रांचीः झारखंड में ईडी और सीएम को लेकर हलचल तेज हो गई है. मंगलवार की दोपहर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का विशेष दूत ईडी दफ्तर पहुंचा उसके हाथ में एक बंद लिफाफा था जिसे उसने ईडी अधिकारियों को सौंप दिया. पूछने पर कर्मचारी ने सिर्फ इतना बताया कि वह सीएमओ से आया है।

सीएम का जवाब बन्द लिफाफे में

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपना जवाब ईडी को भेज दिया है. एक सील बंद लिफाफे में सीएम हेमंत ने ईडी को अपना जबाब भेजा है. जबाब में क्या लिखा गया है यह अभी रहस्य बना हुआ है. माना जा रहा है कि सीएम हेमंत ने अपने जवाब में अपने बयान दर्ज करने को लेकर कुछ बातें लिखी हैं।

सीएम का दर्ज होना था बयान

ईडी के छह समन के बाद भी ईडी दफ्तर नहीं पहुचने वाले सीएम हेमंत को ईडी के द्वारा जमीन घोटाले मामले में बयान दर्ज करने के लिए 31 दिसंबर का समय ईडी ने एक निश्चित स्थान तय करने के लिए दिया था. लेकिन सीएम ने ईडी के सातवें समन को भी अनुसना कर दिया था. ऐसे में यह तय माना जा रहा था कि जनवरी में ईडी सीएम हेमंत को लेकर कोई न कोई बड़ा निर्णय जरूर ले लेगी. लेकिन मंगलवार को सीएम ने पत्र भेजकर मामले को और उलझा दिया है. चुकी ईडी ने सीएम हेमंत को पूछताछ का आखिरी मौका दिया था।

गौरतलब है कि ईडी के द्वारा जारी किए गए पत्र में यह लिखा गया था कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बड़गाई जमीन घोटाले मामले में पूछताछ बेहद जरूरी है. इस मामले की तफ्तीश को आगे बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री का बयान दर्ज करना बेहद आवश्यक है. बयान दर्ज नहीं होने की वजह से जांच प्रभावित हो रही है. ऐसे में मुख्यमंत्री को यह आखिरी मौका दिया जाता है कि वह कोई ऐसी जगह तय करें जो ईडी और उनके दोनों के लिए ही उपयुक्त हो. वहीं, पर मुख्यमंत्री का बयान दर्ज किया जाएगा।


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