उत्तर प्रदेश में बदमाशों के खिलाफ एसटीएफ का एक्शन लगातार जारी है। अयोध्या में चलती ट्रेन में महिला सिपाही से बर्बरता करने के आरोपी को एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया है। आरोपी अनीश है, जिसके दो साथियों को भी गोली लगी है। वे पुलिस ने दबोच लिए हैं। वहीं, फायरिंग में एक दरोगा और दो सिपाही भी घायल हुए हैं। अनीश ने अयोध्या के पूराकलंदर के छतरिवा पारा कैल रोड पर पुलिस पर गोलियां दागीं। जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया।

इससे पहले पुलिस की इनायतनगर इलाके में भी बदमाशों से मुठभेड़ हुई थी। यहां दो बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग की, लेकिन दोनों पुलिस की गोली से घायल हो गए। जिसके बाद विशंभर दयाल और दूसरे आरोपी को पुलिस ने गिरफ्त में लेकर अस्पताल में दाखिल करवाया। शुक्रवार अलसुबह एसटीएफ को सूचना मिली थी कि आरोपी इनायतनगर में छिपे हैं। जिसके बाद घेराबंदी की गई तो आरोपी अनीश, विशंभर व आजाद ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी फायरिंग में विशंभर और आजाद को गोली लग गई। जबकि मौके से अनीश फरार हो गया।

पुलिस ने 40 किलोमीटर तक किया आरोपी का पीछा

पुलिस ने लगभग उसका 40 किलोमीटर पीछा किया और पूराकलंदर इलाके में घेर लिया। यहां उसको सरेंडर का मौका भी दिया गया, लेकिन आरोपी फायरिंग करने लगा। दोनों तरफा गोलियां चलने के कारण वह घायल हो गया। जिसके बाद पुलिस उसको लेकर जिला अस्पताल आई। यहां आरोपी का डॉक्टरों ने इलाज किया, लेकिन बाद में उसकी मौत हो गई। मुठभेड़ में थानाध्यक्ष पूराकलंदर रतन शर्मा के हाथ पर गोली लगी है। साथ में घायल दो सिपाहियों का इलाज भी जिला अस्पताल में करवाया जा रहा है।

एसटीएफ की ओर से बताया गया है कि तीनों आरोपी चलती ट्रेनों में चोरी करते थे। 30 अगस्त की रात को सरयू एक्सप्रेस में इसी इरादे से चढ़े थे। लेकिन अयोध्या से पहले ट्रेन की बोगी में कम ही लोग बच्चे थे। जिसके बाद तीनों ट्रेन में बैठकर अश्लील मूवी देखने लगे थे। सामने उनके महिला कांस्टेबल की सीट थी, जो आरोपियों को देख चौकन्ना हो गई। कांस्टेबल ने सीट चेंज की, लेकिन आरोपी पीछे आ गए। इसके बाद अयोध्या में जैसे ही पूरी ट्रेन खाली हुई, आरोपी महिला के साथ जबरदस्ती करने लगे। विरोध करने पर उनके चेहरे पर धारदार हथियार से वार कर चेहरा खिड़की से दे मारा।

फोन स्विच ऑफ करना अपराधियों को पड़ा भारी

इसके बाद भी महिला कांस्टेबल ने हार नहीं मानी। लेकिन आरोपियों की पिटाई से वह बेहोश हो गई। जिसके बाद जमीन पर गिरी तो आरोपियों ने कपड़े उतार दिए। बाद में मनकापुर स्टेशन के पास आरोपी महिला कांस्टेबल को सीट के नीचे धकेल भाग गए थे। आरोपियों ने अपने नंबर भी बंद कर लिए थे। जो उन तक पहुंचने का आधार बने। इसके बाद पुलिस ने स्कैच बनवाए थे। पुलिस को पता लगा कि एक साथ 3 नंबर बंद हुए हैं। जिसके बाद पुलिस आसानी से आरोपियों तक पहुंच गई।

आपको बता दें कि कांस्टेबल प्रयागराज के भदरी गांव की हैं, जिनका नाम सुमित्रा है। वे 30 अगस्त को घर से ड्यूटी के लिए निकली थीं। वे 2 भाइयों और 4 बहनों में दूसरे नंबर पर हैं। 1998 में पुलिस में स्पोर्ट्स कोटे से 18 साल की ऐज में भर्ती हुई थीं। फिलहाल सुल्तानपुर में तैनात सुमित्रा शुरुआत में ही प्रमोट हो गई थीं। लेकिन कुछ दिन पहले उनकी ड्यूटी अयोध्या के सावन झूला मेले में लगी थी।

30 अगस्त को ड्यूटी के लिए रवाना हुई थीं कांस्टेबल

30 अगस्त की शाम वे साढ़े 6 बजे फाफामऊ स्टेशन से सरयू एक्सप्रेस में जनरल डिब्बे में रवाना हुई थीं। यहां से ट्रेन प्रतापगढ़, सुल्तानपुर होते हुए अयोध्या कैंट पहुंची थी। यहां से कांस्टेबल को उतरना था। क्योंकि उनको हनुमानगढ़ी रवाना होना था, लेकिन वे नहीं उतरीं। ट्रेन 12 बजे अयोध्या पहुंचकर सिर्फ 2 मिनट के लिए रुकी थी। बोगी खाली हो गई, लेकिन सुमित्रा बैठी रहीं। इसके बाद ट्रेन यहां से चलकर लगभग 12 बजकर 50 मिनट पर मनकापुर पहुंच गई थी।

यहां 2 घंटे रुकने के बाद गाड़ी का इंजन चेंज किया गया। जिसके बाद ट्रेन 3 बजकर 5 मिनट पर दोबारा मनकापुर से अयोध्या रवाना हुई थी, जहां जीआरपी के सिपाहियों की नजर सुमित्रा पर पड़ी थी। तड़पती सुमित्रा का सिपाहियों ने रिकॉर्ड के लिए पहले वीडियो बनाया था, बाद में सीनियर अफसरों को सूचना दी। सुमित्रा के चेहरे पर गंभीर कट मिले थे, वर्दी पूरी तरह खून से लथपथ थी। जिसके बाद इलाज के लिए रेफर किया गया था।


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