पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार (21 अगस्त) को राज्य में मस्जिदों के इमामों और मंदिरों के पुजारियों की सैलरी बढ़ाने की घोषणा की. पश्चिम बंगाल सीएम ने कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र इनडोर स्टेडियम में इमामों (मुस्लिम धर्मगुरु) और मुअज्जिनों (अजान देने वाले) के एक सम्मेलन में शामिल हुई थीं, जहां उन्होंने इस फैसले के बारे में बताया.

ममता बनर्जी ने कहा, “वक्फ बोर्ड इमामों और मुअज्जिनों को भत्ते देता है. हमारी क्षमता सीमित है. मैं अनुरोध करूंगी कि उनका मासिक भत्ता 500 रुपये बढ़ाया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि हम पुरोहितों की मासिक सैलरी भी 500 रुपये बढ़ा रहे हैं.”

अब कितनी होगी सैलरी?

इंडिया एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ममता बनर्जी की घोषणा के बाद अब राज्य में इमामों को 3000 रुपये मासिक सैलरी मिलेगी और मुअज्जिनों को 1500 रुपये हर महीने मिलेंगे. हिंदू धर्म के पुजारियों को भी हर महीने 1500 रुपये मिलेंगे. पश्चिम बंगाल के इमाम लंबे समय से मासिक भत्ता बढ़ाए जाने की मांग कर रहे थे. राज्य में इमामों के लिए 2012 में मानदेय निर्धारित किया गया था.

इमामों और पुजारियों की सैलरी बढ़ाने के फैसले पर वित्त विभाग के एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, सरकार राज्य सरकार के कर्मचारियों को उचित महंगाई भत्ता (डीए) देने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि फंड का संकट है. ऐस में ये बोझ कैसे संभलेगा?

बीजेपी, सीपीएम और कांग्रेस पर ममता बनर्जी का निशाना

इमामों के सम्मेलन में बोलते हुए ममता बनर्जी ने बीजेपी, सीपीएम और कांग्रेस पर निशाना साधा. सीएम ममता ने कहा कि बीजेपी हिंदू आस्था को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है, लेकिन पश्चिम बंगाल वह राज्य है जहां सभी धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं. उन्होंने जादवपुर यूनिवर्सिटी में हुई छात्र की मौत के पीछे सीपीआईएम से जुड़े एक संगठन के होने का दावा किया.