भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष संजय सिंह के बनते ही साक्षी मलिक ने छोड़ी कुश्ती

सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह गुरुवार (21 दिसंबर) को भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के नए अध्यक्ष बन गए. संजय सिंह के फेडरेशन चीफ बनते ही पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती त्यागने का ऐलान कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया है कि संजय सिंह बृजभूषण बिजनेस पार्टनर हैं.

वहीं, संजय सिंह ने अपनी बड़ी जीत के बाद मीडिया से कहा कि यह देश के उन हजारों पहलवानों की जीत है जिन्होंने पिछले 7-8 महीनों में नुकसान उठाया है. फेडरेशन के भीतर राजनीति के बारे में पूछे जाने पर संजय ने कहा, ”हम राजनीति का जवाब राजनीति से और कुश्ती का जवाब कुश्ती से देंगे.”

देर से हुए डब्ल्यूएफआई चुनाव में संजय सिंह के पैनल ने ज्यादातर पदों पर आसानी से जीत हासिल की है. भारतीय कुश्ती महासंघ के गुरुवार (21 दिसंबर) को हुए चुनाव में संजय सिंह को 40 वोट मिले, जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी अनीता श्योराण को सात वोट मिले.

राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अनीता श्योराण का पैनल महासचिव का प्रमुख पद जीतने में कामयाब रहा. इस पद के लिए आरएसपीबी के पूर्व सचिव प्रेमचंद लोचब ने दर्शन लाल को 27-19 मतों से हराया. वहीं, राष्ट्रीय राजमार्गों पर फूड ज्वाइंट्स की चेन चलाने वाले और प्रदर्नकारी पहलवानों के करीबी माने जाने वाले देवेंदर सिंह कादियान ने आईडी नानावटी को 32-15 मतों से हराकर वरिष्ठ उपाध्यक्ष के पद पर दावा किया.

तारीख पर तारीख का दौर खत्म, राज्यसभा में तीन आपराधिक विधेयक पारित

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान गुरुवार (21 दिसंबर) को राज्यसभा ने भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860, दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC),1898 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की जगह तीन आपराधिक विधेयक- भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक, 2023 पारित कर दिए.

राज्यसभा ने चर्चा और गृहमंत्री अमित शाह के जवाब के बाद तीनों विधेयकों को ध्वनमित से अपनी स्वीकृति दी. लोकसभा इन्हें पहले ही पारित कर चुकी है. बता दें कि ये विधेयक राज्यसभा में ऐसे समय पारित हुए हैं जब उच्च सदन से 46 विपक्षी सांसदों को उनके अमर्यादित व्यवहार के लिए निलंबित किया जा चुका था.

अमित शाह ने कहा तीन आपराधिक कानूनों के स्थानों पर लाए गए विधेयकों के संसद से पारित होने के बाद भारत की आपराधिक न्याय प्रक्रिया में एक नई शुरुआत होगी जो पूर्णतया भारतीय होगी. उन्होंने यह भी कहा कि इनके लागू होने के बाद तारीख पर तारीख का दौर खत्म हो जाएगा.

‘न्याय के भारतीय दर्शन को स्थान दिया गया’

गृह मंत्री शाह ने कहा कि इन विधेयकों का उद्देश्य पूर्ववर्ती कानूनों की तरह दंड देने का नहीं बल्कि न्याय मुहैया कराने का है. उन्होंने कहा, ‘‘इस नए कानून को ध्यान से पढ़ने पर पता चलेगा कि इसमें न्याय के भारतीय दर्शन को स्थान दिया गया है. हमारे संविधान निर्माताओं ने भी राजनीतिक न्याय, आर्थिक न्याय और सामाजिक न्याय को बरकरार रखने की गारंटी दी है. संविधान की यह गारंटी 140 करोड़ के देश को यह तीनों विधेयक देते हैं.’’

‘आत्मा भी भारतीय, सोच भी भारतीय है…’

गृह मंत्री शाह ने कहा, ”इन कानूनों की आत्मा भारतीय है. पहली बार भारत द्वारा, भारत के लिए और भारतीय संसद से बनाए गए कानून से हमारी आपराधिक न्याय प्रक्रिया चलेगी. इसका मुझे बहुत गौरव है.’’ उन्होंने कहा कि इन कानूनों की आत्मा भी भारतीय है, सोच भी भारतीय है और यह पूरी तरह से भारतीय है.

गृह मंत्री ने कहा कि भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम… इन तीनों कानूनों को 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद अंग्रेजों के शासन की रक्षा के लिए बनाया गया था. उन्होंने कहा, ‘‘इनका उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ अंग्रेजों के शासन की सुरक्षा करना था. इसमें कहीं भारत के नागरिक की सुरक्षा, उसके सम्मान और मानव अधिकार की सुरक्षा नहीं थी.’’

कानूनों के लागू होने के बाद ‘तारीख पर तारीख’ का दौर चला जाएगा- शाह

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इन कानूनों के लागू होने के बाद देश में ‘तारीख पर तारीख’ का दौर चला जाएगा और तीन साल में किसी भी पीड़ित को न्याय मिल जाए, ऐसी प्रणाली देश में स्थापित होगी. उन्होंने कहा, ‘‘यह विश्व की सबसे आधुनिक और वैज्ञानिक न्याय प्रणाली होगी.’’

गृह मंत्री अमित शाह का कांग्रेस पर निशाना

गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन के दौरान कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ”कांग्रेस पार्टी जब-जब सत्ता में आती थी, राजद्रोह का बड़े मजे से उपयोग करती थी और जब सत्ता से बाहर जाती थी तो कहती थी कि राजद्रोह औपनिवेशिक कानून है इसे सामाप्त कर देना चाहिए. कांग्रेस कभी राजद्रोह को समाप्त नहीं करना चा​हती थी. ये तो मोदी सरकार है, जो इस देश से राजद्रोह को हमेशा के लिए समाप्त कर रही है.”

शाह ने कहा, ”आपकी (विपक्ष) फितरत है, आप चुनाव घोषणा पत्र को घोषणा पत्र मानते हैं, हम उसे संकल्प पत्र मानते हैं. आपका इतिहास है, बोलकर भूल जाना, हमारा इतिहास है… मोदी जी जो कहते हैं पूरा करते हैं.”

उन्होंने कहा, ”हमने वादा किया था, इस देश की मातृशक्ति को नीति निर्धारण में हम उचित सम्मान देंगे. 33 प्रतिशत आरक्षण विधानमंडलों और लोकसभा में देकर आजादी के 75 वर्ष बाद इस देश की मातृशक्ति का सम्मान नरेंद्र मोदी सरकार ने किया.”

गृह मंत्री ने बताया स्वराज का मतलब

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ”वो कहते हैं, नए कानून की जरूरत क्या है? उन्हें स्वराज का मतलब ही नहीं मालूम है. स्व शब्द सिर्फ शासन से जुड़ा हुआ नहीं है. स्वराज मतलब है- जो धर्म को आगे बढ़ाए वह स्वराज है, जो स्व भाषा को आगे बढ़ाए वह स्वराज है, जो स्व संस्कृति को आगे बढ़ाए वह स्वराज है, जो स्व शासन को आगे बढ़ाए वह स्वराज है.

उन्होंने कहा, ”मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि बिल के लागू होने के बाद एफआईआर से लेकर फैसले तक सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन होंगी. भारत ऐसा देश होगा जहां आपराधिक न्याय प्रणाली में टेक्नोलॉजी का सबसे अधिक उपयोग किया जाएगा.”

गृह मंत्री ने कहा, ”हमने राजद्रोह के अंग्रेजी कांसेप्ट को समाप्त कर दिया है. अब शासन के खिलाफ कोई भी बोल सकता, क्योंकि सभी को वाणी स्वतंत्रता का अधिकार है लेकिन देश के खिलाफ आप नहीं बोल सकते हो, देश के खिलाफ बोलोगे, देश के संसाधनों का नुकसान करोगे तो कठोर से कठोर सजा मिलेगी.”

अयोध्या राम मंदिर कार्यक्रम के दौरान होटलों में 20 से 23 जनवरी थोक अग्रिम बुकिंग रद्द, जिला प्रशासन ने लिया फैसला

उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ जिला प्रशासन को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि जनवरी में प्रमुख तिथियों के दौरान कोई होटल अग्रिम बुकिंग न ले। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद के अनुसार, 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले होटल टैरिफ में अधिक कीमत से बचने के लिए ऐसा किया गया है। प्रमुख सचिव ने निर्देश दिया है कि 20, 21, 22 और 23 जनवरी को होटलों में कोई एडवांस बुकिंग न की जाए।

उन्‍होंने कहा, कार्यक्रम काफी भव्य है, और जिले में बड़ी संख्या में लोगों/गणमान्य व्यक्तियों/अतिथियों के आने की उम्मीद है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर कोई अच्छे आतिथ्य की सुखद यादें वापस ले जाए। इस प्रकार होटल के कमरों की अग्रिम बुकिंग से हर कीमत पर बचें, खासकर 20, 21, 22 और 23 जनवरी को।

उन्होंने आगे कहा कि 22 जनवरी से अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन के दौरान पर्यटकों को अच्छा अनुभव हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशासन और पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मेहमानों का विनम्र स्वागत सुनिश्चित करने के लिए होटल के कर्मचारियों को उचित रूप से प्रशिक्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, मेहमानों को किसी भी असुविधा से बचने के लिए होटल में काम करने वाले सभी नवनियुक्त कर्मियों का गहन सत्यापन किया जाना चाहिए।

लखनऊ के जिला मजिस्ट्रेट सूर्य पाल गंगवार ने होटलों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि कोई अग्रिम बुकिंग न की जाए और एजेंटों द्वारा मुनाफा कमाने के लिए जो बुकिंग की गई है, उसे रद्द कर दिया जाए। उन्होंने निर्देश दिया, होटल स्टाफ और टैक्सी ड्राइवरों की एक अनिवार्य बैठक/प्रशिक्षण आयोजित किया जाना चाहिए, ताकि उन्हें आने वाले मेहमानों के साथ विनम्रतापूर्वक व्यवहार करने के लिए प्रशिक्षित किया जा सके।

इस बीच, बुकिंग रद्द करने के फैसले ने पहले ही क्षणिक भ्रम पैदा कर दिया है, जबकि होटल व्यवसायियों ने मान लिया था कि उन्हें पहले से की गई सभी बुकिंग रद्द करनी होगी। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि केवल वे बुकिंग जहां एजेंटों ने बाद में लाभ कमाने के लिए कमरों को अवरुद्ध कर दिया है, उन्हें सत्यापित करने और तदनुसार रद्द करने की जरूरत है। जिला मजिस्ट्रेट ने कहा, केवल वे बुकिंग जहां एजेंटों ने पहले से कमरों का एक सेट बुक किया है और बाद में उन्हें उच्च कीमतों पर बेचने की योजना बनाई है, उन्हें सत्यापित करने और तदनुसार रद्द करने की जरूरत है।

ट्रेन के सफर में आप भी साथ ले जाना चाहते हैं अपना डॉग ? आइए जानते हैं कैसे?

कई बार ऐसा होता है कि हम यात्रा करने का मन बनाते हैं, लेकिन घर में जानवरों के कारण जाना नहीं चाहते. अगर आपके घर पर पालतू जानवर हैं, तो कुछ दिनों के लिए यात्रा पर जाना कठिन कार्य हो जाता है. हालांकि कुछ लोग अपने पालतू जानवर को घर पर अकेले छोड़ जाते हैं. वहीं कुछ लोग अपने पालतू जानवर को साथ में बाय रोड ले जाते हैं, लेकिन अगर आपको दूर कहीं जाना होता है तो आप ट्रेन की मदद लेते हैं. आइए जानते हैं कैसे.

फर्स्ट  एसी क्लास की टिकट

ट्रेन के एसी स्लीपर कोच, सेकंड क्लास और एसी चेयर कार में अपने पालतू जानवर के साथ यात्रा करने की अनुमति नहीं है. इस प्रकार आपको फर्स्ट एसी क्लास या फोर सीटर कैबिन या टू सीटर कूप बुक करना होगा. अपने पालतू जानवर को ट्रेन के साथ लेकर जाने से पहले उसे टीका लगवाएं. इसके साथ ही, टीकाकरण कार्ड को भी आपने साथ रखें. यदि संभव हो तो एक पशुचिकित्सक से एक चिकित्सा प्रमाणपत्र प्राप्त करें.

यात्रा के दौरान पालतू जानवर को डर

आप ट्रेन यात्रा के दौरान अपने पालतू जानवर के लिए कुछ सूखा और पानी और कुछ हड्डियां ले जा सकते हैं. अपने पालतू जानवर के लिए चेन लेकर जाना उनके मालिक की जिम्मेदारी है. इसके अलावा, मालिक को भी अपने पालतू जानवर के लिए खाने-पीने के इंतजाम करना होगा. हम आपको बताते हैं कि यात्रा के दौरान पालतू जानवर डरे हुए रहते हैं. इसलिए वे ज्यादा नहीं खाते या पीते हैं.

लम्बी रुकावट वाले स्थानों पर घुमाएं

वे कैबिन को गंदा कर सकते हैं. इससे बचने के लिए, आप उन्हें लम्बी रुकावट वाले स्थानों पर घुमा सकते हैं. 12 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ प्रथम श्रेणी के डिब्बे में अकेली यात्रा करने वाली महिला अपने साथ एक कुत्ता ला सकती है. एक बार जब आपका कैबिन या कूप पुष्टि हो जाए, तो यात्रा से दो घंटे पहले स्टेशन पहुंचें. पार्सल ऑफिस जाएं. यहां आपको टिकट, फिटनेस प्रमाणपत्र और टीकाकरण कार्ड दिखाना होगा.

झारखंड में न्यूनतम पारा लुढ़का, शीतलहर जैसे हालात, 26 से 31 दिसंबर तक बंद रहेंगे सभी स्कूल

झारखंड में सभी सरकारी और निजी विद्यालय राज्य में शीत लहर जैसी स्थिति की वजह से 26 से 31 दिसंबर तक बंद रहेंगे. एक आधिकारिक अधिसूचना में गुरुवार (21 दिसंबर) को यह जानकारी दी गई. बुधवार रात को न्यूनतम तापमान सात से 11 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया. राज्य में सबसे कम तापमान गढ़वा में रहा, जहां 6.6 डिग्री सेल्सियस और डाल्टनगंज में 7.9 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया.

राज्य की राजधानी रांची में न्यूनतम तापमान 10.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि रामगढ़ में 8.5 डिग्री सेल्सियस, बोकारो में 8.5 डिग्री सेल्सियस, चाइबासा में 8.6 डिग्री सेल्सियस और जमशेदपुर में 10.7 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया.

स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, ”राज्य में शीतलहर के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर अल्पसंख्यक विद्यालयों सहित सभी सरकारी और गैर सरकारी (सहायता प्राप्त/गैर सहायता प्राप्त) विद्यालय और राज्य के सभी निजी विद्यालय 26 से 31 दिसंबर तक बंद रहेंगे.”

अधिसूचना के मुताबिक, ”माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए संबंधित विद्यालय आवश्यकतानुसार 10वीं से 12वीं तक की कक्षाएं संचालित कर सकते हैं.”

गौरतलब है कि देशभर में ठंड का असर शुरू हो गया है. अलग-अलग राज्यों में तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है. ऐसे में स्कूलों को बंद करने का फैसला किया गया है. बच्चों को खासकर ऐसे समय में ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ता है. ठंड बढ़ने के बाद से अभिभावक भी बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हो जाते हैं.

ऐसे में झारखंड सरकार के फैसले ने अभिभावकों की चिंताओं का भी ख्याल रखते हुए स्कूलों को बंद करने का एलान किया है. यानी अब नए साल में ही स्कूल खोले जाएंगे. अगर सर्दी का सितम ऐसे ही जारी रहा तो हो सकता है कि सरकार स्कूलों को बंद करने के फैसले को आगे भी जारी रखे.

1989 दंगे में जिस महिला को बचाया था.. उसकी बेटी की शादी में आशीर्वाद देने भागलपुर पहुंचे रिटायर्ड कर्नल

भागलपुर 1989 दंगे के बाद भागलपुर में केंद्र और बिहार की सियासत भी बदल गई थी । लेकिन आज उसकी चर्चा नहीं करेंगे। चर्चा उन फरिश्ते की, मैसेंजर ऑफ गॉड की, जो जे एंड के लाइट इन्फेंट्री में तब मेजर थे। उनकी चर्चा 33 साल बाद एकाएक सामने आई है। तब के मेजर और अब रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल जी पी एस विर्क का जब 33 साल बाद भागलपुर आगमन हुआ तो उन्होंने जो बताया, वह मानवीय संवेदनाओं को झकझोरने जैसा था। घटनाएं आर्मी की मानवीय संवेदनाओं से जुड़ा हुआ है। हर तरफ से सतायी मल्लिका और जीवनदान देने वाले कर्नल विर्क की आंखों देखी आपके सामने है।

विर्क साहब बताते हैं कि 27 अक्टूबर 1989 की रात 9 बजकर 30 मिनट पर सबौर के चंदेरी गांव गए तो दंगे के हालात बेकाबू थे। हालात को बिगुल बजाकर कंट्रोल किया आमजन समझ रहे थे कि बिगुल वाले फौज की टुकड़ी बहुत ही आक्रामक है। उन्होंने कहीं भी किसी इलाके में दंगाइयों पर गोली चलाने की इजाजत नहीं दी। बल्कि बिगुल बजाने के साथ ही आमलोग घर के अंदर हो जाते थे।

उस वक्त जब मेजर विर्क को प्यास लगी तो चंदेरी गांव में मल्लिका ने अपने घर से एक लोटा में पानी दिया। प्यास बुझाकर मेजर साहब पूरे प्लाटून के साथ सबौर स्कूल के कैम्प में चले गए। लेकिन दूसरे दिन यानी 28 अक्टूबर 1989 को 8 बजकर 30 मिनट सुबह जब मेजर साहब दंगाग्रस्त इलाके का मुआयना करने उसी चंदेरी गांव पहुंचे तो तब के जलकुम्भी वाले तालाब से एक रूहानी आवाज आई ” बाबू मुझे बचा लीजिए “….

सुनसान सड़कों पर

मेजर विर्क को लगा की कोई आवाज दे रहा है। आजु बाजू देखा तो कोई नजर नहीं आया। लेकिन उस जलकुम्भी वाली तालाब के पानी में थोड़ा हलचल हुआ। एक हाथ की अंगुली बाहर दिखी। मेजर साहब को लगा कि किसी को मेरी मदद की जरूरत है। आर्मी जीप में सवार तमाम जवानों को इशारा किया। रायफल बट के सहारे जिस 17 वर्षीय लड़की को जलकुम्भी भरे तलाब से निकाला गया। “वह मल्लिका थी”।

उसी मल्लिका ने एक रात पहले मेजर साहब को प्यास लगने पर पानी पिलाया था। आगे जो हुआ वह और चौकाने वाला रहा। मल्लिका की उस मरणासन्न हालत को देखते हुए शुरुआती इलाज भागलपुर में किया गया। बेहतर इलाज के लिए दानापुर के मिलिट्री अस्पताल में भेजा गया। लेकिन उस दौरान जब मल्लिका की दुनिया उजड़ गई थी तो वह हताश थी। कहती थी कि मैं अब जी कर क्या करूंगी।

रिश्ते में फरिश्ते को ढूंढते हुए जब मल्लिका ने जाना कि विर्क साहब अभी भी जीवित हैं तो सोशल मीडिया के माध्यम से अपना पैगाम विर्क साहब तक पहुंचाया। फिर क्या था। उन फरिश्तों को रिश्तों के डोर से बांध लिया। राखी का पैगाम भेज विर्क साहब को भाई बना लिया। मल्लिका कहती हैं कि मेरा जीवन तो विर्क साहब की देन है। विर्क साहब दुवारा आए तो जीवनदान मिला। मल्लिका की बिटिया भी विर्क साहब से कहती हैं कि आप “मैसेंजर ऑफ गॉड” हैं।

33 साल बाद लेफ्टिनेंट कर्नल विर्क साहब मल्लिका बेगम के पुत्र की शादी में वर वधु को अपना प्यार और आशीर्वाद देने भागलपुर पहुंचे थे। विर्क साहब बातचीत में बताते हैं कि दंगे जैसे हालात को काबू करने के लिए सिर्फ आदेश का पालन करना होता है। लेकिन भागलपुर में जो हमने देखा उसमें मेरी मानवीय संवेदना जाग उठी। दंगे पर नियंत्रण भी हुआ और किसी को जीवनदान भी मिला। मुझे फरिश्तों ने उस लायक समझा, इसलिए मैं ईश्वर का शुक्रगुजार हूँ।

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सेना की 2 गाड़ियों पर आतंकी हमला, 3 सैनिक शहीद

जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में आतंकियों ने सेना की दो गाड़ियों पर गुरुवार (21 दिसंबर) को हमला किया. आतंकियों की इस गोलीबारी में तीन जवान शहीद और तीन सैनिक घायल हो गए हैं.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अधिकारियों ने सेना के जवानों को ले जा रहे गाड़ियों पर आतंकियों की गई गोलीबारी की पुष्टि की है. अधिकारियों ने बताया कि राजौरी-थानामंडी-सूरनकोट रोड पर सावनी इलाके में सेना के वाहन पर हमला हुआ.

उन्होंने कहा, ”यह वाहन बुफलियाज से जवानों को ले जा रहा था. बुफलियाज में आतंकवादियों के खिलाफ घेराबंदी और तलाश अभियान बुधवार (20 दिसंबर) की रात से जारी है. अभियान को लेकर ही सैनिक जा रहे थे और इस दौरान ही हमला कर दिया गया.”

सेना ने क्या कहा?
सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि इलाके में मुठभेड़ जारी है. उन्होंने कहा कि अतिरिक्त जवानों को घटनास्थल पर भेजा गया है. रक्षा विभाग के एक जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि पुख्ता खुफिया जानकारी के आधार पर संयुक्त अभियान शुरू किया गया था और ये जारी है.

नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव पर कसा तंज, कहा हवा-हवाई साबित हुई मिशन-60 की घोषणा

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि घोषणा के बावजूद उप मुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव राज्य के सरकारी अस्पतालों का भ्रमण नहीं कर रहे हैं। उनका मिशन 60 की घोषणा हवा-हवाई साबित हुआ। सिन्हा ने कहा कि विरोधी दल के नेता के रूप में जब वे बिहार की ख़राब एवं दयनीय स्वास्थ्य सेवा पर प्रश्न उठाते हैं तो सत्ता पक्ष को मिर्ची लगती है। अब स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने किशनगंज जिला का भ्रमण कर अस्पतालों की साफ़-सफाई, चिकित्सा व्यवस्था और मरीजों के बारे में जो भयावह स्थिति देखी। उससे वे स्वयं असंतुष्ट थे। सरकार को इससे बड़ा प्रमाण क्या चाहिए।

सिन्हा ने कहा कि 5-5 विभागों का प्रभार स्वयं लेकर तेजस्वी यादव किसी भी विभाग का ठीक ढंग से काम नहीं कर पा रहे हैं। अगस्त 2022 में सरकार में आने पर इन्होने स्वास्थ्य सेवा में बदलाव, सरकारी अस्पतालों में सुधार, दवाई की उपलब्धता एवं मिशन 60 की घोषणा की थी, पर धरातल पर कुछ नहीं हो सका। सरकार के द्वारा मुफ्त में 300 से अधिक दवाई सरकारी अस्पतालों के मरीजों को उपलब्ध कराने का दावा किया गया। वास्तविकता यह है की मरीज बाहर से दवाई खरीद रहे हैं। डॉक्टर, बेड, चिकित्साकर्मी एवं उपकरणों का भी सरकारी अस्पताल में अभाव है। अस्पतालों में पहली वर्षा में जल-जमाव अब आम बात हो गई है।

सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री बीमार चल रहे हैं। बिहार के अस्पतालों की दुखद स्थिति के कारण उन्हें अपना इलाज कराने राज्य के बाहर जाना पड़ता है। पुर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद भी अपने पुत्र के विभागीय अस्पताल में इलाज कराने से डरते हैं। इसलिए वे भी राज्य के बाहर जाकर ही इलाज कराते हैं। जब राज्य के मुख्यमंत्री औऱ पूर्व मुख्यमंत्री के लिए स्वास्थ्य विभाग राज्य में बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं है तो आम मरीजों की दुर्दशा का आकलन करना कष्टदायी है।

सिन्हा ने कहा कि सरकार को राज्य की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए शीघ्र कदम उठाने चाहिए। राज्य में मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा के कारण इन्हें प्राइवेट अस्पताल में जाना पड़ता है। गरीबी के कारण यहां इनकी चिकित्सा में इनका सबकुछ बिक जाता है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए और राज्य में आयुष्मान भारत के तहत अधिक से अधिक लोगों को आच्छादित कराने हेतु प्रयास करना चाहिए ताकि केंद्र सरकार की मदद से गरीबों का इलाज हो सके।

‘सम्पूर्ण बिहारवासियों को गर्व’, बासुकीनाथ झा को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिलने पर सीएम नीतीश ने दी बधाई

समस्तीपुर: जिले के पटसा निवासी बासुकीनाथ झा को मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बासुकीनाथ को बधाई दी है. मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति में मुख्यमंत्री ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि बिहार के सपूत को मैथिली साहित्य में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिलना नई पीढ़ी को प्रेरणा प्रदान करेगा।

सीएम ने आगे कहा है कि ये बिहार के लिए बेहद गौरव की बात है. उन्होंने कहा है कि बिहार से ताल्लुक रखने वाले रचनाकार की इस उपलब्धि पर सम्पूर्ण बिहारवासियों को गर्व है. बता दें कि साहित्यकार बासुकीनाथ झा को उनकी निबंध संग्रह ” बोध संकेतन ” के लिए पुरस्कार से नवाजा गया है।

हसनपुर प्रखंड के पटसा निवासी सुप्रसिद्ध मैथिली रचनाकार बासुकीनाथ झा को वर्ष 2023 का साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया है. मैथिली साहित्यकार बासुकीनाथ झा को उनकी मैथिली निबंध संग्रह “बोध संकेतन ” के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार 2023 दिया गया है. गौरतलब है कि प्रो. बासुकीनाथ झा मगध विश्वविद्यालय में प्रोफेसर व प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत थे।

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