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अयोध्या में मंदिर खुलने के पहले दिन उमड़ा सैलाब, बेकाबू भीड़ को देखते हुए परिसर में पहुंचे ATS कमांडो

भीड़ को मंदिर परिसर में इस तरह एंट्री होता देख गड़बड़ी की आशंका भी जताई जा रही है।हालात को देखते हुए ATS भी मंदिर परिसर में घुस गए हैं।

अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद आज यानी 23 जनवरी से आम लोगों के दर्शन के लिए खोल दिया गया है. मंदिर में दर्शन के लिए सुबह से ही भीड़ उमड़ रही है. भीड़ इतनी ज्यादा है कि सुरक्षाबलों को काबू करने में पसीने छूट रहे हैं. वहीं, दोपहर 1 बजे के आसपास भीड़ इतनी ज्यादा हो गई कि कुछ लोग सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए मंदिर परिसर में प्रवेश कर गए. भीड़ को मंदिर परिसर में इस तरह एंट्री होता देख गड़बड़ी की आशंका भी जताई जा रही है. हालात को देखते हुए ATS को भी मंदिर परिसर में भेजा गया है. इसके साथ ही RAF भी मंदिर परिसर में मौजूद हैं. बेकाबू भीड़  नियम-कायदे को दरकिनार कर जिस तरह मंदिर के भीतर प्रवेश की हैं उसे देखते हुए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. वहीं, मंदिर में दर्शन पर कुछ समय के लिए रोक लगा दी गई है।

आसपास के जिलों की पुलिस ने लोगों से की अपील

अयोध्या में राम भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आसपास के जिलों की पुलिस ने लोगों से शांति बनाए और धीरे-धीरे दर्शन करने की अपील की है. अयोध्या में भीड़ अधिक होने की वजह से बाराबंकी, समेत आसपास के जिलों की पुलिस ने लोगों से अपील की है कि आप लोग अभी अयोध्या नहीं जाएं, लोग राम का दर्शन धीरे-धीरे करें, कोई जल्दीबाजी नहीं है. बता दें कि लंबे संघर्ष और त्याग के बाद सनातन संस्कृति के प्राण, आराध्य, मर्यादा पुरुषोत्तम अपनी जन्मभूमि रामनगरी अयोध्या के भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान हुए. रामलला के दर्शन के लिए सनातनी खुद को रोक नहीं पा रहे हैं. मंगलवार से आम लोगों के लिए दरवाजा खोल दिया गया है।

अयोध्या के साथ देश के इस राज्य में किया गया राम मंदिर का उद्घाटन, 7 साल में बनकर हुआ तैयार

अयोध्या से करीब 1000 किलोमीटर दूर एक और राम मंदिर का उद्घाटन किया गया।इस भव्य राम मंदिर को बनाने में सात साल का वक्त लगा है।

अयोध्या में बनाए गए भव्य राम मंदिर में 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई. इसके साथ ही अयोध्या से करीब 1000 किलोमीटर दूर एक और राम मंदिर का उद्घाटन किया गया. इस भव्य राम मंदिर को बनाने में सात साल का वक्त लगा है. जिसे 150 मजदूरों ने बनाया है. ये मंदिर ओडिशा में समुद्र तल से करीब 1,800 फीट की ऊचांऊ पर एक पहाड़ी पर बनाया गया है. जहां पीएम मोदी ने अयोध्‍या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्‍ठा की तो वहीं दूसरी ओर ओडिशा में नयागढ़  के फतेगढ़ गांव में भगवान राम को समर्पित मंदिर का उद्घाटन किया गया. ये मंदिर 73 फुट ऊंचा है।

दान से किया गया मंदिर का निर्माण

स्थानीय मीडिया में आई रिपोर्टों के मुताबिक, इस मंदिर को 165 फीट की ऊंचाई पर स्थित एक पहाड़ी पर किया गया है. इस मंदिर को बनाने के लिए राज्य के ग्रामीणों और श्रद्धालुओं के दान दान दिया है. सबसे ज्यादा दान फतेगढ़ के निवासियों ने ही दिया है जो कुछ धनराशि का आधा है. एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि इस मंदिर का निर्माण साल 2017 में शुरू हुआ था. जिसे बनाने में 150 से ज्यादा मजदूरों को लगाया गया. उसके बाद सात साल में ये मंदिर बनकर तैयार हुआ है।

ऐसा माना जा रहा है कि इस मंदिर के निर्माण से इस इलाके में पर्यटन बढ़ेगा. बताया जा रहा है कि इस मंदिर को बनाने की जड़ें 1912 में नबकलेबर से मिलती है जो भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की लकड़ी की मूर्तियों का पुनर्निर्माण है. बताया जाता है कि फतेगढ़ ने लकड़ी के लिए पवित्र वृक्ष प्रदान कर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी जिसे अनुष्ठान में शामिल किया गया था. इस मंदिर के निर्माण के लिए ग्रामीणों ने श्री राम सेवा परिषद समिति का गठन किया।

बारिश के लिए की जाती थी प्रार्थना

इस स्थान पर ये मंदिर बनाया गया है उसके बारे में कहा जाता है कि यहां स्थानीय लोग बारिश कराने और सूखा से बचने के लिए प्रार्थना करते थे. जिसे गिरि गोवर्धन के नाम भी जाना जाता है. इस मंदिर का निर्माण पारंपरिक ओडिशा की वास्तुकला शैली में किया गया है. जिसका इस्तेमाल तारा तारिणी और कोणार्क के मंदिरों में किया गया है. मंदिर का गर्भगृह 65 फीट की ऊंचाई तक जाता है. मुख्य मंदिर के चारों ओर सूर्य देव, भगवान शिव, भगवान गणेश और हनुमान के मंदिर बनाए गए हैं।

अयोध्या तो झांकी है.. काशी-मथुरा बाकी है! 22 जनवरी के बाद अब क्या होने वाला है?

ये नारा उस वक्त दिया गया जब मंदिर निर्माण विवाद पर संघर्ष अपने चरम पर था, उस वक्त देशभर से सैकड़ों की तादात में कारसेवक अयोध्या पहुंच कर श्री राम जन्मभूमी पर भगवान रामलला के पुन: मंदिर निर्माण के रण में थे।

सदियों की प्रतिक्षा, सैकड़ों बलिदान और अनगिनत प्रार्थनाओं के पश्चात आज आखिरकार धर्म नगरी अयोध्या में समूचे विश्व के मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामलला विराज चुके हैं. 22 जनवरी 2024 का ये दिन आस्था, अश्रु और आराध्य से आत्मीयता का दिवस है. ये दिन 500 साल के धार्मिक, राजनीतिक और सामाजिक संघर्ष का प्रमाण हैं. ऐसे में इस पावन प्रभात पर एक बार फिर, आमजन के अंतर हृदय में वही दशकों पुराना नारा गूंज रहा है।अयोध्या तो झांकी है, काशी-मथुरा बाकी है।

गौरतलब है कि, ये नारा उस वक्त दिया गया जब मंदिर निर्माण विवाद पर संघर्ष अपने चरम पर था, उस वक्त देशभर से सैकड़ों की तादात में कारसेवक अयोध्या पहुंच कर श्री राम जन्मभूमी पर भगवान रामलला के पुन: मंदिर निर्माण के रण में थे. हालांकि शासन-प्रशासन से ये लड़ाई दशकों तक चली, मगर आखिरकार साल 2019 में भारत के उच्चतम न्यायालय ने हिंदुओं के पक्ष में अपना फैसला सुना कर विवादित स्थल पर भव्य राम मंदिर निर्माण को स्वीकृति दे दी, जिसके बाद आज प्राण प्रतिष्ठा के साथ दिव्य और दर्शनीय राम मंदिर के दरवाजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए।

काशी-मथुरा मंदिरों का निर्माण अब स्वप्न नहीं, बल्कि संकल्प है

लेकिन, जानकारों का कहना है कि, आस्था के इस अलौकिक सफर की समाप्ति यही नहीं होती, बल्कि अब तो इसकी असल शुरुआत हुई है. पांच साल पूर्व अयोध्या के ऐतिहासिक फैसले के बाद से ही काशी और मथुरा दोनों जगहों पर मंदिर आंदोलन का मोर्चा मजबूत हुआ है. आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद जैसे कई धार्मिक संघटन वक्त-दर-वक्त इसकी मांग उठाते आए हैं. हालांकि कब-कैसे-क्या होगा इसकी कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है, मगर ये स्पष्ट है कि काशी और मथुरा में मंदिरों का भव्य निर्माण अब स्वप्न नहीं, बल्कि संकल्प है।

न सिर्फ ये बल्कि समाज और हिंदू संघटन काशी-मथुरा के साथ-साथ देशभर के ऐसे ही शेष मंदिरों के लिए भी लगातार प्रयास कर रहे हैं. ऐसे में धर्म नगरी अयोध्या का भव्य राम मंदिर, असल मायने में इन प्रयासरत संघटनों के लिए एक प्रमाण है कि सैकड़ों सालों का संघर्ष भी सफल होता है।

‘राम आग नहीं..ऊर्जा हैं, राम विवाद नहीं..समाधान हैं..रामराज्य हुआ स्थापित’ प्राण प्रतिष्ठा के बाद PM मोदी बोले

पीएम मोदी ने कहा कि राम कण-कण में हैं।राम पर्व से लेकर परंपरा में समाए हुए हैं। हर युग में लोगों ने राम को जिया है।राम नियत भी है नीति भी है.. राम आधार हैं राम विचार हैं।

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद मंदिर परिसर में आए मेहमानों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि  सदियों की प्रतीक्षा के बाद आज हमारे राम आ गए. यह पल पवित्रतम है. यह माहौल, यह वातारण, यह ऊर्जा, यह घड़ी प्रभु श्रीराम का हम सब पर आशीर्वाद है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सियावर रामचंद्र की जय के साथ अपने संबोधन की शुरुआत की।

पीएम मोदी ने सबको राम राम कहा और कहा कि अब हमारे रामलला टेंट में नहीं रहेंगे.अब दिव्य मंदिर में रहेंगे. उन्होंने कहा कि 22 जनवरी 2024 का ये सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है. कैलेंडर में लिखी यह एक तारीख नहीं, एक नए कालचक्र का उद्गम है. पीएम मोदी ने कहा कि रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे. अब वो दिव्य मंदिर में रहेंगे. पीएम मोदी ने त्रेतायुग का जिक्र करते हुए कहा कि तब 14 वर्ष का वनवास था तब भी अयोध्या वासियों ने इतना वियोग नहीं सहा. आज इतनी सदियों तक वियोग सहना पड़ा. उन्होंने न्यायपालिका का भी आभार व्यक्त किया. पीएम ने कहा कि न्यायपालिका ने न्याय की लाज रख ली और न्याय के पर्याय प्रभु श्रीराम का मंदिर भी न्यायपूर्ण तरीके से ही बना।

प्रभु मुझे अवश्य माफ करेंगे- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राम मंदिर के भूमिपूजन के साथ ही मंदिर निर्माण को लेकर उत्साह बढ़ता ही जा रहा था. उन्होंने कहा कि आज के हजार साल बाद भी लोग आज की इस तारीख की चर्चा करेंगे. हमारा कितना बड़ा सौभाग्य है कि हम इस पल को जी रहे हैं. यह पल सामान्य पल नहीं है. पीएम मोदी ने हनुमान और हनुमानगढ़ी के साथ ही माता जानकी, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और पवित्र अयोध्या पुरी, सरयु नदी को भी प्रणाम किया.  पीएम मोदी ने आगे कहा, “मैं प्रभु राम से क्षमा भी मांगना चाहता हूं. हमारे त्याग और पुरुषार्थ में कुछ तो कमी रह गई जो हम इतनी सदियों तक यह काम कर नहीं पाए. आज वह कमी पूरी हो गई. मुझे विश्वास है कि प्रभु मुझे अवश्य माफ करेंगे।”

राम वर्तमान नहीं राम अनंतकाल हैं- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम के विशाल रूप का वर्णन भी किया. उन्होंने कहा कि राम आग नहीं… राम ऊर्जा हैं.. राम वर्तमान नहीं राम अनंतकाल हैं. जब राम की विग्रह की प्रतिष्ठा होती है तो हजारों वर्षों के लिए राम राज्य स्थापित हुआ. त्रेता में जब राम आए तो हजारों वर्षों तक राम हमारे पथप्रदर्शक थे।

पीएम मोदी ने कहा कि राम कण-कण में हैं. राम पर्व से लेकर परंपरा में समाए हुए हैं. हर युग में लोगों ने राम को जपा और जिया है. हर युग में लोगों ने राम को अपने-अपने भाव में प्रकट भी किया है. भारत के हर कोने के लोग रामरस का पान करते रहे हैं. राम के आदर्श, राम के मूल्य, राम की शिक्षाएं, हर जगह समान है. मुझे अलग-अलग भाषाओं में लिखी रामकथा का श्रवण करने का अवसर मिला।

पूरा देश आज दीपावली मना रहा- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने अपने 11 दिन के व्रत-अनुष्ठान के बारे में भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि मैंने उन स्थानों का चरणस्पर्श करने का प्रयास किया, जहां प्रभु राम के चरण पड़े थे. मेरा सौभाग्य है कि इसी पुनीत पवित्र भाव के साथ मुझे सागर से सरयू तक की यात्रा का अवसर मिला. आज गांव-गांव में एक साथ कीर्तन, संकीर्तन हो रहे हैं. आज मंदिरों में उत्सव हो रहे हैं, स्वच्छता अभियान चलाए जा रहे हैं, पूरा देश आज दीपावली मना रहा है. आज शाम घर-घर राम ज्योति प्रज्वलित करने की तैयारी है. आज हमें सदियों के उस धैर्य की धरोहर मिली है. आज हमें श्रीराम का मंदिर मिला है. पूरा देश आज दीवाली मना रहा है. आज शाम घर-घर रामज्योति प्रज्ज्वलित करने की तैयारी है. पीएम मोदी ने कहा कि आने वाला समय सफलता का है.. सिद्धि का है.. भव्य राम मंदिर साक्षी बनेगा विकसित भारत का.. अगर लक्ष्य सामूहिक हो तो उसे प्राप्त करना असंभव नहीं है।

रामलला प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर क्या बोले PM, जानें भाषण की 10 बड़ी बातें

अयोध्या में आज भव्य राम मंदिर का उद्घाटन किया गया।राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत देश दुनिया का तमाम बड़ी हस्ती मौजूद रहीं।

अयोध्या में आज भव्य राम मंदिर का उद्घाटन किया गया. राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत देश दुनिया का तमाम बड़ी हस्ती मौजूद रहीं. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हमारे राम आ गए हैं. सदियों की प्रतीक्षा के बाद हमारे राम आ गए हैं. सदियों के अभूतपूर्व धैर्य, अनगिनत बलिदान, त्याग और तपस्या के बाद हमारे प्रभु राम आ गए हैं. हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे. हमारे रामलला अब इस दिव्य मंदिर में रहेंगे. मेरा पक्का विश्वास और अपार श्रद्धा है कि जो घटित हुआ है, इसकी अनुभूति देश के, विश्व के कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी. ये क्षण आलौकिक है, ये पल पवित्रतम है।

राम मंदिर उद्घाटन के अवसर पर पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें-

1- पीएम मोदी ने कहा कि 22 जनवरी, 2024 का ये सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है. ये कैलेंडर पर लिखी एक तारीख नहीं, बल्कि ये एक नए कालचक्र का उद्गम है. राम मंदिर के भूमिपूजन के बाद से प्रतिदिन पूरे देश में उमंग और उत्साह बढ़ता ही जा रहा था. निर्माण कार्य देख देशवासियों में हर दिन एक नया विश्वास पैदा हो रहा था. आज हमें सदियों के उस धैर्य की धरोहर मिली है।

2-  प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज हमें श्रीराम का मंदिर मिला है. गुलामी की मानसिकता को तोड़कर उठ खड़ा हुआ राष्ट्र, अतीत के हर दंश से हौसला लेता हुआ राष्ट्र ऐसे ही नव इतिहास का सृजन करता है. आज से हजार साल बाद भी लोग आज की इस तारीख की, आज के इस पल की चर्चा करेंगे.  प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज प्रभु श्रीराम से क्षमा याचना भी करता हूं. हमारे पुरुषार्थ, त्याग और तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी कि हम इतनी सदियों तक ये कार्य कर नहीं पाए. आज वो कमी पूरी हुई है. मुझे विश्वास है कि प्रभु राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे।

3- पीएम मोदी ने कहा कि भारत के संविधान की पहली प्रति में भगवान राम विराजमान हैं. संविधान के अस्तित्व में आने के बाद भी दशकों तक प्रभु श्रीराम के अस्तित्व को लेकर कानूनी लड़ाई चली. मैं आभार व्यक्त करूंगा भारत की न्यायपालिका का, जिसने न्याय की लाज रख ली. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज गांव-गांव में एक साथ कीर्तन, संकीर्तन हो रहे हैं. आज मंदिरों में उत्सव हो रहे हैं, स्वच्छता अभियान चलाए जा रहे हैं, पूरा देश आज दीपावली मना रहा है.आज शाम घर-घर राम ज्योति प्रज्वलित करने की तैयारी है।

4- पीएम मोदी ने कहा कि अपने 11 दिन के व्रत-अनुष्ठान के दौरान मैंने उन स्थानों का चरणस्पर्श करने का प्रयास किया, जहां प्रभु राम के चरण पड़े थे. मेरा सौभाग्य है कि इसी पुनीत पवित्र भाव के साथ मुझे सागर से सरयू तक की यात्रा का अवसर मिला. रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले पीएम मोदी ने अन्न का त्याग कर 11 दिनों का उपवास किया.  ऐसा तपस्वी राष्ट्रीय नेता भारत को मिलना सामान्य बात नहीं है।

5- प्रभु राम तो भारत की आत्मा के कण-कण से जुड़े हुए हैं. राम भारतवासियों के अंतर्मन में विराजे हुए हैं. हम भारत में कहीं भी किसी की अंतरात्मा को छुएंगे तो इस एकत्व की अनुभूति होगी और यही भाव सब जगह मिलेगा. हर युग में लोगों ने राम को जिया है. हर युग में लोगों ने अपने-अपने शब्दों में, अपनी-अपनी तरह से राम को अभिव्यक्त किया है. ये रामरस जीवन प्रवाह की तरह निरंतर बहता रहता है।

6- आज हमारे राम आ गए हैं. सदियों की प्रतीक्षा के बाद हमारे राम आ गए हैं. सदियों के अभूतपूर्व धैर्य, अनगिनत बलिदान, त्याग और तपस्या के बाद हमारे प्रभु राम आ गए हैं.प्राचीनकाल से भारत के हर कोने के लोग रामरस का आचमन करते रहे हैं. राम कथा असीम है और रामायण भी अनंत है. राम के आदर्श, मूल्य और शिक्षाएं सब जगह एक समान है. आज इस ऐतिहासिक समय में देश उन व्यक्तित्वों को भी याद कर रहा है, जिनके कार्य और समर्पण की वजह से आज हम ये शुभ दिन देख रहे  हैं. राम के इस काम में कितने ही लोगों ने त्याग और तपस्या की पराकाष्ठा करके दिखाई है. उन अनगिनत रामभक्तों के, उन अनगिनत कारसेवकों के और उन अनगिनत संत-महात्माओं के हम सब ऋणी हैं. आज का ये अवसर उत्सव का क्षण तो है ही, लेकिन इसके साथ ही ये क्षण भारतीय समाज की परिपक्वता के बोध का भी क्षण है।

7- हमारे लिए ये अवसर सिर्फ विजय का नहीं, बल्कि विनय का भी है. मैं आज प्रभु श्रीराम से क्षमा याचना भी करता हूं. हमारे पुरुषार्थ, त्याग और तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी कि हम इतनी सदियों तक ये कार्य कर नहीं पाए. आज वो कमी पूरी हुई है. मुझे विश्वास है कि प्रभु श्रीराम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे.  वो भी एक समय था जब कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी. ऐसे लोग भारत के सामाजिक भाव की पवित्रता को नहीं जान पाए।

8- रामलला के इस मंदिर का निर्माण भारतीय समाज के शांति, धैर्य, आपसी सद्भाव और समन्वय का भी प्रतीक है. ये निर्माण किसी आग को नहीं बल्कि ऊर्जा को जन्म दे रहा है. मैं आज उन लोगों से आह्वान करूंगा, आइए आप महसूस कीजिये अपनी सोच पर पुनर्विचार कीजिए. राम आग नहीं है, राम ऊर्जा है. राम विवाद नहीं, राम समाधान है. राम सिर्फ हमारे नहीं, राम तो सबके हैं।

9- हमें आज से, इस पवित्र समय से अगले 1 हजार साल के भारत की नींव रखनी है. मंदिर निर्माण से आगे बढ़कर हम सभी देशवासी इस पल से समर्थ, सक्षम, भव्य, दिव्य भारत के निर्माण की सौगंध लेते हैं. आज मैं पूरे पवित्र मन से महसूस कर रहा हूं कि कालचक्र बदल रहा है. ये सुखद संयोग है कि हमारी पीढ़ी को एक कालजयी पथ के शिल्पकार के रूप में चुना गया है. हजार वर्ष बाद की पीढ़ी राष्ट्रनिर्माण के हमारे आज के कार्यों को याद करेगी।

10- इसलिए मैं कहता हूं – यही समय है, सही समय है. ये भव्य राम मंदिर साक्षी बनेगा- भारत के उत्कर्ष का, भारत के उदय का. ये भव्य राम मंदिर साक्षी बनेगा- भव्य भारत के अभ्युदय का, विकसित भारत का।

70 फीसदी सस्ती होने वाली है फ्लाइट की टिकट, इतने रुपये में कर सकेंगे रामलला के दर्शन

आज से ठीक दस दिन बाद अगर आप अयोध्या जाना चाहते हैं तो आपको सिर्फ 3000 से चार हजार रुपये में फ्लाइट का टिकट मिल जाएगा।

अयोध्या के राम मंदिर में सोमवार को रामलला विराजमान हो गए. प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब मंगलवार (23 जनवरी) से आम लोग भी भगवान राम के दर्शन कर सकेंगे. अगर आप अयोध्या से दूर किसी शहर में हैं और रामलला के दर्शन करना चाहते हैं तो चिंता की कोई बाद नहीं क्योंकि अब आप बेहद कम रुपयों में फ्लाइट से रामलला के दर्शन करने के लिए अयोध्या धाम पहुंच सकेंगे. 10 दिन बाद अयोध्या के लिए फ्लाइट की बुकिंग कराने पर आपको मौजूदा कीमत से 70 फीसदी कम दाम में फ्लाइट का टिकट मिल जाएगा।

इसके साथ ही अयोध्‍या पहुंचने के बाद आपको न ही एयरपोर्ट पर कोई परेशानी होगी और ना ही रामलला के दर्शन करके में देरी. बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा के चलते अयोध्या जाने वाली सभी फ्लाइट की टिकट कई गुना महंगी मिल रही है. मंगलवार यानी 23 जनवरी की बात करें तो इस दिन अयोध्‍या जाने वाली ज्‍यादातर फ्लाइट का किराया 10-15 हजार रुपये के बीच है।

10 दिन बाद इतने रुपये में मिलेगा फ्लाइट का टिकट

बता दें कि आज से ठीक दस दिन बाद अगर आप अयोध्या जाना चाहते हैं तो आपको सिर्फ 3000 से चार हजार रुपये में फ्लाइट का टिकट मिल जाएगा. अगर आप 3 फरवरी को दिल्ली से अयोध्या जाना चाहते हैं तो आपको सिर्फ 3522 रुपये से लेकर 4408 रुपये के बीच में फ्लाइट की टिकट मिल जाएंगी. वहीं अगर आप उसके अगले दिन यानी 4 फरवरी को अयोध्या से वापस आते हैं तो आपको स्‍पाइस जेट एयरलाइंस का टिकट केवल 3022 रुपये में मिल जाएगा।

वहीं, इंडिगो और एयर इंडिया एक्‍सप्रेस की टिकट इससे थोड़ी सी महंगी मिलेंगी. बता दें कि जाने का कम समय होने पर फ्लाइट का टिकट महंगा हो जाता है लेकिन अगर आप एडवांस यानी पहले टिकट बुक कराते हैं तो आपको सस्ते में फ्लाइट का टिकट मिल जाता है. बता दें कि फिलहाल दिल्ली से अयोध्या के लिए एयर इंडिया एक्‍सप्रेस, इंडिगो और स्‍पाइस जेट एयरलाइंस से आप सफर कर सकते हैं. वहीं आने वाले दिनों में अन्य एयरलाइंस भी दिल्ली के अलावा देश के अन्य शहरों से उड़ानों का संचालन करेंगीं।

राम मंदिर इनॉग्रेशन पर रणबीर कपूर को आई बेटी राहा की याद, एक्टर ने कही ये प्यारी बात

रणबीर कपूर और आलिया भट्ट हाल ही में अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के उद्घाटन में शामिल हुए जहां रणबीर ने अपनी बेटी राहा के बारे में बात की।

आज 22 जनवरी को रणबीर कपूर और आलिया भट्ट उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हुए. एक इंटरव्यू में, रणबीर ने कहा कि वह समारोह में उपस्थित होकर बेहद भाग्यशाली और गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा, मैं यहां आकर बेहद भाग्यशाली और गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. इसी दौरान एनिमल अभिनेता ने कहा कि उनकी इच्छा है कि वह अपनी बेटी राहा को समारोह में ला सकते. एक्टर ने कहा ‘काश मैं अपनी बेटी राहा को इस ऐतिहासिक पल का एक्सपीरियंस करा पाता।’

रणबीर कपूर ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह में राहा किया याद

समारोह में शामिल होने के लिए आलिया भट्ट और रणबीर कपूर 22 जनवरी को मुंबई से अयोध्या पहुंचे.यह जोड़ा अपने पारंपरिक परिधानों में बहुत सुंदर लग रहा था.एक प्रशंसक ने एक्स पर नोट किया कि उसकी साड़ी में रूपांकनों के माध्यम से बताई गई संपूर्ण रामायण शामिल है.उपयोगकर्ता ने “हनुमान जी, राम सेतु और भगवान राम” के चित्रण की ओर इशारा करते हुए लिखा, आलिया भट्ट ने एक साड़ी पहनी हुई है जिस पर रूपांकनों के माध्यम से संपूर्ण रामायण को दर्शाया गया है।

प्राण प्रतिष्ठा में आलिया भट्ट ने रामायण वाली साड़ी पहनी

एक अन्य यूजर ने लिखा, आलिया भट्ट ने ऐसी साड़ी पहनी है जिस पर रामायण दर्शाया गया है? वाह यह खूबसूरत है. एक्ट्रेस ने अपने ट्रेडिशनल लुक को ईयररिंग्स और ब्लू पोटली बैग के साथ कंप्लीट किया.आलिया और रणबीर के साथ विक्की कौशल, कैटरीना कैफ, माधुरी दीक्षित, डॉ. श्रीराम नेने, रोहित शेट्टी, आयुष्मान खुराना और फिल्म निर्माता राजकुमार हिरानी सहित कई अन्य बॉलीवुड हस्तियां शामिल हुईं।

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बारे में अधिक जानकारी

प्राण प्रतिष्ठा समारोह अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के अंदर भगवान राम के युवा अवतार, राम लल्ला की मूर्ति के पवित्रीकरण को दर्शाता है.उद्घाटन समारोह दोपहर करीब 12:30 बजे शुरू हुआ और भारतीय समयानुसार दोपहर 1 बजे समाप्त हुआ.इस समारोह में कई बड़ी फिल्मी हस्तियां, उद्योगपति और राजनेता शामिल हुए.टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, प्राण प्रतिष्ठा में मंत्रों और वेदों का जाप करने वाले कई अनुष्ठान शामिल हैं.इसमें शोभा यात्रा, अधिवास, अनुष्ठान स्नान और आंखें खोलना शामिल है।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए ‘ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन’ के मुख्य इमाम डॉ. उमर इलियासी

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए ‘ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन’ के चीफ डॉ. उमर इलियासी ने कहा कि, ये बदलते भारत की तस्वीर है।मैं यहां मोहब्बत का पैगाम लेकर आया हूं। जहां तक पहुंचे।

अयोध्या के भव्य राम मंदिर में भगवान रामलला की सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा की गई. इसी के साथ राम भक्तों का 500 साल से चला आ रहा राम मंदिर निर्माण का सपना आज पूरा हो गया. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में देश-दुनिया के हजारों मेहमान शामिल होने के लिए पहुंचे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आरएसएस चीफ मोहन भागवत के अलावा 4000 से ज्यादा साधु संत भी मर्यादा पुरुषोत्तम की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए. भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने हजारों को लोगों निमंत्रण दिया था।

इन्हीं में से एक थे ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के चीफ डॉ. इमाम उमर अहमद इलियासी. इलियासी ने भी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का न्योता स्वीकार किया और अमन का पैगाम लेकर अयोध्या की रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए. प्राण प्रतिष्ठा के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान ‘ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन’ के चीफ ने कहा कि ये बदलते भारत की तस्वीर है।

“आज का भारत नवीन भारत, आज का भारत उत्तम भारत”

‘ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन’ के चीफ डॉ. उमर इलियासी ने कहा कि, ये बदलते भारत की तस्वीर है. मैं यहां मोहब्बत का पैगाम लेकर आया हूं. जहां तक पहुंचे. उन्होंने कहा कि, मेरे साथ स्वामी जी हैं. इसी का नाम भारत है. हमारी इबादत करने के तरीके जरूर अलग हो सकते हैं. पूजा पद्धति जरूर अलग हो सकती है. हमारी आस्थाएं जरूर अलग हो सकती हैं. लेकिन हमारा जो सबसे बड़ा धर्म है वो इंसान और इंसानियत का है।

उन्होंने कहा कि आओ हम सब मिलकर इंसानियत को बरकरार रखें. डॉ. इलियासी ने कहा कि हम सब भारतीय हैं. हम सबको चाहिए कि हम अपने भारत को मजबूत करें. हमारे लिए राष्ट्र सर्वोपर है. आज का संदेश नरफरत को खत्म करने के लिए है. हम सबको मिलकर भारत को मजबूत करना है, भारतीयता को मजबूत करना है. राष्ट्र सर्वोपरि के पैगाम को लेकर आगे लेकर जाना है।

प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद सीएम योगी बोले- ‘मंदिर वहीं बना जहां संकल्प लिया था’

अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिर परिसर में मौजूद लोगों को संबोधित किया। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की स्थापना भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का आध्यात्मिक अनुष्ठान है,

अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिर परिसर में मौजूद लोगों को संबोधित किया. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की स्थापना भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का आध्यात्मिक अनुष्ठान है, यह ‘राष्ट्र मंदिर’ है. निःसंदेह! श्री रामलला विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा राष्ट्रीय गौरव का ऐतिहासिक अवसर है. सीएम योगी ने मंदिर परिसर और देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि मंदिर वहीं बना जहां संकल्प लिया था।