भागलपुर: महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान ‘ठाकुर का कुआं’ कविता पाठ करने वाले आरजेडी सांसद मनोज झापर पूर्व सांसद आनंद मोहन समेत राजपूत बिरादरी के कई नेता हमलावर हैं. हालांकि आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव अपने सांसद के पक्ष में खड़े दिखते हैं. इस बीच कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने भी आरजेडी सांसद का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि राज्यसभा में सांसद ने कविता की पंक्ति दोहरायी है, अब उस पर बेवजह का हंगामा खड़ा किया जा रहा है।

कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने ‘ठाकुर बनाम ब्राह्मण’ विवाद को लेकर पूर्व सांसद आनंद मोहन को जमकर लताड़ लगाई है उन्होंने कहा कि आनंद मोहन बेवजह की बात कर रहे हैं, क्योंकि ठाकुर कोई जाति नहीं है. उन्होंने कहा कि लोगों को अपनी जाति के इतिहास की जानकारी भी नहीं होती है और सियासी फायदे के लिए हंगामा खड़ा करने में जुट जाते हैं।

इस दौरान अजीत शर्मा ने कहा कि ठाकुर वास्तव में कोई जाति नहीं है. उन्होंने कहा कि असल में अंग्रेजों के शासनकाल में जमींदारी व्यवस्था के अंतर्गत यह शब्द विकसित हुआ था. इसका किसी जाति से संबंध नहीं था. कालांतर में जमींदारी माइंडसेट वाले लोग खुद को ठाकुर कहलाना पसंद करने लगे. उन्होंने रवींद्रनाथ ठाकुर और उनके पिता का भी उदाहरण दिया. बंगाली ब्राह्मण होने के बावजूद वह नाम में ठाकुर लगाते थे।