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Alia Bhatt संग Ram Mandir से लौटते हुए ट्रोल हुए Ranbir, Katrina Kaif से क्या है कनेक्शन?

बॉलीवुड के कई नामी सेलेब्स बीते दिन अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का हिस्सा बने। इन सभी में रणबीर कपूर, आलिया भट्ट (Alia Bhatt), कैटरीना कैफ और विक्की कौशल (Vicky Kaushal) सबसे ज्यादा चर्चा में बने हुए थे। फैंस का सबसे ज्यादा ध्यान अगर किसी ने खींचा तो वो थे एक्स कपल रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) और कैटरीना कैफ (Katrina Kaif) जो लम्बे समय बाद साथ में स्पॉट हुए हैं। ये नजारा देख फैंस भी खुद को इस पर टिप्पणी करने से नहीं रोक पाए। वहीं, अब रणबीर का आलिया के साथ राम मंदिर से लौटते हुए एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो के सामने आते ही लोगों ने रणबीर का मजाक उड़ाना शुरू कर दिया।

रणबीर- कैटरीना की वजह से हुए ट्रोल!

अब रणबीर की इस ट्रोलिंग का कारण कहीं न कहीं उनकी एक्स गर्लफ्रेंड कैटरीना कैफ बन गई हैं। लेकिन कैटरीना ने ऐसा क्या किया जिसके बाद रणबीर-आलिया के साथ चलने पर भी ट्रोल हो गए। उनकी ट्रोलिंग का एक्स गर्लफ्रेंड से क्या कनेक्शन है ये भी बता देते हैं। दरअसल, बीते दिन एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था जिसे देखकर लोगों ने रणबीर पर आरोप लगाया कि वो सबसे बचकर चुपके से कैटरीना की फोटो खींचने की कोशिश कर रहे हैं। उस दौरान कैटरीना उनके पीछे वाली सीट पर धुप से बचने के लिए सिर पर कपड़ा ओढ़े दिखी थीं। अब रणबीर भी उन्हीं के स्टाइल में दिखाई दे रहे हैं।

क्या है कनेक्शन?

जब पैपराजी ने उन्हें आलिया के साथ अपनी गाड़ी में जाते हुए स्पॉट किया तो रणबीर कपूर ने अपनी सिर को शॉल से कवर किया हुआ है। उनको देखकर आपको एक बार फिर कैटरीना की याद आ जाएगी। ऐसा लग रहा है एक ही दिन में रणबीर पर उनकी एक्स का असर हो गया है। वो उन्हीं की तरह हरकतें करते हुए दिखाई दे रहे हैं। अब ये वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस पर रिएक्ट करते हुए एक यूजर ने लिखा है, ‘ठंड से दिमाग हिल गया।’ एक ने लिखा, ‘भक्तों के रूप में एक्टिंग करने के एक लंबे दिन के बाद अपने वास्तविक स्वरूप में वापस आ गए।’

सोशल मीडिया पर बना रणबीर का मजाक

एक ने मजाक बनाते हुए कहा, ‘इस आदमी ने जब से अपनी एक्स गर्लफ्रेंड को देखा उसका बर्ताव बदल गया।’ कोई बोला, ‘रणबीर पति कम बहू ज्यादा लग रहा है इन कपड़ों में।’ एक ने कहा, ‘हेयर पैच को छुपा रहा है।’ किसी ने मजाक में पूछा, ‘ये रणबीर गया और वापस कौन आया।’ किसी ने ट्रोल करते हुए कहा, ‘बीफ खाने वाला और दारू ड्रग्स करने वाला, सॉफ्ट पोर्न एनिमल वाला, मौसमी हिंदू।’ तो किसी ने लिखा, ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर के मनोज बाजपेयी की तरह क्यों दिख रहे हैं रणबीर?’

2.5 अरब साल पुरानी, कोई जोड़ नहीं…Ram Lalla की मूर्ति बनाने को Arun Yogiraj ने कृष्ण शिला ही क्यों चुनी?

श्याम रंग, खूबसूरत मुस्कान, चमकीली आंखें…भक्तों का मन मोह लिया रामलला की प्रतिमा ने। अयोध्या के राम मंदिर में प्रतिष्ठित की गई रामलला की प्रतिमा देश-दुनिया के लोगों को काफी पसंद आई, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस काले रंग के ग्रेनाइट पर मूर्ति बनाई गई है, वह करीब 2.5 अरब साल पुरानी है। इससे बड़ा सवाल यह कि अरुण योगीराज ने रामलला की मूर्ति बनाने के लिए कर्नाटक की इस कृष्ण शिला को ही क्यों चुना? आइए जानते हैं…

https://x.com/ANI/status/1749328022807957922?s=20

ढाई अरब साल पुराना काला पत्थर कैसे?

दरअसल, रामलला की प्रतिमा बनाने में इस्तेमाल किए गए ब्लैक ग्रेनाइट का लैब में टेस्ट किया गया। बेंगलुरु के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रॉक मैकेनिक्स (NIRM) ने इस ब्लैक ग्रेनाइट का लैब टेस्ट किया। इस टेस्ट की रिपोर्ट जब सामने आई तो NIRM के डायरेक्टर HS वेंकटेश हैरान रह गए।

उन्होंने पुष्टि की प्रतिमा बनाने में इस्तेमाल किया गया ग्रेनाइट 2.5 अरब वर्ष पुराना है। चट्टान अत्यधिक टिकाऊ और जलवायु परिवर्तन की प्रतिरोधी है। इसलिए यह और इसकी चमक हजारों सालों तक ऐसी ही रहेगी, जैसी है। NIRM भारतीय बांधों और परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के लिए चट्टानों का परीक्षण करने वाली नोडल एजेंसी है।

https://x.com/narendramodi/status/1749645944881287268?s=20

खदान में नरम पत्थर, बाहर आकर सख्त हो जाता

रामलला की प्रतिमा को लेकर केंद्रीय वैज्ञानिक मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि रामलला की प्रतिमा बनाने के लिए कर्नाटक के मैसूर जिले के जयापुरा होबली गांव से मंगाया गया है, जहां की खदानों में यह ग्रेनाइट मिलता है। यह खदान प्री-कैम्ब्रियन युग की है, जो अरब साल पहले का है। धरती 4.5 अरब साल पहले बनी थी। ऐसे में इस चट्टान की उम्र धरती से आधी हो सकती है ।

कनार्टक के मैसूर में इसे कृष्ण शिला के नाम जानते हैं। यह पत्थर महीन दानेदार, कठोर और सघन होता है। इसमें उच्च ताप सहने, झुकने की शक्ति, लचकता और तोड़ने की शक्ति है। खदान से निकलने पर यह नरम होता है, लेकिन 2-3 साल में सख्त हो जाता है। यह पत्थर पानी को अवशोषित यानी सोखता नहीं और कार्बन के साथ प्रतिक्रिया भी नहीं करता है।

भगवान कृष्ण जैसा रंग होने के कारण कृष्ण शिला

दूसरी ओर, अरुण योगीराज ने बताया कि उन्होंने बेंगलुरु के गणेश भट्ट और राजस्थान के सत्य नारायण पांडे के साथ मिलकर रामलला के इंसानी भावों को कृष्ण शिला पर उकेरा। कर्नाटक के मैसूर जिले के बुज्जेगौदानपुरा गांव की ऐसी कृष्ण शिला मंगाई गई, जिसमें कोई जोड़ न हो। दक्षिण भारत के मंदिरों में लगी देवी-देवताओं की ज्यादातर मूर्तियां नेल्लिकारु चट्टानों से बनी हैं।

भगवान कृष्ण के रंग जैसा रंग होने के कारण पत्थरों को कृष्ण शिला कहा जाता है। पत्थर का नेचर नरम होने के कारण मूर्तिकार इसे आसानी से तराश सकते हैं, क्योंकि इसमें ज्यादातर लाख होता है, लेकिन यह 2-3 साल में कड़ा हो जाता है। पत्थर के ब्लॉक को पहले डिज़ाइन के अनुसार चिह्नित किया, फिर अलग-अलग आकारों की छेनी का उपयोग करके इसे रामलला का आकार दिया।

‘राम नहीं चुनाव आ रहे हैं…’, अयोध्या को लेकर किए ट्वीट पर ट्रोल हुए तेज प्रताप यादव

अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। देश भर में इसको लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। हालांकि यह मुद्दा राजनीति के केंद्र में भी रहा है। अब बिहार सरकार में मंत्री तेज प्रताप ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया दी है, जिस पर तमाम लोगों की टिप्पणियां आ रही हैं।

बिहार सरकार में पर्यावरण मंत्री और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि राम नहीं आ रहे हैं ! चुनाव आ रहे हैं ! श्री राम तो हमारे मन में, हृदय में और कण-कण में विराजमान हैं पूर्व से ही।

उन्होंने आगे लिखा कि सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री राम, विष्णु जी के अवतार हैं और भगवान विष्णु के अन्तिम अवतार “कल्कि अवतार” को कलियुग का अंत होने के बाद धर्म की पुनर्स्थापना के लिए आना बाकी है। सियावर रामचंद्र की जय

तेज प्रताप यादव के इस पोस्ट पर तमाम लोगों की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। एक ने लिखा कि आप तो कृष्ण भक्त थे ना, फिर रामचन्द्र की जय क्यों बोल रहे हैं? आपको शायद मालूम ही नहीं, भगवान राम और कृष्ण एक ही हैं। चुनाव आते जाते रहेंगे, पर हमारी आस्था श्रीराम पर कभी भी कम नहीं होगी। एक ने लिखा कि तेजू भैया टेस्ट करते रहते हैं कि कहीं लोग समझदार तो नहीं हो गए।

एक ने लिखा कि बिहार सरकार के पोस्टर और बैनर से राजद के नेता गायब हो रहे हैं, इस पर ध्यान देने की जगह पर तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं। एक ने लिखा कि चुनाव तो हर 5 साल पर आता रहा लेकिन राम मंदिर 500 सालों से क्यों नहीं बना! एक ने लिखा कि बिहार पर फोकस करिए, राम मंदिर को लेकर हमें पता हैं कि क्या हो रहा है और क्या होना चाहिए।

‘…तो नहीं आए प्रभु राम’, मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद तेजप्रताप ने किया बड़ा दावा, BJP को दी बड़ी नसीहत

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह पूरा हो चुका है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभिजीत मुहूर्त में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान को पूर्ण किया। रामलला की मनमोहक छवि को निहारने के लिए लाखों भक्त अयोध्या में उमड़ पड़े हैं। सोने और हीरे से सजे रामलला का दिव्य रूप भक्तजन निहारते नहीं थकते। हालांकि, इस कार्यक्रम में राजद नेता अधिक खुश नजर नहीं आ रहे हैं !

दरअसल, राजद नेता और बिहार सरकार के मंत्री तेजप्रताप यादव ने आयोध्या में बने रामलला की मंदिर को लेकर अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि – राम नहीं आ रहे हैं ! चुनाव आ रहे हैं ! श्री राम तो हमारे मन में, हृदय में और कण-कण में विराजमान हैं पूर्व से ही। सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री राम, विष्णु जी के अवतार हैं और भगवान विष्णु के अन्तिम अवतार “कल्कि अवतार” को कलियुग का अंत होने के बाद धर्म की पुनर्स्थापना के लिए आना बाक़ी है। सियावर रामचंद्र की जय।

मालूम हो कि , देश में आगामी कुछ महीनों में लोकसभा चुनाव का एलान होना है। इस चुनाव को लेकर भाजपा अपनी रणनीति बनाने में लग गयी है। तो वहीं राजद भी विपक्षी दलों को एक साथ चुनाव लड़ने केलिए तैयार हुई इंडिया में सहयोगी बन अपनी रणनीति बना रही है। लेकिन, बार – बार मामला सीट बंटवारा पर आकर फंसता हुआ नजर आ रहा है। हालांकि , बिहार के महागठबंधन में शामिल इस दल का कहना है कि यह उनका निजी मामला है और वो बड़े ही आसानी से संभाल लेंगे।

आपको बताते चलें कि , पिछले 30 सालों में देश के 10 राज्यों की राजनीति को राम मंदिर के मुद्दे ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। ये राज्य हैं- बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात और हरियाणा। इन 10 राज्यों में लोकसभा की 288 सीटें हैं, जो कुल सीटों का 52 फीसद है। ऐसे में बाबरी गिरने के बाद इन राज्यों में ही बीजेपी को सबसे ज्यादा फायदा मिला था और इन्हीं सीटों के बूते 1996 के चुनाव में बीजेपी ने सरकार बनाने का दावा ठोक दिया था।

हालांकि, पूर्ण बहुमत न होने की वजह से 13 दिनों में ही अटल बिहारी की सरकार गिर गई। लेकिन, वर्तमान में इन 10 राज्यों में बीजेपी के पास करीब 200 सीटें हैं। उसके सहयोगियों के पास भी 20 सीट है। अब बीजेपी इन राज्यों में राम मंदिर के मुद्दे को सबसे ज्यादा भुनाने की कोशिश में लगी हुई नजर आ सकती है। पार्टी ने इसके लिए ‘संकल्प से सिद्धी’ तक का एक अभियान भी तैयार किया है।

सदियों की प्रतिक्षा के बाद राम आए हैं, प्रभु राम से क्षमा चाहता हूं: पीएम नरेंद्र मोदी

अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पूरी हो चुकी है। गर्भगृह में मंत्रोच्चार के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूजा-अर्चना की। इस दौरान पीएम मोदी के साथ गर्भगृह में कई अन्य गणमान्य भी मौजूद रहे। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में लाखों की संख्या में लोग राम मंदिर पहुंचे।

मंच पर बोले मोदी- पूरे देश में उत्साह बढ़ता ही जा रहा था

सीएम योगी और संघ प्रमुख मोहन भागवत के बाद पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि राम मंदिर के लिए पूरे देश में उत्साह बढ़ता जा रहा था। पीएम मोदी ने कहा कि गुलामी की मानसिकता को तोड़कर यह राष्ट्र खड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि हजारों साल के बाद भी आज के पल की चर्चा होगी।

पीएम मोदी ने कहा कि ये क्षण अलौकिक है, ये क्षण पवित्र है। पीएम ने कहा कि हम इतनी सदियों तक यह काम नहीं कर पाए, इसलिए आज यह सामान्य समय नहीं है। पीएम ने कहा कि कोर्ट ने न्याय की लाज रख ली। पीएम ने कहा कि मैं प्रभु राम से क्षमा चाहता हूं क्योंकि सदियों तक हम यह काम नहीं कर पाए।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न, मंत्रोच्चार से गूंज उठी पूरी अयोध्या

अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पूरी हो गई है। इसी के साथ रामभक्तों का पांच सौ वर्षों का लंबा इंतजार आज खत्म हो गया। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पीएम मोदी, सीएम योगी समेत देश के तमाम दिग्गज मौजूद हैं। थोड़ी देर में प्रधानमंत्री मोदी संतों और प्रतिष्ठित हस्तियों समेत सात हजार से ज्यादा लोगों की सभा को संबोधित भी करेंगे।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला के लिए हाथों में चांदी का छत्र और वस्त्र लेकर मंदिर पहुंचे और राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान संपन्न किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए क्रीम रंग का कुर्ता और धोती पहन रखी है।

अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं को पूरा कराने के लिए मंदिर में 121 आचार्य मौजूद हैं। श्री गणेशवर शास्त्री द्रविड़ अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं की निगरानी कर रहे हैं जबकि काशी के श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य हैं। मंदिर के ‘गर्भ गृह’ में पीएम मोदी, मोहन भागवत, योगी आदित्यनाथ, यूपी के राज्यपाल और मंदिर के सभी ट्रस्टी मौजूद हैं।

 

 

‘मैंने क्या अपराध किया’, असम के मंदिर में पूजा की टाइमिंग बदलने पर फूटा राहुल गांधी का गुस्सा

पूरे देश में जहां रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जश्न का माहौल है तो वहीं कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा असम में है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को नगांव जिले में स्थित वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव के जन्म स्थान पर पूजा-अर्चना करने वाले थे, लेकिन उनके दर्शन करने के समय में बदलाव कर दिया गया है। इसे लेकर राहुल गांधी ने कहा कि आज सिर्फ एक व्यक्ति मंदिर में जा सकता है।

असम के बटाद्रवा थान मंदिर में दोपहर 3 बजे के बाद एंट्री की अनुमति मिलने पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का गुस्सा फूटा है। उन्होंने कहा कि हम बटाद्रवा थान में पूजा-अर्चना करना चाहते हैं। आखिर मैंने क्या अपराध किया कि मैं मंदिर नहीं जा सकता। अधिकारियों ने मंदिर जाने के लिए निकले राहुल गांधी को रोक दिया। इस दौरान दोनों में बहस भी हुई। अधिकारियों ने कहा कि आप 3 बजे के बाद मंदिर जा सकते हैं। आपको बता दें कि थान मंदिर प्रबंधन समिति ने पहले राहुल गांधी को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी थी।

पहले आने के लिए कहा, बाद में समय बदल दिया

बाद में थान प्रबंधन समिति ने कहा कि आज राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा है और थान मंदिर में भक्त आएंगे। साथ ही मंदिर परिसर के बाहर भी कई धार्मिक कार्यक्रम होंगे, जहां श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रहने वाली है। इसकी वजह से राहुल गांधी के दौरे का समय दोपहर 3 बजे के बाद तय किया गया है। यह फैसला बैठक में लिया गया है।

जयराम रमेश ने राज्य सरकार पर टाइमिंग चेंज करने का लगाया आरोप

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि राहुल गांधी बटाद्रवा थान मंदिर जाना चाहते थे। इसके लिए हम 11 जनवरी से प्रयास कर रहे हैं। हमारे दो विधायकों ने मंदिर समिति से मुलाकात की थी। तब मंदिर समिति ने कहा था कि आपका स्वागत है, लेकिन रविवार को अचानक से हमें बताया गया कि हम दोपहर 3 बजे से पहले वहां नहीं आ सकते हैं। राज्य सरकार के दबाव पर मंदिर समिति ने यह फैसला लिया है। हम मंदिर में जाने की कोशिश करेंगे, लेकिन दोपहर 3 बजे के बाद वहां जाना मुमकिन नहीं है, क्योंकि हमें अपनी यात्रा आगे भी बढ़ानी है।

अयोध्या जाने से पहले बोले उपेंद्र कुशवाहा, सौभाग्यशाली हूं कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का साक्षी बनूंगा

गोपालगंज: आरएलजेडी अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा रविवार देर शाम अयोध्या के लिए रवाना हो गए. इसी दौरान वह गोपालगंज में कार्यकर्ताओं से मिले. वहीं पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मैं राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए राम की नगरी अयोध्या जा रहा हूं. वास्तव में यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में उपस्थित होकर उसका साक्षी बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।

उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि जो प्राण प्रतिष्ठा का समारोह हो रहा है, उसका साक्षी बनना वहां उपस्थित होकर इसका अवसर जिसको मिला और फिर भी नहीं जा रहा है, उसके बार में क्या कहा जाए. शंकराचार्य क्यों नहीं जा रहे हैं, ये तो वही बताएंगे. निमंत्रण मिला है. मैं समझता हूं कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि इस अवसर पर वहां साक्षी के रूप में रहकर देख पाऊंगा।

उपेंद्र कुशवाहा ने शंकराचार्यों की नाराजगी और शामिल नहीं होने के सवाल पर कहा कि शंकराचार्य क्यों नहीं जा रहे हैं, ये तो वे लोग ही बता पाएंगे. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का कहना है कि मंदिर का निर्माण अभी पूरा नहीं हुआ. मेरा मानना है कि एक निर्माण के बाद बाकी निर्माण तो सतत चलता रहेगा. बाकी प्राण प्रतिष्ठा मुहूर्त देखकर ही की जा रही होगी. मुहूर्त को लेकर सवाल उठाना ठीक नहीं है।

सैकड़ों साल का इंतजार खत्म,PM मोदी की यजमानी में अयोध्या में भव्य राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा

सैकड़ों सालों का इंतजार आज खत्म हो रहा है.अयोध्या में भव्य राम मंदिर के के रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अब से कुछ देर बाद होने वाली है.इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी बन रहे हैं।

रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के मुख्य यजमान पीएम नरेन्द्र मोदी हैं।इस दौरान पीएम मोदी एवं मंदिर के मुख्य पुजारी समेत कुल पांच लोग गर्भगृह में मोजूद रहेंगे.करीब 50 मिनट तक पीएम नरेंद्र मोदी यहां रहेंगे। प्राण प्रतिष्ठा के दौरान सेना के हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा होगी।इस ऐतिहासिक अवसर पर देशबर के विभिन्न क्षेत्रों के नामचीन हस्ती आयोध्या में मौजूद रहेगगे, वहीं मीडिया एवं सोसल मीडिया के जरिए लाखओं करोड़ों श्रद्धालु इस प्राण-प्रतिष्ठा को देख सकेगे।

वहीं इस भव्य समारोह को लेकर अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए रेड और येलो जोन में करीब AI युक्त 400 कैमरे लगाए गए हैं, जो इंटीग्रेटेड कमांड ऐंड कंट्रोल रूम से जुड़े रहेंगे। ये कैमरे फेस रिकॉग्निशन और ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन सिस्टम से लैस होंगे। अयोध्या जिले में करीब 9700 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।12 हजार से ज्यादा पुलिस अधिकारी व कर्मचारी सुरक्षा में तैनात किए गए हैं। इसके अलावा जिलों की फोर्स, एटीएस और एसटीएफ कमांडों की टीमें, एसपीजी, एनएसजी और यूपी पुलिस की एंटी ड्रोन टीमें भी तैनात रहेंगी।

मिली जानकारी के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी करीब 4.45 मिनट तक अयोध्या में रहेंगे।जारी शेड्यूल के अनुसार अयोध्या एयरपोर्ट पहुंचने के बाद सुबह 10:55 बजे वे राम जन्मभूमि मंदिर पहुंचेंगे।

पीएम मोदी के अयोध्या दौरे का शेड्यूल–

10:20 AM: अयोध्या एयरपोर्ट पहुंचेंगे

10:45 AM: वे हेलिकॉप्टर से साकेत कॉलेज पहुंचेंगे

10:55 AM: राम जन्मभूमि मंदिर पहुंचेंगे

12:05 PM: 12:55 बजे तक प्राण प्रतिष्ठा पूजा कार्यक्रम में रहेंगे

01:00 PM: अतिथियों को संबोधन

02:05 PM: कुबेर टीला पहुंचकर श्रमिकों और अन्य लोगों से बातचीत कर शिव मंदिर में पूजन करेंगे

02:25 PM: हेलिपैड के लिए रवाना होंगे

02:40 PM: हेलिपैड से एयरपोर्ट रवाना होंगे

03:05 PM: अयोध्या एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना होंगे