उत्तर रेलवे ने कश्मीर के स्थानीय लोगों और पर्यटकों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए पहले से ही संचालित रेल नेटवर्क में एक नई और आकर्षक सुविधा जोड़ी है. बीते साल 19 अक्तूबर को कश्मीर में हर मौसम के लिए उपयुक्त विस्टाडोम ग्लास-सीलिंग एसी ट्रेन शुरू किया गया था. आज बर्फ़ीले मौसम में, स्थानीय लोगों और पर्यटकों को बनिहाल से बारामुला तक 135 किमी लंबे ट्रैक के साथ घाटी के सुंदर परिदृश्य का मनमोहक दृश्य देखने का मौक़ा मिल रहा है मानो आप स्विट्ज़रलैंड मैं हो।

यह विस्टाडोम ट्रेन सभी मौसमों में सुचारू रूप से चलने में सक्षम है, चाहे वह गर्मी हो या कश्मीर की कड़ाके की ठंड. इस ट्रेन के चलने से जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. इसी क्रम में बुधवार (7 फरवरी) से जब यह ट्रेन चली, तो बर्फ की चादरों से ढ़की घाटियों का अद्भुत और मनमोहक नजारा देखने को मिला.

विशेष रूप से तैयार की गई विस्टाडोम ट्रेन में डबल-वाइड रिक्लाइनिंग सीटें हैं, जो पूरे 360 डिग्री तक घूम सकती हैं. जिससे यात्रियों को अपने आसपास का एक विस्तृत मनोहर दृश्य देखने को मिलेगा. इसके अलावा इसमें कांच के गुंबद वाली छत, स्वचालित स्लाइडिंग दरवाजे, सामान रैक, मनोरंजन के लिए एलईडी स्क्रीन और जीपीएस-सक्षम सूचना प्रणाली शामिल है.

कितना होगा किराया?

रेलवे कर्मचारी प्रभात कुमार ने बताया कि यह ट्रेन सप्ताह में छह दिन चलेगी और सभी के लिए उपलब्ध होगी. ट्रेन टिकटों की दर 940 रुपये प्रति व्यक्ति होगी और यह दिन में दो बार चलेगी. 40 सीटों वाली विस्टाडोम कोच बनिहाल से बडगाम और बारामूला स्टेशनों तक चलेगी. वातानुकूलित गाड़ी में विशाल कांच की खिड़कियां, एक कांच की छत, एक अवलोकन लाउंज और सीटें हैं जो घूम सकती हैं. जिससे यात्रियों को 135 किमी के लंबे मार्ग पर घाटी की प्राकृतिक सौंदर्यता का लुत्फ उठा सकेंगे.

सभी मौसम में चल सकेगी ये ट्रेन

इस ट्रेन के कोचों का उत्पादन चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में किया गया है, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 4 करोड़ रुपये है. ये घाटी की हाड़ कंपाने वाली ठंडक और चिलचिलाती गर्मी को प्रभावी ढ़ंग से व्यवस्थित करने के लिए एयर कंडीशन से लैस किया गया है. उत्तर रेलवे ने पिछले साल जुलाई में वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों की देखरेख में बडगाम से बारामूला तक एक ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा किया था.

ट्रायल रन कामयाब होने के बाद इस ट्रेन का संचालन शुरू कर दिया गया. यह ट्रेन कई सुविधाओं से लैस है. ट्रेन की सीटें हवाई जहाज की सीटों की तरह काफी कंफर्टबल हैं. जिससे यात्री आसानी से भोजन का आनंद ले सकें. यात्रा के समय यात्री भारतीय रेलवे के मेन्यू से हल्का भोजन आर्डर कर सकते हैं.

‘वोकल फॉर लोकल को मिला आधार’

विशेष सुविधाओं से लैस इस ट्रेन को चलाने के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल के विचार को आधार माना जा रहा है, जिससे यहां पर आने के लिए पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके और क्षेत्र में रोजगार पैदा हो. कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले रेल लिंक का काम अंतिम चरण में है, वह दिन दूर नहीं जब ट्रेन कश्मीर को कन्याकुमारी से जोड़ेगी और विस्टाडोम कोच की शुरुआत जम्मू-कश्मीर की विकासात्मक यात्रा की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा.