नीतीश ने उठया अच्छा कदम , बिहार पुलिसकर्मियों को शहीद होने पर मिलेगा 25 लाख का मुआवजा

बिहार पुलिस में काम कर रहे कर्मियों के लिए एक अच्छी खबर है . हालांकि ये खबर मुआवजा से जुड़ा है जिसमे बिहार में किसी भी सिपाही के शहीद होने पर उसके परिजनों को 25 लाख रुपए तक का मुआवजा दिया जाएगा. नीतीश सरकार ने पुलिसकर्मियों के लिए यह बड़ा फैसला लिया है. बता दें कि इससे पहले मुआवजे की राशि केवल 2 लाख रुपये थी. लेकिन बिहार सरकार इसको बढ़ा कर 25 लाख कर दिया है. जिससे संबंधित आदेश बिहार सरकार द्वारा जारी कर दिया गया है।

बता दें कि इसकी जानकारी सहायक पुलिस महानिरीक्षक कल्याण विशाल शर्मा ने मीडिया कर्मियों को दी . विशाल शर्मा ने बताया कि बिहार के पुलिसकर्मियों को कार्य के दौरान उनके जीवन की क्षति होने पर परिजनों को 25 लाख रुपए मुआवजे के तौर पर दिया जाएगा . साथ ही कहा कि यह राशि पुलिस परिवार की तरफ से हर साल दिये जाने वाले अंशदान का हिस्सा होगा . पुलिस महानिदेशक आरएस भट्टी की अध्यक्षता में प्रशासी समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया है।

साथ ही बता दें कि पुलिसकर्मियों द्वारा आत्महत्या करने की स्थिति में यह राशि नहीं दिया जायेगा . साथ ही भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के साथ ही बिहार पुलिस सेवा के अधिकारियों को भी इस तरह का लाभ मिलेगा . बता दें कि पुलिस मुख्यालय की इस पहल से करीब 1 लाख 20 हजार पुलिसकर्मियों को लाभ से जोड़ा गया है. वहीं बता दें कि बिहार पुलिस मुख्यालय इसकी शुरुआत समस्तीपुर में शहीद हुए नंदकिशोर यादव से की है. समस्तीपुर के मोहनपुर ओपी प्रभारी नंदकिशोर यादव पशु तस्करों के हमले में शहीद हो गए थे . सरकार की तरफ से ये राशि उनके आश्रितों को दी जाएगी और इस राशि का भुगतान किया जाएगा . बता दें कि अगले महीने यह राशि नंदकिशोर यादव की पत्नी को दी जाएगी . बिहार के पुलिसकर्मियों के हित में उठाया गया या बेहद कारगर और सार्थक कदम माना जा रहा है क्योंकि अब तक पुलिसकर्मियों के शहीद होने के बाद उनके परिजनों को बड़ी राशि नहीं मिल पाती थी।

राखी के खर्च का भाई ने निकाला तगड़ा जुगाड़, लोगों ने कहा- ‘कितना खतरनाक भाई है’

रक्षाबंधन भाई-बहन का सबसे पवित्र और प्यारा त्योहार होत है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और भाई अपनी बहन की रक्षा करने का उससे वादा करता है। मगर इसके साथ ही भाई को अपनी बहन को कुछ ना कुछ गिफ्ट भी देना पड़ता है। राखी का त्योहार वैसे तो बहुत ही प्यारा त्योहार है मगर इस दिन भाइयों कीजेब ढीली हो जाती है। मगर अब भाइयों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। एक बंदे ने इसका इतना तगड़ा जुगाड़ ढूंढ निकाला है कि वो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

ये रहा वो तगड़ा जुगाड़

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट काफी वायरल हो रहा है। इस पोस्ट में राखी का पूरा हिसाब लिखा हुआ है।

बुआ की बेटी को 11 रुपए।

पड़ोस की बेटी को 10 रुपए वाला डेरी मिल्क।
स्कूल की बहन को 21 रुपए।
ट्यूशन की बहन को 11 रुपए और 5 वाला डेरी मिल्क।
अगर और बहनें आ गईं तो 5 वालें 4 पर्क।
अपनी सगी बहन को 1 रुपए वाले 2 एक्लेयर्स टॉफी।

इस बंदे ने अपना पूरा खर्चा 80 रुपए में ही निपटा लिया। इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा है।

लोगों ने कुछ ऐसी दी अपनी प्रतक्रिया

इस जुगाड़ को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर @indian.official.memes नाम के पेज ने शेयर किया है। इतने तगड़े जुगाड़ को देखने के बाद लोग इसे काफी शेयर भी कर रहे हैं। इस खबर के लिखे जाने तक पोस्ट को 2000 से अधिक लोगों ने लाइक किया है। लोगों ने कमेंट करते हुए अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं। एक यूजर ने लिखा कि- ये आदमी अपनी बहन को बस 1 रुपए वाला 2 चॉकलेट दे रहा है। एक अन्य यूजर ने लिखा- वाह भाई, क्या आईडिया दिया है। एक दूसरे बंदे ने लिखा- तुम बहुत खतरनाक आदमी हो। आपको यह आईडिया कैसा लगा, हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

शरद पवार बोले- ना कोई फूट, ना कोई विवाद, अजित पवार हमारे ही नेता

महाराष्ट्र की सियासत में मॉनसून दोबारा लौटता नजर आ रहा है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि एनसीपी सुप्रीमो के एक बड़े बयान ने पूरी राजनीति की हवाओं का रूख बदल दिया है। शरद पवार ने बयान दिया है कि अजित पवार हमारे ही नेता हैं, इसमें कोई विवाद नहीं है। इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि एनसीपी में कोई  फूट नहीं हुई है। अगर किसी नेता ने अलग भूमिका ली है तो लोकतंत्र में ये उसका अधिकार है।

एनसीपी एकजुट है, अजित हमारे ही नेता”

एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। पवार के इस बयान से एक दिन पहले ही सुप्रिया सुले ने भी कहा था कि एनसीपी एकजुट है और अजित दादा हमारे ही नेता हैं। दरअसल, जब शरद पवार से सवाल किया गया कि भ्रम इस बात का है कि एक तरफ कहा जा रहा है कि एनसीपी में फूट हो गई है। लेकिन कल (सुप्रिया) ताई ने ऐसा ऐलान किया है कि एनसीपी में फूट नहीं पड़ी है और (अजित) दादा हमारे ही नेता हैं।

“कोई विवाद नहीं, ये उनका अधिकार है”

इस सवाल के जवाब में शरद पवार ने कहा, “हैं ही… इसमें कोई विवाद नहीं है। फूट पड़ना इसका अर्थ क्या होता है? पार्टी में फूट तब होती है, जब देश स्तर पर पार्टी का एक बड़ा वर्ग अलग हो गया हो। आज ऐसी स्थिती यहां नहीं है। मान लीजिए अगर कुछ लोगों ने पार्टी छोड़ दी या कुछ लोगों ने अलग भूमिका ली तो ये लोकतंत्र में उनका अधिकार है। अगर उन्होंने कोई फैसला लिया है, तो ‘फूट पड़ गई’ ऐसा कहने की कोई वजह नहीं है, ये उनका निर्णय है।

पंकज त्रिपाठी और कृति सेनन का रिएक्शन कर देगा इमोशनल, ‘मिमि’ के लिए दोनों को मिला अवॉर्ड

69वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स का ऐलान हो चुका है। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों को भारत में सबसे प्रमुख और प्रतिष्ठित फिल्म पुरस्कार समारोहों में से एक माना जाता है। यह आयोजन हर साल नई दिल्ली में आयोजित किया जाता है। समारोह के दौरान, भारत के राष्ट्रपति पुरस्कार प्रदान करते हैं। 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की 24 अगस्त को नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के घोषणा की गई। 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में आलिया भट्ट और कृति सेनन ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के रूप में अपना पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता। ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ के लिए आलिया तो वहीं ‘मिमि’ के लिए कृति सेनन को अवॉर्ड मिला। फिल्म ‘मिमि’ के लिए ही पंकज त्रिपाठी को भी अवॉर्ड मिला है। कृति और पंकज त्रिपाठी ने इस खास मौके पर इमोशनल कर देने वाली प्रतिक्रिया दी है।

पंकज त्रिपाठी का रिएक्शन

पंकज त्रिपाठी ने भी काफी इमोशनल प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपना ये अवॉर्ड अपने पिता को समर्पित किया है, ‘यह दुर्भाग्य से मेरे लिए किसी अपने को खोने के दुख और शोक का समय है। अगर बाबूजी आसपास होते तो वे मेरे लिए बहुत खुश होते। जब मुझे पहली बार राष्ट्रीय पुरस्कार का मिला, तो उन्हें बहुत गर्व और प्रसन्नता हुई थी। यह राष्ट्रीय पुरस्कार मैं उन्हें और उनके जज्बे को समर्पित करता हूं। मैं आज जो कुछ भी हूं उनकी वजह से हूं। इस समय मेरे पास शब्द नहीं हैं, लेकिन मैं खुश हूं और टीम का आभारी हूं। कृति ने बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड भी जीता है, इसलिए उन्हें बहुत-बहुत बधाई।’

कृति भी हुईं सरप्राइज्ड

कृति सेनन भी अवॉर्ड मिलने के बाद खुश थी और उन्होंने इंडिया टीवी के साथ काफी इमोशनल प्रतिक्रिया साझा की है। कृति ने कहा, ‘वास्तव में मिमी एक बहुत ही खास फिल्म रही है और इसके लिए सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार पाने के लिए जूरी को धन्यवाद देती हूं, जिन्होंने मुझे इस पुरस्कार के योग्य समझा। मैं थोड़ा सरप्राइज हूं। बहुत कुछ दिमाग में चल रहा है, मैं बहुत अभिभूत हूं। मैं बस दिनेश विजन को धन्यवाद देना चाहती हूं, जिन्होंने वास्तव में हमेशा मुझ पर और मेरी क्षमता पर विश्वास किया और पूरे समय मेरा समर्थन किया और मुझे मिमी जैसी विशेष फिल्म दी। मैं जानती हूं कि मैं इसे जीवन भर याद रखूंगी। मेरे निर्देशक लक्ष्मण उतेकर फिल्म की शूटिंग के दौरान मुझसे कहते थे, मिमी अब देखना आपको इस परफॉर्मेंस के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिलेगा। मैं वास्तव में इस पर विश्वास नहीं करती था क्योंकि मैं हमेशा सोचती थी कि यह बहुत बड़ा सपना है और बहुत दूर है। मुझे बस इस बात पर विश्वास नहीं था कि मैं वास्तव में कुछ ऐसा कर सकूंगी।’

पीएम मोदी से चीनी राष्ट्रपति की मुलाकात, जिनपिंग ने आपसी रिश्तों पर कही ये बड़ी बात

ब्रिक्स सम्मेलन जहां नए देशों को साथ जोड़ने के लिए चर्चा में रहा। वहीं इस भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच चर्चा पर भी सभी की नजर रही। पहले ये अटकलें लगाई जा रही थीं कि जिनपिंग और पीएम मोदी की मुलाकात होगी या नहीं? लेकिन मंच पर जब दोनों साथ आए तो पहले संक्षिप्त अभिवादन और मेल मुलाकात हुई। इसके बाद जिनपिंग ने पीएम मोदी से चर्चा की। गिरती अर्थव्यवस्था, अमेरिका से दुश्मनी के बीच बुझे बुझे से लग रहे शी जिनपिंग से पीएम मोदी ने दो टूक कह दिया कि चीन एलएसी का सम्मान करे, तभी हालात सुधरेंगे। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी बातचीत में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस बात पर जोर दिया कि चीन-भारत संबंधों में सुधार आम हितों को पूरा करता है। साथ ही संबंधों में सुधार क्षेत्र और दुनिया की शांति और स्थिरता के लिए अनुकूल है।

सीमावर्ती इलाकों में शांति से ही सुधरेंगे हालात

जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन के मौके पर दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई। इसके बाद चीनी विदेश मंत्रालय और भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बातचीत पर अपना अपना पक्ष रखा।

भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति शी को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ‘अनसुलझे’ मुद्दों पर भारत की चिंताओं से अवगत कराया। भारतीय पक्ष की ओर से इस बात पर जोर देते हुए बात रखी गई कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति स्थापित रखना दोनों देशों के बीचसामान्य स्थिति बरकरार रखने के लिए जरूरी है।

भारत चीन संबंध में सुधार दोनों के साझा हित: चीनी दूतावास

उधर, चीनी रीडआउट में कहा गया है, ’23 अगस्त को राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर वर्तमान चीन-भारत संबंधों और साझा हित के अन्य सवालों पर चर्चा की।इस दौरान आपसी विचारों का आदान प्रदान किया गया।’ इसमें कहा गया, ‘राष्ट्रपति शी ने इस बात पर जोर दिया कि चीन-भारत संबंधों में सुधार दोनों देशों और लोगों के साझा हितों को पूरा करता है। साथ ही यह दुनिया और क्षेत्र की शांति, स्थिरता और विकास के लिए भी अनुकूल है।’ नई दिल्ली में चीनी दूतावास द्वारा जारी बयान में कहा गया कि ‘दोनों पक्षों को अपने द्विपक्षीय संबंधों के समग्र हितों को ध्यान में रखना चाहिए और सीमा मुद्दे को ठीक से संभालना चाहिए ताकि संयुक्त रूप से सीमा क्षेत्र में शांति की रक्षा की जा सके।’

ब्रिक्स नेताओं से भी पीएम मोदी ने की बातचीत

गुरुवार को जोहान्सबर्ग में एक मीडिया ब्रीफिंग में, क्वात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी अपने संबंधित अधिकारियों को सीमा पर शीघ्र तनाव कम करने पर सहमत हुए हैं। क्वात्रा ने कहा कि ‘ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री ने अन्य ब्रिक्स नेताओं के साथ बातचीत की। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बातचीत में, प्रधानमंत्री ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ अनसुलझे मुद्दों पर भारत की चिंताओं पर प्रकाश डाला।’

लैंडर से चांद की सतह पर ऐसे उतरा प्रज्ञान रोवर, ISRO का ये वीडियो जरूर देखें

चंद्रयान-3 के लैंडर से प्रज्ञान रोवर चंद्रमा की सतह पर कैसे उतरा, इसका वीडियो इसरो ने जारी किया है। बता दें कि इसरो के तीसरे मून मिशन चंद्रयान-3 की 23 अगस्त को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग हुई है। लैंडिग के दो दिन बाद इसरो ने ये एतिहासिक वीडियो जारी की है। इस वीडियो में दिख रहा है कि कैस प्रज्ञान रोवर चंद्रयान-3 के लैंडर के अंदर से बाहर आया। इसमें देखा जा सकता है कि लैंडर के रैंप से होते हुए रोवर बेहद हल्की स्पीड से चांद की सतह पर उतरा।

चांद की सतह पर उकेर रहा भारत के निशान

बता दें कि 23 अगस्त को चंद्रयान-3 की लैंडिंग के करीब 2.5 घंटे बाद ही प्रज्ञान रोवर लैंडर से बाहर आ गया था। लेकिन इसरो ने इस वीडियो को दो दिन बाद जारी किया है। इसरो का रोवर चांद पर चहलकदमी कर रहा है और लगातार अहम जानकारी जुटा रहा है। रोवर 23 तारीख से अगले 14 दिन तक चांद की सतह पर घूमकर परीक्षण कर रहा है और डाटा जुटा रहा। बता दें कि प्रज्ञान रोवर जैसे-जैसे चांद की सहत पर आगे बढ़ रहा है, वह अपने पहियों से इसरो और भारत के प्रतीक अशोक स्तंभ के निशान उकेर रहा है।

धूल शांत होने के बाद बाहर निकला रोवर

23 अगस्त को चंद्रयान-3 की लैंडिंग के करीब 2.5 घंटे बाद ही प्रज्ञान रोवर लैंडर से बाहर आ गया था। लेकिन इसरो ने इस वीडियो को दो दिन बाद जारी किया है। विक्रम लैंडर से रोवर को 2.5 घंटे बाद इसलिए निकाला गया था क्योंकि लैंडर के टचडाउन से आस-पास काफी धूल उड़ने लगी थी। जब तक ये धूल शांत नहीं हो जाती, तब तक रोवर को लॉन्च नहीं किया जा सकता है। अगर चांद पर धूल शांत होने के पहले ही रोवर को बाहर निकाला जाता तो इसमें लगे कॉम्पलैक्स कैमरा और बेहद संवेदनशील सेंसर खराब हो सकते थे। चांद की ग्रैविटी पृथ्वी की ग्रैविटी से बेहद कम होती है, लिहाजा वहां धूल शांत होने में घंटों लग जाते हैं।

लद्दाख रैली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी बोले- बीजेपी-आरएसएस देश में नफरत फैला रहे हैं

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लद्दाख में कांग्रेस पार्टी की रैली को संबोधित करते हुए बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश में बीजेपी और आरएसएस  नफरत फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने नफरत के बाजार में मुहब्बत की दुकान खोली है। कांग्रेस देश में मुहब्बत और भाईचारा फैला रही है।

लद्दाख के लोगों को अभी तक उनका हक नहीं मिला

राहुल गांधी ने कहा कि लद्दाख के लोगों को अभी तक उनका हक नहीं मिला है। कांग्रेस पार्टी लद्दाख के लोगों के साथ है और उनका हक दिलाने के लिए प्रयासरत है।

चीन ने हिंदुस्तान की हजारों किमी जमीन छीनी

राहुल गांधी ने कहा कि चीन ने हिंदुस्तान की हजारों किमी की जमीन छीनी है.. हिंदुस्तान के पीएम ने मीटिंग में कहा कि चीन ने एक इंच जमीन नहीं छीनी है। लद्दाख का हर आदमी जानता है कि चीन ने लद्दाख की जमीन हड़प ली है। जब भी हिंदुस्तान को आपकी जरूरत पड़ी है आप हमेशा तैयार रहे। इसके लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं। देश में विभिन्न जाति-धर्म के लोग हैं। हमारे लिए सब बराबर हैं।

चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग के वक्त हुआ 4 बच्चों का जन्म, अब चंद्रयान पर रखा जाएगा सभी का नाम

चंद्रयान के चंद्रमा पर सफलतापूर्वक लैंडिंग के बाद पूरे देश में जश्न का माहौल है। भारत और दुनिया के तमाम लोग इसरो को इस मौके पर बधाई संदेश दे रहे हैं। ऐसे में ओडिशा से भी एक दिल खुश कर देने वाली खबर निकलकर सामने आई है। यहां एक अस्पताल में जन्में बच्चों का नाम चंद्रयान रखने की बात कही जा रही है।

क्या है पूरा मामला?

ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले के अस्पताल में जन्मे कई बच्चों के परिजन उनका नाम चंद्रयान रखने की बात कह रहे हैं। 23 अगस्त की शाम को अस्पताल में 4 बच्चों का जन्म हुआ। इनमें से 3 लड़के और 1 लड़की थी। अब चंद्रयान की सफलता से खुश होकर बच्चों की माता-पिता भी उनका नाम ‘चंद्रयान’ रखना चाहते हैं।

क्या बोले परिजन?

चार शिशुओं में से एक के पिता प्रवत मलिक ने कहा कि चंद्रयान की सफलता और हमारे बच्चों का जन्म, हमारे लिए दोहरी खुशी की बात है। चंद्रयान की सफलता के कुछ मिनट बाद ही हमारे बच्चों का जन्म हुआ। हमने बच्चे का नाम इस चंद्र अभियान पर रखने का फैसला किया है। वहीं, एक अन्य बच्चे की मां रानू ने कहा कि घर के बड़े बुजुर्गों को बच्चे का नाम चंद्रयान के नाम पर रखने का सुझाव दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बच्चे का नाम ‘‘चंद्र’’ या ‘‘लूना’’ भी हो सकता है क्योंकि चंद्रयान का अर्थ चांद के लिए वाहन होता है।

कब रखा जाएगा नाम?

बच्चों के माता-पिता ने बताया कि हमारे यहां बच्चे के जन्म के 21वें दिन पूजा के बाद उसके नामकरण की परंपरा है। हम 21वें दिन पूजा में इस बारे में फैसला करेंगे। केंद्रपाड़ा अस्पताल की मुख्य नर्स अंजना साहू ने कहा कि ये सभी माताएं अपने बच्चों का नाम चंद्रयान पर रखना चाहती हैं।

‘शरीयत से मुसलमान समझौता नहीं करेगा’, जानें UCC पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने और क्या कहा

यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड लगातार अपनी राय रखता आ रहा है। इसी कड़ी में बोर्ड के 11 सदस्यीय डेलिगेशन ने लॉ कमीशन के अध्यक्ष और सदस्यों से मुलाकात की। इस डेलिगेशन में बोर्ड के अध्यक्ष सैफुल्लाह रहमानी के अलावा मुफ्ती मुकर्रम, नबीला जमील और कासिम रसूल इलियास समेत अन्य लोग मौजूद थे। बोर्ड के सदस्यों ने लॉ कमीशन से साफ-साफ कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ कुरान और सुन्नत का कानून है, और उसमें किसी भी तरह का बदलाव नहीं हो सकता।

लॉ कमीशन ने बोर्ड के सदस्यों से पूछे सवाल

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्यों ने लॉ कमीशन से यह भी कहा कि मुसलमान शरीयत से समझौता नहीं करेगा। लॉ कमीशन ने बोर्ड से कई सवाल पूछे जैसे कि मुतअ (समझौते के मुताबिक कुछ समय के लिए शादी) हलाला पर बोर्ड क्या सोचता है? जेंडर जस्टिस पर बोर्ड का क्या रुख है? महिलाओं के प्रॉपर्टी में हिस्से को लेकर बोर्ड क्या सोचता है? इस्लाम में शादी की क्या उम्र है? बोर्ड के सदस्यों ने लॉ कमीशन को इन सवालों के जवाब देते हुए कहा कि यूसीसी को लेकर जो चीजें हो रही हैं वे 2024 के लोकसभा चुनावों के चलते हो रही हैं।

‘हलाला को लेकर गलत बात कही जाती है’

बोर्ड ने कहा कि इस्लाम में शादी की उम्र किसी साल के लिहाज से तय नहीं है। उसने कहा कि जब शादी के लिए लड़का, लड़की हर तरह से तैयार हों तो शादी कर सकते हैं। मुतअ को लेकर बोर्ड ने कहा कि ये हमारे देश में नहीं होता, और हलाला को लेकर जो बात कही जाती है, वह गलत है। महिलाओं को प्रॉपर्टी के हिस्से को  लेकर भी बोर्ड ने अपनी बातों को रखा। बोर्ड के प्रवक्ता और सीनियर मेंबर कासिम रसूल इलियास ने बताया कि हमने लॉ कमीशन से कहा है कि ये सब बीजेपी और RSS की शह पर 2024 के मद्देनजर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड UCC का विरोध करता रहेगा।

खबर वही जो है सही

Exit mobile version