जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन के नीतीश कैबिनेट से इस्तीफे के बाद राजनीति चरम पर पहुंच गई है। महागठबंधन के दल दावा कर रहे हैं कि मांझी के इस फैसले से सरकार और गठबंधन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। आरजेडी ने भी स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि जीतन राम मांझी का यह फैसला उनके लिए आत्मघाती साबित होगा और भविष्य में उन्हें अपने फैसले के लिए पछताना पड़ेगा।

आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि जीतन राम मांझी का मन डोलता रहता है। समय समय पर वे निर्णय लेते रहते हैं। पूर्णिया में हुई रैली के दौरान ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कह दिया था कि मांझी इधर-उधर न जाएं उनकी सारी मांगें पूरी होंगी लेकिन जीतन राम मांझी अपनी सुविधा के अनुसार पाला बदलते रहते हैं। उन्होंने मांझी को शुभकामनाएं दी कि वे जहां भी जाएं बिहार के हित के लिए काम करते रहें। आरजेडी प्रवक्ता ने कहा है कि जीतन राम मांझी ने आत्मघाती कदम उठाया है और आने वाले दिनों में उन्हें अपने फैसले पर पछतावा होगा।

वहीं संतोष सुमन के इस आरोप पर कि नीतीश उनकी पार्टी का विलय कराने के दबाव बना रहे थे, इसपर आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि जीतन राम मांझी पहले तो जेडीयू में ही थे और नीतीश कुमार ने ही मांझी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया था। मुख्यमंत्री ने खुले मंच से जीतन राम मांझी के सभी मांगों को पूरा करने का भरोसा दिलाया था। संतोष मांझी आरजेडी कोटे से ही एमएलसी बने थे। मांझी के इस फैसले से महागठबंधन की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। 2024 में महागठबंधन बिहार में सभी 40 सीटों पर जीत दर्ज करेगी और 2025 में भी बिहार में महागठबंधन की सरकार बनेगी।


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