पटनाः इंटरमीडिएट परीक्षा के बाद बच्चों के मन में आगे की उच्च शिक्षा को लेकर कई सवाल हैं. सामान्य पाठ्यक्रम से स्नातक करने के लिए बिहार में पटना यूनिवर्सिटी पहली पसंद है. आगामी शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए इस बार पटना विश्वविद्यालय एंट्रेंस टेस्ट के आधार पर नामांकन लेने की तैयारी में है।

कंबाइंड एंट्रेंस टेस्ट होगा: प्रोफेसर अनिल कुमार ने बताया कि पिछले सत्र में ही प्रावधान किया गया था कि अगले सत्र से कंबाइंड एंट्रेंस टेस्ट होगा. इसके माध्यम से प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय में स्नातक कोर्सेज में दाखिला लिए जाएंगे. पटना विश्वविद्यालय का कहना है कि कुलाधिपति कार्यालय से एक डायरेक्शन लिया जाए. पिछली बार कुलाधिपति कार्यालय से मार्क्स के आधार पर नामांकन लेने का निर्देश मिला था।

“इंटरमीडिएट परीक्षा के रिजल्ट आएंगे. बिहार बोर्ड और सीबीएसई के रिजल्ट आने के बाद नामांकन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इस बार पटना विश्वविद्यालय के एंट्रेंस टेस्ट के माध्यम से बच्चों का दाखिला लेने की योजना है. राजभवन से अनुमति मिलने के बाद इसकी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. अगर अनुमति नहीं मिलती है तो मैरिट के आधार पर ही नामांकन किया जाएगा.” -प्रो. अनिल कुमार, डीन, पटना विवि

4 वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम कब शुरू होगा? दूसरी ओर नई शिक्षा नीति के तहत 4 वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम को लेकर विश्वविद्यालय स्तर पर कोई तैयारी नहीं है. प्रोफेसर ने बताया कि 4 वर्षीय बीएड कोर्स शुरू करने का सरकार का निर्णय होगा तो विश्वविद्यालय में शुरू कर दिया जाएगा. प्रोफेसर अनिल कुमार ने बताया कि पटना विश्वविद्यालय में पहले एंट्रेंस टेस्ट के आधार पर दाखिला होते थे. कुलाधिपति कार्यालय से पटना विश्वविद्यालय के एंट्रेंस टेस्ट के आयोजन को लेकर अनुमति लिया जाएगा।

ऑनलाइन होगा आवेदनः प्रोफेसर अनिल कुमार ने बताया कि चाहे मार्क्स के आधार पर दाखिला हो या एंट्रेंस टेस्ट के आधार पर दाखिला हो सभी प्रक्रिया ऑनलाइन रहेगी. ऑनलाइन ही बच्चों को कॉलेज और फैकल्टी अलॉट होगा. सभी प्रक्रिया पारदर्शी होगी. पटना विश्वविद्यालय के एंट्रेंस टेस्ट के आधार पर पांच कॉलेजों में दाखिला होता है।

इन कोर्सों में होगा आवेदनः बैचलर में सामान्य कोर्सेज 32 प्रकार के हैं. साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स और कुछ वोकेशनल कोर्सेज है. विश्वविद्यालय में अंडरग्रेजुएट कोर्स के लिए 4531 सीटें हैं. इसमें मगध महिला कॉलेज में सर्वाधिक 1136, बीएन कॉलेज में 1130, पटना कॉलेज में 930, साइंस कॉलेज में 750 और कॉमर्स कॉलेज में सबसे कम 585 सीटें हैं।