भारत पर्व-त्‍योहारों का देश है. इसमें से कुछ त्‍योहार तो ऐसे हैं, जिनका लोग कई दिन पहले से इंतजार करते हैं. छठ पूजा भी ऐसा ही पर्व है. छठ पर्व मुख्‍य तौर पर बिहार का त्‍योहार है लेकिन उत्‍तर प्रदेश के कुछ हिस्‍से में भी छठ पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. छठ पर्व दिवाली के बाद पड़ता है. कार्तिक मास की अमावस्‍या को दिवाली मनाई जाती है और इसके बाद 6 दिन बाद यानी कि कार्तिक मास के शुक्‍ल पक्ष की षष्‍ठी तिथि को छठ मनाई जाती है. साल 2023 में दिवाली 12 नवंबर को मनाई जाएगी, वहीं छठ पूजा पर्व 17 नवंबर से शुरू होगा और 20 नवंबर को समाप्‍त होगा।

4 दिवसीय छठ पर्व

नहाय खाय: छठ पूजा पर्व की शुरुआत 17 नंवबर 2023, शुक्रवार से होगी. इस दिन नहाय खाय होगा. नहाय खाय के दिन व्रती स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करती हैं. इसके बाद विधि विधान से पूजा करके सात्विक भोजन करती हैं. इस दिन भोजन में लौकी की सब्जी खाना अनिवार्य होता है।

खरना: 18 नंवबर 2023, शनिवार को खरना होगा. छठ पूजा के दूसरे दिन खरना में व्रती गंगाजल मिले पानी से स्‍नान करती हैं और फिर पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं. इसके बाद रात में छठ मैया की पूजा करके खीर-पूड़ी का प्रसाद खाया जाता है. इसके बाद व्रती 36 घंटे तक फिर से निर्जला उपवास करते हैं. खरना की रात को ही छठ पूजा का प्रसाद बनाया जाता है।

डूबते सूर्य को अर्घ्‍य: छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्‍य दिया जाता है. इस साल संध्‍या अर्घ्‍य रविवार, 19 नंवबर 2023 को दिया जाएगा।

उगते सूर्य को अर्घ्‍य: छठ पूजा के चौथे और आखिरी दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्‍य दिया जाता है. इस बार 20 नंवबर 2023, सोमवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्‍य दिया जाएगा।

छठ पूजा का शुभ मुहूर्त

19 नवंबर, 2023 सूर्यास्त का समय: शाम 5 बजकर 26 मिनट

20 नवंबर, 2023 सूर्योदय का समय: सुबह 06 बजकर 47 मिनट पर

छठ पूजा का महत्व

छठ पूजा में छठी माता की पूजा-उपासना की जाती है और भगवान सूर्य को अर्घ्‍य दिया जाता है. छठ व्रत संतान के लिए रखा जाता है. यह व्रत बेहद कठिन होता है, इसमें निर्जला उपवास रखना होता है. मान्‍यता है कि छठ पूजा और व्रत करने से संतान सुख मिलता है. साथ ही बच्चे को बेहतर स्वास्थ मिलता है, वह जीवन में सफलता, ऐश्‍वर्य पाता है।


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