पटना हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी जिसपर होने वाली सुनवाई टल गई. सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार में जातीय जनगणना पर रोक लगाने से साफ इंकार कर दिया है. यानी, जो जातीय जनगणना पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद बिहार में शुरू हो गई थी, वो अब तबतक नहीं रुकेगी जब तक दोनों पक्षों को सुनकर सुप्रीम कोर्ट कोई फैसला नहीं सुना देता. इस मामले में अगली सुनवाई अब 14 अगस्त 2023 को होगी।

याचिकाकर्ता ने पटना हाइकोर्ट से जाति गणना पर लगी रोक को हटाने वाले फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। बता दें कि बिहार में जाति गणना पर रोक लगा दी गयी थी। जिसपर पटना HC ने बीते 1 अगस्त को फैसला सुनाया और लगे रोक को हटा लिया। राज्य सरकार को पटना HC से जैसे ही राहत मिले उसके बाद आदेश पर सर्वे का काम शुरू कर दिया गया। पटना HC ने जाति जनगणना के खिलाफ आए सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया। वहीं नीतीश सरकार ने इससे संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया है कि सर्वे का रुका हुआ काम, वहीं से फिर से शुरू किया जाए। जिसके बाद इस पर काम शुरू हो गया है।

जैसे ही जातिगत जनगणना पर पटना हाईकोर्ट ने रोक हटाने का फैसला दिया इसके बाद इसके खिलाफ याचिकाकर्ता सुप्रीम अदालत पहुंच गए। बिहार सरकार को इस बात की आशंका पहले से ही थी कि पटना HC के फैसले के खिलाफ याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जा सकता है इसलिए बिहार सरकार की ओर से SC में कैविएट दाखिल कर दिया था। सरकार ने ये कदम विशेष अनुमति याचिका दाखिल होने की संभावना को देखते हुए उठाया था। और हुआ भी ठीक वही।


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