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पकौड़े बनाकर कोल्ड ड्रिंक के साथ बहू ने ससुर को परोस दिया खाना; तिलमिलाए ससुर ने कर दी बहू की हत्या

हिंदू धर्म के बड़े त्योहारों में से एक दिवाली 12 नवंबर को धूमधाम से मनाई गई. यह हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है. इस त्योहार का इंतजार लोग सालभर करते हैं. पश्चिम बंगाल के हाबरा में दिवाली के मौके पर दिल दहलाने वाली वारदात हुई. मामूली बात को लेकर ससुर ने अपने बहू की हत्या कर दी. पुलिस ने आरोपी ससुर को गिरफ्तार कर लिया है.

दरअसल उत्तर 24 परगना जिले के हाबरा में श्रीनगर मठ क्षेत्र में रहने 75 साल के गोपाल विश्वास पकौड़े खाना चाहते थे. उनकी बहू मुक्ति विश्वास ( उम्र-40 साल) ने पकौड़े बनाकर कोल्ड ड्रिंक के साथ परोस दिया लेकिन इसके बावजूद बेटे की गैरमौजूदगी में उन्होंने बहू की हत्या कर दी. आरोपी सेना से रिटायर है. वहीं बेटे ने पिता की इस करतूत पर कहा कि वो हमेशा गुस्से में रहते थे.

रिपोर्ट के मुताबिक बहू मुक्ति ने ससुर को पकौड़े बनाकर दिए, इसके बाद परिवार के अन्य सदस्य भी दोपहर का खाना खाकर अपने-अपने कमरे में चले गये. मुक्ति भी कमरे में जाकर आराम कर रही थी और मोबाइल देख रही थी जबकि उसका बड़ा बेटा वहीं अपने कंप्यूटर पर कुछ कर रहा था.

इसी बीच मुक्ति का छोटा बेटा दिवाली पर कैंडल लाने की जिद्द करने लगा जिसके बाद मुक्ति के पति देबू विश्वास खरीदने के लिए घर से बाहर चले गए. जब वह घर लौटे तो पत्नी के कमरे से आवाज आ रही थी. जब उन्होंने कमरे में जाकर देखा तो उनके होश उड़ गए. उनकी पत्नी मुक्ति खून से लथपथ पड़ी थी. फिर वह मदद के लिए चिल्लाए और बेटे को पड़ोसियों के घर उन्हें बुलाकर लाने के लिए भेजा.

इसके बाद सभी मुक्ति को हाबरा के सरकारी अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. वहीं पुलिस को भी घटनाक्रम की जानकारी दी गई. बाद में पुलिस ने हत्या के आरोपी ससुर गोपाल विश्वास को गिरफ्तार कर लिया.

वहीं घटना को लेकर स्थानीय लोगों ने बताया कि परिवार में कोई पारिवारिक कलह या संपत्ति विवाद नहीं था. अब गोपाल बिस्वास के बेटे देबू ने अपने पिता को मौत की सजा दिए जाने की मांग की है क्योंकि उन्हीं की वजह से उनकी निर्दोष पत्नी को अपनी जान गंवानी पड़ी. देबू के मुताबिक, उनके पिता बहुत जिद्दी थे, उन्हें लगता था कि जो वो कहते हैं वही सही है, बाकी दुनिया गलत है.

दूब ने अपने पिता हरकतों को लेकर कहा, ‘मेरी पत्नी ने घर में हिल्सा मछली और अन्य स्वादिष्ट व्यंजन बनाए थे लेकिन पापा ने हिल्सा मछली नहीं खायी बल्कि वो पकौड़ा ढूंढते रहे, उनकी मांग पूरी करने के लिए मेरी पत्नी ने पकौड़ा बनाया और उन्हें परोसा.’ उसके बाद जब वो बाजार से घर लौटे तो कमरे में अपनी पत्नी को घायल अवस्था में देखा.

देबू ने बताया कि, ‘कुछ साल पहले मेरे पिता घर छोड़कर कहीं चले गए थे, कुछ महीनों के बाद वह घर लौटा और एक धारदार हथियार ले आया. उस हथियार को लेकर उन्होंने उस वक्त बताया था कि इसका उपयोग हरे नारियल को काटने के लिए किया जाता है जिसको वो पानी पीएंगे, उसी से उनकी निर्दोष पत्नी को काट दिया. उनकी मौखिक शिकायत पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि अभी तक देबी ने कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई है.

बंगाल में मां काली के अद्भुत स्वरूप; कहीं चनाचूर तो कहीं चाऊमिन खाती हैं मैया

पश्चिम बंगाल में भले ही दुर्गोत्सव काफी धूम-धाम से मनाया जाता है लेकिन यहां दीपावली पर भी मां काली की काफी बड़े और भव्य पैमाने पूजा होती है। यहां के लोग अपने-अपने तरीके से मां काली की पूजा अर्चना करते हैं। उनके पूजा करने का वही तरीका मां काली को एक अलग ही पहचान देता है। जो पहचान भले ही किसी को थोड़ा अटपटा सा लगे थोड़ा अद्भुत सा लगे पर उस पहचान से मां काली की भक्ति तो होती ही है। साथ ही, मां के भक्तों को उनकी भक्ति से जोड़ कर भी रखती है। हम मां काली के कुछ ऐसे ही अद्भुत रूप के बारे में आपको बताने जा रहे हैं।

मां काली के अनेक स्वरूप

इनमे पश्चिम बंगाल के आसनसोल में ही मां काली के कई रूप हैं, इसमे से एक रानीगंज के भक्तार नगर में स्थित खदान काली है। यहां मां काली की हर रोज तो विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है। यहां मां काली की पूजा बड़े पैमाने पर होती है। यहां मां को फल-फूल के साथ खींचड़ी का भोग लगाया जाता है। इसके आलावा कुलटी इलाके के लालबाजार मे स्थित सफ़ेद काली हैं, जो फलाहारनी हैं, ऐसे तो मां की हर रोज पूजा होती है पर काली पूजा के मौके पर यहां का माहौल ही अलग होता है। मां की पूजा करने वाले पुजारी की अगर माने तो उनको मां काली ने सपना दिया था और मंदिर में काले के जगह सफ़ेद मूर्ति स्थापित करने का आदेश दिया था। तब से मां काली की यहां सफ़ेद मूर्ति स्थापित की गई है।

कहीं चनाचूर तो कहीं चाऊमिन खाती हैं मैया

इसके आलावा सीतारामपुर में भी मां काली की एक मंदिर है, जिस मंदिर को इलाके के लोगों ने एक क्लब का निर्माण कर बनवाया है। यहां की पूजा से लेकर हर तरह के खर्च यह क्लब उठाते हैं इस लिये मां के होने वाले इस पूजा को क्लब काली के नाम से लोग जानते है। बंगाल में ऐसे कई क्लब हैं जो मां काली ही नहीं बल्कि मां दुर्गा का भी भव्य तरीके से पूजा अर्चना करते हैं। इसके आलावा कोलकाता के टेंगड़ा मे स्थित चाइना टाउन में स्थित मां काली का मंदिर है जिस मंदिर में स्थित मां काली को लोग चाइनीज काली के नाम से जानते हैं, इस मंदिर में मां का प्रसाद चाऊमिन और नूडल्स चढ़ाया जाता है। इसके आलावा मिठानी में चनाचूर काली हैं, जहां मां काली को उनका पुजारी चनाचूर प्रसाद के रूप मे चढ़ता है।

ममता बनर्जी के मंत्री के घर ED की रेड, घोटाले से कनेक्शन आया सामने, 8 ठिकानों को खंगाल रही एजेंसी

कोलकाता में पश्चिम बंगाल के वन मंत्री और पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को छापा मारा है। मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक का नाम पश्चिम बंगाल राशन वितरण घोटाला मामले में सामने आया है। ED राशन घोटाले मामले की काफी पहले से जांच कर रही है। राशन घोटाले जब हुआ उस समय ज्योतिप्रिय मलिक खाद्य मंत्री का कार्यभार संभाल रहे थे।

मंत्री के 8 ठिकानों पर ED की छापेमारी

ED सूत्रों के अनुसार, राशन घोटाले मामले में मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक का नाम बकीबुर रहमान की गिरफ्तारी के बाद सामने आया। ED ने गुरुवार सुबह करीब 6:30 बजे साल्ट लेक के बीसी ब्लॉक में स्थित ज्योतिप्रिय मल्लिक के दोनों घरों (बीसी 244 और बीसी 245) पर पहुंच गई। ED ने ज्योतिप्रिय मल्लिक के घर के अलावा नागेरबाजार में स्थित उनके असिस्टेंट अमित के फ्लैट पर भी पहुंची और छापेमारी शुरू कर दी। ED के अधिकारियों ने गुरुवार सुबह कुल 8 जगहों पर तलाशी अभियान चलाया है। ED मंत्री ज्योतिप्रिय और बिजनेसमैन बाकिबुर के बीच संबंध की भी जांच कर रही हैं।

राशन घोटाले मामले में बाकिबुर गिरफ्तार 

बता दें कि राशन घोटाले मामले में ED ने पिछले बुधवार को कोलकाता में स्थित बाकिबुर के कैखाली फ्लैट पर छापा मारा था। ED सूत्रों के अनुसार, बकीबुर के फ्लैट से सरकारी दफ्तरों की 100 से ज्यादा मुहरें मिली थी। इसके साथ ही खाद्य आपूर्ति से संबंधित विभिन्न सरकारी संस्थानों के 109 टिकट बरामद किये है। बकीबुर के फ्लैट पर ED ने साढ़े 53 घंटे तक तलाशी की थी। तलाशी के बाद ED ने बाकिबुर से 11 घंटे पूछताछ की और शनिवार सुबह उन्हें गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि बकीबुर की विभिन्न कंपनियों में 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया गया है। बाकिबुर के कई होटल, रिसॉर्ट और बार हैं। इसके अलावा उसकी कई चावल मिलें भी हैं।

भाजपा नेता की पीट-पीटकर हत्या, मूर्ति विसर्जन करके जा रहे थे घर, पहले से घात लगाए बैठे थे बदमाश

पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में भाजपा नेता को बदमाशों ने पीट- पीटकर मौत के घाट उतार दिया। देर रात भाजपा नेता अधीर सरकार दुर्गापूजा में मूर्ति विषर्जन कर घर जा रहे थे। देर रात शांतिपूर थाना अंतर्गत जियाकूर इलाके मे पहले से घात लगाएं बैठे बदमाशों ने अधीर सरकार पर हमला कर दिया, हमलें मे अधीर सरकार बुरी तरह घायल हो गए। आनन -फ़ानन मे स्थानीय लोगों ने अधीर सरकार को नदिया जिले के महकमा अस्पताल में भर्ती कराया,जहां इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उन्हे मृत घोषित कर दिया। भाजपा नेता की मौत की खबर सुनते ही कार्यकर्ताओं ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया।

भाजपा कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन

भाजपा नेता की हत्या की खबर सुनते ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने अस्पताल परिसर मे ही भाजपा बूथ उपाध्यक्ष की हत्या के खिलाफ प्रदर्शनकर आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करने लगे। उनके नेता की हत्या करने वालों को पुलिस जबतक गिरफ्तार नही करेगी तबतक वह इसी तरह प्रदर्शन करते रहेंगे। मामलें को बढ़ता देख घटनास्थल पर भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई। काफी मसक्कत के बाद पुलिस भाजपा कर्मियों व नेताओं को शांत करवाने मे सफल हुई। आरोपियों को गिरफ्तार करने का आश्वासन देकर पुलिस ने मामलें को शांत कराया।

आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई, तो दोबारा करेंगे प्रदर्शन

पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं को आस्वासन दिया है, कि जल्द से जल्द हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा, वहीं नदिया जिले के शांतिपूर पंचायत समिति के सहायक अध्यक्ष चंचल चक्रवर्ती ने पुलिस को खुली चुनौती दी है, कि अगर पुलिस हत्यारों को गिरफ्तार करने मे असफल हुई तो पार्टी के तरफ से बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। भाजपा नेता की हत्या से इलाके में आक्रोश बढ़ गया है।

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इमाम और पुरोहितों की सैलरी बढ़ाई

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार (21 अगस्त) को राज्य में मस्जिदों के इमामों और मंदिरों के पुजारियों की सैलरी बढ़ाने की घोषणा की. पश्चिम बंगाल सीएम ने कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र इनडोर स्टेडियम में इमामों (मुस्लिम धर्मगुरु) और मुअज्जिनों (अजान देने वाले) के एक सम्मेलन में शामिल हुई थीं, जहां उन्होंने इस फैसले के बारे में बताया.

ममता बनर्जी ने कहा, “वक्फ बोर्ड इमामों और मुअज्जिनों को भत्ते देता है. हमारी क्षमता सीमित है. मैं अनुरोध करूंगी कि उनका मासिक भत्ता 500 रुपये बढ़ाया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि हम पुरोहितों की मासिक सैलरी भी 500 रुपये बढ़ा रहे हैं.”

अब कितनी होगी सैलरी?

इंडिया एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ममता बनर्जी की घोषणा के बाद अब राज्य में इमामों को 3000 रुपये मासिक सैलरी मिलेगी और मुअज्जिनों को 1500 रुपये हर महीने मिलेंगे. हिंदू धर्म के पुजारियों को भी हर महीने 1500 रुपये मिलेंगे. पश्चिम बंगाल के इमाम लंबे समय से मासिक भत्ता बढ़ाए जाने की मांग कर रहे थे. राज्य में इमामों के लिए 2012 में मानदेय निर्धारित किया गया था.

इमामों और पुजारियों की सैलरी बढ़ाने के फैसले पर वित्त विभाग के एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, सरकार राज्य सरकार के कर्मचारियों को उचित महंगाई भत्ता (डीए) देने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि फंड का संकट है. ऐस में ये बोझ कैसे संभलेगा?

बीजेपी, सीपीएम और कांग्रेस पर ममता बनर्जी का निशाना

इमामों के सम्मेलन में बोलते हुए ममता बनर्जी ने बीजेपी, सीपीएम और कांग्रेस पर निशाना साधा. सीएम ममता ने कहा कि बीजेपी हिंदू आस्था को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है, लेकिन पश्चिम बंगाल वह राज्य है जहां सभी धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं. उन्होंने जादवपुर यूनिवर्सिटी में हुई छात्र की मौत के पीछे सीपीआईएम से जुड़े एक संगठन के होने का दावा किया.

नफरत फैलाने के लिए पैसे बांटे जा रहे, बंगाल में NRC लागू नहीं होने दूंगी: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी बंगाल में TMC के खिलाफ कांग्रेस, सीपीआई (एम) का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही है। देश में समुदायों के बीच नफरत फैलाने के लिए पैसा खर्च किया जा रहा है। मैं धर्म के आधार पर किसी भी तरह की दुश्मनी के खिलाफ हूं। पश्चिम बंगाल में कभी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) लागू नहीं होने दूंगी।

देश में समुदायों के बीच नफरत फैलाने के लिए पैसा खर्च किया जा रहा है। लेकिन हम केंद्रीय जांच एजेंसियों के सामने सिर नहीं झुकाएंगे। सोमवार (21 अगस्त) को कोलकाता में इमामों और मुअज्जिनों ( मस्जिदों में अजान देने वाले) से मिलने पहुंची थीं।

राजनीति के साथ धर्म को ना मिलाएं
ममता बनर्जी ने कहा कि राजनीति के साथ धर्म को ना मिलाएं, इससे धर्म ही कमजोर होगा। धर्म हमारे दिल और दिमाग में है। मैं फुरफुरा शरीफ का सम्मान करती हूं, लेकिन ये नहीं चाहती कि वे राजनीति में आएं। उसी तरह ये नहीं चाहती कि बेलूर मठ राजनीति में आए।

ममता बनर्जी ने ये भी कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि वे मोची के घर तंबाकू खाएंगे और देखेंगे कि क्या जाति बदल जाति है? बेलूर मठ के अंदर दरगाह है।

भाजपा की कथनी पर ध्यान नहीं देती
भाजपा क्या कहती है, इस पर मैं कभी ध्यान नहीं देती। रमजान में जब मैंने रोजा रखा तो उन्होंने मेरी फोटो को लेकर मजाक बनाया। भाजपा वाले तो मेरा नाम तक बदल चुके हैं। कोई भी धर्म किसी दूसरे धर्म से नहीं लड़ता।

बंगाल में हुए दंगों पर ममता बनर्जी ने कहा कि हिंदुओं ने दंगा शुरू नहीं किया, यही नहीं अल्पसंख्यकों ने ये शुरू नहीं किया। आप जानते हैं कि उन्होंने गेरुआ इस्तेमाल कर इस तरह के दंगे भड़काए।

भाजपा की सीपीएम और कांग्रेस से मिलीभगत
पश्चिम बंगाल में भाजपा की सीपीएम और कांग्रेस दोनों से साठगांठ है। भाजपा ने कुछ साल पहले कहा था कि सबके लिए आधार जरूरी होगा। अगर आपके पास आधार नहीं होगा तो आप आतंकी कहलाएंगे। आज वे कह रहे हैं कि आधार मत बनवाइए, क्योंकि इससे डेटा चोरी हो जाता है। मैं पूछना चाहती हूं कि फिर आप आधार क्यों लाए?

मोदी के हटाने के लिए सबकुछ करेंगे

ममता बनर्जी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी जी अब छह महीने ही कुर्सी पर रहेंगे। उन्हें हटाने के लिए जो भी जरूरी होगा, हम करेंगे। मैं I.N.D.I.A. गठबंधन के साथ हूं। ममता ने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) का जिक्र करते हुए कहा- मैं बंगाल में इसे लागू करने की इजाजत नहीं दूंगी।

बिहार और बंगाल को रेलवे का उपहार, पटना हावड़ा के बिच जल्द होगी बन्दे भारत की परिचालन

बिहार और बंगाल के लोगों के लिए बड़ी खबर है . पटना और हावड़ा के बीच चलने वाली बंदे भारत एक्सप्रेस का रूट, स्टॉपेज, टाइमिंग और किराए को लेकर मंथन चल रहा है. जो जल्द ही रेलवे बोर्ड के तरफ से समय सारणी और किराया तय कर पूर्व मध्य रेलवे को भेजा जाएगा।

बता दें कि पटना से हावड़ा के बीच जल्द ही बंदे भारत ट्रेन चलेगी. इस रूट से चलने वाली बंदे भारत की एक रैक मंगलवार सुबह पटना जंक्शन पहुंच गई है. ट्रेन में कुल 8 कोच होगी जिसमें 5 सामान्य चेयर कार और 2 एक्जीक्यूटिव चेयर कार सहित अन्य कोच है।

जानकारी के अनुसार हावड़ा जनशताब्दी के समय के आसपास ही पटना से चलाने की योजना है. बता दें की पटना से सुबह खुलकर दोपहर में हावड़ा पहुंचेगी और दोपहर में हावड़ा से पटना के लिए खुलेगी जो रात तक पटना पहुंचेगी. हालांकि रेलवे बोर्ड की ओर से पूर्व मध्य रेलवे की रिपोर्ट के आधार पर समय सारणी और रुकने वाले स्टेशनों का चयन प्रकिया अंतिम चरण में है।

जानकारी के अनुसार बंदेभारत पटना से खुलने के बाद किऊल या लखीसराय, जसीडीह , आसनसोल रुकते हुए हावड़ा को जायेगी . इसके अलावा और कौन कौन स्टेशन पर रुकेगी जिसकी जानकारी समय सारणी बनने पर मिलेगी।

पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ वीरेंद्र कुमार ने कहा कि 8 कोच वाली बंदे भारत एक्सप्रेस पटना पहुंच गई है. इसकी परिचालन से पहले ट्रायल रन होगा . साथ ही कहा कि रेलवे की ओर से जल्द ही समय सारणी और किराया निर्धारित होगा . बता दें की फिलहाल अभी पटना से रांची के लिए बंदे भारत ट्रेन का संचालन हो रहा है।

बाप-बेटी के रिश्तों को किया शर्मसार, पिता ने अपनी ही बेटी से रचाई शादी

बाप के लिए उसकी बेटी उसकी सारी जीवन की संपति होती है। एक पिता हमेशा यही इच्छा करता है कि उसकी बेटी का पति उसकी तरह उसकी बेटी का ख्याल रखें, लेकिन यहां एक पिता ने इस खूबसूरत रिश्ते को शर्मसार कर दिया। पिता ने अपनी ही बेटी से शादी रचा ली। जानकारी के अनुसार मामला पश्चिम बंगाल का है।

पश्चिम बंगाल में जलपाई गुड़ी जिले के काशियाझोरा गाँव में एक पिता का अपनी किशोरी बेटी के साथ विवाह करने का मामला सामने आया है। उसकी बेटी फिलहाल गर्भवती है। पिता का कहना है कि उसे ऐसा करने के लिए खुदा का निर्देश मिला है। इस बात का खुलासा कल उस समय हुआ जब ग्रामीणों ने लड़की को पाँच महीने की गर्भवती पाया।

पुलिस के अनुसार उस समय तक ग्रामीणों को लड़की के विवाह के बारे में पता नहीं था। घटना से नाराज पड़ौसी लड़की के पिता अफिजुद्दीन अली (37) के पास गए। अली ने कहा कि उसने अपनी बड़ी बेटी से छह महीने पहले शादी की।

अली के अनुसार इसके लिए सपने में उसे खुदा की ओर से निर्देश प्राप्त हुआ था। अली दिहाड़ी मजदूरी का काम करता है और उसके पाँच बच्चे हैं। पुलिस ने नाराज ग्रामीणों के हाथों से अली को बचाया। गाँव वाले इस घृणित कार्य के लिए उसे सजा देने वाले थे। पुलिस के अनुसार लड़की की वास्तविक उम्र का अभी पता नहीं चल पाया है। बाप-बेटी के रिश्तों को किया शर्मसार, पिता ने अपनी ही बेटी से रचाई शादीअली उसकी पत्नी और बेटी को कल हिरासत में ले लिया गया। उन्हें सब डिविजनल अधिकारी की अदालत में पेश किया गया है।

पश्चिम बंगाल में जबरन धर्म परिवर्तन के आरोप में 7 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज की FIR

कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में जबरन धर्म परिवर्तन के आरोपी सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उच्च न्यायालय ने दो बहनों की रिट याचिका के बाद जांच का आदेश दिया, जिन्होंने दावा किया था कि उनके पतियों बुद्धू मंडल और गौरंगा मंडल को एक राजनीतिक दल के लिए काम करने की सजा के रूप में जबरन हिंदू धर्म से इस्लाम में परिवर्तित कर दिया गया था।

कोर्ट ने प्राथमिकी दर्ज करने का दिया था आदेश

याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा कि उनके पति 24 नवंबर, 2021 से लापता हैं, लेकिन पुलिस ने सूचना दिए जाने के बाद भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। हालांकि, पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा कि दोनों भाइयों ने स्वेच्छा से इस्लाम धर्म अपना लिया था और पारिवारिक विवाद के कारण उन्होंने घर छोड़ दिया था। उच्च न्यायालय के आदेश पर, सीबीआई ने 20 फरवरी को प्रारंभिक जांच दर्ज की। मई में अदालत को एक रिपोर्ट सौंपी गई, जिसके बाद उसने 6 जून को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।

अधिकारियों ने कहा कि आदेश का अनुपालन करते हुए, एजेंसी ने मंगलवार को मालदा के सभी निवासियों खुर्शीद सेख, नाजू सेख, बरकट्टी सेख, हबीब सेख, रबीउल सेख, मुक्तदुल सेख और टीनू सेख और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। उन्होंने कहा कि पारबती मंडल के पति बुद्धू मंडल अनपढ़ थे और गौरांग मंडल ने कक्षा 5 तक पढ़ाई की थी।

सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में दी अहम जानकारी

सीबीआई रिपोर्ट में कहा कि “पूछताछ से पता चला कि 24.11.2021 को लगभग 07:00 बजे, दोनों भाई आजीविका कमाने के लिए बाहर गए थे। गौरांग मंडल रबीउल एसके के आवास पर गए थे और उनके भाई बुद्धू मंडल हबीब एसके के आवास पर गए थे। उस समय , गौरांग मंडल मुक्तादुल एसके, प्रधान राजमिस्त्री के अधीन काम कर रहे थे। वे लगभग 14:00 बजे दोपहर के भोजन के लिए घर वापस आए और दोपहर का भोजन करने के बाद काम पर लौट आए। हालांकि, वे शाम को घर नहीं लौटे।

रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि इसके बाद दोनों बहनों ने स्थानीय पुलिस को सूचित किया कि उनके पतियों को इस्लाम में परिवर्तित कर दिया गया है और उन्हें नमाज पढ़ने के लिए ले जाया गया है। इसमें कहा गया है कि भाई बाद में एक मुस्लिम घर में पाए गए और पुलिस ने उनकी पत्नियों को सूचित किया कि उन्हें उनके लापता होने के चार दिन बाद 28 नवंबर, 2021 को अदालत में पेश किया जाएगा।

दोनों महिलाएं पूरे दिन इंतजार करती रहीं लेकिन उनके पतियों को अदालत में पेश नहीं किया गया, जिसके बाद वे घर लौट गईं। उनकी वापसी के बाद, भाइयों को मुस्लिम समुदाय की भारी उपस्थिति के बीच शाम को एसडीओ अदालत में पेश किया गया, रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि यह एफआईआर का आधार बनी।

4 जनवरी को, भाइयों को पास के धारला गांव में मुस्लिम समुदाय के कुछ सदस्यों के साथ भिक्षा मांगते हुए देखा गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी पत्नियां गांव पहुंचीं और उन्हें घर आने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन दोनों भाइयों के साथ आए लोगों ने उन्हें धमकी दी।

इसके अनुसार, गौरांग मंडल मुस्लिम समुदाय के सदस्यों के चंगुल से भागने में कामयाब हो गया था और अपनी पत्नी के साथ पड़ोसी के खेतों में छिप गया था, लेकिन स्थानीय पुलिस ने उसके भाई की कथित शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया और उन्हें पकड़ लिया। और उन्हें एक अदालत के समक्ष पेश किया।