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लालू का आरोप : झूठ, भ्रम और नफरत फैला रहे हैं प्रधानमंत्री

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राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने एनडीए नेतृत्व पर हमला बोला और आरोप लगाया कि देश में विभाजन और विघटन पैदा करने वाले प्रधानमंत्री को एक क्षण भी पद पर नहीं रहना चाहिए।

रविवार को सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट कर उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि जो प्रधानमंत्री लोकतांत्रिक मूल्यों, लोकलाज, मर्यादा व पद की गरिमा त्याग करते हैं। संविधान को दरकिनार करते हैं। स्वयं जनता के बीच झूठ, भ्रम और नफरत फैला रहे हैं। आरोप लगाया कि समाज से न्याय, सौहार्द, बराबरी और भाईचारे को समाप्त कर देश एवं समुदायों में विघटन व विभाजन पैदा करने पर उतारू हैं।

ऐसे व्यक्ति को एक क्षण भी पद पर रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। राजद अध्यक्ष ने कहा कि हमारे महान देश एवं न्यायप्रिय समाज ने कभी ऐसी विभाजनकारी सोच को बर्दाश्त नहीं किया है, ना ही करेगा। यह गांधी, फुले, कलाम, आंबेडकर, लोहिया, जेपी और कर्पूरी का देश है। कुर्सी के लिए इस महान देश एवं बाबा साहब के संविधान की बलि चढ़ाने की मंशा रखने वाले ऐसे लोगों को जनता इस चुनाव में कड़ा सबक सिखायेगी।

परिवारवाद पर प्रहार, RJD ने BJP के खिलाफ खोला मोर्चा; जारी किए पोस्टर्स

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बिहार में लोकसभा चुनाव से पहले परिवारवाद बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिवारवाद पर दिए बयान के बाद अब पोस्टर वार शुरू किया है। आरजेडी ने बीजेपी के ऐसे नेताओं की सूची जारी की है, जिनकी पिछली पीढ़ी दिग्गज नेताओं में शुमार रही है। दो मार्च को पीएम मोदी ने परिवारवाद पर हमला बोलते हुए कहा था कि मां-बाप से विरासत में पार्टी और कुर्सी तो मिल जाती है, लेकिन मां-बाप के सरकारों के काम का एक बार भी जिक्र करने की हिम्मत नहीं पड़ती है। ये है परिवार वादी पार्टियों की हालत।

इस पर पलटवार करते हुए लालू यादव ने महागठबंधन की तीन मार्च को हुई रैली में पलटवार करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी आजकल परिवारवाद पर हमला कर रहे हैं। उन्हें क्यों संतान नहीं हुई। वे हिंदू भी नहीं है। मां के निधन पर केस और दाढ़ी क्यों नहीं मुंडवाए थे। हालांकि, लालू के परिवारवाद पर दिए बयान पर प्रधानमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि लोग कहते हैं कि मेरा परिवार नहीं है, लेकिन मेरे लिए पूरा भारत मेरा परिवार है। हर भारतवासी मेरा परिवार है। इसलिए आज हर भारतीय कह रहा है- मैं हूं मोदी का परिवार।

जीतन राम मांझी का लालू परिवार और विपक्ष पर गहरा तंज, कहा…’यह मोदी राज है….’जनता का पैसा खाईएगा तो…’

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नौकरी के बदले जमीन घोटाले में आज प्रवर्तन निदेशालय की टीम पूर्व डिप्टी सीएम और राजद सुप्रीमो लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव से ईडी की पूछताछ शुरू हो गई है। तेजस्वी यादव जब ईडी दफ्तर पहुंचे तो वहां राजद समर्थकों ने उन्हें घेर लिया। करीब 10-15 मिनट बाद तेजस्वी ईडी के ऑफिस में दाखिल हो सके। वहीं, पूछताछ को लेकर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने जोरदार हमला बोला है।

मांझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए लालू परिवार, कांग्रेस और हेमंत सोरेन पर तंज कसते हुए कहा है कि- का जी का चाहतें हैं आप? नौकरी देकर जमीन लिखवा लिजिए कुछ ना हो? सेना की जमीन बेच दिजिए कुछ ना हो? सैकड़ो करोड़ रूपया घर में रखिए कुछ ना हो? भाई ऐसा है ई “मोदी राज” है,जनता का पैसा खाईएगा तो हवालात का हवा भी खाना पड़ेगा। “जस करनी तस भोग। ”

इससे पहले बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि-  1997 में किसकी सरकार थी। लालू प्रसाद यादव जब मुख्यमंत्री रहे तो चारा खा गए। जब रेल मंत्री हुए तो बच्चों की नौकरी खा गए। तो जाहिर सी बात है इसकी जांच तो होगी ही ना। सम्राट चौधरी ने कहा कि आप पटना का महुआबाग चल जाइए तो आपको मालूम चल जाएगा की जमीन कहां लिखवाई। पटना के लाखों बच्चे हैं जिसका जमीन लालू प्रसाद यादव ने लिखवाया है। इसलिए साफ है कि जो जमीन लिखवाएगा तो ईडी तो पूछताछ करेगी ही।

आपको बताते चलें  कि, जमीन के बदले नौकरी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को राजद प्रमुख लालू प्रसाद से लगभग दस घंटे तक पूछताछ की। ईडी सूत्रों ने बताया कि जमीन के बदले नौकरी प्रकरण में लालू प्रसाद से पूछताछ के लिए ईडी की टीम ने करीब 70 सवालों को सूचीबद्ध किया था। जिसे बारी-बारी से लालू प्रसाद के सामने रखा गया। कुछ सवालों के जवाब लालू प्रसाद ने सहजता से दिए, जबकि कुछ जवाब यह कहकर टाल दिए कि उन्हें याद नहीं। पूछताछ का समय जैसे जैसे बढ़ रहा था ईडी कार्यालय के बाहर राजद समर्थकों की भीड़ बढ़ती जा रही थी।

लालू यादव के साले सुभाष यादव की जब्त होगी कुर्की, डुगडुगी बजाते पुलिस ने घर पर लगाया जब्ती का इश्तेहार

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जमीन के बदले नौकरी मामले में जिस वक्त तेजस्वी यादव से ईडी की टीम पूछताछ कर रही थी तभी उनके मामा सुभाष यादव के घर पर पुलिस डुगडुगी बताते पहुंच गयी। जिसके बाद में ही पुलिस ने सुभाष के घर पर कुर्की-जब्ती का इश्तेहार लगा दिया। इस इश्तेहार में साफ लिखा हुआ है कि यदि सुभाष ने कोर्ट में सरेंडर नहीं किया तो कुर्की जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के साले सुभाष यादव की मुश्किलें बढ़ गयी है। मंगलवार को उनके घर पर कुर्की जब्ती का नोटिस चिपकाया गया है। मिली जानकारी के अनुसार तेजस्वी यादव के मामा सुभाष यादव को रंगदारी और अपहरण मामले में फरार घोषित किया गया है।

बिहार में महागठबंधन की सरकार खत्म हो गयी है। राजद से अलग होकर नीतीश ने बीजेपी के साथ हाथ मिला लिया जिसके बाद बिहार में एनडीए की नई सरकार का गठन हो गया। दो दिन पहले ही बिहार में एनडीए की नई सरकार बनी है। जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा बने है। मुख्यमंत्री और 2 डिप्टी सीएम के साथ 6 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ भी ले ली।

बिहार में एनडीए की नई सरकार के बने अभी दो दिन ही हुए थे कि उधर लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ गयी। एनडीए की नई सरकार बनने के बाद लालू को ईडी दफ्तर में पुछताछ के लिए बुलाया गया जहां 10 घंटे तक उनसे पूछताछ की गयी। वही आज दूसरे दिन उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव को पूछताछ के लिए बुलाया गया तेजस्वी से 8 घंटे पूछताछ हुई।

जब तेजस्वी से पूछताछ ईडी कर रही थी तभी उनके मामा सुभाष यादव के घर पुलिस की टीम पहुंच गयी। डुगडुगी बजाते हुए पहुंची पुलिस ने सुभाष यादव के घर पर कुर्की जब्ती का नोटिस लगा दिया। पटना के कौटिल्य नगर स्थित विधायक कॉलोनी स्थित आवास पर यह नोटिस चिपकाया गया है।

सुभाष यादव पर रंगदारी मांगने और अपहरण का आरोप है। इस मामले में सुभाष को फरार घोषित किया गया है। कोर्ट में पेश होने आदेश सुभाष यादव को दिया गया है लेकिन वे फरार बताये जा रहे हैं। अब उन पर कुर्की जब्ती की कार्रवाई की गयी है। कहा गया है कि यदि 30 दिनों के भीतर उन्होंने सरेंडर नहीं किया तो उनके घर की कुर्की जब्ती की जाएगी।

पूर्व सांसद सुभाष यादव पर 7 कट्ठा जमीन की खरीद में हेराफेरी करने का आरोप है। नेउरा के बेला गांव के किसान भीम वर्मा की जमीन से जुड़ा यह मामला है। भीम वर्मा ने बिहटा थाने में सुभाष यादव, उनकी पत्नी रेणु देवी, बेटे, बेला के पूर्व सरपंच सहित अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। यह आरोप लगाया था कि 7 कट्ठा जमीन लेने के बाद इसे वापस करने की बात कही थी। लेकिन अभी तक ना तो जमीन वापस किया और ना ही पैसे ही दिये।

कोर्ट के निर्देश पर बिहटा सर्किल इंस्पेक्टर कमलेश्वर प्रसाद सिंह अपनी टीम और एयरपोर्ट थाने की पुलिस के साथ पटना के कौटिल्य नगर स्थित विधायक कॉलोनी स्थित सुभाष यादव के आवास पर पहुंचे। जिसके बाद पुलिस की मदद से उनके घर पर कुर्की जब्ती संबंधी आदेश चस्पा गया। इस इश्तेहार में साफ लिखा हुआ है कि यदि सुभाष ने कोर्ट में सरेंडर नहीं किया तो कुर्की जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।

लैंड फॉर जॉब घोटाला मामले में लालू यादव से ED की पूछताछ खत्म, नौ घंटे से ज्यादा चले सवाल-जवाब

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आरजेडी चीफ लालू यादव से ईडी की पूछताछ खत्म हो गई है. उनसे ईडी ने नौ घंटे से ज्यादा सवाल जवाब किए. पूछताछ के दौरान आरजेडी सांसद और उनकी बेटी मासी भारती सहित कई नेता और कार्यकर्ता वहां डटे रहे. ये पूछताछ लैंड फॉर जॉब घोटाले में की गई है. पूछताछ की टाइमिंग पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

रविवार (28 जनवरी) को बिहार में महागठबंधन से अलग होकर नीतीश कुमार ने नौवीं बार सीएम पद की शपथ ली. अगले दिन 29 जनवरी को पूर्व सीएम लालू यादव पटना में ईडी समक्ष पेश हुए. मंगलवार 30 जनवरी को ईडी ने तेजस्वी यादव को पूछताछ के लिए बुलाया है. तेजस्वी यादव लालू यादव के बेटे हैं और महागठबंधन की सरकार में डिप्टी सीएम थे.

बेटी रोहिणी आचार्य ने ईडी पर साधा निशाना

लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने कहा कि पापा को कुछ हुआ तो इसके लिए ईडी और सीबीआई जिम्मेदारी होगी. बता दें कि साल 2022 में लालू यादव की किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था. उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने उन्हें किडनी डोनेट किया था.

मीसा भारती क्या कुछ बोलीं?

सोमवार की सुबह आरजेडी प्रमुख के साथ उनकी बेटी मीसा भारती भी मौजूद रहीं और वे 11 बजकर पांच मिनट पर ईडी कार्यालय पहुंचे. ईडी कार्यालय में लालू यादव को प्रवेश कराने के बाद मीसा भारती ने कहा, ‘‘जब भी कोई केंद्रीय जांच एजेंसी हमारे परिवार के किसी सदस्य को पूछताछ के लिए बुलाती है तो हम वहां जाते हैं और उनके साथ सहयोग करते हैं और उनके सभी सवालों का जवाब देते हैं.’’

ईडी ने हाल में फाइल की थी चार्जशीट

कथित ‘जमीन के बदले नौकरी घोटाला’ मामले में आरजेडी नेता से पूछताछ करने के लिए दिल्ली से एजेंसी के अधिकारियों की एक टीम रविवार को पटना पहुंची. केंद्रीय जांच एजेंसी ने 19 जनवरी को मामले के संबंध में लालू और उनके बेटे तेजस्वी यादव को पूछताछ के लिए नया समन जारी किया था. ईडी द्वारा पटना स्थित आरजेडी प्रमुख की पत्नी एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर समन सौंपा गया था. ईडी ने हाल ही में इस मामले में अपना पहला आरोपपत्र दायर किया था.

Land For Job Scam मामले में लालू यादव को पैदल जाना पड़ा ED ऑफिस, बेटी बोली..मेरे पापा को कुछ हुआ तो …

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लालू यादव से जमीन के बदले नौकरी घोटाले के आरोपों को लेकर आज ईडी पूछताछ कर रही है। ईडी की टीम पिछले तीन घंटे से लालू यादव से पूछताछ कर रही है। इस दौरान राजद के विधायक, विधानपार्षद और खुद उनकी बड़ी बेटी मीसा भारती बाहर में बैठी हुई है। इन सब के बीच ईडी दफ्तर पहुंचने के बाद लालू प्रसाद यादव के साथ आज कुछ अजीबोगरीब वाकया हुआ।  लालू प्रसाद की गाड़ी को ED के कैंपस में प्रवेश नहीं मिला। आधे घंटे तक ED गेट पर उनकी गाड़ी खड़ी रही।

वहीं, गाड़ी में बैठे इंतजार करने के बाद लालू यादव को गाड़ी से उतरकर आखिरकार पैदल ही ED कैंपस में दाखिल होना पड़ा। इस बीच ED दफ्तर के बाहर हजारों कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ा रहा।  लालू के साथ ED दफ्तर में अंदर गईं उनकी बेटी और राज्यसभा सांसद मिसा भारती को ED अधिकारियों ने बाहर निकाल दिया। ED दफ्तर से मीसा भारती को आखिरकार बाहर आना पड़ा।

ऐसे में इस पुरे घटनाक्रम पर लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने ट्वीट किया है। रोहिणी ने सोशल मीडिया के जरिये कहा है कि उनके पिता के साथ अमानवीय व्यवहार ईडी के अधिकारियों की ओर से किया गया। रोहिणी ने कहा है कि, ‘आप सब को पता है पापा की हालात, बिना सहारे चल नहीं सकते फिर भी बिना उनके सहायक के गेट के अंदर घुसा लिया’।

रोहिणी ने लोगों से इस सिलसिले में मदद मांगी है। रोहिणी ने कहा कि ईडी के अधिकारियों के सामने गुहार लगाने के बाद भी उनकी बहन मीसी भारती को एक सहायक के तौर पर अंदर नहीं जाने दिया। रोहिणी ने कहा है कि ‘अगर मेरे पापा को खरोच आया तो मेरे से बुरा कोई नहीं होगा’. रोहिणी ने उनके शब्दों को नोट कर रख लेने की बात की है।

साथ ही रोहिणी ने लालू प्रसाद यादव को कुछ भी होने परइसका ज़िम्मेदार ‘गिरगिट’ के साथ-साथ सीबीआई, ईडी और इनके ‘मालिक’ को कहा है. गिरगिट से रोहिणी का इशारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ था। नीतीश कुमार ने कल ही महागठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए का दामन थाम लिया। वहीं ईडी का मालिक राष्ट्रीय जनता दल गृहमंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी को कहती रही है।

बिहार में मचा सियासी हड़कंप, लालू ने 5 बार लगाया फोन, सीएम नीतीश कुमार ने नहीं की बात

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बिहार में मचे सियासी घमासान की एक और बड़ी खबर सामने आयी है. नीतीश कुमार ने आखिरकार राजद को तलाक, तलाक, तलाक कह दिया है. बड़ी खबर ये आय़ी है कि नीतीश कुमार से बात करने के लिए लालू यादव ने आज पांच दफे सीएम आवास फोन लगाया लेकिन नीतीश कुमार ने उनसे बात नहीं की.

राजद सूत्रों से जो खबर आ रही है उसके मुताबिक लालू यादव ने नीतीश कुमार के हमेशा साथ रहने वाले उनके एक अंगरक्षक से लेकर सीएम आवास के लैंडलाइन नंबर पर फोन लगवाया. बार-बार ये मैसेज दिया गया कि लालू यादव बात करना चाहते हैं. लेकिन नीतीश कुमार फोन लाइन पर नहीं आये. नीतीश कुमार ने पलट कर लालू यादव को कॉल भी नहीं किया.

खबर लिखे जाने तक लालू यादव बेचैनी में अपने आवास में बैठे हैं. उनके साथ शिवानंद तिवारी से लेकर राजद के दूसरे प्रमुख नेता भी बैठे हैं. लालू यादव लगातार ये आकलन करने में लगे हैं कि नीतीश कुमार का अगला स्टेप क्या होने जा रहा है. इस बीच राजद के एक सीनियर लीडर ने लालू को बताया कि जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने मीडिया को बयान दिया है कि नीतीश जी इंडिया गठबंधन में हैं, एनडीए में नहीं.

बेचैन लालू प्रसाद यादव ने तत्काल इस खबर की पड़ताल करने को कहा. उनके आस पास मौजूद राजद नेताओं ने कई पत्रकारों को फोन लगाया. पता चला कि उमेश कुशवाहा ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया. लालू यादव अपनी पार्टी के नेताओं से बात कर रहे हैं कि कौन सा अगला कदम उठाना सही होगा.

लालू ने 27 जनवरी को अपनी पार्टी के विधायक दल की बैठक बुलायी है. बैठक में विधायकों से बात की जायेगी कि पार्टी को आगे क्या करना चाहिये. लालू के पास फिलहाल कोई रास्ता नहीं बच रहा है. वे जान रहे हैं कि राज्यपाल से लेकर केंद्र सरकार भाजपा की है. ऐसे में अगर नीतीश पलटी मारते हैं तो लालू कुछ नहीं कर पायेंगे. जेडीयू के विधायकों को तोड़ने की उनकी कोशिश भी सफल होती नहीं दिख रही है.

‘कर्पूरी ठाकुर के लिए मैंने आवाज उठाई तो केंद्र ने डर से दिया भारत रत्न’, लालू यादव का दावा

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जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया जाएगा. मंगलवार को केंद्र सरकार की ओर से इसकी घोषणा की गई. जैसी ही यह खबर आई कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया जाएगा, सभी राजनीतिक दल श्रेय लेने में जुट गए हैं. जेडीयू, आरजेडी और बीजेपी तीनों प्रमुख दल इसका श्रेय ले रहे हैं।

‘बहुत पहले ही मिलना चाहिए था’

खुद को कर्पूरी ठाकुर के अनुयायी मानने वाले लालू प्रसाद यादव भी इसमें पीछे नहीं हैं. उन्होंने अपने ‘X’ एकाउंट पर पोस्ट करते हुए कर्पूरी ठाकुर को याद किया. उन्होंने लिखा कि मेरे राजनीतिक और वैचारिक गुरु स्व. कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न अब से बहुत पहले मिलना चाहिए था।

डर से केंद्र सरकार ने भारत रत्न दिया

लालू यादव ने कहा कि हमने सदन से लेकर सड़क तक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के लिए आवाज उठायी, लेकिन केंद्र सरकार तब जागी जब बिहार सरकार ने जातिगत सर्वे करायी. इस सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर अतिपिछड़ों के लिए आरक्षण का दायरा बढ़ाया गया. इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने भारत रत्न की घोषणा की है. यह एक डर है।

लालू ने टाइमिंग पर उठाए सवाल

वहीं पटना में कर्पूरी जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की टाइमिंग पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि चुनाव के लिए कर्पूरी ठाकुर की याद आई है. अब तक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देना याद क्यों नहीं आया. हम लोग कर्पूरीजी को भारत रत्न देने की मांग करते रहे है. साथ ही लालू ने कहा कि कांशीराम और लोहिया को भी भारत रत्न देना चाहिए।

तीनों दल मना रही जयंती

बता दें कि 24 जनवरी को जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनायी गई है. बिहार के प्रमुख राजनीतिक दल जदयू, राजद और भाजपा तीनों अलग अलग भव्य तरीके से कार्यक्रम का आयोजन किया. सभी कर्पूरी ठाकुर के बहाने अतिपिछड़ा वोटरों को साधने की कोशिश कर रहे हैं. इसी बीच भारत रत्न की घोषणा सोने पर सुहागा जैसा साबित हुआ. नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव और भाजपा नेता अलग अलग दावे कर रहे हैं।

लालू यादव ने भी बनायी नीतीश कुमार से दूरी, सुशील मोदी बोले…’हमेशा दूसरों की कृपा पर मुख्यमंत्री बने नीतीश’

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बिहार सरकार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार 78 विधायकों की पार्टी राजद की कृपा पर मुख्यमंत्री हैं और लालू प्रसाद जब चाहें उन्हें हटा कर अपने बेटे को मुख्यमंत्री बना सकते हैं। दोनों के बीच डील भी यही हुई थी।

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार इस बार मकर संक्रांति पर लालू-राबड़ी आवास  गए, लेकिन वहाँ केवल 7 मिनट रुके। लालू प्रसाद ने उनसे दूरी बनायी और दही का टीका भी नहीं  लगाया। दोनों दलों के बीच सब-कुछ ठीक नहीं है। डील की कील चुभने लगी है।

मोदी ने कहा कि ऐसे में कार्यकर्ताओं का मनोबल न टूटे। इसलिए जदयू के मंत्री नीतीश कुमार को “बिहार का भविष्य” बता रहे हैं। जबकि स्वयं मुख्यमंत्री बिहार का भविष्य (उत्तराधिकारी) तेजस्वी यादव को बता चुके हैं।

उन्होंने कहा कि 2020 में नीतीश कुमार 75 विधायकों वाली भाजपा की कृपा से मुख्यमंत्री बने थे, जबकि उनकी पार्टी के पास सिर्फ 44 विधायक थे। वे पहली बार 2001 में भी 67 विधायकों वाली भाजपा की कृपा से मुख्यमंत्री बने थे। उस समय उनकी पार्टी के 37 विधायक थे।