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जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया जाएगा. मंगलवार को केंद्र सरकार की ओर से इसकी घोषणा की गई. जैसी ही यह खबर आई कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया जाएगा, सभी राजनीतिक दल श्रेय लेने में जुट गए हैं. जेडीयू, आरजेडी और बीजेपी तीनों प्रमुख दल इसका श्रेय ले रहे हैं।

‘बहुत पहले ही मिलना चाहिए था’

खुद को कर्पूरी ठाकुर के अनुयायी मानने वाले लालू प्रसाद यादव भी इसमें पीछे नहीं हैं. उन्होंने अपने ‘X’ एकाउंट पर पोस्ट करते हुए कर्पूरी ठाकुर को याद किया. उन्होंने लिखा कि मेरे राजनीतिक और वैचारिक गुरु स्व. कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न अब से बहुत पहले मिलना चाहिए था।

डर से केंद्र सरकार ने भारत रत्न दिया

लालू यादव ने कहा कि हमने सदन से लेकर सड़क तक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के लिए आवाज उठायी, लेकिन केंद्र सरकार तब जागी जब बिहार सरकार ने जातिगत सर्वे करायी. इस सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर अतिपिछड़ों के लिए आरक्षण का दायरा बढ़ाया गया. इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने भारत रत्न की घोषणा की है. यह एक डर है।

लालू ने टाइमिंग पर उठाए सवाल

वहीं पटना में कर्पूरी जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की टाइमिंग पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि चुनाव के लिए कर्पूरी ठाकुर की याद आई है. अब तक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देना याद क्यों नहीं आया. हम लोग कर्पूरीजी को भारत रत्न देने की मांग करते रहे है. साथ ही लालू ने कहा कि कांशीराम और लोहिया को भी भारत रत्न देना चाहिए।

तीनों दल मना रही जयंती

बता दें कि 24 जनवरी को जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनायी गई है. बिहार के प्रमुख राजनीतिक दल जदयू, राजद और भाजपा तीनों अलग अलग भव्य तरीके से कार्यक्रम का आयोजन किया. सभी कर्पूरी ठाकुर के बहाने अतिपिछड़ा वोटरों को साधने की कोशिश कर रहे हैं. इसी बीच भारत रत्न की घोषणा सोने पर सुहागा जैसा साबित हुआ. नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव और भाजपा नेता अलग अलग दावे कर रहे हैं।


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