संसद में हुई सूरक्षा चूक मामले में अब तक विपक्षी दलों का विरोध प्रदर्शन जारी है। स्पीकर के लाख मना करने के बावजूद हंगामा करने पर विपक्षी दल के सांसदों पर कार्रवाई हो रही है। आज सोमवार को 33 विपक्षी सांसदों को लोकसभा से निलंबित किया जा चुका है। हंगामे के कारण लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी निलंबित कर दिया गया है। बता दें कि इनमें से ज्यादातर सांसदों को पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित किया गया है।
14 सांसद पहले से निलंबित
बता दें कि 33 सांसदों को सोमवार को ही निलंबित किया गया है। इससे पहले भी लोकसभा से 13 और राज्यसभा से 1 सांसद को निलंबित किया जा चुका है। इस हिसाब से निलंबित सांसदों की कुल संख्या 47 पहुंच गई है। इन सभी पर सदन की कार्यवाही बाधित करने और आसन की अवमानना करने का आरोप है।
सरकार अत्याचार कर रही- अधीर रंजन
लोकसभा से अपने निलंबन पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मेरे समेत सभी नेताओं को निलंबित कर दिया गया है। हम कई दिनों से मांग कर रहे हैं कि हमारे जिन सांसदों को पहले निलंबित किया गया था उन्हें बहाल किया जाए और गृह मंत्री आएं सदन में जाकर बयान दें। अधीर ने कहा कि गृह मंत्री रोज टीवी पर बयान देते हैं। संसद की सुरक्षा के लिए सरकार क्या कर रही है, इस पर वो थोड़ा संसद में भी बोल सकते हैं। आज की सरकार अत्याचार ऊंचाई पर पहुंच गई है, हम सिर्फ चर्चा चाहते थे।
ये रहा निलंबन का कारण
कुल 33 लोकसभा सांसदों को सोमवार को संसद से निलंबित किया गया है। इनमें सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, डीएमके सांसद टीआर बालू और दयानिधि मारन और टीएमसी के सौगत रॉय शामिल हैं। 30 सांसदों को पूरे शीतकालीन सत्र और 3 सांसदों को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट लंबित रहने तक निलंबित कर दिया गया है। के जयकुमार, विजय वसंत और अब्दुल खालिक, नारे लगाने के लिए अध्यक्ष के आसन पर चढ़ गए थे। सभापति द्वारा नामित किए जाने के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने निलंबन के संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया और इसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई है।
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