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यूट्यूब क्रिएट ऐप क्या है, कैसे करें इस्तेमाल, जाने इसके 5 फायदे

क्या आप यूट्यूब पर चैनल चलाते हैं या वीडियो बनाते हैं? अगर हाँ, तो यूट्यूब क्रिएट आपके लिए एक बेहतरीन टूल साबित हो सकता है।

क्या आप यूट्यूब पर चैनल चलाते हैं या वीडियो बनाते हैं? अगर हाँ, तो यूट्यूब क्रिएट आपके लिए एक बेहतरीन टूल साबित हो सकता है. यह एक मोबाइल ऐप है जिसे खासतौर से क्रिएटर्स की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है. आइए जानें यूट्यूब क्रिएट क्या है और यह आपकी वीडियो क्रिएशन जर्नी को कैसे बेहतर बना सकता है. यूट्यूब क्रिएट एक फ्री मोबाइल ऐप है जो आपको सीधे अपने फोन से ही बेहतरीन वीडियो बनाने और एडिट करने की सुविधा देता है. जटिल सॉफ्टवेयर सीखने की जरूरत नहीं है, बल्कि कुछ आसान टूल्स के जरिए आप आकर्षक कंटेंट तैयार कर सकते हैं।

यूट्यूब क्रिएट  फायदे 

आसान एडिटिंग: क्लिप्स ट्रिम करना, टेक्स्ट और स्टिकर्स जोड़ना, ट्रांजिशन लगाना आदि सभी काम आसानी से किए जा सकते हैं।
टेम्पलेट्स का इस्तेमाल: ऐप में कई रेडी-टू-यूज टेम्पलेट्स मौजूद हैं, जिनका उपयोग करके आप जल्दी से शानदार वीडियो बना सकते हैं।
म्यूजिक लाइब्रेरी: रॉयल्टी-फ्री म्यूजिक और साउंड इफेक्ट्स का बड़ा संग्रह उपलब्ध है।
सोशल मीडिया शेयरिंग: सीधे ऐप से ही अपने वीडियो को यूट्यूब , Instagram, और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करें।
ऑन-द-गो एडिटिंग: कहीं से भी, कभी भी अपने वीडियो को एडिट करने की सुविधा।
कौन इस्तेमाल कर सकता है यूट्यूब क्रिएट

अमृत योजना वाले 500 शहरों को स्मार्ट सिटी मिशन के दायरे में लेने का सुझाव, जून के बाद चल सकता है दूसरा चरण

इस साल जून के बाद स्मार्ट सिटी मिशन (Smart City Mission) का दूसरा चरण शुरू हो सकता है। वैसे तो इस बारे में कोई भी अंतिम फैसला आम चुनाव के नतीजे आ जाने के बाद ही होगा, लेकिन आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय इसके लिए तैयार है।

मंत्रालय ने शुरू की तैयारी

देश के सौ शहरों की व्यवस्थाओं में बदलाव लाने और उसे अधिक से अधिक तकनीक से जोड़ने के लिए 2015 में शुरू किए गए इस मिशन के दूसरे चरण के लिए मंत्रालय ने तैयारी भी शुरू कर दी है। इसके लिए मंत्रालय ने व्यय विभाग को एक प्रस्ताव भी भेजा है।

फेस-टू में रखा जाएगा खासा ध्यान

मंत्रालय ने कहा है कि पिछले आठ-नौ सालों में स्मार्ट सिटी मिशन के क्रियान्वयन से जो सीख मिली है, उसका फेस-टू में ध्यान रखा जाएगा, ताकि देश के ज्यादा से ज्यादा शहर बेहतर बन सकें। मंत्रालय के समक्ष यह सुझाव भी आया है कि शहरी विकास के लिए चलाई जा रही अमृत योजना में शामिल 500 शहरों और आजीविका मिशन वाले 4041 शहरी स्थानीय निकायों में स्मार्ट सिटी मिशन जैसा ढांचा उपयोगी हो सकता है।

मंत्रालय को दिया गया है सुझाव

मंत्रालय को यह सुझाव भी दिया गया है कि स्मार्ट सिटी मिशन के अगले चरण में टियर टू शहरों पर जोर दिया जाना चाहिए, खासकर ऐसे शहरों में जो राज्यों की राजधानी से 50 से सौ किलोमीटर के दायरे में बसे हों या फिर पर्यटन के लिहाज से अहम हों। इससे न केवल राजधानियों में भीड़भाड़ कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि टियर थ्री शहरों को विकास के लिए पर्याप्त अवसर और प्रेरणा भी मिलेगी।

राज्य सरकारों ने मिशन को आगे बढ़ाने की दिखाई इच्छा

कई राज्य सरकारों ने समय सीमा के बाद भी स्मार्ट सिटी मिशन को आगे बढ़ाने की इच्छा दिखाई है। शहरी कार्य मंत्रालय अब जून के बाद पहले चरण को और विस्तार देने की मनोदशा में नहीं है। इसलिए उसने सारा ध्यान इस समय सीमा के भीतर ज्यादा से ज्यादा परियोजनाओं को पूरा करने पर लगाया है। इस मिशन में कुल 7200 परियोजनाएं हैं, जिनमें 73 प्रतिशत यानी 5700 पूर्ण हो चुकी हैं। बाकी 2200 में केवल चार सौ ही ऐसे हैं (वह भी ज्यादातर पूर्वोत्तर में) जो अधूरे ही रह जाने के आसार हैं।

मंत्रालय के सचिव ने क्या कहा?

मंत्रालय के सचिव ने मनोज जोशी ने कहा है कि इस मिशन को आगे ले जाने का हमारा कोई इरादा नहीं है। सौ प्रतिशत परियोजनाएं पूर्ण होना बहुत मुश्किल है। जो प्रोजेक्ट बच जाएंगे, उन्हें जहां है जैसा है, के आधार पर बंद कर दिया जाएगा। इनसे राज्य सरकारें निपटेंगी और अपने पैसे से इन्हें पूरा करेंगी। हर स्कीम में ऐसा होता है। इसके अलावा कोई उपाय नहीं है। अगर कोई राज्य सरकार पांच साल में परियोजना का क्रियान्वयन नहीं कर पाई तो और क्या उपाय हो सकता है।

अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना में होगी भर्ती, इस दिन तक करें ऑनलाइन आवेदन

भारतीय सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना तमाम नौजवानों का सपना होता है। पहले हर वर्ष सेना में भर्ती निकलती थीं और हजारों की संख्या में जवान भर्ती किए जाते थे। हालांकि कोरोनाकाल के दौरान इस पर रोक लगा गई। इसके बाद पिछले वर्ष सेना में भर्ती के लिए नई अग्निपथ योजना आई। इसको लेकर तमाम विवाद हुए।

अग्निपथ योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 13 फरवरी से 22 मार्च तक खुला रहेगा। आनलाइन परीक्षा के लिए अभ्यर्थी द्वारा प्रति आवेदक परीक्षा शुल्क 250 रुपये का भुगतान किया जाना है। भर्ती वर्ष 2024-25 के लिए अग्निवीरों की भर्ती दो चरणों में की जाएगी।

भर्ती के लिए इस बार दो नए नियम

ऑनलाइन कंप्यूटर आधारित लिखित परीक्षा है। सेना भर्ती कार्यालय चरखी दादरी के निदेशक कर्नल आनंद साकले ने बताया कि भर्ती के लिए इस बार से दो नए नियम हैं। इस बार से अग्निवीर लिपिक व स्टोर कीपर तकनीकी के जगह अग्निवीर कार्यालय सहायक/एसकेटी की कैटेगरी में भर्ती होगी।

अर्थव्यवस्था के द्वार दुनिया के लिए खोले लेकिन अंतिम यात्रा में कांग्रेस कार्यालय का दरवाजा तक ना खोला गया, पढ़े पीवी नरसिम्हा राव की कहानी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने का ऐलान किया। सरकार का यह ऐलान कई मायनों में खास है। राव ने देश के नौवें प्रधानमंत्री के रूप में 20 जून 1991 से 16 मई 1996 तक देश की सेवा की। देश की अर्थव्यवस्था के विस्तार और इसके उदारीकरण का श्रेय राव को ही जाता है। प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में मनमोहन सिंह वित्त मंत्री का काम सौंपा और देश की अर्थव्यवस्था का इलाज करने की जिम्मेदारी दी।

पीवी नरसिम्‍हा राव को व्यापक आर्थिक सुधारों की शुरुआत करने के लिए जाना जाता है, उन्होंने 1991 में भारतीय अर्थव्यवस्था को उदार बनाया और भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से पूर्वी एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के साथ फिर से एकीकृत किया। नरसिम्‍हा राव लाइसेंस राज को खत्म करने और भारतीय उद्योगों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए लालफीताशाही को कम करने के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार थे।

पीवी नरसिम्‍हा राव को व्यापक आर्थिक सुधारों की शुरुआत करने के लिए जाना जाता है, उन्होंने 1991 में भारतीय अर्थव्यवस्था को उदार बनाया और भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से पूर्वी एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के साथ फिर से एकीकृत किया। नरसिम्‍हा राव लाइसेंस राज को खत्म करने और भारतीय उद्योगों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए लालफीताशाही को कम करने के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार थे।

देश की अर्थव्यवस्था को नया रूप देने वाले यह कांग्रेसी प्रधानमंत्री अपने जीवन के अंतिम समय में पार्टी के लिए एक अछूत बन गए थे। अपना पूरा जीवन पार्टी के लिए समर्पित करने वाले इस नेता को देहांत के बाद पार्टी की तरफ से सम्मान भी नहीं दिया गया। मृत शरीर को पार्टी मुख्यालय के बाहर काफी देर तक इंतजार कराया गया, लेकिन इसके बाद भी मुख्यालय के दरवाजे नहीं खोले गए।

23 दिसंबर 2004 को हुआ था निधन

लेखक विनय सीतापति की पुस्तक ‘द हाफ लायन’ में दावा किया गया है कि 23 दिसंबर 2004 को राव ने एम्स में आखिरी सांस ली। राव के बेटे की इच्छा थी कि उनके पिता का अंतिम संस्कार दिल्ली में ही किया जाए। लेकिन उस समय के गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने पूर्व पीएम के छोटे बेटे प्रभाकर को सुझाव दिया कि वह शव को हैदराबाद ले जाएं और वहीं अंतिम संस्कार किया जाए। प्रभाकर मान जाते हैं और शव को उनके निवास स्थान 9 मोती लाल नेहरु मार्ग पर लाया जाता है।

इसके बाद अगले दिन 24 दिसंबर को शव हैदराबाद ले जाने के लिए एयरपोर्ट ले जाया जाता है। घर से हवाईअड्डे के रास्ते में कांग्रेस का मुख्यालय पड़ता है। परम्परा रही है कि जब भी पार्टी के किसी बड़े नेता का निधन होता है तो उसका शव पार्टी मुख्यालय में रखा जाता है, जिससे कार्यकर्ता नेता को श्रद्धांजलि दे सकें। इसी मकसद से शव को पार्टी मुख्यालय के आगे लाया गया, लेकिन उनके शव को अंदर नहीं जाने दिया गया। यहां तक पार्टी मुख्यालय का गेट तक नहीं खोला गया।

अंतिम दिनों में कांग्रेस पार्टी से नाराज चल रहे थे राव

कहा जाता है कि नरसिम्हा राव अपने अंतिम दिनों में कांग्रेस पार्टी से नाराज चल रहे थे। आलाकमान को भी वह खटकते थे। इसके साथ ही माना जाता है कि राव का अंतिम संस्कार दिल्ली में हो, यह पार्टी आलाकमान भी नहीं चाहता था। पूर्व पीएम का शव एयरपोर्ट तक एयरफ़ोर्स के वाहन से जा रहा था और मुख्यालय के बंद दरवाजे के आगे उनका शव उसी वाहन में रखा रहा लेकिन गेट नहीं खोला गया। राव के परिजन अंदर जाने का इंतजार करते रहे, लेकिन वह आधे घंटे के इंतजार करने के बाद एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए। गेट के बाहर जब यह सब हो रहा था तब उस समय पार्टी मुख्यालय के अंदर तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मौजूद थीं।

भागलपुर में NIA की छापेमारी, गैंगस्टर अमन साहू का बिहार से जुड़ा कनेक्शन

झारखंड के गैंगस्टर अमन साहू के मददगार की तलाश में एनआईए की टीम ने भागलपुर के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में छापेमारी की है। प्रॉपर्टी डीलर शंकर यादव के घर पिछले कई घंटों से एनआईए की छापेमारी जारी है।

शंकर यादव पर गैंगस्टर अमन साहू के गैंग द्वारा वसूल किये गए रूपयों को अपने कारोबार में लगाने का आरोप है। एनआईए की टीम ने अमन साहू का पैसा खपाने के एंगल से शंकर यादव के घर पर छापेमारी की है। शंकर यादव पर आय से अधिक संपत्ति का भी आरोप है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुरूवार रात तक शंकर यादव के यहां हुई छापेमारी में डेढ़ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त की गई है। इसके साथ ही अमन साहू से लेन देन को लेकर जुड़े कागजात भी एनआईए ने जब्त किये है। इस बात की भी चर्चा गर्म है कि उसके घर पर नोट गिनने की मशीन मंगाई गई है। इस छापेमारी में एनआईए की टीम के साथ रांची और पटना से आई आयकर की सात सदस्यीय टीम भी शामिल है।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ED ने किया गिरफ्तार, राजभवन जाकर सीएम पद से दिया इस्तीफा

इस वक्त झारखंड की राजधानी रांची से बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया गया है. सूत्रों के अनुसार ईडी की टीम ने करीब 7 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद सीएम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद सीएम आवास, राजभवन, बीजेपी कार्यालय समेत रांची के अलग-अलग इलाकों में सुरक्षा भी बढ़ा दी गयी है.

जवाब से संतुष्ट नहीं थी ED की टीम

सूत्रों के अनुसार अब तक के पूछताछ में ED के अधिकारी हेमंत सोरेन के जवाब से संतुष्ट नहीं है. हेमन्त सोरेन ने अब तक के पूछताछ में सिर्फ हा ना में जवाब दिया है. ED के अधिकारियों ने हेमन्त सोरेन से 40 से ज्यादा सवाल पूछ गए हैं. हेमन्त सोरेन कई सवालों को सुनने के बाद ED अधिकारियों पर झल्ला गए. इस बीच रांची के कई इलाकों में धारा 144 लागू है. सीएम हाउस के बाहर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है वहीं माइकिंग भी की जा रही है.

चंपई सोरेन होंगे झारखंड के सीएम

हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद उनकी पत्नी यानि कल्पना सोरेन की सीएम बनाने की चर्चा तेज हो गयी है. वहीं कल्पना सोरेन के अलावा चंपई सोरेन के सीएम बनाने की भी बात कही जा रही है. हालांकि जेएमएम प्लान बी पर भी काम कर रहा है. अब जरा प्लान भी के बारे में जानिए. दरअसल हेमंत सोरेन के प्लान भी में डिप्टी सीएम बनाने का भी प्रस्ताव है. सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक प्लान बी में झारखंड में दो उप मुख्यमंत्री होंगे.

सरकार ने गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के अंतर्गत स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध 5 साल के लिए बढ़ाया

सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम 1967 के अन्‍तर्गत ‘स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया -सिमी को अगले 5 वर्ष की अवधि के लिए गैरकानूनी संघ घोषित कर दिया है। सिमी पर आखिरी प्रतिबंध जनवरी 2019 में लगाया गया था। गृह मंत्रालय ने एक वक्‍तव्‍य में कहा कि सिमी देश में आतंकवाद को बढ़ावा देने, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने में लगा हुआ है जो भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता के लिए नुकसानदायक है। बयान में कहा गया है कि सिमी और उसके सदस्यों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम सहित कानून की विभिन्न धाराओं के अन्‍तर्गत कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं।

CAA-UCC लागू होने पर ये होंगे बड़े बदलाव, जानें किन राज्यों ने जताई असहमति

UCC और CAA पर लंबे वक्त से इस पर चर्चा जारी है।यह अब तक क्यों नहीं लागू हो पाया, जानें लागू हुआ तो कितना कुछ बदलने वाला है।

देश में समान नागरिक संहिता (UCC) और नागरिकता संशोधन और नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के लागू होने पर चर्चा तेज हो चुकी है. पहले उत्तराखंड के सीएम धामी और फिर केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर के बयान ने इसे और पुख्ता कर दिया है. बीते दिनों उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने बयान में कहा कि ड्राफ्ट  तैयार हो चुका है. इसे दो फरवरी को पेश किया जा सकता है. वहीं, भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर का यह दावा है कि पूरे बंगाल सहित देशभर में अगले एक हफ्ते में CAA लागू हो जाएगा. अब एक बार दोबारा से बहस आरंभ हो गई है. आइए जानते हैं क्या है UCC और CAA. लंबे वक्त से इस पर चर्चा जारी है. यह अब तक क्यों नहीं लागू हो पाया, यह लागू हुआ तो कितना कुछ बदलने वाला है।

आखिर क्या है UCC-CAA 

UCC का अर्थ है यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी सामान नागरिक संहिता. आसान भाषा में इसे समझे भारत में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए एक कानून होगा. वे भले ही हिन्दू हो या मुस्लिम. इसकाअर्थ है कि धर्म अलग होने के बावजूद उस पर एक ही कानून लागू होगा. इससे काफी कुछ बदलने वाला है. यूसीसी लागू होने पर शादी करने, बच्चा गोद लेने, तलाक और उत्तराधिकार से जुड़े कानून सभी धर्मो के लिए एक जैसे हो जाएंगे।

भारत विश्व का पहला देश नहीं है, जहां पर ये कानून लागू करने की तैयारी है. अमेरिका, इंडोनेशिया, आयरलैंड, मिस्र, मलेशिया, पाकिस्तान और बांग्लादेश सहित कई ऐसे देश हैं जहां पर यह लागू हो चुका है. इन देशों में धर्म चाहे कोई भी हो, सभी को एक ही कानून का पालन करना पड़ता है।

CAA नागरिकता से जुड़ा कानून

आइए सीएए को समझते हैं. CAA नागरिकता से जुड़ा कानून है. इसके लागू होने पर सीधे तौर पर पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से उन लोगों को नागरिकता मिलेगी, जो दिसंबर 2014 से पहले किसी न किसी तरह से प्रताड़ित होकर भारत आए थे. इसमें गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों में हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई को जोड़ा गया है.  इसके लागू होने के बाद अलग-अलग राज्यों में ऐसे अल्पसंख्यकों को नागरिकता मिल जाएगी।

यह नाम पहली बार लोकसभा में 2016 में लाया गया. यहां से पास होने के बाद इसे राज्यसभा में पेश किया गया. मगर यहां पर ये आगे नहीं बढ़ सका. यहां पर अटकने के बाद इसे संसदीय समिति के पास भेजा गया. इसके बाद 2019 में एक बार फिर मोदी सरकार बनी. सरकार के बनते ही इसे दोबारा से लोकसभा में पेश किया गया. इसे राज्यसभा से मंजूरी मिल गई. दोनों जगहों से पास होने के बाद 10 जनवरी 2020 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली. मगर यह लागू नहीं किया गया।

क्यों नहीं लागू हो पाया CAA और UCC?

आपको बता दें कि CAA यानी सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट और यूसीसी लागू होने को लेकर देश के कई राज्यों में बवाल था. विरोध प्रदर्शन के बाद इसे लागू नहीं किया सका. हालांकि, सरकार ने इसको लेकर अपने तर्क दिए. केंद्र सरकार के अनुसार, जब तक देश में समान नागरिक संहिता लागू नहीं हो जाती, जब तक लैंगिक समानता नहीं लागू हो सकती है. वहीं कुछ लोगों का कहना था कि इससे समानता नहीं आ सकती है।

यूसीसी को लेकर भी विरोध

विशेषज्ञों का कहना था कि यूसीसी को लेकर कुछ बुनियादी सवालों के जवाब सामने नहीं आए हैं. इसमें कई सवालों के जवाब सामने नहीं आ पाए हैं. जैसे- शादी और तलाक के मामले में कौन सा नियम लागू होगा? कोई बच्चा अगर गोद लेता है तो क्या होगा? तलाक हुआ तो गुजारा भत्ता और सम्पत्ति के बंटवारे पर अधिकार किसका होगा? इस तरह के सवालों के जवाब अभी बाकी है।

वहीं, यूसीसी का सबसे अधिक विरोध पूर्वोतर में देखने को मिला. यहां के उदाहरण से विरोध को समझा जा सकता है. भारत में उत्तर पूर्व के सात राज्यों को सेवन सिस्टर्स की तरह कहा जाता है. इन सातों राज्य में 238 सजातीयां है. इनकी अलग पहचान और परंपराएं हैं. उनका रहन-सहन भी अलग है. वे पूर्वोतर को अपनी धरती कहते हैं. वे ऐसा नहीं चाहते कि पड़ोसी देशों से आए लोगों को ना​गरिकता मिल सके. उनका यह मानना है कि ऐसा होने पर उनके हक का बंटवरा होगा. उनके राज्य के संसाधन पर उनका ही हक है. उन्हें लगता है कि इस तरह से वे पिछड़ जाएंगे।

देश में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले SIMI पर बढ़ाया गया पांच साल का प्रतिबंध, गृह मंत्रालय का आदेश

SIMI पर पांच साल के लिए प्रतिबंध को बढ़ा दिया गया है।इस बैन को बढ़ाने के आदेश की जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा आज यानि सोमवार 29 जनवरी को एक एक्स पोस्ट के जरिए दी गई है।

‘स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी)’ पर पांच साल के लिए प्रतिबंध को बढ़ा दिया गया है. इस बैन को बढ़ाने के आदेश की जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा आज यानि सोमवार 29 जनवरी को एक एक्स पोस्ट के जरिए दी गई है. इस पोस्ट ने गृह मंत्रालय ने बताया कि, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीरो टॉलरेंस के दृष्टिकोण के तहत आतंकवाद के खिलाफ बड़ा कदम उठाया गया है, जिसके अधीन ‘स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया’ (SIMI) को यूएपीए के तहत इस पर लगे बैन को अगले पांच सालों के लिए बढ़ा दिया गया है।

गौरतलब है कि, केंद्र सरकार द्वारा SIMI को भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने, इसकी संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को खतरे में डालने और देश में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने वाला करार दिया है।