नेपाल के जनकपुर के जानकी मंदिर में रविावर को भगवान श्रीराम और जानकी का विवाह हुआ। जहां एक ओर अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरशोर से चल रही है। वहीं उत्तर प्रदेश के अयोध्या से नेपाल के जनकपुर पहुंची बारात के स्वागत के लिए बड़ी संख्या में जनकपुरवासी जुटे। 12 दिसंबर को शुरू हुए 7 दिन के विवाह पंचमी उत्सव का यह भव्य नजारा है। पारंपरिक विवाह महोत्सव के साक्षी देश विदेश के आए करीब 10 लाख श्रद्धालु बने। अयोध्या से आई बारात का स्वागत करने के लिए जनकपुरवासी बड़ी संख्या में जुटे थे, वातावरण बेहद उत्साहपूर्ण हो गया था। विदाई 19 दिसंबर को हो रही है।
उत्तर जनकपुर में हुआ विवाह समारोह
शुक्ल पक्ष की पंचमी की तारीख को सीतामढ़ी के भीट्ठा मोड़ बॉर्डर से करीब 25 किलोमीटर उत्तर जनकपुर की धरती पर पौराणिक रीति रिवाज से भगवान श्रीराम और माता जानकी के संग विवाह समारोह आयोजित किया गया।
हेलिकॉप्टर से बरसाए फूल
राम जानकी के जयघोष से पूरा वातावरण भक्तिमय बना रहा। इससे पहले स्वयंवर की शुरुआत होने पर श्रद्धालुओं ने उत्साह के साथ फूलों की वर्षा की। हेलिकॉप्टर से भी फूल बरसाए गए। इसके बाद भगवान श्रीराम और सीताजी की झांकी और डोला को जानकी मंदिर परिसर में मड़वा पर लाया गया। वहां विधि विधान के साथ विवाह के सभी कार्यक्रम संपन्न कराए गए। हर ओर विवाह गीत बज रहे थे। कार्यक्रम में अयोध्या, जगन्नाथपुरी के साथ ही देश विदेश से आए संत, महंत और गणमान्य शामिल हुए।
जनकपुर में हुआ था मां सीता और राम जी का विवाह
भगवान राम और मां सीता का विवाह मिथिला की पावन भूमि जनकपुर में त्रेतायुग के दौरान आयोजित हुआ था। वह दिन मिथिला नगरी के लिए बड़े हर्ष का रहा होगा। राजा जनक जी की पुत्री होने के नाते मां सीता को जनकी माता कहते हैं। वहीं प्रेम से मिथिलावासी और अयोध्यावासी उन्हें जनक नंदनी भी बुलाते हैं। जिस जगह मां सीता और प्रभु श्री राम का विवाह हुआ था। वह आज वर्तमान समय में नेपाल के जनकपुर में स्थित है और आज उस जगह पर एक भव्य जानकी महल है। उधर, अयोध्या नगरी राम मंदिर के भव्य प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयार है। जोरशोर से काम को अंतिम रूप दिया जा रहा है। 22 जनवरी को भगवान श्रीरामलला भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह में विराजेंगे।
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