तमिलनाडु फर्जी वीडियो प्रकरण में जेल में बंद मनीष कश्यप को बिहार लाया गया है. थोड़ी देर पहले बेतिया स्टेशन पर मनीष कश्यप सीमांचल एक्सप्रेस ट्रेन से उतरे. जैसे ही ट्रेन बेतिया स्टेशन पर आकर रुकी वैसे ही मनीष कश्यप के समर्थकों का उत्साह देखने लायक था. बेसब्री से मनीष कश्यप की एक झलक का इंतजार था और जैसे ही वचन आया वैसे ही समर्थकों का उत्साह सातवें आसमान पर पहुंच गया।

मनीष कश्यप जिंदाबाद…. मनीष कश्यप मत घबराना तेरे पीछे सारा जमाना… बिहार का सीएम कैसा हो मनीष कश्यप जैसा हो…इस तरह के नारे से स्टेशन परिसर गुंजायमान होता रहा. मनीष कश्यप को भारी सुरक्षा के बीच तमिलनाडु से बेतिया लाया गया है. बताया जाता है कि एक पुराने केस में मनीष कश्यप को आज बेतिया कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा.ट्रेन से उतारने के बाद प्रशासन द्वारा मनीष कश्यप को मास्क लगाने को कहा गया. हालांकि समर्थकों को किसी भी कीमत पर प्रशासन में मनीष कश्यप के पास जाने नहीं दिया लेकिन मनीष कश्यप ने हाथ उठाकर अपने समर्थकों का अभिवादन किया. प्राप्त जानकारी के अनुसार कोर्ट में पेशी होने से पहले मनीष कश्यप को एसपी कार्यालय में रखा गया है. जानकारों का कहना है कि मनीष कश्यप को कोर्ट में प्रस्तुत करने के बाद वापस तमिलनाडु भेज दिया जाएगा।

त्रिपुरारी कुमार तिवारी उर्फ़ मनीष कश्यप बिहार के पश्चिमी चंपारण के रहने वाले है. वो बिहार में यू-ट्यूब और फ़ेसबुक पर काफ़ी चर्चित हैं. मनीष कश्यप पर झूठी और भ्रामक ख़बरों को फैलाने का आरोप लगा तो वो काफ़ी दिनों तक फ़रार रहे.उसके बाद बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने उनके बैंक खातों को सील कर दिया.पुलिस के मुताबिक़ उनके बैक़ खातों में 42 लाख़ से ज़्यादा रकम जमा थी।

बिहार पुलिस ने मनीष कश्यप के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी का वारंट जारी किया और फिर एक मामले में कोर्ट ने उनके घर की कुर्की के आदेश दिए.इसके बाद मनीष कश्यप ने शनिवार को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई के मुताबिक़, मनीष कश्यप पर तमिलनाडु में बिहारी मज़दूरों के साथ हिंसा के बहुत सारे झूठे वीडियो बनाने और फ़ेक इंटरव्यू करने का आरोप है।

मनीष के ख़िलाफ़ तमिलनाडु पुलिस ने छह और बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने तीन मामले दर्ज किए हैं.मनीष कश्यप ने अपने वीडियो में तमिलनाडु के डीजीपी तक के बयान को फ़र्जी बयान बताया था.उन्होंने बिहार पुलिस और बिहार सरकार, ख़ासकर उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तक को चुनौती दी थी।

मनीष कश्यप पर एक गंभीर आरोप यह है कि उन्होंने पटना के बंगाली टोले में दो लोगों से घायल होने का नाटक कराया और वीडियो बनवाया.छह मार्च को बनाए गए इस वीडियो में दोनों को तमिलनाडु में हिंसा का शिकार बताया गया.मनीष कश्यप ने इसी महीने यानी 8 मार्च को इस वीडियो को अपने एक साथी के यू-ट्यूब से पोस्ट करवाया और फिर उसे ख़ुद शेयर किया.इस वीडियो पर एक मोबाइल नंबर देकर मनीष ने दावा किया था कि ये लोग तमिलनाडु में हिंसा के शिकार हुए हैं।

बिहार पुलिस की ईओयू (आर्थिक अपराध शाखा) एसपी सुशील कुमार के मुताबिक़, “हमने मोबाइल नंबर को ट्रैक किया तो पता चला कि जिन्हें बिहारी मज़दूर बताया गया वे छोटे-छोटे यू-ट्यूबर हैं. इस मामले में मनीष कश्यप, वीडियो बनाने वाले और दोनों एक्टिंग करने वालों यानी कुल चार लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है.”


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