मनीष कश्यप पर झूठी और भ्रामक ख़बरों को फैलाने का आरोप लगा तो वो काफ़ी दिनों तक फ़रार रहे.उसके बाद बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने उनके बैंक खातों को सील कर दिया.पुलिस के मुताबिक़ उनके बैक़ खातों में 42 लाख़ से ज़्यादा रकम जमा थी।

बिहार पुलिस ने मनीष कश्यप के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी का वारंट जारी किया और फिर एक मामले में कोर्ट ने उनके घर की कुर्की के आदेश दिए.इसके बाद मनीष कश्यप ने शनिवार को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई के मुताबिक़, मनीष कश्यप पर तमिलनाडु में बिहारी मज़दूरों के साथ हिंसा के बहुत सारे झूठे वीडियो बनाने और फ़ेक इंटरव्यू करने का आरोप है।

मनीष के ख़िलाफ़ तमिलनाडु पुलिस ने छह और बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने तीन मामले दर्ज किए हैं.मनीष कश्यप ने अपने वीडियो में तमिलनाडु के डीजीपी तक के बयान को फ़र्जी बयान बताया था.उन्होंने बिहार पुलिस और बिहार सरकार, ख़ासकर उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तक को चुनौती दी थी।

मनीष कश्यप पर एक गंभीर आरोप यह है कि उन्होंने पटना के बंगाली टोले में दो लोगों से घायल होने का नाटक कराया और वीडियो बनवाया.छह मार्च को बनाए गए इस वीडियो में दोनों को तमिलनाडु में हिंसा का शिकार बताया गया.मनीष कश्यप ने इसी महीने यानी 8 मार्च को इस वीडियो को अपने एक साथी के यू-ट्यूब से पोस्ट करवाया और फिर उसे ख़ुद शेयर किया.इस वीडियो पर एक मोबाइल नंबर देकर मनीष ने दावा किया था कि ये लोग तमिलनाडु में हिंसा के शिकार हुए हैं।

बिहार पुलिस की ईओयू (आर्थिक अपराध शाखा) एसपी सुशील कुमार के मुताबिक़, “हमने मोबाइल नंबर को ट्रैक किया तो पता चला कि जिन्हें बिहारी मज़दूर बताया गया वे छोटे-छोटे यू-ट्यूबर हैं. इस मामले में मनीष कश्यप, वीडियो बनाने वाले और दोनों एक्टिंग करने वालों यानी कुल चार लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है.”

दूध उत्पादन में बिहार बनेगा नंबर 1, नीतीश ने ले लिया गाय-भैंस पालने वाले किसानों के लिए फैसला

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राज्य में दूध उत्पादन और संग्रह बढ़ाने के लिए 5750 नई दुग्ध समितियां गठित होंगी। इसके लिए गांवों का सर्वे भी किया जा रहा है। ज्यादा दूध उत्पादन करने वाले गांवों में समितियां पहले गठित होंगी। राज्य सरकार ने चौथे कृषि रोडमैप में समितियों की संख्या बढ़ाकर 33 हजार 565 करने का लक्ष्य रखा है।

तीसरे रोडमैप के पूर्ण होने तक बिहार में 27 हजार 816 समितियां बन चुकी हैं। अगले पांच साल में वर्ष 2028 तक पांच हजार 750 नई समितियां गठित की जाएंगी। इन समितियों के जरिए दुग्ध संग्रहण इकाइयों की स्थापना की जाएगी। चौथे कृषि रोडमैप में 31 हजार स्वचालित दुग्ध संग्रहण इकाइयों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए करीब 65 हजार पशुपालकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा वैसी दुग्ध समितियों को सक्रिय किया जाएगा, जो अभी निष्क्रिय हो चुकी हैं। सरकार की यह कवायद दूध उत्पादन और संग्रह बढ़ाने के लिए है। नई समितियों के गठन के बाद करीब पौने दो लाख पशुपालकों को दूध बेचने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।

कॉम्फेड का बढ़ेगा दायरा हाल के दिनों में काम्फेड का दायरा बढ़ा है। सुधा दूध की बिक्री बढ़ी है। दूसरे राज्यों में भी सुधा के बिक्री केंद्र खुल रहे हैं। इसके अलावा कॉम्फेड की योजना सुधा पाउडर तैयार करने की भी है। विदेशों में उत्पाद पहुंचाने की तैयारी चल रही है। इन सबके लिए ज्यादा दूध की जरूरत पड़ेगी। इस मांग को पूरा करने के लिए गांवों में दुग्ध समितियां गठित की जा रही हैं। कॉम्फेड की ओर से गांवों में जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।

पशुपालकों को होगी सुविधा

अभी तक 800 गांवों में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा चुके हैं। नई दुग्ध समितियों के गठन के बाद किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ेगी। दूध बेचने के लिए उन्हें दूर नहीं जाना पड़ेगा। पशुओं के लिए भी चारा आदि इन समितियों के जरिए खरीद सकेंगे।

सात निश्चय के तहत 2750 कमेटी गठित

इसके अलावा सात निश्चय-2 योजना के तहत भी दुग्ध समितियां गठित की जा रही है। वर्ष 2021-25 की अवधि में सात हजार नई दुग्ध समितियों के गठन का लक्ष्य रखा गया था। वर्ष 2021-23 तक करीब 2750 समितियां गठित की जा चुकी हैं। शेष दो वर्षों में 4250 समितियां गठित की जानी है।

बिहार में वर्ष 1985-86 से दुग्ध समितियां बननी शुरू हुईं। तब राज्य में 1030 समितियां थीं। वर्ष 1996-97 में यह संख्या बढ़कर 2728 हो गई। पहला रोडमैप लागू से ठीक पहले वर्ष 2005-06 में दुग्ध समितियों की संख्या 5243 हो चुकी थी। वर्ष 2020-21 में सख्यां 25023 तक पहुंच गई। वर्ष2022-23 में राज्य में दुग्ध समितियों की संख्या 28095 थीं, इसमें से 20427 समितियां क्रियाशील थीं।

बिहार में बाइक चलाने वालों को भी लगाना होगा सीट बेल्ट, नहीं तो पुलिस को देना होगा 8000 जुर्माना

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राजधानी पटना सहित बिहार के अधिकांश बड़े जिलों में इन दिनों नया ट्रैफिक सिस्टम लागू किया गया है. कानून के तहत रोड पर ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों को ऑटोमेटिक चालान भेजा जा रहा है. प्रशासन का दावा है कि जो लोग बाइक चलाने के दौरान हेलमेट नहीं पहनेंगे या कार चलाने के दौरान सीट बेल्ट नहीं लगाएंगे या किसी तरह का ट्रैफिक कानून तोड़ेंगे तो उनके घर पर नोटिस जाएगा और बाद में उन्हें जुर्माना भरना होगा. लेकिन इसी बीच छपरा से जो खबर सामने आ रही है वह हैरान करने वाली है।

खबर को पढ़ने के बाद लगता है बिहार में लागू ट्रैफिक नियम के अनुसार अब बाइक चलाने वाले युवकों को भी सीट बेल्ट लगाने होंगे नहीं तो उन्हें जुर्माना भरना होगा. अब आप सोच रहे होंगे कि सीट बेल्ट तो चार चक्का गाड़ी के लिए नियम है फिर बाइक वालों को जुर्माना क्यों भरना होगा. छपरा में एक जो बाइक चालक को ट्रैफिक पुलिस द्वारा नोटिस भेजा गया है जिसमें उन्हें जुर्माना भरने के लिए कहा गया है और कारण बताया गया है कि आप बाइक चलाने के दौरान सीट बेल्ट नहीं लगाए थे इसीलिए आपको जुर्माना भरना होगा….

छपरा में टू व्हीलर के लिए फोर व्हीलर वाला चालान:बाइक सवार को सीट बेल्ट नहीं लगाने पर 8 हजार का जुर्माना

सारण जिला के तरैया थाना क्षेत्र के डुमरी के रहनेवाले रंजीत कुमार शुक्रवार को अपनी मोटरसाइकिल हीरो स्पलेंडर से कचहरी जा रहे थे। इसी दौरान ट्रैफिक विभाग और स्थानीय पुलिस की ओर से वाहनों की जांच की जा रही थी। इसमें रंजीत की बाइक की भी जांच हुई तो बाइक का बीमा खत्म था। इसके साथ ही उसने हेलमेट भी नहीं पहन रखी था।

इसके बाद जांच अधिकारियों ने जुर्माना लगाते हुए चालान की रसीद हाथों में थमा दिया। रसीद देखते ही रंजीत शौक हो गए। 8000 रुपए का भारी भरकम जुर्माना लगाया गया था।

मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब फाइन लगने के बाद युवक ने इस रसीद की फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दी। छपरा ट्रैफिक विभाग की ये लापरवाही अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

हालांकि विभाग के कर्मचारी इसे मानवीय भूल बता रहे हैं, लेकिन इस कारनामे से यातायात विभाग की जमकर किरकिरी हो रही है।

पुलिस और जमीन से जुड़ी शिकायतों की भरमार : CM नीतीश के जनता दरबार में 72 फरियादियों ने की शिकायत..

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में कुल 72 फरियादियों ने अपनी शिरकायत रखी जिसमें से कई फरियादियों की शिकायत सुनने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने सीधे संबंधित विभाग के अधिकारियों को फोन करके मामले के तुरंत समाधान का निर्देश दिया.आज अधिकांश फरियादियों ने पुलिस और जमीन से जुड़े समस्याओं का समाधान करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत की गई।

जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सुपौल जिले से आए एक फरियादी ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरी जमीन को फर्जी कागज के आधार पर दूसरे व्यक्ति ने बेच दी है। वहीं सुपौल जिले से ही आयी एक अन्य महिला ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरी निजी जमीन को कब्जा कर लिया गया है और दबंगों द्वारा मारपीट की जा रही है। मुख्यमंत्री ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

भागलपुर जिले से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि जमाबंदी से मेरा नाम हटाकर किसी और का चढ़ा दिया गया है। इसकी शिकायत संबंधित विभाग को करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। वहीं भागलपुर जिले से ही आए एक अन्य बुजुर्ग ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि 22 डिसीमल जमीन का मेरे पक्ष में फैसला आने के बाद भी भूमि पर कब्जा नहीं दिलाया जा रहा है। इस संदर्भ में हमने संबंधित अधिकारियों से गुहार लगायी लेकिन किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

मधेपुरा जिले से आये एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि अंचलाधिकारी द्वारा अनियमितता किए जाने से मेरी निजी जमीन का कब्जा मुझे नहीं मिल पा रहा है। मुख्यमंत्री ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को जांचकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया ।

सीतामढ़ी जिले से आयी एक महिला ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरी निजी जमीन पर दबंगों द्वारा जबरन मकान का निर्माण किया जा रहा है। वहीं सीतामढ़ी जिले से ही आए एक अन्य युवक ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि कब्रिस्तान की घेराबंदी नहीं की जा रही है। शिकायत किए जाने के बाद भी संबंधित विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

बेगूसराय जिले से आयी एक वृद्ध महिला ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरी निजी जमीन को दबंगों द्वारा कब्जा कर लिया गया है और जान से मारने की भी धमकी दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

जहानाबाद जिले से आये एक युवक ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरी निजी भूमि का अधिग्रहण किए जाने के बाद भी मुझे मुआवजे की राशि अब तक नहीं मिल पायी है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग से उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया ।

कैमूर जिले से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि दलितों की भूमि को दबंगों द्वारा कब्जा कर उस पर तालाब, पोखर का निर्माण कराया जा रहा है। इस संबंध में शिकायत किए जाने के बाद भी किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग से जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

सीवान जिले से आए एक जे०पी० सेनानी ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मैं 9 माह तक सीवान, छपरा और बक्सर जेल में जे०पी० आंदोलन के दौरान बंद था लेकिन अब तक जे०पी० सेनानी पेंशन नहीं मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया ।

मिड डे मील में होगी सुधार, डाटा एंट्री ऑपरेटर की होगी तैनाती

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पटना : अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने जब से शिक्षा विभाग का डोर संभाला हैं. जिसके बाद रोज कुछ ना कुछ बदलाव होता है. हालांकि केके पाठक ने शिक्षा के स्तर को बेहतर करने की ठान लिए है. वही खबर है कि मिड डे मील योजना में अब डाटा एंट्री ऑपरेटर को नियुक्त किया जायेगा ताकि उसकी गुड़वक्ता को बढ़ाया जाये .अभियार्थी का 9 से 12 अगस्त तक टेस्ट होगा ।

बिहार के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील की गुणवत्ता में सुधार और बेहतर संचालन के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. बता दें कि शिक्षा विभाग द्वारा डाटा एंट्री ऑपरेटर की बहाली की जाएगी ताकि इसकी गुड़वक्ता का ख्याल रखा जा सके. बता दें कि मिड डे मील योजना के निर्देशक मिथिलेश मिश्रा ने बताया कि मिड डे मील योजना के तहत मानदेय पर डाटा एंट्री ऑपरेटर की नियुक्ति होगी. उनको मानदेय राशि 16 हजार दिया जाएगा ।

बता दें कि 9 से 12 अगस्त तक अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा का इंटरव्यू आयोजन किया जाएगा . मिड डे मील योजना निदेशालय परिसर में टाइपिंग टेस्ट लिया जाएगा . राज्य के सभी प्रखंडों में इनकी तैनाती की जाएगी . बिहार के सरकारी मिडिल और प्राइमरी स्कूलों में छात्र-छात्राओं को खाना खिलाया जाता है. जो कई स्कूलों में खाना बनाया जाता है, जबकि कुछ स्कूलों में एजेंसी के द्वारा बच्चों को खाना खिलाया जाता है. हालांकि कई बार इसमें गड़बड़ी की शिकायतें आती रहती है. साथ ही कई बच्चों की मौत भी हुई है. इनमें सुधार के लिए निदेशालय की ओर से सकारात्मक पहल की गई है।