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लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में सबसे अधिक त्रिपुरा में हुआ मतदान, सबसे पीछे रहा उत्तर प्रदेश, जानिए 13 राज्यों में क्या रहा मतदान प्रतिशत

देश में लोकसभा चुनाव चरम पर है। 19 अप्रैल को जहाँ देश के 102 लोकसभा सीटों पर मतदान हुए। वहीँ आज लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 13 राज्यों के 88 लोकसभा सीटों पर मतदान हुए। इन 88 सीटों में 52 पर भाजपा का कब्ज़ा है, जबकि 22 पर कांग्रेस के सांसद हैं। बाकी पर अन्य दल के उम्मीदवार जीतकर आये हैं।

पहले चरण में जहाँ कम वोटिंग को लेकर चिंता जताई गयी थी। वहीँ इस बार वोटिंग प्रतिशत बढ़ा है। शाम बजे तक देश से 13 राज्यों में हुए चुनाव की बात करें तो इसमें सबसे अधिक मतदान प्रतिशत त्रिपुरा में रहा। जबकि सबसे कम प्रतिशत भाजपा का गढ़ माने जानेवाले उत्तर प्रदेश में देखा गया है।

त्रिपुरा में जहाँ वोटिंग प्रतिशत 76.23 रहा, वहीँ मणिपुर में 76.06, छतीसगढ़ में 72.13, पश्चिम बंगाल में 71.84, असम में 70.66, जम्मू कश्मीर में 67.22, केरल में 63.97, कर्णाटक में 63.90, राजस्थान में 59.19, मध्य प्रदेश में 54.58, महाराष्ट्र में 53.51, बिहार में 53.03 और उत्तर प्रदेश में 52.51 रहा। आज हुए मतदान में 1202 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गयी है।

रामलला के ललाट पर 4 मिनट तक चमकेगा सूर्य तिलक, अद्भुत नजारा देखेंगे भक्त

रामनवमी के अवसर पर दोपहर 12 बजे जब श्रीराम का जन्म होगा तो उस समय उनके माथे पर सूर्य तिलक चमकेगा।इस नजारे को देखने के लिए लाखों राम भक्त पहुंचे हैं।इस अभिषेक को वैज्ञानिक फॉर्मूले के तहत किया जाएगा।

अयोध्या में रामनवमी के पावन मौके पर विशाल राममंदिर में श्री रामलाला का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. इस अवसर पर राम भक्तों को एक अद्भुत नाजारा देखने को मिलेगा. इस बार के जन्मोत्सव की प्रक्रिया अविस्मरणीय रहने वाली है. रामलला के अभिषेक की तैयारियां जोरशार से हो रही है. रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे जब श्रीराम का जन्म होगा तो उसी के बाद उनके माथे पर सूर्य किरण दिखाई देगी. भगवान राम का सूर्य अभिषेक वैज्ञानिक फॉर्मूले के तहत होगा. वैज्ञानिकों ने इस पर शोध किया था. बीते दिनों ट्रायल भी देखने को मिला. अब रामनवमी के दिन जब भगवान राम का जन्मदिन मनाया जाएगा तो उस दौरान उनके माथे पर सूर्य तिलक किया जाएगा. इसकी साक्षी पूरी दुनिया होगी. घर बैठे राम भक्त इसके दर्शन टीवी पर कर सकेंगे।

कैसे बनेगा सूर्य तिलक 

रामनवमी के दिन सूरज की रोशनी को डायवर्ट करके सूर्य तिलक तैयार किया जाएगा. सूर्य की रोशनी को तीसरे तल पर लगे एक दर्पण पर पड़ेगी. यहां से ये परावर्तित होकर पीतल की पाइप में प्रवेश करेगी. पीतल के पाइप  में लगे दूसरे दर्पण में टकराकर 90 डिग्री ये परावर्तित हो जाएगी. किरणे पीतल की पाइप से होते हुए तीन अलग-अलग लेंस से होकर निकलेंगी. लंबे पाइप के गर्भ गृह वाले सिर पर लगे शिशे से ये टकराएंगीं. गर्भगृह में लगे शिशे से टकराने के बाद किरणें सीधे रामलला के ललाट पर 75 मिलीमीटर का गोलाकार तिलक बनाएगी. ये निरंतर 4 मिनट तक चमकता रहेगा।

रामनवमी पर रामलला के ललाट पर दिखेगा ‘सूर्य तिलक’, 4 मिनट तक दिखने के लिए वैज्ञानिक की टीम लगी

रामनवमी को लेकर खास तैयारियां हो रही हैं, सूर्य तिलक को साकार करने के लिए वैज्ञानिकों की एक टीम लगी हुई है।

अयोध्या में रामनवमी को खास बनाने के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं. इसे ऐतिहासिक बनाने के ​लिए सूर्य तिलक का सहारा लिया जा रहा है. इसे लेकर राम मंदिर ट्रस्ट भी तैयारियों में जुटा हुआ है. आपको बता दें कि मंगलवार को पूरे देश में चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो रही है. 17 अप्रैल को रामनवमी का पर्व है. इस बार अयोध्या में रामलला भव्य मंदिर में विराजमान हो चुके हैं. ऐसे में पहली रामनवमी बेहद खास होने वाली है. यहां पर दोपहर ठीक 12:00 बजे सूर्य की किरणों से प्रभु राम का अभिषेक होगा यानी कि सूर्य तिलक किया जाएगा. इस सूर्य तिलक की अवधी करीब 4 मिनट तक की होने वाली है।

ये रामलला की आभा को बढ़ाएगी. इतना ही नहीं इसको लेकर राम मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने बीते दिनों चेन्नई में देश के वैज्ञानिकों के साथ एक बैठक में भाग लिया. इसके बाद अब तेजी के साथ राम मंदिर परिसर में इसका कार्य आरंभ हो गया है. आगामी रामनवमी को प्रभु राम के मस्तिष्क पर सूर्य की किरणें पड़ें, इसे लेकर खास उपकरण लगाए गए हैं।

सूर्य देव रामलला के मस्तिष्क पर अभिषेक करेंगे

500 साल के बाद अयोध्या में प्रभु राम का भव्य जन्मोत्सव होगा. 12:00 बजे सूर्य देव रामलला के मस्तिष्क पर अभिषेक करेंगे. ये करीब 75 मिमी का होगा. इसके लिए वैज्ञानिकों की एक टीम जुट गई है. इसका ट्रायल भी जल्द होगा. प्रभु श्री राम सूर्यवंशी माने जाते हैं. जब उनके भव्य मंदिर का निर्माण आरंभ हुआ था, उस समय यह प्रस्ताव रखा गया था कि इस तरह का कोई प्रबंध होना चाहिए ताकि रामनवमी वाले दिन दोपहर 12:00 सूर्य की किरणें सीधे उनके ललाट पर पड़े. इसके लिए​ रुड़की की एक टीम रिसर्च में जुटी हुई है।

वैज्ञानिकों ने अपनी तैयारी को तेज किया 

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता के अनुसार, जब मंदिर का निर्माण कार्य आरंभ हो रहा था तो उस दौरान यह तय किया गया था कि विराजमान होने के बाद आने वाली पहली रामनवमी के दिन प्रभु राम के ललाट पर सूर्य तिलक होगा. यह सूर्य तिलक दोपहर 12:00 बजे होगा. उसके लिए उपकरण से सूर्य का तिलक किया जाएगा. गुप्ता के अनुसार, 4 मिनट तक प्रभु राम के ललाट पर सूर्य का तिलक रहेगा. इसे लेकर वैज्ञानिकों ने तैयारी तेज कर दी है. अब जल्द इसका ट्रायल होगा।

इस तरह से बनेगा सूर्य तिलक 

आपको बता दें कि यह सूर्य तिलक मात्र रामनवमी वाले दिन होगी. इसके लिए वैज्ञानिक फिजिक्स के ऑप्टोमैकेनिकल सिस्टम का उपयोग कर रहे हैं. सूर्य की रोशनी तीसरे फ्लोर पर पहले एक दर्पण पर टकराएगी, इसके बाद तीन लेंस व दो अन्य मिरर के सहारे सीधे ग्राउंड फ्लोर पर आएगी. इस तरह से रामलला की प्रतिमा के ललाट पर सूर्य किरणों का एक तिलक लगेगा।

पीएम मोदी ने शेयर किया राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का अनुभव, बोले- राम लला ने मुझसे कहा…

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर पीएम मोदी ने कहा कि, समारोह के दौरान उन्हें महसूस हुआ जैसे राम लला की मूर्ति ने उन्हें कुछ कहा हो…

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का जिक्र करते हुए कहा कि, समारोह के दौरान उन्हें महसूस हुआ जैसे राम लला की मूर्ति ने उन्हें कह रही हो कि, “स्वर्ण युग शुरू हो गया है” और “भारत के दिन आ गए हैं… देश आगे बढ़ रहा है” बता दें कि, मोदी का ये बयान एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान आया, जब उनसे 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के दौरान ‘प्राण प्रतिष्ठा’ अनुष्ठान का नेतृत्व करने के उनके अनुभव के बारे में सवाल किया गया. मोदी ने इस सवाल को भावनात्मक बताते हुए कहा कि, एक प्रधानमंत्री को अपने पूरे कार्यकाल के दौरान कई निमंत्रण मिलते हैं, लेकिन जब श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मुझे प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित किया, तो मैं बहुत प्रभावित हुआ।

उन्होंने कहा कि, जब से उन्हें निमंत्रण मिला था, वे आध्यात्मिक माहौल में डूब गए थे. उन्हें कुछ और ही अनुभव होने लगा और खुद को जीवंत महसूस करने लगे. प्रधान मंत्री ने 12 जनवरी को शुरू किए 11 दिवसीय ‘अनुष्ठान’ के संदर्भ में कहा कि, उन्होंने निमंत्रण के बाद फैसला किया वो 11 दिनों तक अनुष्ठान करेंगे. साथ ही साथ भगवान राम से जुड़े सभी स्थानों पर समय बिताएंगे, खासतौर पर दक्षिण भारत में. पूरे अनुष्ठान के दौरान प्रधान मंत्री फर्श पर सोए, कठोर तपस्या के साथ उपवास किया और केवल नारियल पानी पिया.

पीएम मोदी ने बताया कि, अनुष्ठान के दौरान वह पूरी तरह इंट्रोवर्ट हो गए. उन्होंने कहा कि, जब वे अयोध्या पहुंचे और एक-एक कदम बढ़ा रहे थे तो उनके मन में एक और विचार आया कि, क्या वे यहां प्रधानमंत्री के रूप में आया हैं या भारत के एक सामान्य नागरिक के रूप में? लेकिन उन्हें हमेशा ऐसा लगता था कि वे 140 करोड़ देशवासियों की तरह एक सामान्य श्रद्धालु के रूप में अयोध्या आए हैं।

प्रधान मंत्री मोदी ने याद किया कि जब उन्होंने पहली बार राम लला की मूर्ति देखी, तो वो स्थिर हो गए. उन्हें इस बात का बिल्कुल ध्यान नहीं था कि, पंडित उनसे क्या करने के लिए कह रहे थे. उस समय उनके मन में यह विचार आया कि रामलला उनसे कह रहे हैं कि, स्वर्ण युग शुरू हो गया है. भारत के दिन आ गये हैं, देश आगे बढ़ रहा है।

योगी सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर बोले, गरीबों का मसीहा और क्रांतिकारी था मुख्तार अंसारी

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने माफिया मुख्तार अंसारी की मौत पर भले अभी तक चुप्पी साथ रखी हो लेकिन, अब वह अपने पहले के बयान पर एक बार फिर खड़े हुए नजर आए हैं.

योगी सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि मुख्तार अंसारी गरीबों का मसीहा था, क्रांतिकारी था. जो गरीबों की मदद करेगा मजलूमों की मदद करेगा, उसे अपराधी ठहरा दिया जाता है. यह होता रहता है. मुख्तार अंसारी गरीबों की मदद करता रहा है और लोग उसे गरीबों के मसीहा के रूप में जानते हैं.

मैंने पहले भी यही बात कही थी और आज भी अपने बयान पर कायम हूं. जब भी किसी गरीब कमजोर के ऊपर जुर्म ज्यादती होगी तो गरीबों के साथ जो खड़ा होगा तो निश्चित है कि उसको जुर्म करने वाला, बचाने वाले को ही अपराधी बताया जाता है.

अपराध करने वाला अपने को अपराधी नहीं बताता है. कमजोर जंगल झाड़ी काट-पीटकर जमीन बनाते हैं, कब्जा करते हैं तो उनको वहां से हटा दिया जाता है. यही कारण है जब कोई उसकी मदद करता है तो उसको अपराधी घोषित किया जाता है.

अब जैसे सोशल मीडिया में लोगों ने कहा है कि हमारी जान बचाई मेरी इज्जत लूटी जा रही थी लेकिन उसने मुझे बचाया है. ऐसे तमाम लोग उसके बारे में बातें कर रहे हैं. गरीबों की मदद की है तो वह उसे मसीहा मानेंगे ही. गरीब की मदद करने में कोई दिक्कत तो नहीं है. मुख्तार अंसारी की मौत मामले में जांच के सवाल पर राजभर ने कहा कि परिवार ने जांच की मांग की है, जांच के आदेश भी हुए हैं. सरकार जांच करा रही है.

माफिया मुख्तार अंसारी की इलाज के दौरान मौत, हार्ट अटैक आने पर जेल से लाया गया था मेडिकल कॉलेज

उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात मौत हो गई। जेल की बैरक में मुख्तार अंसारी की तबीयत खराब होने पर जेल प्रशासन रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले आया, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही थी।

सूचना मिली कि मुख्तार को आईसीयू से सीसीयू में भर्ती करना पड़ा। यहां मुख्तार के इलाज में 9 डॉक्टरों की टीम लगाई गई। हालांकि, मुख्तार की जान नहीं बच सकी। इससे पहले मंगलवार को उसे मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने कब्ज की समस्या बताई थी और इलाज के बाद उसी दिन कारागार भेज दिया था। बुधवार को जेल में उसके स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया था, जिसमें सब सामान्य मिला था।

सुनवाई के दौरान लगाया था आरोप

60 वर्ष के हो चुके मुख्तार ने सुनवाई के दौरान अदालत में आरोप लगाया था कि जेल में उसकी हत्या का प्रयास किया जा रहा है। उसे खाने में धीमा जहर दिया जा रहा है, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ रही है। मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने जेल प्रशासन से रिपोर्ट भी मांगी थी।

मुख्तार की मौत के बाद गाजीपुर व मऊ समेत अन्य संवेदनशील जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। एहतियात के तौर पर पुलिस लाइन से भारी संख्या में फोर्स निकाली जा रही है। सूचना मिली है कि मऊ, बांदा और गाजीपुर में धारा 144 लागू कर दी गई है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, यूपी मदरसा कानून को बताया ‘असंवैधानिक’

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2004 को “असंवैधानिक” और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करार दिया।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय  ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2004  को “असंवैधानिक” और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करार दिया. न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को वर्तमान में मदरसों में पढ़ रहे छात्रों को औपचारिक शिक्षा प्रणाली में समायोजित करने के लिए एक योजना बनाने का भी निर्देश दिया. इस आर्टिकल में हम कोर्ट के पूरे आदेश को जानेंगे.

अदालत की लखनऊ शाखा ने अंशुमान सिंह राठौड़ नामक व्यक्ति द्वारा दायर रिट याचिका पर कानून को अधिकारातीत बताया. गौरतलब है कि, कोर्ट का ये फैसला राज्य सरकार द्वारा राज्य में इस्लामी शिक्षा संस्थानों का सर्वेक्षण करने के निर्णय के महीनों बाद आया है. बता दें कि ये सर्वेक्षण प्रदेश के मदरसों को विदेशों से मिलने वाले फंड को लेकर किया जाना था, जिसके लिए अक्टूबर 2023 में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन भी किया गया था।

याचिकाकर्ता राठौड़ ने यूपी मदरसा बोर्ड की संवैधानिकता को चुनौती दी थी और साथ ही भारत सरकार और राज्य सरकार दोनों द्वारा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा मदरसों के प्रबंधन पर आपत्ति जताई थी।

गौरतलब है कि, इलाहाबाद हाई कोर्ट की डबल बेंच के फैसले के बाद सभी अनुदान, अर्थात, सरकार से प्राप्त वित्तीय सहायता, अनुदान प्राप्त मदरसों को बंद कर दिया जाएगा और ऐसे मदरसों को समाप्त कर दिया जाएगा।

जानिए UP में चुनाव के कितने चरण और आपके शहर में मतदान कब ?

जानिए UP में चुनाव के कितने चरण और आपके शहर में मतदान कब ?

देश में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर चुनावी कार्यक्रम का ऐलान हो गया है. भारतीय चुनाव आयोग ने आज 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया. चुनावी कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही 80 लोकसभा सीट वाले राज्य उत्तर प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है. चुनावी कार्यक्रम के अनुसार देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में सात चरणों में चुनाव कराएं जाएंगे. पहले चरण के लिए 20 मार्च को अधिसूचना जारी होगी. पर्चों की जांच 30 मार्च तक पूरी कर ली जाएगी. उम्मीदवार 30 मार्च तक ही नाम वाबस ले सकते हैं. 19 अप्रैल को पहले चरण के लिए मतदान कराया जाएगा।

  • 19 अप्रैल को पहले दौर का चुनाव
  • 26 अप्रैल को दूसरे चरण का चुनाव
  • 07 मई को तीसरे चरण का चुनाव होगा
  • 13 मई को चौथा चरण का चुनाव
  • 20 मई को पांचवा चरण का चुनाव
  • 25 मई को छठा चरण का चुनाव
  • 01 जून को सातवां चरण का चुनाव

ऐसा माना जाता है कि दिल्ली की कुर्सी का रास्ता उत्तर प्रदेश से ही होकर जाता है. सियासी लिहाज से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है. यहां लोकसभा की 80 सीटें हैं. भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस का भी पूरा फोकस उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव पर है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद यूपी की वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी लगातार तीसरी बार वाराणसी से उम्मीदवार हैं. इसके अलावा देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लखनऊ सीट से टिकट दिया गया है. भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी सूची में 195 उम्मीदवारों का ऐलान किया था, जिसमें उत्तर प्रदेश की 51 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए गए थे।

पहले चरण में 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे

  1. सहारनपुर
  2. कैराना
  3. मुजफ्फरनगर
  4. बिजनौर
  5. नगीना
  6. मुरादाबाद
  7. रामपुर
  8. पीलीभीत

‘यूपी देश की राजनीती ही नहीं देश का विकास भी तय करता है’, आजमगढ़ में बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में 782 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अपने उत्तर प्रदेश दौरे के दौरान आजमगढ़ में कई विकास परियोजनाओं का एक साथ लोकार्पण और शिलान्यास किया. पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में 34 हजार 700 करोड़ रुपये की 782 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. इनमें परियोजनाओं में आजमगढ़ समेत राज्य के पांच जिलों में बनाए गए एयरपोर्ट भी शामिल हैं. इनमें मुरादाबाद, अलीगढ़, श्रावस्ती और चित्रकूट का नाम शामिल है. इसके अलावा पीएम मोदी ने ग्वालियर, कोल्हापुर, पुणे और जबलपुर टर्मिनल के विस्तारीकरण का भी शिलान्यास किया. लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी ने यहां विशाल जनसभा को भी संबोधित किया।

आजमगढ़ में क्या बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह हमारी सरकार जनकल्याण की योजनाओं को मेट्रो शहरों से आगे बढ़ाकर छोटे शहरों और गांव देहात तक ले गई वैसे ही आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के काम को भी हम छोटे शहरों तक ले जा रहे हैं. छोटे शहर भी अच्छे एयरपोर्ट, अच्छे हाइवे के लिए उतने ही हकदार है जितने कि बड़े शहर हैं. पीएम मोदी ने कहा कि भारत में जो तेजी से शहरीकरण हो रहा है उसकी प्लानिंग 30 साल पहले होनी चाहिए थी वो नहीं हुई. उसी को ध्यान में रखते हुए आज हम टीयर 2, टीयर 3, सिटी की ताकत बढ़ा रहे हैं ताकि शहरीकरण रुके नहीं।

पीएम मोदी ने कहा कि आठ लाख किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के दो हजार करोड़ रुपये मिले हैं, इतने बड़े स्तर पर विकास की इतनी तेज रफ्तार तभी मुमकिन होती है तब सरकार सही नियर और ईमानदारी से काम करती है. भ्रष्टाचार में डूबी परिवारवादी सरकारों ने इतने बड़े पैमाने पर विकास कार्य असंभव था. पिछली सरकारों में आजमगढ़ और पूर्वांचल ने पिछड़ेपन की तकलीफ ही नहीं उठाई बल्कि यहां की छवि खराब करने में कोई कमी नहीं छोड़ी।

जिस तरह पहले की सरकारों में यहां आतंक को बाहुबल को संरक्षण दिया गया वो पूरे देश ने देखा है. इस परिस्थिति को बदलने के लिए यहां के युवाओं को नए अवसर देने के लिए भी डबल इंजन की सरकार लगातार काम कर रही है।

हमारी सरकार में यहां युवाओं के लिए महाराजा सुहेल देव महाविद्याल की नींव रखी गई उसका शुभारंभ भी किया गया. पीएम मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश की राजनीति तय करता है और उत्तर प्रदेश भी विकास भी दिशा तय कर रहा है. यूपी में जब से डबल इंजन सरकार आई है यूपी की तस्वीर और तकदीर दोनों बदले हैं।