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रेलवे बोर्ड ने पेंट्रीकार बंद करने का दिया आदेश, तो क्या अब ट्रेन में नहीं मिलेगा नाश्ता और खाना?

आमतौर पर ट्रेन में लंबे सफर के दौरान लोग पेंट्रीकार से खाना ऑडर करते हैं। इसके अलावा भी खाने की हर जरूरी चीज ट्रेन के पेंट्रीकार में मौजूद रहती है। मगर अब ऐसा नहीं होगा। रेलवे बोर्ड ने ट्रेन के पेंट्रीकार में खाना बनाने पर रोक लगा दी है, जिससे अब ट्रेन में नाश्ता और खाना नहीं बनेगा।

जून के बाद लागू होंगे नए नियम

रेलवे बोर्ड के अनुसार ट्रेन के पेंट्रीकार में सिर्फ जून तक खाना मिलेगा, जिसके बाद पेंट्रीकार बंद कर दिया जाएगा। हालांकि ट्रेन में चाय या पानी गर्म करने की सुविधा मौजूद रहेगी। आवश्यकता पड़ने पर यात्री ट्रेन में पानी और चाय गर्म कर सकते हैं। यही नहीं स्टेशन पर मौजूद IRCTC के रसोई घर भी बंद कर दिए जाएंगे।

यात्रियों को कैसे मिलेगा खाना?

ट्रेन के पेंट्रीकार और IRCTC के किचन बंद होने के बाद यात्रियों को खाना कैसे मिलेगा? दरअसल इसके लिए IRCTC ने क्लस्टर बेस्ड पेंट्रीकार बनाने का खाका तैयार किया है, जहां नाश्ता और खाना बनेगा और फिर इसे ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों तक पहुंचाया जाएगा। इन क्लस्टर्स के लिए IRCTC टेंडर निकाल सकती है।

वंदे भारत में पहले से है क्लस्टर सुविधा

देश की सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत में पहले से ही यह सुविधा मौजूद है। सभी वंदे भारत ट्रनों में सिर्फ पानी गर्म किया जा सकता है। वहीं जब ट्रेन चलने के लिए पूरी तरह से तैयार होती है, खाने की चीजें यात्रियों को तभी परोसी जाती हैं। रेलवे बोर्ड ने इस सिस्टम को सभी ट्रेनों में लागू करने का आदेश दिया है। खबरों की मानें तो जुलाई से हर ट्रेन में इसकी शुरुआत हो जाएगी।

टेंडर निकालेगा रेलवे

इस नए सिस्टम के अंतर्गत सभी यात्रियों को अच्छा और ताजा खाना मिल सकेगा। पेंट्रीकार को चलाने के लिए अलग-अलग कंपनियों को टेंडर दिए जाएंगे। एक कंपनी उस रूट पर जाने वाली 5-7 ट्रनों में खाना सर्व करेगी। इसके लिए कंपनियों को रूट पर क्लस्टर स्थापित करने होंगे, जहां खाना तैयार किया जाएगा। खाने से लेकर स्नैक्स तक इन्हीं क्लस्टरों के माध्यम से ट्रेन तक पहुंचेगा।

रेलवे बोर्ड करेगा जांच

रेलवे बोर्ड का कहना है कि सभी क्लस्टरों की समय-समय पर जांच की जाएगी और अचानक छापा भी मारा जा सकता है। अगर जरूरत पड़ी तो खाने की शुद्धता जांचने के लिए लैब में सैंपल भेजे जाएंगे। इससे यात्रियों को क्वालिटी फूड मिल सकेगा। बता दें कि, नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे ने पहले ही 80 ट्रनों के लिए क्लस्टर छांटने का प्रोसेस शुरू कर दिया है।

विस्टाडोम ट्रेन से होगी भारत के ‘जन्नत’ की सैर, बाहर ही नहीं रेल के अंदर का नजारा भी है बेहद खूबसूरत

उत्तर रेलवे ने कश्मीर के स्थानीय लोगों और पर्यटकों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए पहले से ही संचालित रेल नेटवर्क में एक नई और आकर्षक सुविधा जोड़ी है. बीते साल 19 अक्तूबर को कश्मीर में हर मौसम के लिए उपयुक्त विस्टाडोम ग्लास-सीलिंग एसी ट्रेन शुरू किया गया था. आज बर्फ़ीले मौसम में, स्थानीय लोगों और पर्यटकों को बनिहाल से बारामुला तक 135 किमी लंबे ट्रैक के साथ घाटी के सुंदर परिदृश्य का मनमोहक दृश्य देखने का मौक़ा मिल रहा है मानो आप स्विट्ज़रलैंड मैं हो।

यह विस्टाडोम ट्रेन सभी मौसमों में सुचारू रूप से चलने में सक्षम है, चाहे वह गर्मी हो या कश्मीर की कड़ाके की ठंड. इस ट्रेन के चलने से जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. इसी क्रम में बुधवार (7 फरवरी) से जब यह ट्रेन चली, तो बर्फ की चादरों से ढ़की घाटियों का अद्भुत और मनमोहक नजारा देखने को मिला.

विशेष रूप से तैयार की गई विस्टाडोम ट्रेन में डबल-वाइड रिक्लाइनिंग सीटें हैं, जो पूरे 360 डिग्री तक घूम सकती हैं. जिससे यात्रियों को अपने आसपास का एक विस्तृत मनोहर दृश्य देखने को मिलेगा. इसके अलावा इसमें कांच के गुंबद वाली छत, स्वचालित स्लाइडिंग दरवाजे, सामान रैक, मनोरंजन के लिए एलईडी स्क्रीन और जीपीएस-सक्षम सूचना प्रणाली शामिल है.

कितना होगा किराया?

रेलवे कर्मचारी प्रभात कुमार ने बताया कि यह ट्रेन सप्ताह में छह दिन चलेगी और सभी के लिए उपलब्ध होगी. ट्रेन टिकटों की दर 940 रुपये प्रति व्यक्ति होगी और यह दिन में दो बार चलेगी. 40 सीटों वाली विस्टाडोम कोच बनिहाल से बडगाम और बारामूला स्टेशनों तक चलेगी. वातानुकूलित गाड़ी में विशाल कांच की खिड़कियां, एक कांच की छत, एक अवलोकन लाउंज और सीटें हैं जो घूम सकती हैं. जिससे यात्रियों को 135 किमी के लंबे मार्ग पर घाटी की प्राकृतिक सौंदर्यता का लुत्फ उठा सकेंगे.

सभी मौसम में चल सकेगी ये ट्रेन

इस ट्रेन के कोचों का उत्पादन चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में किया गया है, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 4 करोड़ रुपये है. ये घाटी की हाड़ कंपाने वाली ठंडक और चिलचिलाती गर्मी को प्रभावी ढ़ंग से व्यवस्थित करने के लिए एयर कंडीशन से लैस किया गया है. उत्तर रेलवे ने पिछले साल जुलाई में वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों की देखरेख में बडगाम से बारामूला तक एक ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा किया था.

ट्रायल रन कामयाब होने के बाद इस ट्रेन का संचालन शुरू कर दिया गया. यह ट्रेन कई सुविधाओं से लैस है. ट्रेन की सीटें हवाई जहाज की सीटों की तरह काफी कंफर्टबल हैं. जिससे यात्री आसानी से भोजन का आनंद ले सकें. यात्रा के समय यात्री भारतीय रेलवे के मेन्यू से हल्का भोजन आर्डर कर सकते हैं.

‘वोकल फॉर लोकल को मिला आधार’

विशेष सुविधाओं से लैस इस ट्रेन को चलाने के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल के विचार को आधार माना जा रहा है, जिससे यहां पर आने के लिए पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके और क्षेत्र में रोजगार पैदा हो. कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले रेल लिंक का काम अंतिम चरण में है, वह दिन दूर नहीं जब ट्रेन कश्मीर को कन्याकुमारी से जोड़ेगी और विस्टाडोम कोच की शुरुआत जम्मू-कश्मीर की विकासात्मक यात्रा की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा.

कोहरे से घंटों लेट हो गई ट्रेन! हजारों खर्च करके होटल में क्‍यों रुकना, जब 25 रुपये में मिल रहा फुल एसी कमरा

सर्दी का सितम शुरू हो चुका है. लंबी दूरी की यात्रा करने वालों के लिए तो मुश्किलें और बढ़ गई हैं. कई बार ऐसा होता है कि आप स्‍टेशन पर बैठे इंतजार करते रहते हैं और ट्रेन कई घंटे लेट (Train Late in Winter) हो जाती है. कोहरे की वजह से ट्रेन लेट होने की समस्‍या सबसे ज्‍यादा आती है. खासकर लंबी दूरी तय करने वाली ट्रेनें तो 10 से 12 घंटे तक लेट हो जाती हैं. ऐसे में अगर आपको भी लंबी यात्रा करनी है तो मजबूरन किसी होटल में रात बितानी पड़ती है।

ट्रेन के ज्‍यादा लेट होने पर वेटिंग रूम में बैठकर इंतजार करना भी आसान नहीं होता. ऐसे में ज्‍यादातर यात्री किसी नजदीकी होटल का सहारा लेते हैं, जहां एक दिन का खर्चा हजारों रुपये हो सकता है. आप सस्‍ता होटल भी लेंगे तो 1000 से 2000 रुपये तक खर्च करने ही पड़ेंगे. लेकिन, ऐसी स्थिति में होटल जाकर कमरा लेने से अच्‍छा है कि आप सिर्फ 25 रुपये खर्च करके रेलवे स्‍टेशन पर ही शानदार एसी कमरा ले सकते हैं।

कहां मिलती है यह सुविधा

इंडियन रेलवे देश के सभी बड़े स्‍टेशनों पर रिटायरिंग रूम की सुविधा देता है. यहां काफी सस्‍ती कीमत पर आपको एसी रूम मिल जाता है. ये रिटायरिंग रूम सिंगल, डबल बेड के साथ डोरमेट्री के रूप में भी होते हैं, जहां एक ही कमरे में कई बेड लगे होते हैं. इस कमरे की बुकिंग आप मिनिमम 1 घंटे से लेकर 48 घंटे तक के लिए कर सकते हैं।

फैमिली के लिए शानदार रूम

अगर आप फैमिली के साथ सफर कर रहे हैं या कपल हैं तो आपको सिंगल बेडरूम वाला रिटायरिंग मिल जाएगा. यानी इसमें सिर्फ एक ही बेड लगा होगा, जो आपकी प्राइवेसी का ख्‍याल रखेगा. अगर आप अकेले हैं तो डोरमेट्री वाले बेड ले सकते हैं, जिसका चार्ज भी काफी कम पड़ेगा. रेलवे एसी और नॉन एसी दोनों ही तरह के रिटायरिंग रूम की सुविधा देता है।

कितना है इसका किराया

रेलवे के रिटायरिंग रूम का किराया 3 घंटे के लिए 25 रुपये है तो 4 से 6 घंटे के लिए सिर्फ 40 रुपये चुकाने होंगे. 7 से 9 घंटे तक रुकना चाहते हैं तो आपको सिर्फ 50 रुपये खर्च करने होंगे, जबकि 10 से 12 घंटे के लिए 60 रुपये, 13 से 15 घंटे के लिए 70 रुपये, 16 से 18 घंटे का चार्ज 80 रुपये, 19 से 21 घंटे का चार्ज 90 रुपये और 22 से 24 घंटे के लिए अगर कमरा लेते हैं तो आपको 100 रुपये चुकाने होंगे. यही कमरा आपको 48 घंटे के लिए चाहिए तो महज 200 रुपये का खर्चा आएगा।

किसे मिलता है यह रूम

रेलवे के इस रिटायरिंग रूम को बुक कराना है तो आपके पास कंफर्म या आरएसी टिकट होना चाहिए. वेटिंग टिकट वाले यात्रियों को यह रूम नहीं मिलता है. आपके पास टिकट के साथ एक वैलिड आईडी प्रूफ भी होना चाहिए. सबसे जरूरी बात ये है कि जब आपका सफर 500 किलोमीटर से ज्‍यादा का होगा, तभी आप रिटायरिंग रूम की बुकिंग करा सकते हैं. यह रूम 60 दिन पहले बुक किया जा सकता है. अगर आप 48 घंटे पहले कैंसिल कराएंगे तो 10 फीसदी चार्ज देना होगा, जबकि 24 घंटे पहले कैंसिल कराने पर 50 फीसदी शुल्‍क काट लिया जाएगा. 24 घंटे के बाद बुक कराया तो कोई रिफंड नहीं मिलेगा।